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सुपेला थाने के पीछे चिन्हित भूमि पर किया जाए व्यवस्थापन ,छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स न करे जबरिया हस्तक्षेप
भिलाई / शौर्यपथ / आकाश गंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष रवि जॉन सिंह सब्जी मंडी के व्यवस्थापन के मामले में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स द्वारा कलेक्टर और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर किए गए पहल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि थोक सब्जी मंडी का व्यवस्थापन सुपेला थाने के पीछे पहले से चिन्हित भूमि पर होना ही सब्जी विक्रेताओं की हित में है। किसी भी परिस्थिति में सब्जी मंडी को शहर से बाहर ले जाने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष रवि जॉन सिंह ने जारी बयान में बताया कि सब्जी मंडी के व्यवस्थापन के लिए उनकी समिति सतत प्रयास में लगी हुई है। इसके लिए संघ की पहल पर नगर निगम की एमआईसी ने सुपेला थाने के पीछे पहले से चिन्हित भूमि पर व्यवस्थापन के लिए प्रस्ताव पारित कर राज्य शासन को भेजा है। ऐसे में अचानक छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स के पदाधिकारियों की ओर से सब्जी मंडी व्यवस्थापन को लेकर कलेक्टर और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपे जाने से कईं तरह की शंका-कुशंका उभरने लगा है। उन्होंने कहा कि आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ एक पंजीकृत संस्था है और सब्जी मंडी और विक्रेताओं के हित में काम करने के लिए वचनबद्ध है। ऐसे में चेम्बर ऑफ कामर्स का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
अध्यक्ष रवि जॉन सिंह ने आशंका जताई है कि कतिपय लोगों के द्वारा सब्जी मंडी को शहर से काफी दूर ले जाने की साजिश रची जा रही है। सब्जी मंडी का व्यवस्थापन शहर से बाहर किए जाने पर न केवल सब्जी कारोबारियों को परेशानी होगी बल्कि इससे जुड़े हमाल और रेजा को आने जाने में दिक्कत से रोजगार संकट का सामना करना पड़ेगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि जो भी तकनीकी दिक्कत है उसे दूर कर आकाशगंगा थोक सब्जी मंडी का व्यवस्थापन सुपेला थाने के पीछे वाली शासकीय भूमि पर किया जाए। उन्होंने सब्जी मंडी के सभी व्यापारियों से एकता बनाए रखने की अपील किया है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध
सामान्य दिनों में बिलासपुर से रायपुर-दुर्ग होकर डोंगरगढ़ तक अलसुबह से देर रात्रि तक लोकल और पेसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता था। इससे नौकरी पेशा सहित सामान्य यात्रियों को छोटे स्टेशन की यात्रा में कोई दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन कोरोना काल ने सब कुछ बिगाड़ कर रख दिया। लोकल ट्रेनों की कमी से लोगों को बस और निजी वाहन में सफर करना महंगा पड़ रहा है। रेलवे के दूसरे जोन में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद जनप्रतिनिधियों की पहल पर लोकल ट्रेन की संख्या बढ़ा दी गई है। लेकिन बिलासपुर जोन में लोकल ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सुध नहीं लेना समझ से परे है।
डेढ़ साल से दुपहिया में आवाजाही
कोरोना संक्रमण की दस्तक पड़ते ही अप्रैल 2020 से ट्रेनों का सामान्य परिचालन प्रभावित रहा है। परिस्थितियों के अनुकूल होने पर प्रमुख ट्रेनों को स्पेशल के नाम से चलाया जा रहा है। लंबी दूरी की ऐसे ट्रेनों में पूर्व से आरक्षण पर यात्रा करने की सुविधा है। लिहाजा भिलाई दुर्ग से छोटे स्टेशन वाले शहर में नौकरी करने वालों को इन ट्रेनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे कार्यस्थल आने जाने के लिए ज्यादातर लोग निजी दुपहिया या चार पहिया वाहन का उपयोग कर रहे हैं। सुबह शाम दो-दो लोकल ट्रेनों की सुविधा के बावजूद नौकरी के लिहाज से समयानुकूल नहीं होने से लगभग डेढ़ साल से अपने निजी वाहन में कार्यस्थल आने जाने की मजबूरी बनी हुई है। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में होने से फोरलेन पर यातायात का दबाव बना दबाव जाम का कारण बन रहा है।
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