July 18, 2025
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शौर्यपथ

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छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किया नया मुकाम:नई शिक्षा नीति से बदली तस्वीर, छत्तीसगढ़ में स्थानीय भाषाओं में मिल रही शिक्षा
मुख्यमंत्री ने पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है, और यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बीते वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां पहले प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज वहां 15 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साथ ही, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। गांव-गांव में स्कूल खोले गए हैं, और बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप महाविद्यालयों की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई गांवों के बच्चों के लिए केवल एक स्कूल होता था। मुझे याद है कि मैंने पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दूसरे गांव में दी थी, क्योंकि हमारे गांव में परीक्षा केंद्र नहीं था। आज छत्तीसगढ़ में छात्रों के लिए असीम अवसर मौजूद हैं और प्रत्येक बच्चे को इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है, और इसी संकल्प को लेकर हम विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़ गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।

श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है।

रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा।

विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार श्री राज सैनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की।

कार्यक्रम में पीएसवाय के प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार श्री महेंद्र गुप्ता, सीईओ श्रीमती शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

रायपुर, 11 जुलाई 2025 / शौर्यपथ संवाददाता

    राजधानी रायपुर में न्यूज़18 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित भव्य ‘राइजिंग छत्तीसगढ़’ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य की विकास गाथा और भविष्य की दिशा को लेकर दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने जिस ऐतिहासिक विश्वास के साथ उन्हें सत्ता सौंपी है, उस पर वे समर्पित जनसेवक की तरह कार्य कर रहे हैं, और हर वर्ग के कल्याण को केंद्र में रखते हुए योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने गिनाईं सरकार की प्राथमिक उपलब्धियाँ:

? आवास क्रांति:

  • 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति उनकी सरकार की पहली कैबिनेट में दी गई, जिससे आज हज़ारों परिवारों को गृहप्रवेश का सौभाग्य मिल रहा है।

? किसान सम्मान:

  • किसानों के लिए ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी प्रारंभ की गई है, जिसमें पिछली सरकार की दो वर्षों की बकाया राशि का भी भुगतान किया जा रहा है।

?‍? महिलाओं को अधिकार और सहायता:

  • महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

? आदिवासी सशक्तिकरण:

  • चरण पादुका वितरण, तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस, और तीर्थदर्शन योजना जैसे कदम जनजातीय समाज को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक सिद्ध हो रहे हैं।

? डिजिटल ग्राम पंचायतें:

  • 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल केंद्र स्थापित हो चुके हैं, जिससे ग्रामीण जनता को बैंकिंग, सरकारी सेवाओं और डिजिटल सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। जल्द ही यह सुविधा सभी पंचायतों तक विस्तारित होगी।

? महिलाओं को रोज़गार के नए अवसर:

  • रेडी टू ईट खाद्य निर्माण का कार्य फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया, जिससे आत्मनिर्भरता को नया बल मिला है।

? नक्सलवाद पर निर्णायक कार्यवाही:

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 31 मार्च 2026 की समयसीमा के अनुसार छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त राज्य बनाने का संकल्प लेकर उनकी सरकार गांवों में नियद नेल्लार योजना के अंतर्गत तेज़ी से विकास कार्य कर रही है।

"नक्सल प्रभावित इलाकों में हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, इंटरनेट जैसी सुविधाएं पहुंचा रहे हैं — यही असली जवाब है नक्सलवाद को,"
– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

?️ कॉन्क्लेव: संवाद और दृष्टिकोण का प्रभावशाली मंच

‘राइजिंग छत्तीसगढ़’ कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ की संभावनाओं, उपलब्धियों और आने वाले कल को लेकर अनेक विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए गए।
यह मंच शासन, सशक्तिकरण, नवाचार और जन भागीदारी के अद्भुत समन्वय का प्रतीक बना।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री डॉ. रामविचार नेताम, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, बुद्धिजीवी, पत्रकार और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

? मुख्यमंत्री साय का संदेश:

"हमारे विकास मॉडल में अंतिम व्यक्ति की भागीदारी और लाभ को प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ सिर्फ योजनाओं से नहीं, जनता के विश्वास से आगे बढ़ रहा है। यही 'राइजिंग छत्तीसगढ़' है।"

