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रायगढ़: शासन की नरवा योजना से खेती-किसानी में आ रही मजबूती Featured

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शौर्यपथ लेख / छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजनान्तर्गत नरवा कार्यक्रम किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो रही है। कल तक जो किसान वर्षा ऋतु के इंतजार में सिर्फ एक फसल ले पाते थे, ऐसे सभी किसानों के लिए नरवा योजना वरदान साबित हुई है। नरवा के जरिए सिचाई सुविधाओं के विस्तार से किसानों की आजीविका सशक्त हो रही है और किसानों को खरीफ के साथ ही रबी फसलों के लिए भी पानी मिल रहा है। जिससे खेती-किसानी में मजबूती आ रही है। जिसमें मनरेगा के मजदूरों को रोजगार भी मिला और इस योजना से आसपास की जमीन का भूजल स्तर भी बढ़ रहा है।
नरवा योजना से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन बहुत ही महत्वपूर्ण है। नरवा कार्यक्रम के तहत बरमकेला विकास खंड के ग्राम पंचायत दुलोपाली के जीरानाला में चेक डैम का निर्माण वित्तीय वर्ष 2019-20 में किया कराया गया है। चेक डैम निर्माण पूर्व वर्षा जल का संचय कर पाना मुश्किल था। साथ ही वर्षा जल द्वारा मिट्टी कटाव एवं बहाव से स्थानीय किसानों को बहुत नुकसान होता था। चेक डैम निर्माण से वर्षा जल का जल संग्रहण कार्य किया जा रहा है, साथ ही मिट्टी के कटाव में रोकथाम भी हो रही है। अल्प वर्षा की स्थिति में जल का उपयोग सिचाई कार्य में भी किया जा रहा है तथा मवेशियों के उपयोग एवं पर्यावरण संरक्षण भी किया जा रहा है। चेक डैम निर्माण से स्थानीय क्षेत्र में जल स्तर में वृद्धि भी हो रही है। चेक डैम के पास लगभग 15 किसानों की भूमि है जो कि वह कृषि कार्य करते है। चेक डैम निर्माण पूर्व जहां किसानों द्वारा एक फसल लेना मुश्किल था, जो डैम बनने के बाद खरीफ एवं रवि दोनों फसल ले रहे है। जिससे किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक विकास हो रहा है। चेक डैम के पास स्थित कृषि भूमि हितग्राहियों द्वारा धान की खेती के अलावा सरसो, मूंगफली, उडद, मूंग, बैगन, बरबट्टी, करेला, मिर्ची, अदरक, भिंडी जैसे उद्यानिकी फसलों का भी उत्पादन किया जा रहा है। चेक डैम बनने के बाद किसानों की आय में वृद्धि होने से वे सभी किसानों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को तहेदिल से आभार व्यक्त किया है।

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शौर्यपथ

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