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शहर की सड़कों पर उड़ती धूल लोगों को बना रही है बीमार फ ोरलेन सहित दूसरी सड़कों का भी हाल बेहाल

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दुर्ग / शौर्यपथ /

शहर की सड़कों पर उड़ते धूल के गुबार लोगों को बीमार बना रही है। हाल के कई दिनों से बारिश नहीं होने से राहगीरों की दिक्कत काफी बढ़ गई है। फोरलेन सहित शहर की सभी प्रमुख आवाजाही वाली सड़कों का भी हाल बेहाल बना हुआ है। सडकों को धूलमुक्त बनाने जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है।
सड़कों पर उड़ती धूल के चलते लोग दमा, एलर्जी, चर्म व आंखों की बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। समस्या से वाकिफ होने के बावजूद जिला प्रशासन और नगरीय निकायों की ओर से सड़कों का धूलमुक्त बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। फोरलेन सड़क पर धूल के चलते दुपहिया वाहन में आवाजाही करने वाले खासे परेशान हैं। ऐसा नहीं कि धूल को लेकर समस्या सिर्फ फोरलेन सड़क पर ही बनी हुई है। बल्कि भिलाई-दुर्ग की दूसरी प्रमुख आवाजाही वाली सड़कों पर भी लोगों का बुरा हाल है। ऐसी सड़कों में भिलाई शहर की सुपेला से राजेन्द्र प्रसाद चौक, नंदिनी रोड, ट्रांसपोर्ट नगर रोड और वैशाली नगर से छावनी चौक के बीच बना गौरव पथ शामिल है।
गौरतलब रहे कि अभी भिलाई रायपुर फोरलेन सड़क में चार जगहों पर फ्लाई ओव्हर निर्माण चल रहा है। इसके चलते सड़क की हालत बेहद खराब हो गई है। फोरलेन की नाली के समुचित सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया है। नतीजतन बारिश होने की स्थिति में नाली से गदंगी निकलकर सड़क पर जमा हो जाती है। विगत कई दिनों से बारिश थमी हुई है। लिहाजा नाली से निकलती गंदगी अब धूल में तब्दील होकर भारी वाहनों के गुजरने पर गुबार बनकर उड़ रही है। ऐसे समय में पीछे दुपहिया या रिफर आटो जैसे खुले वाहन में सफर करने वालों को धूल का सामना करना पड़ रहा है। सुपेला चौक से डबरापारा चौक के बीच सबसे अधिक धूल उड़ रही है। इस तरह की समस्या भिलाई शहर की अन्य प्रमुख आवाजाही वाली सड़कों पर भी बनी हुई है।
चिकित्सकों की माने तो सड़कों से उडऩे वाली धूल की चपेट में आने से दमा, चर्मरोग और आंखों की बीमारी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। प्रशासन को बारिश थमने के बाद सड़कों का धूलमुक्त बनाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।
नहीं है अब सुबह टहलने लायक जगह
बीएसपी टाउनशिप को छोड़ दिया जाए तो भिलाई शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां लोगों के लिए टहलने लायक जगह नहीं है। फोरलेन सड़ पर टहलने वालों को रह रहकर उडऩे वाली धूल से परेशानी होती है। दशक भर पहले नगर निगम में धूलमुक्त सड़क बनाने रोड स्वीपिंग मशीन खरीदा था। लेकिन उसका प्रयोग असफल रहने के बाद किसी दूसरे विकल्प पर फिर से गौर करना जरुरी नहीं समझा गया। जनप्रतिनिधियों की ओर से भी सड़कों को धूलमुक्त बनाने कोई पहल नहीं किया जा रहा है।
सड़क किनारे रहने वाले परेशान
धूल की वजह से सड़क किनारे रहने वाले लोग और व्यवसायी खासे परेशान है। लोग बताते हैं कि मकान व दुकान में नियमित साफ सफाई नहीं किया जाए तो 24 घंटे में ही धूल की मोटी परत जम जाती है। इसे साफ करने में भी परेशानी होती है और न ही करने पर दूसरे दिन दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाती है। अनेक व्यवसायी और मकान मालिक अपने चारपहिया वाहन को घर अथवा दुकान के बाहर खड़ी करके रखते हैं। ऐसे वाहनों में धूल की परत जमने से सफाई पर विशेष ध्यान देना पड़ता है।

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