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वन कटाई के दुष्परिणाम: खेतों में घुसे डेढ़ दर्जन जंगली सुअर, फसलों को भारी नुकसान, ग्रामीण दहशत में

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     जांजगीर-चांपा, बिर्रा / शौर्यपथ /  वन क्षेत्र की कटाई और लगातार घटते जंगलों के कारण जंगली जानवर अब आबादी और कृषि क्षेत्र की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। सिलादेही और गतवा गांव के खेतों में बुधवार को करीब डेढ़ दर्जन जंगली सुअरों (बरहा) का झुंड देखा गया, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। बरसात के इस मौसम में जहां धान की फसल की बुआई जोरों पर है, वहीं जंगली जानवरों द्वारा खेतों में घुसकर फसल को रौंदना और चरना किसानों के लिए दोहरी मुसीबत बन गया है।
  ग्रामीणों ने बताया कि सिलादेही के समीप हसदेव नदी पार देवरी गांव के खेतों में इन जंगली सुअरों का झुंड सबसे पहले देखा गया। खेत में काम कर रहे महिला-पुरुष मजदूर जानवरों को देखकर भयभीत हो गए और इधर-उधर भागने लगे। किसी तरह ग्रामीणों ने जानवरों को खेत से खदेड़ा, लेकिन बरहा का झुंड नदी पार कर बाबा धाम इलाके और फिर गतवा के खेतों में पहुंच गया, जहां उन्होंने धान की बुआई की गई फसल को चरना शुरू कर दिया।
किसानों को हो रहा फसल का बड़ा नुकसान
  स्थानीय किसानों के अनुसार, बरहा के झुंड ने कई एकड़ खेतों में बोई गई धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में गड्ढे कर दिए गए हैं और कई जगह पौधों को जड़ से उखाड़ दिया गया है। यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
ग्रामीणों ने वन विभाग से की तत्काल कार्रवाई की मांग
   ग्रामीणों ने वनमंडलाधिकारी को ज्ञापन देकर जंगली जानवरों को तत्काल हटाने और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है और ग्रामीणों के लिए खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो सकता है।
वन कटाई का दुष्परिणाम
   गौरतलब है कि ग्रामीणों ने पूर्व में ही आशंका जताई थी कि हसदेव वन क्षेत्र में हो रही अंधाधुंध कटाई के कारण जंगली जानवरों का झुंड रिहायशी और कृषि क्षेत्रों की ओर रुख करेगा। आज वही आशंका साकार होती दिख रही है।

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शौर्यपथ

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