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मिस यूनिवर्स छत्तीसगढ़ 2025 डॉ. अंजली पवार ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने डॉ. अंजली पवार को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

भेंट के दौरान मुख्यमंत्री साय ने डॉ. अंजली पवार को छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्रों सहित प्रदेश के सभी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में पर्यटन विकास की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद उपस्थित थे।

रायपुर, 12 जुलाई 2025 / शौर्यपथ संवाददाता

 छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों ने एक बार फिर राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। महासमुंद जिले के पिथौरा निवासी श्री प्रेम राजन रौतिया ने नेपाल के पोखरा में आयोजित एसबीकेएफ इंटरनेशनल गेम्स 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

31 अगस्त से 4 सितंबर 2024 के बीच आयोजित इस प्रतियोगिता में श्री रौतिया ने अंडर-30 कैटेगरी में 735 किलोग्राम भार उठाकर न केवल देश बल्कि छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित किया।

इस उपलब्धि के बाद श्री रौतिया ने आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई देते हुए कहा,

"प्रेम राजन रौतिया जैसे युवा खिलाड़ियों की मेहनत और संकल्प पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी यह जीत हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।"

इस सम्मानजनक अवसर पर छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री ध्रुव कुमार मिर्धा, श्री खेमराज बाकरे सहित मेहर रविदास समाज के अनेक प्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे। सभी ने श्री रौतिया को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

यह उपलब्धि न केवल राज्य के खेल इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है, बल्कि ग्रामीण अंचल से निकले खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को भी नई उड़ान देती है।

राज्य सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला, मुकदमेबाजी के 62 हजार मामलों में आएगी कमी, जीएसटी संशोधन विधेयक को मंत्रिपरिषद की बैठक में मिली मंजूरी

रायपुर, 12 जुलाई 2025 | शौर्यपथ न्यूज
छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य में दस साल से अधिक समय से लंबित 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2025 तथा बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक के प्रारूप को अनुमोदन प्रदान किया गया।

इस निर्णय से प्रदेश के 40 हजार से अधिक छोटे व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा, साथ ही 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया और प्रशासनिक संसाधनों पर भार भी घटेगा।

व्यापार में सहजता के लिए जीएसटी प्रावधानों में अहम संशोधन

विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले इन विधेयकों में व्यापारियों के लिए कई सहूलियतें शामिल हैं:

  • RCM आईजीएसटी का ब्रांच ऑफिस में वितरण की अनुमति
    इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स अब रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत लिए गए आईजीएसटी का वितरण अपनी ब्रांच में भी कर सकेंगे।

  • पेनाल्टी मामलों में पूर्व डिपॉजिट 20% से घटाकर 10%
    जिन मामलों में टैक्स की डिमांड नहीं है, वहां अपील करने के लिए डिपॉजिट आधा कर दिया गया है — यह व्यापारियों के लिए राहतकारी कदम है।

  • वाउचर की कर देयता पर स्पष्टता
    ‘टाइम ऑफ सप्लाई’ की अनिश्चितता को समाप्त करते हुए इसे हटाया गया है, जिससे व्यापारिक स्पष्टता बढ़ेगी।

  • डिमेरिट गुड्स पर ट्रेस एंड ट्रैक सिस्टम लागू
    खासकर तंबाकू जैसे उत्पादों के लिए उत्पादन से उपभोग तक निगरानी का तंत्र विकसित किया गया है, जो कर चोरी पर लगाम लगाएगा।

  • SEZ वेयरहाउस में ट्रेड पर राहत
    विशेष आर्थिक क्षेत्रों में वस्तुओं के बिना मूवमेंट किए गए व्यापार को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का संशोधन प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा – “व्यापारियों को मिलेगी राहत, राज्य की अर्थव्यवस्था होगी सशक्त”

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निर्णय राज्य के छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक सार्थक पहल है। व्यापारिक प्रक्रिया को सरल और विवाद मुक्त बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।


? इस खबर को ज़रूर साझा करें — यह छोटे व्यापारियों के लिए नया अवसर और आशा लेकर आई है।

