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एमसीबी/शौर्यपथ /आगामी धान खरीदी सीजन 2025-26 के लिए राज्य शासन ने भारत सरकार के एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसान पंजीयन को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत प्रदेश भर में किसानों को एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा, जिससे कि उन्हें समर्थन मूल्य पर धान विक्रय की सुविधा मिल सके। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित की गई है। जिले के सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों का नवीन पंजीयन एवं फसल रकबे का संशोधन कार्य प्राथमिकता के आधार पर संपादित करें। एग्रीस्टैक के माध्यम से किया गया पंजीयन ई-केवाईसी युक्त होता है, जिससे दोहराव की संभावना समाप्त हो जाती है और किसानों की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होती है। राज्य शासन द्वारा यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि कृषकों को शासकीय योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से मिल सके। धान खरीदी के लिए राज्य शासन के द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया गया है, जिसमें पंजीयन की प्रक्रिया प्रतिवर्ष 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक संचालित की जाती है। इस वर्ष भी खरीफ सीजन से लिए यह प्रक्रिया निर्धारित अवधि में पूर्ण की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस बार कृषक पंजीयन हेतु खाद्य विभाग, राजस्व विभाग और कृषि विभाग के बीच इंटर डिपार्टमेंटल समन्वय को सुदृढ़ किया गया है। खाद्य विभाग द्वारा धान खरीदी पोर्टल पर किसानों का डाटा एग्रीस्टैक की फार्मर रजिस्ट्री से एपीआई के माध्यम से लिया जाएगा, जो पूरी तरह से ई-केवाईसी आधारित होगा। इसी के साथ राजस्व विभाग द्वारा संधारित भूइयों पोर्टल में दर्ज किसानों की भूमि जानकारी और गिरदावरी रिकॉर्ड को भी आधार सीडिंग के माध्यम से एकीकृत किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वे कृषकों के एग्रीस्टैक एवं धान खरीदी पंजीयन और आधार सीडिंग के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तय समय-सीमा में पूर्ण करें, जिससे जिले के सभी पात्र किसान समय पर पंजीकृत होकर समर्थन मूल्य पर धान विक्रय कर सके।
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