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सीईओ जिला पंचायत ने ग्राम कसारी और सुकुलदैहान में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का किया निरीक्षण
राजनांदगांव/शौर्यपथ /मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के ग्राम कसारी एवं जनपद पंचायत राजनांदगांव के ग्राम पंचायत सुकुलदैहान में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वित्तीय वर्ष में स्वीकृत सभी आवासों को नियत समय में पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने निर्माणाधीन आवासों को 30 मार्च 2025 तक पूर्ण कर वृहद गृह प्रवेश कराये जाने का निर्देश दिया। निर्माणाधीन आवासों के निरीक्षण के दौरान हितग्राहियों से सीधे बातचीत कर उन्हें आवास निर्माण निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कर किस्त प्राप्त करने की समझाईस दी गई।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें वर्तमान में चल रहे आवास प्लस 2024 अंतर्गत छुटे हुए आवास हेतु जरूरत मंद परिवारों को सर्वेयर के माध्यम से सर्वे करवाकर नाम जुड़वाने की जानकारी दिया। सर्वे का कार्य दो तरीकों से अर्थात ग्राम पंचायत के सर्वेयर अथवा स्वयं से सर्वे मोबाईल एप्प के माध्यम से सर्वेक्षित होने की महत्वपूर्ण जानकारी दिया। उन्होंने ग्राम पंचायत सुकुलदैहान के दिव्यांग हितग्राही का आवास निर्माण होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होने के संबंध में जानकारी ली। दिव्यांग हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत लाभान्वित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी। निरीक्षण के दौरान जिला समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, सीईओ जनपद पंचायत, कार्यक्रम अधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के इंजीनियर, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, नोडल अधिकारी, सरपंच, रोजगार सहायक, आवास मित्र सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानन्द ने सभास्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का किया जायजा
सभी आवश्यक तैयारियां 25 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च को बिलासपुर जिले के बोदरी तहसील के ग्राम मोहभठ्ठा में आयोजित कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानन्द ने कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी आवश्यक तैयारियां 25 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानन्द ने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का यह राज्य स्तरीय कार्यक्रम है। बिलासपुर के साथ राज्य भर से लोग प्रधानमंत्री जी को सुनने पहुंचेंगे। सभा में शामिल होने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाये। दयानन्द ने सभास्थल पर मुख्य मंच, हेलीपेड, ग्रीन रूम, सांस्कृतिक मंच, हितग्राहियों एवं अतिथियों की बैठक व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने सभास्थल के समीप बनाये गये पार्किंग स्थलों का भी जायजा लिया और वहां जनसुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि मोहभठ्ठा में प्रधानमंत्री की आमसभा के लिए 55 एकड़ का विशाल सभा स्थल तैयार किया जा रहा है। इसके नजदीक ही तीन हेलीपेड, 9 पार्किंग स्थल तैयार किए जा रहे हैं।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर स्थित आईपी क्लब के मिनी थिएटर में मराठा काल के स्वर्णिम इतिहास पर आधारित फिल्म "छावा" देखने पहुँचे। यह फिल्म वीर राष्ट्रनायक छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रमी पुत्र संभाजी महाराज के जीवन, संघर्ष और बलिदान पर आधारित है।
फिल्म प्रदर्शन के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संभाजी महाराज ने देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। घोर यातनाओं और कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। 'छावा' फिल्म ने उनके अद्भुत जीवन और बलिदान को अत्यंत सजीव और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने "छावा" फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री किया है ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रेरक इतिहास से अवगत हो सकें।
इस अवसर पर राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा, तथा सम्पत अग्रवाल भी उपस्थित थे और फिल्म के माध्यम से राष्ट्रभक्ति की इस गौरवशाली गाथा का साक्षात्कार किया।
उल्लेखनीय है कि फिल्म में मराठा-मुगल संघर्ष और भारत के इतिहास को एक नई दृष्टि से दर्शाया गया है।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अति सुदूर गांव तिमेनार में मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत आजादी के 77 वर्षों बाद पहली बार बिजली पहुंची। यह ऐतिहासिक उपलब्धि माओवादी आतंक के अंधकार को चीरकर विकास, अमन और शांति के नए सबेरे की ओर कदम बढ़ाने का प्रतीक है।
तिमेनार में अब भय की जगह उजाला और आतंक की जगह उम्मीद ने ले ली है। गांव के 53 घरों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है, जिससे पूरे गांव में हर्ष और उल्लास का माहौल है।
विकास की रोशनी से दूर हो रहा भय और असुरक्षा
भैरमगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत बेचापाल के आश्रित गांव तिमेनार के निवासियों ने पीढ़ियों तक बिजली की रोशनी नहीं देखी थी। अब, जब शासन-प्रशासन ने इन दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच बनाकर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना शुरू किया है, तो ग्रामीणों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का सपना साकार हो रहा है।
ग्रामीणों की जुबानी – "अब डर नहीं लगता, खुशियों का उजियारा छाया है!"
