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शौर्यपथ सम्पादकीय / जब देश नींद में होता है, तब कुछ आंखें खुली रहती हैं — न सायरन बजता है, न तिरंगा लहरता है, न तालियाँ बजती हैं — लेकिन वो लोग हैं, जो हर ख़तरे की आहट पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर अंधेरे में कूद जाते हैं। वे हैं — NSG कमांडो, जिन्हें हम ब्लैक कैट्स के नाम से जानते हैं।
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कोई सामान्य बल नहीं, बल्कि विशेष परिस्थितियों में कार्यरत एक अत्यंत कुशल, गोपनीय और तकनीकी रूप से उन्नत बल है। इनकी पहचान उनकी वर्दी से नहीं, बल्कि अदृश्य साहस, मौन वीरता और दृढ़ संकल्प से होती है।
?️ 26/11: जब वीरता अमर हो गई
26 नवंबर 2008, मुंबई – वो काला दिन जब आतंकियों ने देश की व्यस्ततम महानगर को लहूलुहान कर दिया। सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान खतरे में थी। तब NSG कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई में उतरे।
उनके अंतिम शब्द, "Don't come up, I will handle them", आज भी हर सच्चे भारतीय के हृदय को झकझोर देते हैं। उन्होंने ताज होटल में अकेले मोर्चा संभालते हुए, अपने घायल साथी को बचाया और आतंकियों को निष्क्रिय किया, लेकिन स्वयं वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी शहादत, सिर्फ एक व्यक्ति का बलिदान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना का जागरण है।
?️ NSG: जो हर खामोश जंग लड़ते हैं
NSG का गठन 1984 में हुआ था, लेकिन उनकी अधिकांश कार्यवाहियां आज भी गुप्त रहती हैं। ये वही बल है जो आतंकवाद, अपहरण, वीआईपी सुरक्षा, और शहरी युद्ध जैसे कार्यों में अंतिम विकल्प के रूप में सामने आता है।
जब देश ऑपरेशन ब्लू स्टार की पीड़ा को भूला नहीं था, तब ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1988) में NSG ने बिना किसी बड़ी क्षति के उग्रवादियों को निष्क्रिय किया — यह उनकी रणनीतिक कुशलता और मानवीय सोच का परिचायक था।
?️ वीरता का सम्मान शब्दों से परे है
क्या हम कभी हवलदार सुरेंद्र सिंह या कर्नल संदीप सेन का नाम याद करते हैं? शायद नहीं, क्योंकि ये कमांडो गोपनीयता की शपथ के साथ जीते हैं, और मरते भी हैं। ना कैमरों के सामने आते हैं, ना सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं — लेकिन हर बार जब देश पर संकट आता है, सबसे पहले यही लोग आगे बढ़ते हैं।
?? हमारी जिम्मेदारी
आज जब सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीरों और नकली कहानियों से वीरता की छवि बनाई जा रही है, हमें वास्तविक नायकों की पहचान करनी होगी। NSG कमांडो की कहानियाँ न केवल प्रेरक हैं, बल्कि हमें याद दिलाती हैं कि स्वतंत्रता और सुरक्षा, दोनों मुफ्त नहीं होतीं।
✍️ अंत में...
इन कमांडोज़ की कोई "फैन फॉलोइंग" नहीं होती, ना ही ये गले में मेडल टांगे घूमते हैं। ये परछाइयों में लड़ने वाले योद्धा हैं, जिनके कारण हम उजालों में चैन की सांस ले पाते हैं।
उनके लिए, एक सलामी काफी नहीं — सचेत नागरिकता, फर्जी खबरों से परहेज, और राष्ट्रहित में जागरूकता ही उनकी असली श्रद्धांजलि है।
मोहला /शौर्यपथ /धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत गत दिवस कौड़ीकसा स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पांच नवीन कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी श्री एस. एल. ठाकुर एवं समिति प्रबंधक की उपस्थिति रही। लाभान्वित कृषकों में श्री लवण निवासी अरजकुंड, श्री सूरज पिता रामलाल निवासी भगवानटोला, श्री शिवचंद पिता परस निवासी भगवानटोला, श्री राजेंद्र पिता मोहन निवासी लेडीजोब, एवं खिलेंद्र पिता भुनेश्वर निवासी अरजकुंड, शामिल हैं। किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त होने से अब इन कृषकों को खेती के लिए आवश्यक राशि समय पर उपलब्ध हो सकेगी, जिससे वे बीज, खाद, दवा एवं सिंचाई जैसी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित कर सकेंगे। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासी अंचलों में किसानों को वित्तीय रूप से सक्षम बनाते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम भगवानटोला के किसान सूरज पिता रामलाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, पहले खेती के लिए पैसों की बहुत दिक्कत होती थी। ब्याज पर उधार लेना पड़ता था। लेकिन अब किसान क्रेडिट कार्ड मिल गया है। इससे बीज और खाद समय पर ले पाएँगे। धरती आबा अभियान के कारण ही ये सब संभव हो पाया। हम सरकार और समिति का बहुत धन्यवाद करते हैं। यह अभियान न केवल आर्थिक विकास का माध्यम बन रहा है, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में भरोसे और सशक्तिकरण की नई कहानी भी लिख रहा है।
07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में आयोजित होगा शिविर
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभन्वित किया गया। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा शिविर में उपस्थित 03 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 02 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित करने के अलावा ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आज आयोजित शिविर में सगरी बाई एवं सुनीता बाई को राशन कार्ड, सविता बाई एवं ललिता बाई को जाॅब कार्ड एवं नदंूराम कुल्हारे एवं रोमिन बाई को कोदो बीज का वितरण किया गया। इसके अलावा यशोदा बाई एवं रजऊ राम को मुख्यमंत्री पेंशन योजना से लाभान्वित किया गया। इसके साथ ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 50 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 05 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 03 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि, 04 हितग्राहियों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 14 ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई।
