दो साल हो गये क्राईम ब्रांच को भंग हुए पर कुछ निचले स्तर के अफसर और कर्मचारी नही त्याग पा रहे है इसका मोह
durg/ shouryapath / व्हीव्हीआईपी जिला दुर्ग में जहां एक ओर एडीजी और एसएसपी सहित अन्य अफसर वर्दी पहन कर डयूटी के दौरान अपना खून पसीना बहा रहे हैं, वही दूसरी ओर थानों में तैनात कई पुलिस जवान व अफसर अभी भी राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के बाद भी क्राईम ब्रांच और सिविल टीम जैसी भाषा को नही भूल पा रहे हैं। डीजीपी अवस्थी द्वारा क्राईम ब्रांच को भंग किये पूरे प्रदेश में लगभग दो वर्ष से अधिक हो गया लेकिन इकलौता दुर्ग जिला है जहां आज भी छोटे कर्मचारी और अधिकारी अपने आप को क्राईम ब्रांच ओैर सिविल टीम से कम नही समझ रहे हैँ। जब सारे अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्दी पहनना है तो इमानदार छवि के एसएसपी मीणा एवं एडीजी (दुर्ग रेंज के आईजी)विवेकानंद सिन्हा सहित अन्य बड़े अधिकारी वर्दी पहनकर अपना खून पसीना बहा रहे है, चाहे वह लाईन आर्डर हो या फिर व्हीव्हीआईपी डयूटी क्यों न हो? दुर्ग जिले में पदस्थ सिविल टीम और का्रईम ब्रांच के होनहार जवान वर्दी पहनना अपने शान के खिलाफ समझ रहे हैँ। ये लोग मंहगी लक्जरी कार के अलावा मंहगे शौक को पूरा करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, जिस पर पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि इनके कुछ कार्यांे से पुलिस विभाग की छवि खराब हो रही है। क्योंकि यह जिला सीएम, एचएम और अन्य मंत्रियों का जिला है।