July 19, 2025
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शौर्यपथ

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स्टील उद्योगों के लिये राहत, घरेलु उपभोक्ताओं के लिए संरक्षण, कृषि पंपों पर नहीं पड़ेगा बोझ
रायपुर/शौर्यपथ/मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है। यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है।
आम उपभोक्ताओं को राहत, किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है — जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारा उद्देश्य  है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े। सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है।
उद्योगों को बढ़ावा — स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है। यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बेहतर आपूर्ति और घटती हानियाँ: गुणवत्तापूर्ण वितरण प्रणाली की दिशा में अग्रसर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है। तकनीकी और वाणिज्यिक हानि को 2020-21 में 23.14% से घटाकर 2024-25 में 13.79% किया गया है। यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है।
अधोसंरचना विकास के लिए बड़ा निवेश, कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया प्लांट
वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत  ट्रांसमिशन कंपनी के लिए ₹2433 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए  ₹3977 करोड़ और जनरेशन कंपनी के लिए ₹2992 करोड़ का प्रावधान है। कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है। इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
सौर ऊर्जा की ओर एक कदम: घरेलू उपभोक्ताओं के लिए डबल अनुदान योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78,000 तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30,000 तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा। यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।
ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपये के करार, आएगी रोजगार क्रांति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी/शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमारी प्राथमिकता है कि बिजली उपभोक्ताओं को न केवल निर्बाध आपूर्ति मिले, बल्कि वह गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और टिकाऊ हो। वर्तमान और भावी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा।

ऑपरेशन सिन्दूर पर छत्तीसगढ़ की जनता को गर्व: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया प्रधानमंत्री के प्रति आभार
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुशल रणनीति और नेतृत्व क्षमता को पूरे देश ने देखा है। यह केवल एक मिशन नहीं था, बल्कि भारत की ताकत, संकल्प और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का जीवंत प्रमाण है। श्री साय आज विधानसभा में ऑपरेशन सिन्दूर के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने समस्त छत्तीसगढ़वासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को ऑपरेशन सिन्दूर के सफल संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को इस ऑपरेशन की सफलता पर गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब ऐसा राष्ट्र बन चुका है जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में, किसी भी सीमा तक जाकर, त्वरित, निर्णायक और प्रभावी कार्यवाही करने में सक्षम है। ऐसे अभियान केवल सैन्य या कूटनीतिक सफलता का प्रतीक नहीं होते, बल्कि वे संपूर्ण राष्ट्र की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व का दृष्टिकोण स्पष्ट है — हर भारतीय का जीवन बहुमूल्य है, चाहे वह देश में हो या विदेश में। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन के केंद्र में समन्वय और निर्णय क्षमता की जो धुरी रही, वह हैं - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी। प्रधानमंत्री  मोदी की सक्रिय भागीदारी, व्यक्तिगत निगरानी और स्पष्ट निर्देशों के कारण ही यह मिशन समयबद्ध, सुरक्षित और सफलतापूर्वक सम्पन्न हो पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना की बात करते हैं, तो ऐसे मिशन हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि भारत केवल अपने नागरिकों की ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिए भी कर्तव्यनिष्ठ है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत की साख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रही है। ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन कावेरी, ऑपरेशन देवी शक्ति, और अब ऑपरेशन सिन्दूर — भारत ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि वह वैश्विक संकटों में मूक दर्शक नहीं, बल्कि सक्रिय संकट-निवारक राष्ट्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम की वीभत्स घटना के पश्चात हमारे प्रदेश के सपूत स्वर्गीय दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर भी लौटकर आया। मैंने स्वयं उनके परिवार की पीड़ा को देखा। हमारी बहन ने अपनी आँखों के सामने अपना सुहाग उजड़ते देखा — यह पीड़ा कितनी गहरी है, यह पूरा सदन समझ सकता है। आतंकियों ने उन्हें केवल इस कारण मार डाला कि वे नहीं चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर, जो भारत का अभिन्न अंग है, उसमें अन्य प्रांतों के नागरिकों की आवाजाही हो सके। उन्हें धर्म देखकर मारा गया। देश भर की माताओं-बहनों के बिलखने की तस्वीरें सामने आईं और इनके साथ पूरा देश रोया। यह एक ऐसी अमानवीय घटना थी, जिसमें सम्पूर्ण मानवता तार-तार हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का रक्त बहाया, वहीं भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में इस बात का विशेष ध्यान रखा कि पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न पहुँचे। हमारे नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी को छेड़ता नहीं, परंतु छेड़ने वालों को छोड़ता भी नहीं। ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हम प्रत्येक रक्त की बूँद का हिसाब लेते हैं। जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया, वे संसद हमले, मुंबई हमले, अक्षरधाम हमला और पुलवामा जैसी भीषण घटनाओं में लिप्त थे। भारत ने आतंकवाद को शह देने वाले देशों को विश्व मंच पर बेनकाब किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने सदैव शांति को प्राथमिकता दी है, परंतु संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उसका माकूल उत्तर दिया जाएगा। जो देश आतंकवादियों की भाषा बोलते हैं, वे आज वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ चुके हैं — इसका श्रेय भारतीय नेतृत्व की अडिग इच्छाशक्ति को जाता है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बेनकाब करने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जिस प्रकार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजा, वह भारतीय लोकतंत्र की सुंदरता और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का आदर्श उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके व्यक्तित्व में संकल्प, समन्वय और संवेदनशीलता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु प्रधानमंत्री जी ने जो सतत परिश्रम किया, उसका प्रभाव हमें ऑपरेशन सिन्दूर में प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिला। यह ऑपरेशन 140 करोड़ देशवासियों की एकजुटता और अखंडता का प्रतीक बन चुका है और सदा स्मरणीय रहेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर केवल आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई नहीं, बल्कि यह नारी सम्मान और शक्ति का भी प्रतीक है,  मातृशक्ति को समर्पित एक ऐतिहासिक सैन्य-संकल्प है।