आज दोनों ग्रामों में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में शामिल होने बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही पहुँचे थे। शिविर में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को अपने-अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए इन योजनाओं के लाभ लेने के प्रक्रियाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। आज ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होेने पर हितग्राही बहुत ही प्रसन्नचित एवं उत्साही नजर आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर एवं डौण्डी विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार सोमवार 07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में शिविर का आयोजन किया गया है।
प्रभारी महापौर व्यवस्थापन के लिए गंजपारा का निरीक्षण करने पहुँचे:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास पर और महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दिशा निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने एमआईसी सदस्य काशीराम कोसरे,शिव नायक,नीलेश अग्रवाल,बाजार अधिकारी शुभम गोइर के साथ गंजपारा क्षेत्र का जायजा लिया।महापौर श्रीमती बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर श्री बंजारे के औचक निरीक्षण के दौरान गंजपारा में मनमानी अव्यवस्था का आलम,क्षेत्र में सड़क किनारे अवैध कब्जों से सामना हुआ।इस दौरान नाराजगी जताते हुए प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने तत्काल अव्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।उन्होंने दुकानों के बहार सामान ओर कई जगह गुमटी-ठेले मिले, यह देखकर उन्होंने सीमा के अंदर कारोबार करने की हिदायत दी।ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।उन्होंने कहा सड़क किनारे रोड को कब्जमुक्ति कराए,ताकि लोगो को आवाजाही में सुविधा हो।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने शहर को व्यवस्थित करने और बाजार को और बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की तैयारी की जा रही है।बात दे कि भारतीय स्टेट बैंक के पीछे गंजपारा क्ष्रेत्र का दौरा कर अतिक्रमण को हटाने के बाद,व्यपारियो को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जा रही है।
बीते दिनों निगम प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने के बाद, अब शहर के निगम प्रशासन ने सड़कों को चौड़ा करने और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्थापन किया है।
प्रभारी महापौर ने बताया की महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास से आने के बाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बाजार को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जाएगी और जल्द से जल्द व्यवस्थापन किया जाएगा।उन्होंने गंजपारा के लिए लगभग 40 से 50 गुमटियां बनवाने की तैयारी के लिए अधिकारी को निर्देश कर दिया है।
उन्होंने कहा गुमटियाँ व्यापारियों को एक उचित स्थान प्रदान करेंगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को व्यवस्थित ढंग से कर सकेंगे।उन्होंने कहा गुमटियाँ शहर के सौंदर्य को भी बढ़ाएंगी।
- कलेक्टर ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का किया शुभारंभ
- अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतर अवसर : कलेक्टर
- सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी करते है अग्रसर : सीईओ जिला पंचायत
- मन में ठान लीजिए तो कोई कार्य मुश्किल नहीं, जुनून के साथ करें पढ़ाई : श्री आकाश गर्ग
- स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ करें अध्ययन : श्री आकाश गर्ग
- हमारी सफलता के पीछे होती है असफलताएं एवं संघर्ष : सुश्री पूर्वा अग्रवाल
- कभी भी प्रयास करना न छोड़े, अनुशासन का अनुकरण करें : श्री अंकित धवानी
मोबाईल में स्क्रीन टाईम करें कम : श्री अंकित धवानी
- अध्ययन के दौरान शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर रखें ध्यान : श्री आदित्य विक्रम
- अध्ययन के लिए तैयारी ऐसे कीजिए कि जैसे समंदर में तैरना है तो कूद जाइए : श्री आदित्य विक्रम
- लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से करें तैयारी : श्री अभिषेक अग्रवाल
- यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली नहीं जा पाए, तो जहां आप है वहां दिल्ली जैसे इको सिस्टम बना लीजिए : श्री अभिषेक अग्रवाल
राजनांदगांव/शौर्यपथ / युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा, क्षमता एवं संभावनाओं को आकार देने के लिए तथा उनके कैरियर को सही दिशा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं युवा शामिल हुए। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। हम सभी ने उनके विचारों एवं जीवन से प्रेरणा ली है और अनुसरण किया है तथा उनके उद्धरण एवं लेखनी को अपने जीवन में आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित पांच शख्सियत यहां मौजूद हैं, जिनके अनुभवों का लाभ विद्यार्थियों एवं युवाओं को मिलेगा। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं किसी कार्यक्रम में अखिल भारतीय सेवा के चयनित अभ्यर्थी के प्रेरक उद्बोधन को सुनकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहित हुए थे और यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। इसलिए हमेशा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हुए। जिससे युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतरीन अवसर मिलता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि टॉपर्स के विचारों को सुने, समझे और सफलता के लिए सीख कर जाएं। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी सत्र में यूपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे। विद्यार्थी पढ़ाई के लिए मोबाईल का उपयोग कम करेंगे। इसके लिए विभिन्न विषयों पर अभिमत, विश्लेषण पढऩे की आवश्यकता है। भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा कठिन परीक्षा है। गंभीरता से तैयारी करने पर सफलता मिलती है।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि आज यहां जो युवा आए है, वे एक मकाम हासिल करें और सफलता हासिल करें। इस उद्देश्य एवं आशा के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है कि विद्यार्थी एवं युवा यहां से कुछ सीखकर जाएं। यहां आए अभ्यर्थियों ने जीवन में संघर्ष किया है और उनकी जीवन यात्रा में बाधाएं रही। इसके बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि तनाव एक अच्छा शिक्षक है और सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी अग्रसर करते है।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 5वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आकाश गर्ग ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बी-टेक में स्नातक किया है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान एक जिला प्रशासक की भूमिका एवं जिम्मेदारी को देखते हुए इस पद पर कार्य करने के लिए रूझान बढ़ा। उन्होंने कहा कि मन में ठान लीजिए तो कोई काम मुश्किल नहीं। आप जुनून के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2023 में यूपीएससी की परीक्षा में असफल हुए थे। उन गलतियों को ठीक करते हुए वे बेहतर परिणाम की ओर अग्रसर हुए। उन्होंने कहा कि गलतियों को दोहराना नहीं, बल्कि उसमें सुधार करना और सीखना है। स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ अध्ययन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 65वां रैंक प्राप्त करने वाली एवं छत्तीसगढ़ टॉपर सुश्री पूर्वा अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बनाएं रखें, लेकिन परीक्षा को कम न आंके। इसमें केवल तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि विश्लेषण भी किया जाता है। समय पर तैयारी करने के साथ ही निरंतरता बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि हमारी सफलताएं दिखाई देती है, लेकिन कोई भी सफलता हमें एक दिन में प्राप्त नहीं होती। इसके पीछे हमारी असफलताएं भी होती है, जिन्हें लोग नहीं जानते। जीवन के उतार चढ़ाव से हार मत मानिए। उन्होंने बताया कि परिवार से उन्हें बहुत मदद मिली।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 9वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आदित्य विक्रम ने बताया कि उनका संघर्ष जरा लंबा रहा, लेकिन परिवार का भरपूर सहयोग मिला। देश की सेवा के लिए आना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें पांचवें प्रयास मेंं सफलता मिली। परीक्षा की तैयारी के दौरान हताश एवं निराश भी रहा। इसलिए अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाएं रखने के लिए मेडिटेशन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान 7 घंटे सोना चाहिए और लगभग 8-10 घंटे पढऩा चाहिए। रूटीन में पढ़ाई में निरंतरता रहे तथा लाइब्रेरी में भी जाकर पढ़ा जा सकता है। मोबाईल का उपयोग कम करें और सोशल मीडिया से दूर रहें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से अधिक से अधिक युवाओं का चयन होना चाहिए। तैयारी ऐसे किजिए जैसे तैरना है, तो समंदर में कूद जाईए। मन में कोई झिझक नहीं रखें और सभी विषयों का लगातार रिविजन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 273वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अंकित धवानी ने बताया कि वे राजिम के निवासी है। उन्होंने कहा कि कभी भी प्रयास करना न छोड़े। अच्छे दोस्त बनाएं और उनसे समस्या के संबंध में चर्चा करें। मोबाईल का उपयोग एसेट की तरह करें और मोबाईल में स्क्रीन टाईम कम करें। उन्होंने कहा कि अनुशासन का अनुकरण करें तथा मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पढ़ाई छत्तीसगढ़ में रहकर ही की।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 243वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी के लिए नई दिल्ली नहीं जा पाया। अध्ययन के लिए दिल्ली के ट्रैंड के साथ जागरूकता बनाए रखते हुए तथा सेवा में रहते हुए तैयारी की। उन्होंने कहा कि मैंने लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से तैयारी की। आधुनिक भारत एवं भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए लगन से पढ़ाई की। जहां अथाह विषय हैं, वहां टेक्स्ट सिरीज की मदद से पढ़ाई की उन्होंने युवाओं से कहा कि आप यूपीएससी की तैयारी यहां रह कर भी कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली जैसा इको सिस्टम बना लिजिए। जीवन में पढ़ाई के लिए थोड़ा सा तनाव भी जरूरी है। आप यह नहीं जानते की आपके लिए भविष्य में संभावनाओं के रास्ते खुले हुए हैं।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र में विद्यार्थियों एवं युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत सरकार एवं राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है।
इस बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैव संसाधनों के दोहन के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है। यहां युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जा रही है।
