
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ जैव विविधता से परिपूर्ण राज्य है। यहां के कुल भौगोलिक क्षेत्र 44 प्रतिशत वनों से घिरा है। यहां पर प्रचुर मात्रा में वनोपज पाए जाते हैं। राज्य सरकार 52 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी कर रही है। छत्तीसगढ़ के जिस जिले मे ंजो लघु वनोपज ज्यादा पाए जाते हैं, वहां राज्य सरकार उस लघु वनोपज के प्रसंस्करण केंद्र विकसित कर रही है, ताकि उससे अन्य उत्पाद बना कर विक्रय किया जा सके। इस कड़ी में राजनांदगांव जिले में बहुतायत में पाए जाने वाले लघु वनोपज महुआ के लिए प्रसंस्करण यूनिट बनाए गए हैं। जहां पर महुआ से बने विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे है।
छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए केन्द्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने सेमरा स्थित फूड पार्क में आयोजित ट्राईफेड के वनधन सम्मेलन 2021 कार्यक्रम में राजनांदगांव जिले के वन धन केन्द्र कौरीनभाटा (महुआ प्रसंस्करण केन्द्र) को लघु वनोपज के वैल्यू एडेड श्रेणी में उत्कृष्ट उत्पाद निर्माण के लिए सम्मानित किया था।
राजनांदगांव जिले के प्रसंस्करण केन्द्र में महुआ से बने स्वादिष्ट उत्पाद महुआ स्क्वैश (शरबत), महुआ आरटीएस (जूस), महुआ चटनी, महुआ चिक्की, महुआ लड्डू एवं सूखा महुआ उपलब्ध है। प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन एवं कैल्शियम से भरपूर महुआ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। प्रोसेसिंग यूनिट में जामुन चिप्स भी बनाया जा रहा है, जो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए एवं सी से भरपूर है और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। महुआ के उत्पाद मार्केट में एवं दुर्ग मार्ट संजीवनी विक्रय केन्द्र में भी उपलब्ध है। राजनांदगांव जिले में स्थानीय लघु वनोपज की उपलब्धता के अनुसार वन धन केन्द्र में महिला स्वसहायता समूह द्वारा वेरायटी में उत्पाद बनाये जा रहे हैं। इस केन्द्र के माध्यम से जनसामान्य को पौष्टिक प्रोडक्ट स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है, वहीं समूह की महिलाएं भी आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं। महुआ प्रसंस्करण केन्द्र में बने पौष्टिक लड्डू शीघ्र ही मानपुर क्षेत्र में सघन सुपोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाएंगे।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.