✍️ रिपोर्ट: शौर्यपथ संवाददाता | स्रोत: छत्तीसगढ़ शासन

युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम

?️ नई दिल्ली / शौर्यपथ संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर में आयोजित 16वें रोजगार मेले में विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में 51,000 से अधिक नवचयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि “रोजगार केवल नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में योगदान का माध्यम है।”

? युवाओं के लिए अवसर, देश के लिए भविष्य

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे रोजगार मेला अभियान के माध्यम से अब तक लाखों युवाओं को स्थाई सरकारी रोजगार दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल रोजगार प्रदान करना नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें देश के विकास में सक्रिय भागीदार बनाना है।

? सामाजिक विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य केवल आर्थिक समृद्धि नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग तक अवसरों की समान पहुंच सुनिश्चित करना है। रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को सक्षम, प्रशिक्षित और संगठित बनाकर उन्हें ‘विकसित भारत’ के निर्माण में शामिल किया जा रहा है।

? 1 लाख करोड़ का बजट प्रावधान, 3.5 करोड़ रोजगार की संभावना

सरकार ने इस अभियान को व्यापक रूप देने के लिए केंद्रीय बजट में लगभग ₹1 लाख करोड़ का विशेष प्रावधान किया है। इसके माध्यम से लगभग 3.5 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित किए जाने की संभावना जताई गई है।


? मुख्य बिंदु:

  • 16वां राष्ट्रीय रोजगार मेला देशभर में आयोजित

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 51,000 नियुक्ति पत्र सौंपे

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवचयनितों को संबोधित किया

  • 1 लाख करोड़ की बजट योजना से 3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य

  • युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाने की पहल

लखनऊ/शौर्यपथ संवाददाता

लखनऊ के चौक स्थित प्रसिद्ध बड़ी काली जी मंदिर परिसर में एक नए ब्लॉक के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में महिला सैनिकों और पायलटों की अहम भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से भारतीय सेना पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने में सफल रही।

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर महिला शक्ति को राष्ट्र की रक्षा और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "आज भारतीय सेना में महिलाएं केवल सहयोगी नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' इसका सजीव उदाहरण है।"

कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ पर वीरों को किया याद

राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष कारगिल विजय की 26वीं वर्षगांठ है। उन्होंने कैप्टन मनोज पांडे सहित उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारत माता की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

उन्होंने बताया कि कैप्टन मनोज पांडे जिस गोरखा राइफल्स रेजीमेंट से जुड़े थे, उसका नारा है — "जय महाकाली, आयो गोरखाली", जो न केवल एक युद्धघोष है बल्कि वीरता और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक भी है।

धार्मिक धरोहरों के संरक्षण पर बल

अपने संबोधन में मंत्री ने यह भी कहा कि देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को भव्य बनाने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा:

“काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण और अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर — ये सब उसी मिशन का हिस्सा हैं, जिससे हमारी संस्कृति और आस्था को वैश्विक पहचान मिल रही है।”

राजनाथ सिंह ने इस मौके पर लखनऊ स्थित महाकाली मंदिर को भी और अधिक भव्य और दिव्य रूप देने के लिए सार्वजनिक सहभागिता की अपील की।


? मुख्य बिंदु:

  • ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैनिकों की भूमिका को सराहना

  • कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि

  • गोरखा राइफल्स और कैप्टन मनोज पांडे का उल्लेख

  • धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की बात

✍️ विशेष लेख | शौर्य विश्लेषण

नागपुर में हाल ही में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत का एक संक्षिप्त लेकिन गूढ़ वक्तव्य पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा:

"जब आपको कोई 75 साल का होने पर बधाई देता है, तो इसका मतलब होता है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को काम करने देना चाहिए।"

भागवत का यह वक्तव्य प्रथम दृष्टया एक सामान्य सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में दिया गया बयान प्रतीत होता है, लेकिन इसकी राजनीतिक व्याख्या भी तेजी से होने लगी है — खासकर तब जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले वर्ष (2026 में) अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाने वाले हैं।


? प्रसंग: मोरोपंत पिंगले पर विमोचन समारोह

संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक “मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिवाइवलिज्म” के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की।

भागवत ने मोरोपंत पिंगले के जीवन और दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए कहा कि:

"75 वर्ष की उम्र में उन्होंने सार्वजनिक जिम्मेदारियों से स्वयं को अलग करना एक नैतिक अनुशासन माना था।"

इस संदर्भ में भागवत ने कहा कि यह एक "सीख" है — जिससे नई पीढ़ी को अवसर देने की भावना निहित है।


? राजनीतिक और वैचारिक विमर्श

इस बयान को जैसे ही सार्वजनिक विमर्श में जगह मिली, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी कि कहीं यह वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित भविष्य को लेकर कोई संकेत तो नहीं है।

RSS लंबे समय से यह संकेत देता आया है कि संस्था में आयुसीमा और उत्तरदायित्व को लेकर अनुशासन की परंपरा है। संघ के भीतर 75 वर्ष की आयु पार करने पर सक्रिय जिम्मेदारियों से स्वयं हटने का नैतिक अनुशासन देखा गया है।

प्रधानमंत्री मोदी स्वयं भी कई मौकों पर "नए नेतृत्व को स्थान देने" की बात करते रहे हैं, हालांकि उन्होंने अपने रिटायरमेंट को लेकर कभी कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की।


? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी के लिए संकेत है?

यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि मोहन भागवत का बयान सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के लिए ही था, लेकिन निम्न कारणों से यह चर्चा को जन्म देता है:

  1. प्रधानमंत्री मोदी 2026 में 75 वर्ष के हो जाएंगे।

  2. संघ की आंतरिक परंपरा में 75 वर्ष के बाद जिम्मेदारियों से मुक्त होने का चलन है।

  3. भागवत ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब देश में 2029 की तैयारियों पर सोचने का समय आ चुका है।

हालांकि, यह भी उतना ही सत्य है कि भारतीय राजनीति में आयु से अधिक जनाधार और परिणाम को प्राथमिकता दी जाती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पार्टी को मिली लगातार दो बड़ी चुनावी जीतें इस यथार्थ का प्रमाण हैं।


⚖️ एक संतुलित दृष्टिकोण क्यों ज़रूरी है?

एक ओर मोहन भागवत का बयान अनुभव और सेवा के सम्मान के साथ प्रत्यावर्तन (transition) की संस्कृति को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह किसी के लिए आवश्यक सेवानिवृत्ति का आदेश नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण और उत्तरदायित्व सौंपने की प्रेरणा है।

यह बयान हमें इस बात की भी याद दिलाता है कि संस्थाएं तभी जीवित रहती हैं जब वे नई ऊर्जा और विचारधारा को स्थान देती हैं, लेकिन साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि वर्तमान नेतृत्व की उपलब्धियों का समुचित मूल्यांकन हो।


? निष्कर्ष: संकेत, संवाद और संतुलन

संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस वक्तव्य को अगर केवल प्रधानमंत्री मोदी के संदर्भ में देखना सीमित दृष्टिकोण होगा। यह एक व्यापक संस्था आधारित चिंतन है जिसमें सेवा, विराम, उत्तरदायित्व, और उत्तराधिकार का संतुलन है।

भारत जैसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र में यह जरूरी है कि इस तरह के बयानों को राजनीति के सीमित चश्मे से देखने के बजाय वैचारिक परिपक्वता और संस्थागत अनुशासन के संकेत के रूप में भी समझा जाए।

? विशेष रिपोर्ट | 12 जुलाई 2025, शनिवार

आज का दिन शनिदेव को समर्पित है, और इस पावन शनिवार पर ग्रह-नक्षत्रों की चाल कुछ राशियों पर विशेष कृपा बरसाने वाली है, तो कुछ के लिए यह चेतावनी का दिन भी है। आइए जानते हैं कि आज का दिन आपके लिए क्या संदेश लेकर आया है।


? मेष (Aries)

भाग्य साथ देगा, रुके कार्यों में गति आएगी। नौकरी और कारोबार में उन्नति संभव।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।

? वृषभ (Taurus)

धन हानि से बचें, किसी से वाद-विवाद में न पड़ें। खर्च बढ़ सकता है।
उपाय: शनिदेव को तिल का तेल चढ़ाएं।

? मिथुन (Gemini)