दुर्ग, छत्तीसगढ़/ शौर्यपथ / दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के विधायक गजेंद्र यादव की अनूठी पहल ने शहर के नागरिकों में छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र को देखने की उत्सुकता बढ़ा दी है। विधायक यादव शहर की जनता को सीधे विधानसभा की कार्यवाही का साक्षी बनने का अवसर प्रदान कर रहे हैं, जिससे उनमें अपनी सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को करीब से समझने की ललक जगी है।
इस कड़ी में, 14 जुलाई को दुर्ग जैन समाज के सदस्यों ने विधायक गजेंद्र यादव के साथ विधानसभा सत्र की कार्यवाही का अवलोकन किया और प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ समय बिताया। इसके बाद, भाजपा कार्यकर्ताओं को भी यह अवसर मिला जब विधायक यादव ने चांदी शीतला मंदिर मंडल के सदस्यों को विधानसभा सत्र दिखाने की व्यवस्था की।
विधायक गजेंद्र यादव की इस अभिनव पहल के बाद, अब शहर के अन्य समाजों और विभिन्न मंडल प्रतिनिधियों में भी विधानसभा सत्र देखने की लालसा बढ़ गई है। सभी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही को प्रत्यक्ष देखने का सौभाग्य मिलेगा। मानसून सत्र के बचे हुए दिनों में किस समाज या मंडल को यह अवसर प्राप्त होगा, इसको लेकर शहर में चर्चाएं तेज़ हैं।
पिछले सत्र में भी दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव के साथ शहर के कई नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही का लाभ उठाया था। अब यह लालसा और उम्मीद हर वर्ग में जागृत हो चुकी है, और सभी को अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार है कि कब उन्हें विधायक गजेंद्र यादव के सानिध्य में छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र देखने का सौभाग्य मिलेगा।
इसी बीच, दुर्ग शहर के पत्रकार समुदाय में भी यह चर्चा का विषय बन गया है कि उन्हें भी प्रदेश सरकार की विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखने का यह महत्वपूर्ण अवसर मिलना चाहिए। हर व्यक्ति प्रदेश सरकार की विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखने का इच्छुक होता है, और ऐसे में यह पहल हर ओर उम्मीद और आशा की किरण जगा रही है।

