शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है
दुर्ग / शौर्यपथ / राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देश में 15 सितंबर को राहूल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने कोटपा अधिनियम के अन्तर्गत जानकारी देते हुए बताया कि ÓÓ सिगरेट व अन्य तम्बाखू उत्पादन (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्यिक उत्पादन प्रदाय और वितरण) का विनियम अधिनियम 2003 के क्रियान्वयन हेतु पुलिस के लिए कुछ मार्गदर्शन दिये गये हैं। सार्वजनिक स्थल जैसे होटल, रेस्टोरेंट, शैक्षणिक संस्थान, समस्त निजी एवं सरकारी कार्यालयों पर धूम्रपान करना प्रतिबंधित है। सभी सार्वजनिक स्थलों के प्रभारियों की ओर से धूम्रपान निषेध क्षेत्र वाले बोर्ड लगाना अनिवार्य है। शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है। इसके अलावा तंबाकू विक्रेताओं की ओर से 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद बेचना दंडनीय अपराध है। इसके लिए निर्धारित बोर्ड मापदंडों के अनुसार किया जाना अनिवार्य है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। ऐसे ही सख्त कानून के साथ बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम में संशोधन किए गए हैं।
नशे में डूबते जा रहे बच्चों को बचाने के लिए कानून में सख्ती जरूरी थी। इसके पहले तक महज जुर्माना होने के कारण तंबाकू उत्पाद बच्चों को बेचने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। प्रावधान के अनुसार पहले तंबाकू उत्पाद बेचने वालों को समझाइश दी जाएगी। इसके बाद भी यदि कोई ऐसा करते पाया गया तो उसे दंडनीय अपराध मना जाएगा। दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नशा किसी भी प्रकार का हो एक सामाजिक अभिशाप है। इसलिए बेहतर यही है कि नशा किया ही न जाए। नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। जहरीले नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुँचने के साथ ही सामाजिक वातावरण प्रदूषित होता है। अपनी और परिवार की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति को भारी नुकसान होता हैं।