गांव के निवासी मशराम, पंडरु कुंजाम, मंगली और प्रमिला वेको ने बताया कि गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, अब रात के अंधेरे से डर नहीं लगता। जंगली जानवरों, सांप-बिच्छू के भय से भी मुक्ति मिली है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई आसान हो गई है, और अब हम भी विकास की दौड़ में शामिल हो रहे हैं।"
ग्रामीणों का कहना है कि अब न केवल आतंक और भय का माहौल समाप्त हो रहा है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी सुधर रही है।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता – "हर गांव में विकास की किरण पहुंचेगी"
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार प्रदेश के हर मजरा-टोला को विद्युतीकरण से जोड़ने और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की धारा प्रवाहित करने के लिए संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जहां कल तक नक्सली आतंक का साया था, वहां आज विकास की किरणें फैल रही हैं। यह परिवर्तन ही असली जीत है । तिमेनार में हुआ विद्युतीकरण बस्तर के दूरस्थ अंचलों में सुशासन और विकास के नए युग की शुरुआत का संकेत है। अब यह क्षेत्र माओवाद के डर से मुक्त होकर समृद्धि और उजाले की ओर अग्रसर हो रहा है।
गांवों में हो रहा बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
तिमेनार में विद्युतीकरण के साथ-साथ सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार भी हो रहा है।
तिमेनार अब सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि बस्तर के बदलाव की जीवंत मिसाल बन गया है। जहाँ कभी अंधकार और आतंक का बोलबाला था, वहीं अब बिजली की रोशनी, बच्चों की मुस्कान और विकास की रफ्तार है। यह परिवर्तन केवल एक योजना की सफलता नहीं, बल्कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, प्रशासन की सक्रियता और जनता के विश्वास का प्रतिफल है। तिमेनार में सुशासन से हो रहे बदलाव की यह यात्रा बताती है कि जब इरादे मजबूत हों और नीति जन-केंद्रित हो, तो कोई भी दुर्गमता विकास के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती।
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग शहर में ऐसी कई संस्थाएं हैं जो गरीबों को मुक्त भोजन मुहैया कराती है कई संस्थाएं कम शुल्क में भोजन उपलब्ध कराती है तो कई छोटे-छोटे होटल हैं जो 20-25 में भोजन की सुविधा आम जनता के लिए उपलब्ध करा रहे हैं इन दिनों शहर में साईं प्रसादालय, जन समर्पण सेवा समिति, मनोज राजपूत की संस्था सहित सड़कों के किनारे ऐसे कई होटल है जो ₹20 ₹25 में आम जनता के लिए सादा भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसे में चर्चा यह है कि शहर की एक बड़ी संस्था अब भगवान के नाम का सहारा लेकर नगर निगम से जमीन आवंटन करने की दिशा में पहल कर रही है और इसके लिए बाजार विभाग के कुछ अधिकारी नाप जोख करने भी चले गए.
वर्तमान समय में शहर में भारतीय जनता पार्टी की शहरी सरकार श्रीमती अलका बाघमार के नेतृत्व में चल रही है और चर्चा के अनुसार जो संस्था जमीन आवंटन करने के लिए निगम महापौर और शहरी सरकार से गुहार लगा रही है उस संस्था के संचालकों के पास करोड़ अरबो की संपत्ति है बावजूद इसके सेवार्थ के नाम पर जमीन की मांग करना उन सभी संस्थाओं के लिए मार्ग खोलने जैसा होगा जो निशुल्क भोजन उपलब्ध करा रही है.