दुर्ग / शौर्यपथ राजनैतिक विश्लेषण /
 कांग्रेस नेता और पूर्व साडा उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह पिछले डेढ़ महीने से जेल में हैं। सोशल मीडिया पर एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आधार पर उन पर कार्रवाई हुई है और मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में यह कहना व्यर्थ होगा कि कौन दोषी है और कौन निर्दोष, लेकिन इस प्रकरण ने कांग्रेस के भीतर एक नई बहस छेड़ दी है।
  बृजमोहन सिंह भिलाई में एक जाना-पहचाना नाम हैं और कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। उन्होंने पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस संगठन की ओर से जिस तरह की अनदेखी देखने को मिली है, वह कई जमीनी कार्यकर्ताओं को हैरान कर रही है। पिछले डेढ़ महीने में संगठन ने उनके समर्थन में कोई ऐसा कदम नहीं उठाया है, जो चर्चा का विषय बने।
  यह भी सच है कि सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी राजनीतिक मामलों से जुड़ी नजर आ रही है, लेकिन इसके बावजूद संगठन का मौन धारण करना कई कार्यकर्ताओं के मनोबल को कमजोर कर रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अब यह चर्चा आम हो गई है कि जब एक जाना-पहचाना चेहरा और संगठन के लिए समर्पित कार्यकर्ता की अनदेखी हो सकती है, तो आम कार्यकर्ताओं का क्या होगा।
  सोशल मीडिया पर कई कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं, जिससे उम्मीद है कि बड़े नेता उनकी बातों पर ध्यान देंगे। इस स्थिति में भाजपा संगठन की एकता और कार्यकर्ताओं के प्रति सक्रियता की मिसाल दी जा रही है। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के लिए लगातार प्रयासरत रहती है और उन्हें सफलता भी मिलती है। कोई भी संगठन कार्यकर्ताओं के जोश के बिना आगे नहीं बढ़ता और कांग्रेस में दिख रहा यह लचीलापन एक बार फिर यह साबित करने के लिए काफी है कि पार्टी अभी भी चाटुकारों की फौज में ही मस्त है और नेतृत्व भी इन्हीं की चाटुकारिता से प्रसन्न है।
  ऐसी स्थिति में भविष्य में कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं का पार्टी से मोहभंग होना कोई बड़ी बात नहीं होगी। यह घटना उस समय की याद दिलाती है जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और पाटन क्षेत्र में शराब दुकान को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विवाद हुआ था। उस समय तत्कालीन सांसद विजय बघेल ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया और कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहने का संदेश दिया था। बृजमोहन सिंह के मामले में ऐसी कोई पहल नजर नहीं आ रही है।
  कांग्रेस के भीतर से उठ रही ये आवाजें संगठन की निष्क्रियता और नेतृत्व की उदासीनता की ओर इशारा कर रही हैं। क्या कांग्रेस अपने समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी नहीं होगी? यह सवाल वर्तमान समय में संगठन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  शौर्यपथ दैनिक समाचार का यह स्पष्ट मानना है कि भारत के हर नागरिक को संविधान और न्यायपालिका का पूर्ण सम्मान करना चाहिए। सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति करते समय संवैधानिक मर्यादाओं और न्यायिक प्रक्रियाओं का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। न्यायालय में विचाराधीन मामलों में अंतिम निर्णय आने तक निष्कर्ष निकालना अनुचित होगा। अत: इस पूरे मामले को निष्पक्ष दृष्टि से देखा जाना चाहिए, और साथ ही राजनीतिक संगठनों को भी अपने कार्यकर्ताओं के प्रति उत्तरदायी भूमिका निभानी चाहिए।

गौरव पथ विज्ञापन घोटाला: महापौर की सक्रियता के लिए उठी आम जनता की उम्मीद

दुर्ग / शौर्यपथ /

  नगर निगम दुर्ग में एक बार फिर भ्रष्टाचार का जिन्न बोतल से बाहर आता दिख रहा है। इस बार मामला तात्कालिक बाजार अधिकारी थान सिंह यादव से जुड़ा है, जिन पर दिसंबर 2024 में एक ऐसे अनुबंध पत्र तैयार करने का आरोप है, जिससे निगम को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। यह अनुबंध गौरव पथ पर लगे लॉलीपॉप विज्ञापन बोर्डों से संबंधित है, जहाँ जमीनी सच्चाई और दस्तावेजों के बीच बड़ा अंतर सामने आया है।

74 खंभे, पर अनुबंध में केवल 60 का उल्लेख
सूत्रों के अनुसार, गौरव पथ पर कुल 74 खंभों पर विज्ञापन बोर्ड लगे हैं, लेकिन तात्कालिक बाजार अधिकारी ने अनुबंध करते समय केवल 60 खंभों का ही उल्लेख किया। इससे सीधे तौर पर 14 खंभों से होने वाले राजस्व का नुकसान नगर निगम को उठाना पड़ा। इतना ही नहीं, अनुबंध में जो बोर्ड साइज का उल्लेख किया गया, वह भी मौके पर स्थापित बोर्डों के आकार से मेल नहीं खाता, जिससे शासन को अतिरिक्त राजस्व हानि हुई है।

