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दुर्ग / शौर्यपथ /
श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के छात्रों ने 'Óजन जन का यह नारा है ओजोन परत को बचाना हैÓÓ के स्लोगन को चरितार्थ करते हुए विश्व ओजोन दिवस मनाया। ओजोन परत का महत्व क्यों जरूरी है इसके बारे में प्राणी शास्त्र की द्वितीय वर्ष की छात्रा अंजली सोनी, बेनीका वर्मा, निधि सेन और जीनत बार्शी ने ओजोन परत का पोस्टर बनाकर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जुनवानी भिलाई के स्कूल का भ्रमण किया और स्कूल के विद्यार्थियों को बताया ओजोन डे क्यों मनाया जाता है और जानकारी देते हुए कहा कि जीवन के लिए ऑक्सीजन जितना जरूरी ह,ै वैसे ही ओजोन भी जरूरी है इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों को ओजोन परत के बारे में जागरूक कराना है कि सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वॉयलेट किरणो से ओजोन परत पृथ्वी को बचाती है।
महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि पहली बार ओजोन दिवस 16 दिसंबर 1995 को मनाया गया था। ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने का काम करती है ओजोन परत के बिना जीवन संकट पर पड़ सकता है क्योंकि सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पहुंच जाए तो मानव, पेड़ पौधे और जानवरों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि महाविद्यालय पर्यावरण के प्रति सजक एवं जागरूक है और महाविद्यालय के स्टाफ एवं छात्र छात्राएं अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहते हैं।
प्राणी शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉं. सोनिया बजाज ने कहा कि ऑक्सीजन के तीन अणु मिलकर ओजोन का निर्माण करते हैं यह हल्के नीले रंग के होते हैं ओजोन की परत धरती में 10 किलोमीटर की ऊंचाई से शुरू हो जाती है और 50 किलोमीटर ऊपर तक मौजूद रहती है यह परत सूर्य की घातक किरणों से धरती की सुरक्षा करती है और मनुष्य में कैंसर पैदा करने वाली सूर्य की पराबैंगनी किरणों को रोकने में मदद करती है ओजोन परत की सुरक्षा के लिए हम सबको मिलकर कुछ उपाय करने चाहिए, रबड़ व प्लास्टिक के टायर को जलाने पर रोक लगाना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे का रोपण करना चाहिए और वाहनों से जो धुआं उत्सर्जित होता है उसे कम करना चाहिए।
आवश्यक, हिन्दी दिवस
शंकराचार्ज कॉलेज में मनाया गया हिन्दी दिवस
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय एवं लायंस क्लब भिलाई पिनाकल के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को महाविद्यालय के ग्रंथागार में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि लायन रवेका बेदी अध्यक्ष लायंस क्लब भिलाई पिनाकल थीं। विशिष्ट अतिथि लायन मीना सिंह निदेशक प्रयास फाउंडेशन थीं। विशिष्ट अतिथि लायन डॉक्टर प्रशी तिवारी प्राचार्य कृष्णा पब्लिक स्कूल उतई शाखा थीं। कार्यक्रम में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। विद्यार्थियों को 2 मिनट में रहीम एवं कबीर के दोहों को व्याकरणिक त्रुटिरहित बोलना था। इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय की विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जिसमें प्रथम इनाम वेदिका मिश्रा और द्वितीय इनाम अंजली तिवारी, तृतीय इनाम श्वेता मिश्रा और सांत्वना पुरस्कार राखी शुक्ला को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि लायन रवेका बेदी ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप सब ने बहुत अच्छा दोहों का पठन किया। उन्होंने नई पीढ़ी को उद्बोधित करते हुए कहा कि, आप सभी भाषाओं का आदर करिए किंतु मातृभाषा सर्वोपरि है। हिंदी साहित्य के भंडार को हमें समृद्ध करना है। और यह तभी संभव होगा जब हम अपनी व्यवहार में हिंदी को शामिल करेंगे। लायन डॉ. प्रशी तिवारी ने अपने उद्बोधन में विश्व में हिंदी भाषी लोगों के आंकड़ों की जानकारी दी एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर बल दिया। वहीं लायन मीना सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, विदेशों में हिंदी अपना उच्च स्थान स्थापित कर रही है। तथा हिंदी ही भारत माता के माथे की बिंदी है। अत: अपने देश में भी हिंदी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो। महाविद्यालय की अतिरिक्त निदेशक डॉ. दुर्गा प्रसाद राव ने अपने उद्बोधन में कहां की कंप्यूटर में भी अब हिंदी का प्रयोग सफलतापूर्वक हो रहा है। भाषा एवं कंप्यूटर दोनों एक दूसरे को भलीभांति स्वीकार कर चुके हैं। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रक्षा सिंह जी ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को हर कार्य हिंदी में करने के प्रति प्रोत्साहित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया हिंदी ही एक ऐसी सरल और मधुर भाषा है जो सम्पूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में बांधती है। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना झा ने विद्यार्थियों को इस बात की जानकारी दी कि, हमारी भाषा विदेशों में अत्यंत ही पूजनीय हो रही है। कनाडा के मंदिरों में हिंदी भाषा का ज्ञान कराया जाता है एवं हिंदी की व्याकरणिक कोटियों का ज्ञान भी कराया जाता है ताकि हिन्दी भाषा व्याकरणिक त्रुटिरहित व्यवहार में लायी जा सके। कार्यक्रम की सफलता हेतु महाविद्यालय की प्राचार्य एवं निदेशक रक्षा सिंह जी ने एवं अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव सर ने हिंदी विभाग को बधाई दी। महाविद्यालय के प्राध्यापक गण ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भरपूर सहयोग दिया।
ि वभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती मंजू मिश्रा ने भी विभागीय कार्य में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ श्रद्धा मिश्रा ने किया।
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