अगर शहरी सरकार ऐसी संस्था को जमीन दे देती है तो फिर शहर में संचालित अन्य संस्थाएं भी इसी आधार पर जमीन मांगेगा और शहरी सरकार को उन्हें भी जमीन देना पड़ेगा जबकि अगर पूर्व अनुभव के आधार पर देखा जाए तो सालों पहले शहर की एक संस्था ने जिला अस्पताल परिसर के सामने धर्मार्थ कार्य के लिए धर्मशाला की मांग की थी जो आज पूरी तरह व्यावसायिक रूप धारण कर लिया है स्थिति तो यहां तक बिगड़ गई कि इस संस्था ने बिना शासन की अनुमति के मेडिकल काम्प्लेक्स भी जिला अस्पताल परिसर के अंदर बनाकर निजी चिकित्सकों के लिए केबिन बना दिया और व्यापार आरंभ कर दिया.
ऐसे में अब देखना यह है कि दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार धनवानो के निवेदन को स्वीकार करती है या नहीं? महापौर के फैसले पर उन सभी संस्थाओं की भी नजर है कि अगर उन्हें जमीन मिले तो हम भी इसी आधार पर जमीन की मांग करेंगे और आम जनता की सेवा के लिए सस्ते दामों में भोजन उपलब्ध कराएंगे.
देखना यह है कि सस्ते दामों में भोजन उपलब्ध कराने के इस धर्मार्थ कार्य में व्यापार का प्रवेश किस तरह होता है और धनवानो जिसके पास करोड़ों अरबो की जमीन है वह निगम से शासकीय जमीन कैसे उपलब्ध करवाते हैं?
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित साहित्यकार, उपन्यासकार एवं कवि विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मान की घोषणा पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का क्षण बताया और कहा कि शुक्ल जी ने छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक मानचित्र पर गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य विचारों और संवेदनाओं का अद्वितीय संगम है, जो जनमानस को छूता है। उनकी रचनाओं में गहराई, मौलिकता और मानवीय सरोकारों की झलक मिलती है। उनका रचना संसार छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को भारत के कोने-कोने में पहुँचाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ज्ञानपीठ जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित होना न केवल उनके सृजन की पहचान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक वैभव की भी मान्यता है। मुख्यमंत्री साय ने उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है।
मुख्यमंत्री साय ने भारतीय प्रबंध संस्थान में छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम का किया शुभारम्भ
नेतृत्व क्षमता को सशक्त बनाने के लिए विधायकों का विशेष प्रशिक्षण
रायपुर / शौर्यपथ / हम सभी के बीच मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए और छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों में यह बात हमेशा से कायम है। छत्तीसगढ़ का विकास हमारा मूल उद्देश्य है और जनप्रतिनिधि के रूप में हमें प्रदेशवासियों के हित में सदैव समर्पित होकर काम करना है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आज आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सीखने की कोई उम्र नहीं होती, नेतृत्व क्षमता में निरंतर निखार जरूरी
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में हमेशा सीखते रहने की बात करते है और निश्चित रूप से सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। यहां कई ऐसे विधायक मौजूद है, जिनका जनप्रतिनिधि के रूप में लंबा अनुभव है, लेकिन वे भी इस कार्यक्रम को लेकर बहुत अधिक उत्साहित है। श्री साय ने कहा कि आप सभी सदस्यों की मौजूदगी यह साबित करती है कि छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर आप कितने चिंतित भी है और उत्साहित भी है।
श्री साय ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में आमजनों से आपका व्यवहार सबसे बड़ी पूंजी है और यह लोगों के मन में आपके और संसदीय व्यवस्था के प्रति विश्वास को अधिक मजबूत करेगा।नवीन समाधानों को साझा करने और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में प्रशिक्षण कार्यक्रम उपयोगी