पूर्ववर्ती विवादों से घिरा रहा है नाम
यह पहली बार नहीं है जब थान सिंह यादव विवादों में हैं। उनका नाम पहले भी विभागीय खींचतान और स्थानांतरणों में चर्चा में रहा है। अधिकांश आयुक्तों के आते ही उनका कार्य क्षेत्र बदला गया, जो उनके कार्य निष्पादन पर सवाल उठाता रहा है। ऐसे में अब जब सुशासन की बात हो रही है, यह आवश्यक हो जाता है कि ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो।

महापौर पर उठते सवाल या उम्मीदें?
इस पूरे मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों की निगाहें दुर्ग की महापौर श्रीमती अलका बाघमार की ओर हैं। हालांकि कुछ वर्गों ने प्रारंभ में उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए, परंतु अब जानकारी सामने आ रही है कि महापौर अलका बाघमार ने तात्कालिक बाजार अधिकारी के अनुबंध से जुड़े इस विवाद सहित उनके द्वारा पूर्व सरकार को गुमराह कर प्रस्तुत की गई कई अन्य वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी संकलित कर ली है।

जाँच समिति की पहल: सुशासन की दिशा में अहम कदम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महापौर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक स्वतंत्र जाँच समिति के गठन की दिशा में पहल की है, ताकि दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष जांच हो सके और नगर निगम की प्रतिष्ठा को बनाए रखा जा सके। सुशासन तिहार जैसे आयोजनों में निगम की सक्रियता और जवाबदेही को जनता के सामने प्रस्तुत करना महापौर का प्रमुख उद्देश्य रहा है, और इस दिशा में यह पहल उनके सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।

जनता को उम्मीद न्याय की
महापौर की ओर से यदि यह जांच समिति शीघ्र गठित होती है और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होती है, तो इससे आम जनता को यह संदेश मिलेगा कि वर्तमान नगर निगम प्रशासन, विशेषकर महापौर अलका बाघमार, भ्रष्टाचार के विरुद्ध बिल्कुल भी नरमी नहीं बरतती। साथ ही यह कदम नगर प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल प्रस्तुत कर सकता है।
  शासन के ?1 का भी नुकसान करने वाले अधिकारी को वह सजा मिलनी चाहिए जो करोड़ों की गड़बड़ी करने वालों को मिलती है—इस सच्चाई को स्थापित करने का यह एक उपयुक्त अवसर है। अब देखना यह है कि महापौर की अगुवाई में नगर निगम दुर्ग इस चुनौती को कैसे सकारात्मक अवसर में बदलता है।

 सक्ति, छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ /

   सक्ति जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के महत्वपूर्ण पद पर एक परिवीक्षाधीन (Provisional) डॉक्टर, श्रीमती पूजा अग्रवाल की नियुक्ति ने स्वास्थ्य विभाग में हलचल मचा दी है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब जिले में कई वरिष्ठ और अनुभवी चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध हैं, जो लंबे समय से शासन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इस फैसले से स्वास्थ्य कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच गहरी नाराजगी और चर्चा का माहौल है।
मिली जानकारी के अनुसार, श्रीमती पूजा अग्रवाल वर्ष 2022 बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में अपनी परिवीक्षाधीन अवधि में हैं। इसके बावजूद उन्हें जिले जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपना, कई लोगों को नागवार गुजर रहा है। विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय वरिष्ठता और अनुभव को पूरी तरह से दरकिनार करता है।
वरिष्ठ अधिकारियों में निराशा का माहौल
शासन के इस अप्रत्याशित कदम से कई वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी खुद को आहत महसूस कर रहे हैं। वर्षों के अनुभव और समर्पण के बाद भी उन्हें नजरअंदाज कर एक प्रोविजनल अधिकारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना, उनके मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या जिले में एक भी परमानेंट और अनुभवी अधिकारी ऐसा नहीं था, जो इस पद को संभालने में सक्षम होता?
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने भी उठाई आपत्ति
इस मामले में केवल वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। संघ का कहना है कि इस तरह की नियुक्तियां पारदर्शिता और योग्यता के मानदंडों पर सवाल खड़े करती हैं। संघ ने शासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और वरिष्ठता तथा अनुभव को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
क्या शासन लेगा संज्ञान?
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या शासन इस पूरे मामले को संज्ञान में लेगा? क्या वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी और संघ की आपत्तियों पर गौर करते हुए नियुक्ति पर पुनर्विचार किया जाएगा? या फिर एक प्रोविजनल अधिकारी ही शक्ति जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की कमान संभालेगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और अनुभवी अधिकारियों के सम्मान का यह मामला अब सबकी निगाहों में है।

