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छत्तीसगढ़ की नई बिजली दरें संतुलित, हितकारी और विकासपरक Featured

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आदिवासी-ग्रामीण उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, कृषि भार राज्य सरकार पर

रायपुर, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत दरों का अनुमोदन कर दिया है। नई दरें सभी वर्गों—विशेषकर ग्रामीण, आदिवासी और किसानों—के लिए राहतकारी सिद्ध होंगी। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री भीमसिंह कंवर ने बताया कि इस वर्ष विद्युत दरों में केवल 1.89 प्रतिशत की नाममात्र वृद्धि की गई है, जो औसत घरेलू उपभोक्ता के लिए मात्र 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त लागत लाएगी।

⚡ लागत ₹7.02, घरेलू दर ₹4.10 — उपभोक्ताओं पर कम भार

राज्य विद्युत कंपनियों को प्रति यूनिट विद्युत की वास्तविक लागत ₹7.02 बैठती है, फिर भी न्यूनतम घरेलू दर मात्र ₹4.10 रखी गई है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी।

? कृषि उपभोक्ताओं को पूर्ण राहत

कृषि पंपों के लिए दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, किंतु इसका भार राज्य सरकार वहन करेगी। किसानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही, गैर-सब्सिडी वाले कृषि पंप उपभोक्ताओं की छूट 20% से बढ़ाकर 30% कर दी गई है।

? ग्रामीण व आदिवासी अंचलों को प्राथमिकता

  • बस्तर व सरगुजा जैसे क्षेत्रों के स्टे-होम्स को घरेलू श्रेणी में शामिल कर सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

  • वामपंथ प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवरों पर 10% ऊर्जा प्रभार की छूट दी गई है जिससे संचार नेटवर्क मजबूत होगा।

  • आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों और प्रिंटिंग प्रेस को भी विशेष रियायतें दी गई हैं।

?‍? महिला स्वसहायता समूहों को प्रोत्साहन

महिला सशक्तिकरण के तहत, पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित व्यवसायों को 10% ऊर्जा छूट की सुविधा यथावत रखी गई है।

? स्वास्थ्य सेवाओं को राहत

ग्रामीण क्षेत्रों व आदिवासी विकास प्राधिकरणों में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर पर पूर्ववत 5% ऊर्जा प्रभार की छूट जारी रहेगी।

? इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग को बढ़ावा

  • निम्न दाब चार्जिंग इकाइयों के लिए दर ₹7.02 प्रति यूनिट

  • उच्च दाब के लिए ₹6.32 प्रति केव्हीएएच निर्धारित

? औद्योगिक वर्गीकरण में बदलाव से राहत

प्रिंटिंग प्रेस एवं ऑफसेट प्रिंटर्स को गैर-घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे इनकी बिजली दरों में कमी आएगी।

? अन्य राहतें

  • अग्रिम भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को अब 1.25% छूट (पहले 0.50%)

  • घरेलू अस्थायी कनेक्शन पर टैरिफ 1.5 गुना के बजाय अब केवल 1.25 गुना

  • पोहा-मुरमुरा मिलों को छूट 5% से बढ़कर 10%

  • किसानों को 100 वॉट तक लाइट-पंखा उपयोग की अनुमति पहले की तरह जारी रहेगी

निष्कर्ष

यह नई विद्युत दर व्यवस्था समावेशी, न्यायसंगत और दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। इससे राज्य के प्राथमिकता वर्ग — किसान, ग्रामीण, आदिवासी, महिलाएं और छोटे व्यवसाय — लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार और विद्युत कंपनियों की यह पहल जनहित में एक संतुलित और दूरदर्शी निर्णय के रूप में सामने आई है।

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