शौर्यपथ सम्पादकीय -
छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में दो दशक से अधिक का अनुभव, कर्तव्यनिष्ठा से भरा जीवन, और उपलब्धियों से सजी कार्ययात्रा — यह परिचय है दुर्ग कोतवाली में पदस्थ थाना निरीक्षक श्रीमती ममता अली शर्मा का, जिन्होंने हाल ही में डीएसपी के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर इतिहास रच दिया है।
? एक रिकॉर्ड, जो बना प्रेरणा की मिसाल
श्रीमती ममता अली शर्मा, दुर्ग कोतवाली में पदस्थ रहते हुए डीएसपी पद पर पदोन्नति पाने वाली छत्तीसगढ़ पुलिस की पहली महिला थाना प्रभारी बनी हैं। यह केवल एक पदोन्नति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण है, जो आने वाली पीढ़ियों की महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा बन गया है। दुर्ग कोतवाली उनके लिए एक ऐसा अध्याय बन गया है, जहां उन्होंने सेवा के अंतिम दौर में एक स्वर्णिम रिकॉर्ड रच डाला।
?♀️ सेवा की शुरुआत और सशक्त यात्रा
वर्ष 2000 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में छत्तीसगढ़ पुलिस में नियुक्ति पाने वाली ममता जी की पहली पोस्टिंग बिलासपुर में हुई थी। सागर पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने जिस निष्ठा और समर्पण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, वह उन्हें आज इस ऊंचाई तक ले आया।
25 वर्षों की सेवा यात्रा में ममता जी ने ब्रेवरी अवार्ड, पर्यावरण सम्मान, डीजीपी अवार्ड सहित अनेकों प्रशंसा पत्र और सम्मान प्राप्त किए। उनकी बेदाग छवि और जुझारू कार्यशैली ने उन्हें विभाग में विशिष्ट स्थान दिलाया है।
?♀️ एक यादगार रात्रि – बहादुरी की जीवंत मिसाल
ममता जी के जीवन का एक किस्सा आज भी उनके स्मृति-पटल पर जीवंत है। एक बार जब वह मुख्यमंत्री ड्यूटी से लौट रही थीं, अचानक मार्ग लोरमी क्षेत्र के जंगल पर उन्हें शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों का आभास हुआ। बिना किसी योजना के, सूझबूझ और टीम वर्क के साथ उन्होंने शिकारियों को मृत शिकार सहित रंगे हाथों पकड़ लिया। यह क्षण उनके जीवन की सबसे साहसी और गर्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बन गया।
? परिवार – शक्ति का आधार
अपने कर्तव्यों के साथ-साथ ममता जी एक आदर्श पत्नी और माता भी हैं। उनके पति एक व्यवसायी हैं और दो पुत्र – एक 16 वर्षीय और दूसरा 12 वर्षीय – उनकी दुनिया का केंद्र हैं। उनका छोटा और सशक्त परिवार ही उनकी शक्ति और प्रेरणा का स्त्रोत है।
? शिक्षा और व्यक्तित्व
श्रीमती ममता अली शर्मा ने बीएससी एवं एमए (अंग्रेज़ी) की शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ाई और पेशे के संतुलन से उन्होंने यह सिद्घ किया है कि एक महिला बहुआयामी बनकर समाज में नई दिशा दे सकती है।
? एक संदेश नारी शक्ति को
वह दौर था जब महिलाएं शिक्षिका या कार्यालयी कामों तक सीमित थीं। ऐसे समय में ममता जी ने पुलिस सेवा को चुना और यह साबित किया कि यदि संकल्प हो तो कोई भी क्षेत्र महिलाओं के लिए वर्जित नहीं। उनका जीवन उन सभी युवतियों के लिए एक सशक्त उदाहरण है जो अपने सपनों को साहस और निष्ठा से साकार करना चाहती हैं।
? शौर्यपथ की ओर से शुभकामनाएं
शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र की सम्पूर्ण टीम की ओर से श्रीमती ममता अली शर्मा को उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं। वे जिस तरह समाज और व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रही हैं, वह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समूचे देश की महिलाओं के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है।
? मातृशक्ति को नमन ?
? नारी शक्ति को सलाम ?
✍️ लेखक - शरद पंसारी, संपादक, शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र
"जहां चाह वहां राह होती है, और जहां नारी संकल्प कर ले, वहां इतिहास बनता है।"