रायपुर/शौर्यपथ /वन मंत्री केदार कश्यप के बयानों का कड़ा विरोध करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जब भी कोई आदिवासियो के विकास की बातें करता है, आदिवासी सम्मान को सशक्त करने की बात करता है, तब भाजपाईयों को पीड़ा होती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आदिवासी नेताओं से भेंट कर आदिवासी नेतृत्व को आगे बढ़ाने की बात करते है, तो वन मंत्री केदार कश्यप तिलमिला गये। क्योंकि वे उसी भाजपा आर.एस.एस संस्कृति के नेता है, जो आदिवासी को आदिवासी नहीं वनवासी कहते है। ताकि आदिवासी संस्कृति को नष्ट किया जा सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने वन मंत्री केदार कश्यप से कहा कि वे छत्तीसगढ़ की जनता को हिसाब दे।
ऽ आप प्रदेश में 16 साल 8 महीने तक मंत्री है, प्रदेश के आदिवासियों के लिये आपने क्या किया?
ऽ आपकी की पूर्ववर्ती सरकार ने 3500 स्कूल बंद किये थे, तब आप स्कूल शिक्षा मंत्री थे। अब 10463 स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में क्या हालत है, पता है?
ऽ आपके 16 साल के मंत्री कार्यकाल में बस्तर के हजारों आदिवासियों को फर्जी नक्सली केस में जेल भेज दिये तो आप कहां थे?
ऽ आपके 16 साल 8 महीने मंत्री रहते बस्तर में आदिवासियों को नक्सली बताकर कई फर्जी एनकाउंटर किये तब आप कहां थे?
ऽ अब बैलाडीला के आयरन ओर दो खदाने आरसेलर मित्तल को कांकेर जिले के हाहालादी की आयरन ओर की खदाने और बीजापुर के कोरन्डम की खदाने निजी उद्योगपति को बेच दिया, आप कहां है, एक शब्द क्यों नहीं बोलते?
ऽ हसदेव में कोल माइंस के लिये पूरा जंगल कट रहा है और आप वन मंत्री है आपको पता है कि आप कहां है?
ऽ तमनार में कोल माइंस के लिये पूरा जंगल कट रहा है, आप वन मंत्री है, पता है कि नहीं?
ऽ बोधघाट बनने से 42 गांव के आदिवासियों का क्या होगा?
ऽ बीजापुर में एक निर्दोष आदिवासी रसोइया महेश कुडियाम मारा गया, जो सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने और परोसने का काम करता था, जिसे आपकी सरकार हर माह तनखा दे रही थी, तो चुप क्यों है?
ऽ सुकमा जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने वाले आदिवासियों का पैसा खा गये, शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना बंद कर दिये, आप मौन है?  
ऽ बस्तर में तेंदूपत्ता तोड़ने वाले आदिवासियों को जूता-चप्पल देना है तो उनके खाते में सीधा पैसा क्यों जमा नहीं करते?
ऽ बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा में आदिवासी व किसानों की जमीन में टाटा स्टील प्लांट लगाने के नाम पर आदिवासियो को ठगा गया, बिना उद्योग लगाये केवल जमीन छीन कर लैण्ड बैंक बनाकर रखा गया था, तब आप चुप क्यों थे?
ऽ पूरे बस्तर और सरगुजा संभाग में पेसा कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, ग्राम सभा के अधिकार कुचले जा रहे है, उस पर आप मौन क्यों है?  
ऽ हां अगर आप कह रहे है कि आदिवासियों का विकास हुआ है तो आओ हमारे साथ हसदेव चलो, तमनार चलो, बैलाडीला चलो, बीजापुर कोरन्डम खदान चलो, बोधघाट प्रभावित क्षेत्र चलो, वहां के आदिवासियों का हाल पूछो तो पता चलेगा कितना विनाश हुआ है या विकास। सच यह है कि बस्तर के समृद्धि, संस्कृति और संसाधन को बेचने के गुनहगार है आप।

