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भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयत्र के कार्मिक अपने सृजनशीलता व रचनाधर्मिता से अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। भिलाई के इस्पात बिरादरी के कई नवीनीकृत कार्यों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमाई है। इसी कार्यकुशलता का परिचय दिया है बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभाग के कार्मिकों ने। एचआरडी विभाग के कार्मिकों ने अपने सृजनशीलता के बल पर विभाग में बंद पड़े लेथ मशीन का आंतरिक संसाधनों से रिनोवेशन कर इसे नया जीवन दे दिया।
श्री दुबे ने किया उद्घाटन
एचआरडी विभाग के इस रिनोवेटेड लेथ मशीन का उद्घाटन सेल-बीएसपी के कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे ने किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक एचआरडी द्वय श्री सौरभ सिन्हा एवं श्री अरविन चंद गोयल तथा उप महाप्रबंधक संजीव श्रीवास्तव सहित विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
ईडी पी एंड ए ने थपथपाई पीठ
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री दुबे ने इस महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करने वाले टीम के सृजनशील सदस्यों की सराहना की। उन्होंने टीम का उत्साहवर्धन करते हुए समूह के प्रत्येक सदस्य को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में वर्तमान कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसी प्रकार के और भी कार्य किए जायेंगे।
सृजनशील टीम के सदस्य
विदित हो सेल-बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभाग में लगे एचएमटी लेथ मशीन में इलेक्ट्रिकल व मेकेनिकल की कई समस्याएँ आ रही थीं। जिसके फलस्वरूप पिछले कई वर्षों से यह मशीन बंद पड़ी थी। इसे पुन: चालू करने का चुनौतीपूर्ण कार्य एचआरडी विभाग के कार्मिक श्री राम निवास शर्मा, वरिष्ठ अनुदेशक (मेकेनिकल); श्री अजय कुमार तिवारी, वरिष्ठ अनुदेशक (मेकेनिकल); के देवराजू, वरिष्ठ अनुदेशक (इलेक्ट्रिकल) एवं संजय सिंह, वरिष्ठ अनुदेशक (स्टोर) की टीम ने हाथ में लिया। इस हेतु रिनोवेशन प्लान बनाया गया और इस एचएमटी लेथ का पुनुरूद्धार कार्य एचआरडी के महाप्रबंधक अरविन चंद गोयल एवं उप महाप्रबंधक संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।
आतंरिक संसाधनों से हुई बचत
मानव संसाधन विकास विभाग के इस समूह ने इस लेथ में इलेक्ट्रिकल व मेकेनिकल समस्या का बारीकी से अध्ययन कर उसे आंतरिक संसाधनों के द्वारा ठीक करने में सफलता प्राप्त की। यदि इस लेथ के इलेक्ट्रिकल और मेकेनिकल कार्य को बाजार से करवाया जाता तो बड़ी धनराशि खर्च होती, जिसे एचआरडीडी की कार्यकुशल व समर्पित टीम ने आतंरिक संसाधनों से बिना किसी प्रकार के आर्थिक खर्च किए पूरा कर लिया। साथ ही विभाग और संयंत्र के लिए लागत नियंत्रण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया।
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