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694 लाख में मोदी सरकार एयरपोर्ट,हाईवे, रेलवे स्टेषन, ट्रेन, बंदरगांह, गैस पाईपलाईन सहित देष की 18 संपत्तियों को बेंच रही है मोदी सरकार -बीएसएनएलईयू

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कॉरपोरेट्स को को औने-पौने दाम पर सौंपने का केन्द्र ने लिया है फैसला
बीएसएनएल कर्मचारियों ने किया इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन

दुर्ग / शौर्यपथ / बीएसएनएल कर्मचारियों ने सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों को तहस नहस करने निर्णय के खिलाफ आंदोलन प्रारंभ किया है। इसके अंतर्गत षुक्रवार को भोजनावकाश में प्रदर्शन कर नारेबाजी किया गया है। प्रदर्शनकारी साथियों को संबोधित करते हुए आर एस भट्ट सर्किल सेक्रेटरी बीएसएनएलईयू ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय और विदेशी कॉरपोरेट्स को सत्ता संभालने की अनुमति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
देश की राष्ट्रीय संपत्ति राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के नाम पर सरकार ने कॉरपोरेट्स को को औने-पौने दाम पर सौंपने का फैसला किया है। हालांकि सरकार का तर्क है कि, इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा। अपने आप में, एक चासनी मिश्रित जहर के अलावा और कुछ नहीं है। सरकार की घोषणा के अनुसार 26,700 किलोमीटर हाईवे (1.6 लाख करोड़ रुपये की कीमत), 400 रेलवे स्टेशन और 150 ट्रेनें (1.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत), 42,300 सर्किट कि.मी. विद्युत पारेषण लाइनें (0.67 लाख करोड़ रुपये मूल्य), 5,000 मेगावाट हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन संपत्ति (0.32 लाख रुपये करोड़), 8,000 किलोमीटर राष्ट्रीय गैस पाइप लाइनें (0.24 लाख करोड़ रुपये मूल्य), आईओसी की 4,000 किलोमीटर पाइप लाइनें और एचपीसीएल (0.22 लाख करोड़ रुपये), भारतनेट ऑप्टिक फाइबर के 2.86 लाख किलोमीटर और बीएसएनएल के 14,917 टावर और एमटीएनएल (0.35 लाख करोड़ रुपये), 21 हवाई अड्डे और 31 बंदरगाह (0.3 लाख करोड़ रुपये), 160 कोयला खनन परियोजनाओं (0.3 लाख करोड़ रुपये) और 2 स्पोर्ट्स स्टेडियम (0.11 लाख करोड़ रुपये की कीमत) को बेचा जा रहा है।
इसी तरह 2लाख 86 हजार कि.मी. भारतनेट ऑप्टिक फाइबर के साथसाथ बीएसएनएल और एमटीएनएल के 14,917 मोबाइल टावर जिसेजनता के पैसे से खड़ा किया गया है। कॉरपोरेट्स को सौंपने की योजना है।
बीएसएनएल द्वारा 4 जी सेवा शुरू करने में पिछले एक साल आठ महीने से रुकावटें पैदा कर रहा है। केवल इसलिए कि सरकार ने बीएसएनएल के मोबाइल टावरों को बेचने का मन बना लिया था।
श्री भट्ट ने कहा कि सरकार का अगला लक्ष्य बीएसएनएल का 7 लाख रूट किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर होगा। कर्मचारी संघ देश की संपत्ति को कॉरपोरेट्स को सौंपने का कड़ा विरोध करता है। इस प्रदर्शन मे मिथिलेश सिंह ठाकुर, अरुण दुबे, डी के सिंह, चंद्रिका उन्नीकृष्णन, रामेश्वरी, अमिता, दीपा, पी के वर्मा,महेश आदि शामिल हुए हैं ।

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