पंडित लखनलाल मिश्र अमर रहें" के जयघोष से गूंजा गौरव स्थल:
दुर्ग/शौर्यपथ  /स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के संपूर्ण छत्तीसगढ़ अंचल से पधारे उत्तराधिकारीगण आज दुर्ग नगर निगम द्वारा स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र की आदमकद प्रतिमा के समक्ष एकत्रित हुए एवं उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
  कार्यक्रम की शुरुआत गौरव स्थल में पुष्पांजलि अर्पित कर की गई, जिसके पश्चात सभी सदस्य पंडित मिश्र की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे। इस भावपूर्ण अवसर पर संगठन के अध्यक्ष मुरली मनोहर खंडेलवाल, सेवानिवृत्त आईएएस गणेश शंकर मिश्रा, पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी, प्रो. किशोर कुमार अग्रवाल, सुरेश मिश्रा, श्रीमती रमा जोशी, श्रीमती रेखा जोशी, घनश्याम सोनी, श्री सुनील बजारी सहित बड़ी संख्या में संगठन के सदस्य एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
 पंडित मिश्र को किया स्मरण...
  उपस्थितजनों ने पंडित मिश्र के स्वतंत्रता संग्राम में किए गए योगदान को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान “पंडित लखनलाल मिश्र अमर रहें”, “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” तथा “महात्मा गांधी की जय” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।
 प्रतिमा अनावरण का उल्लेख.
  उल्लेखनीय है कि पंडित लखनलाल मिश्र की प्रतिमा का अनावरण 5 जनवरी 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. श्री रमन सिंह के करकमलों द्वारा किया गया था। इस ऐतिहासिक अवसर पर उपमुख्यमंत्री एवं दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शर्मा की विशेष उपस्थिति रही थी।
उत्तराधिकारी संगठन की भूमिका..
कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराधिकारी संगठन ने स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को सजीव रखने और उनके संघर्ष को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता दोहराई। संगठन के सदस्यों ने कहा कि यह श्रद्धांजलि मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि एक पीढ़ी का कर्तव्य है, जो अपने स्वतंत्रता सेनानी पूर्वजों के सपनों का भारत बनाने हेतु प्रेरित करती है।

भू-अभिलेख सुधार, डिजिटल सर्वे और राजस्व न्यायालयों में मामलों के त्वरित निराकरण को लेकर हुई विस्तृत चर्चा
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय से आज विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय में भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने, भूमि सर्वेक्षण में तकनीकी नवाचारों के उपयोग, तथा राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों को अद्यतन करने और आवश्यक सुधार के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड जितने व्यवस्थित होंगे, राजस्व न्यायालयों में मामलों का निपटारा उतना ही शीघ्र और प्रभावी रूप से हो सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि अभिलेखों में सुधार संबंधी केंद्र सरकार की सभी पहल के साथ राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी, ताकि यह प्रणाली और अधिक प्रभावशाली व जनहितकारी बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तकनीक आधारित नवाचारी पहलों के माध्यम से भू-राजस्व रिकॉर्ड में पारदर्शिता, गति और सटीकता लाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसानों और आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस दिशा में सभी आवश्यक कदम तत्परता से सुनिश्चित करें।
केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है और राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से इसमें और अधिक सुधार लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पारंपरिक पद्धति से किए जाने वाले भूमि सर्वेक्षण में समय अधिक लगता था, किंतु अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग से यह प्रक्रिया तेज़, अधिक सटीक और भरोसेमंद हो गई है।
 जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार भू-अभिलेख संधारण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है, जिसके अंतर्गत राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान नक्शों के अद्यतन में कई बार तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिन्हें डिजिटल सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावी रूप से दूर किया जा सकेगा। इससे प्रत्येक नागरिक को अद्यतन और प्रमाणिक नक्शा प्राप्त होगा, जिससे गड़बड़ियों में कमी आएगी और शहरी क्षेत्रों के विस्तार को बेहतर ढंग से नियोजित किया जा सकेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी, राजस्व सचिव अविनाश चंपावत, संचालक भू-अभिलेख विनीत नंदनवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्रिपरिषद द्वारा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान दिए जाने के निर्णय हेतु व्यक्त किया आभार
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से  विधानसभा स्थित कार्यालय में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों ने सौजन्य भेंट कर मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2005 से 2009 बैच तक के अर्हकारी सेवा अवधि पूर्ण कर चुके अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किए जाने के निर्णय हेतु आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के समुचित प्रबंधन हेतु 30 सांख्येतर पदों का सृजन करते हुए वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय उन अधिकारियों के लिए लिया गया है जिन्होंने सेवा में निर्धारित अर्हता अवधि पूर्ण कर ली है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले,कीर्तन राठौर, अनंत साहू, डॉ. संगीता माहेलकर एवं श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम उपस्थित थीं।

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