इंक्युबेशन सेंटर में 17 सूक्ष्म एवं लघु और 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जो तीन वर्षों तक सेंटर में कार्यरत रह सकेंगी। कृषि और फार्मा बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर के निर्माण एवं फर्निशिंग कार्य के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। इससे जहां एक ओर शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा देगी।
पाठ्यपुस्तक वितरण प्रक्रिया में आई तकनीकी समस्याओं पर लिया गया त्वरित निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा रही हैं। यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई जा रही है।
पाण्डेय ने बताया कि पिछले शिक्षा सत्र में सामने आई कुछ अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष प्रत्येक पुस्तक पर दो बारकोड लगाए गए हैं।एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा पुस्तक के गंतव्य विद्यालय की पहचान के लिए।
इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं, जो 17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुँचा दी गईं। शासकीय विद्यालयों की कक्षा 9वीं, 10वीं की पुस्तकें स्कूलों तक पहुंचा दी गई है तथा स्कूलों में बारकोड स्कैनिंग का कार्य भी 90 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इसी तरह आत्मानंद विद्यालयों में भी पुस्तकों का वितरण तेजी से किया जा रहा है और 60 प्रतिशत किताबें पहुँच चुकी हैं, शेष कुछ ही दिनों में पहुँचा दी जाएंगी।
प्राइवेट विद्यालयों को इस बार बारकोड स्कैनिंग के पश्चात ही पुस्तकें डिपो से प्रदान की जा रही हैं, जबकि पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती थी। हालांकि, बीते तीन दिनों में डिपो में स्थान की कमी और स्कैनिंग प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता की कमी के कारण समस्याएं उत्पन्न हुईं।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अवगत कराया गया और बताया गया कि 1100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिर सहित बड़ी संख्या में प्राइवेट विद्यालयों को पुस्तकें मिलनी हैं, तब मुख्यमंत्री जी ने शीघ्र निर्णय लेते हुए निर्देशित किया कि सभी प्राइवेट विद्यालय अपनी आवश्यकता अनुसार जिलेवार किताबें डिपो से प्राप्त करें तथा 7 दिवस के भीतर अपने विद्यालय में बारकोड स्कैनिंग पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय की सराहना करते हुए अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि यह शिक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों की पढ़ाई समय पर शुरू हो सके और कोई भी छात्र पुस्तक के अभाव में पीछे न रह जाए। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल एक बार फिर यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित और सजगता से कार्य कर रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को आगामी 20 जुलाई को बिलासपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय से समाज के युवाओं के उत्थान एवं कौशल विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की तथा राज्य सरकार द्वारा समाज के कल्याणार्थ किए जा रहे कार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री साय ने रजक समाज की एकजुटता और प्रगति की सराहना करते हुए सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रह्लाद रजक उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली "वॉटर वुमन" के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से सिंदूर पौधरोपण को जन-जन तक पहुंचाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने शिप्रा पाठक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शिप्रा पाठक ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किए गए कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर पहचान प्राप्त की है। उनके नेतृत्व में सिंदूर पौधरोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम लोगों को पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित भी किया है।इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर हरिशंकर सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
रायपुर /शौर्यपथ /प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से बेहतर परिणाम मिले हैं। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के पूर्व कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के पश्चात प्रदेश के 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है जो कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सार्थक कदम है, जिससे निःसंदेह उन विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
बस्तर एवं सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी के कारण लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय रह गये हैं। निकट भविष्य में प्रधान पाठक एवं व्याख्याता की पदोन्नति तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती के द्वारा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पूर्ति कर दी जावेगी, जिससे कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय नहीं रहेगा तथा अन्य विद्यालयों में भी जहां शिक्षकों की कमी है, शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया, शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित प्रावधानों के तहत की गई है, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाये गये, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।