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श्रीकृष्ण जी के शांत, धैर्य, साधारण, हार न मानना, मित्रता निभाना, माता-पिता का आदर सहित पाँच मंत्रों का हमेशा पालन किया - डॉ महंत

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रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर समस्त प्रदेश वासियों को बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
डॉ महंत ने कहा मैंने अपने जीवन में श्री कृष्ण के उपदेश और पांच मंत्र–पहला मंत्र, शान्त और धैर्य स्वभाव रखकर काम करना। दूसरा मंत्र, साधारण जीवन। तीसरा मंत्र, कभी हार न मानना। चौथा मंत्र, दोस्ती निभाना। पांचवा मंत्र, माता-पिता का हमेशा आदर करना इसे कृष्ण जी ने आत्मसात किया है। श्रीकृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा। उन्होंने ही अर्जुन को धर्म और अधर्म के बारे में ज्ञान दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समस्त गीता का बोध ज्ञान करवाया था, गीता में जीवन का समस्त ज्ञान समाया हुआ है।

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शौर्यपथ

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