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम नवीन समाधानों को साझा करने का मजबूत मंच है और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में यह उपयोगी और सार्थक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन की संकल्पना को स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ई ऑफिस की व्यवस्था से प्रशासनिक दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें प्रदेश को आगे ले जाना है तो सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए समान रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने सार्वजनिक हित में तकनीक के सदुपयोग पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री साय ने भारतीय प्रबंध संस्थान में पिछले वर्ष आयोजित चिंतन शिविर को भी अत्यधिक उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में हमने जो कुछ सीखा था, छत्तीसगढ़ के नीति निर्माण में हमने इसका भरपूर उपयोग किया है। विजन डॉक्यूमेंट से लेकर बजट तैयार करने में भी हमें इससे बड़ी मदद मिली। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सभी सदस्यों से दो दिवसीय सत्र का भरपूर लाभ लेने को कहा और प्रबंध संस्थान को सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लीडरशिप प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सभी सदस्य लगभग 1 महीने तक सक्रियता के साथ शामिल रहे और इसके तुरंत बाद इस दो दिवसीय आयोजन में आप सभी की उपस्थिति प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा आप लोग सोच रहे होंगे कि जीतने के बाद हमारा प्रशिक्षण क्यों? जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी और भूमिका बढ़ जाती है, इसलिए हमें लगातार सीखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें केवल अपने क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए कार्य करना है।
डॉ. सिंह ने कहा कि हम अपने आसपास के परिवेश और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के प्रति कितने सजग है, जनप्रतिनिधि के रूप में आपको सफल बनाने में यह तथ्य महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि आपके पास अपने विधानसभा क्षेत्र की छोटी से छोटी जानकारी होनी चाहिए। डॉ. सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल से जुड़े कई अनुभव साझा किए और जनता से व्यवहार, जुड़ाव और उनका भरोसा जीतने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत ने कहा विधायक बनते ही हम लीडर बन गये, ऐसा सोचना गलत धारण होगी। लीडर बनना एक प्रक्रिया है और हमें यह सीखना होगा। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों से निकलकर जशपुर का एक आदिवासी बेटा आज मुख्यमंत्री बना है, यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और ताकत है। हम सभी का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की उन्नति है और इसी को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यगण, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम, आईआईएम रायपुर के निदेशक राम कुमार, आईआईएम के प्रोफेसर सुमीत गुप्ता, प्रोफेसर संजीव पराशर, प्रोफेसर श्रीमती अर्चना पराशर उपस्थित थे।
जल संचय, जल संरक्षण के लिए सबको समन्वित प्रयास करना जरूरी है : उप मुख्यमंत्री अरुण साव
रायपुर / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर निवास कार्यालय में कहा कि, भारत में रहने वाले सभी एक है। अनेकता में एकता ही भारत की पहचान है। देश विविध संस्कृति और सभ्यता से मिलकर बना है। सभी की अपनी परंपराएं हैं और सब मिलकर ही देश बनता है, इसलिए एक भारत श्रेष्ठ भारत है।
उप मुख्यमंत्री साव ने ग्रीष्मकाल में जल संकट पर कहा कि, समय के साथ जल की कीमत पूरी दुनिया को समझ में आ रहा है। जल है तो कल है, ये केवल नारे नहीं है, यह हकीकत है। उन्होंने कहा कि, लगातार जल स्तर नीचे गिरते जा रहा है। ये सभी के लिए चिंता का विषय है। इससे बचने के लिए सबको समन्वित प्रयास करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, अच्छी बारिश नहीं होने के कारण गांवों के तालाब नहीं भर रहे, बारिश का पानी धरती पर रुकना बेहद जरूरी है। श्री साव ने कहा कि, गांवों के साथ शहरों में वर्षा जल को संरक्षित करने वॉटर हार्वेस्टिंग कराना चाहिए, ताकि जलस्तर बरकरार रहे, सबको नई सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री साव ने कहा कि, सरकार लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। सभी विभागों को पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए है। वहीं सरकार के साथ साथ हर नागरिक को भी इस दिशा में जागरूक होना पड़ेगा। आज जल संचय, जल संरक्षण, जल संवर्धन पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
श्री साव ने विधायकों के प्रशिक्षण पर कहा कि, यह विधानसभा की ओर से सभी विधायकों के लिए आयोजित किया गया है। इसी तरह पूर्व में मंत्रियों को भी दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, अब सभी विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जैसे कि- वे कैसे काम करें, जिससे जन अपेक्षाएं पूरी हो, अच्छे जन प्रतिनिधि कैसे बनें। इन सब विषयों पर अलग-अलग सत्रों में विधायकों को मार्गदर्शन मिलेगा। यह प्रशिक्षण पहली बार के विधायकों के लिए उपयोगी होगा।
धीवर समाज को मिला प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद, सनातन का किया प्रचार प्रसार : उप मुख्यमंत्री अरुण साव
दुर्ग / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज दुर्ग जिले के ग्राम दारगांव में आयोजित छत्तीसगढ़ धीवर समाज के वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान समारोह में शामिल हुए। समारोह में श्री साव ने नगर पंचायत धमधा में धीवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए देने की घोषणा की है। वहीं सभा को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि, धीवर समाज प्रभु श्रीराम जी के आशीर्वाद से निरंतर आगे बढ़ रहा है। भगवान राम को गंगा पार लगाने का आशीर्वाद मिला है। प्रभु भजन के माध्यम से धीवर समाज ने हमेशा सनातन धर्म का प्रसार किया है। सरकार ने भी कई योजनाएं बनाई है, जिसका लाभ उन्हें मिला है।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि, धीवर समाज बहुत ईमानदार और मेहनती एवं प्रतिष्ठित समाज है। अपनी प्रतिष्ठा और मेहनत के दम पर समाज ने प्रदेश में एक अलग स्थान बनाई है। पूरा समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। श्री साव ने कहा कि, प्रयागराज महाकुंभ में एक परिवार त्रिवेणी संगम में नाव चलाकर 45 दिन में करोड़ रुपए की कमाई की है। परिवार को भगवान राम के आशीर्वाद होने पर ही ऐसा परिणाम मिला है।
सम्मेलन से सामाजिक कुरीति होती है दूर
सामाजिक सम्मेलन में छोटे पारिवारिक विवाद, मनमुटाव को निपटाने का काम होगा। समाज को एकजुट करने के लिए ये जरूरी काम है। न्यायालय जाने से समय और पैसे की बर्बादी होती है। सामाजिक बैठक से बड़े बड़े विवाद सुलझ जाते हैं। साथ ही सामाजिक कुरीतियों को भी दूर करने चर्चा होती है।
जल संकट की चिंता हम सबको करनी है
सामाजिक सम्मेलन में श्री साव ने जल संकट से बचने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि, जल संकट की समस्या का निदान सबको मिलकर करना है। आज गांवों में कुआं नंदा गया है। तालाब भी समय से पहले सूख रहे हैं। इसकी सबको चिंता करनी है। सबको जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, बरसात के पानी को रोककर रखना है। इसके लिए तालाब पाथ को अच्छे से बनाना है, ताकि पानी बाहर ना जाए और तालाब लबालब भरा रहे।
कार्यक्रम में धीवर समाज के अध्यक्ष सूरज धीवर जी, लाभचंद बाफना जी,अवधेश चंदेल, चंद्रशेखर वर्मा , राधेश्याम चंद्रवंशी, रामेश्वर निषाद , जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे , जनपद अध्यक्ष जितेंद्र साहू, सतीश साहू , रामलाल धीवर , पवन धीवर, चंद्रविजय , हेमंत धीवर , समाज के सभी परगना के अध्यक्ष, जिला, तहसील, पदाधिकारी उपस्थित रहे।
दुर्ग। शौर्यपथ। विधानसभा चुनाव,लोकसभा चुनाव और नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद आखिरकार प्रदेश संगठन ने जिला संगठन के प्रमुखों की फेरबदल आरंभ कर दी . आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ के 11 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है जिसमें बालोद से चंद्रेश हिरवानी , दुर्ग ग्रामीण से राकेश ठाकुर , नारायणपुर से बिसेल नाग कोंडागांव से बुधराम नेताम कोरबा शहर से नाथू लाल यादव कोरबा ग्रामीण से मनोज चौहान बलौदा बाजार से सुमित्रा घृतलहरे सारंगढ़ बिलाईगढ़ से ताराचंद देवांगन , सरगुजा से बालकृष्ण पाठक,बलरामपुर से कृष्ण प्रताप सिंह और बेमेतरा से पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर कांग्रेस संगठन ने फेरबदल कर कांग्रेस को मजबूत प्रदान करने की दिशा में कदम उठाया।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने सूची जारी करते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से लागू करने पत्र जारी किया .