पुराने मित्र मिल सकते हैं। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय: तुलसी के पौधे में जल दें।

? कर्क (Cancer)

प्रशंसा प्राप्त होगी। आज आत्मबल मजबूत रहेगा।
उपाय: शिवलिंग पर जल अर्पण करें।

? सिंह (Leo)

व्यापारियों के लिए अच्छा समय। किसी पुराने प्रयास का फल मिल सकता है।
उपाय: सूर्य को जल दें।

? कन्या (Virgo)

तनाव बना रह सकता है। संयम से काम लें।
उपाय: दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

? तुला (Libra)

प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी। व्यापार में वृद्धि संभव।
उपाय: माँ लक्ष्मी को कमल पुष्प चढ़ाएं।

? वृश्चिक (Scorpio)

आज धैर्य जरूरी है। वाद-विवाद से बचें।
उपाय: पीपल के नीचे दीप जलाएं।

? धनु (Sagittarius)

धन लाभ के योग हैं। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।
उपाय: केले के पेड़ में जल चढ़ाएं।

? मकर (Capricorn)

स्वास्थ्य में गिरावट संभव। चिंताओं से घिरे रह सकते हैं।
उपाय: शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें।

? कुंभ (Aquarius)

नई जिम्मेदारियां और सम्मान मिलेगा। निवेश में लाभ होगा।
उपाय: गाय को रोटी खिलाएं।

? मीन (Pisces)

घर में सुख-शांति बनी रहेगी। धार्मिक रुचि बढ़ेगी।
उपाय: सूर्य को कुमकुम मिश्रित जल चढ़ाएं।


?️ ज्योतिषीय सुझाव:
शनिवार को पीपल की पूजा, काले तिल का दान, और शनि मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप विशेष फलदायक माना जाता है। जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें विशेष सावधानी व उपाय करने की सलाह दी जाती है।


? नोट: यह राशिफल सामान्य चंद्र राशि आधारित है। अधिक सटीक जानकारी के लिए कुंडली विश्लेषण आवश्यक है।

दुर्ग। शौर्यपथ संवाददाता
 
   नगर पालिक निगम दुर्ग के नवनियुक्त सभापति श्याम शर्मा एवं अधिवक्ता नीरज चौबे के बीच ऋषभ कॉलोनी में हुए विवाद ने शहर की सियासी और सामाजिक सरगर्मियों को बढ़ा दिया है। वाहन के हार्न बजाने और रास्ता अवरुद्ध होने की मामूली बात से शुरू हुआ यह विवाद मारपीट, गाली-गलौज और कार से कुचलने के प्रयास तक जा पहुंचा। पुलिस की तत्परता और न्यायालय की सूझबूझ से मामला अभी टकराव की दिशा में बढऩे से टल गया है।

क्या है मामला?
  7 जुलाई को पुलगांव थाना में श्याम शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, अधिवक्ता नीरज चौबे ने अपनी कार (ष्टत्र 07 ष्टङ्घ 7235) से श्याम शर्मा के घर के सामने हार्न बजाया, जिससे उनकी बेटी और बेटा बाहर आए। आरोप है कि नीरज चौबे ने बच्चों को डांटा, उनकी स्कूटी को टक्कर मारी और गाली-गलौज करते हुए कार चढ़ाने का प्रयास किया। इस घटना को लेकर ढ्ढक्कष्ट की धारा 296, 115(2), 351(2), 281, 125्र, 109, 184 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
  इस मामले में अधिवक्ता नीरज चौबे की ओर से जिला सत्र न्यायालय दुर्ग में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया। अधिवक्ता ने दावा किया कि श्याम शर्मा, जो कि एक राजनीतिक पदाधिकारी हैं, ने जानबूझकर उन पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विवाद के दौरान स्वयं श्याम शर्मा ने भी अपमानजनक भाषा का उपयोग किया।
  जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुजूर की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद नीरज चौबे को दो सक्षम जमानतदारों के साथ 5-5 हजार रुपए की जमानत और 10,000 रुपए के व्यक्तिगत मुचलके पर अग्रिम जमानत प्रदान की।

विवाद पर बंटी शहर की राय, दोनों पक्षों को मिला समर्थन
  यह मामला राजनीतिक रंग भी पकड़ता नजर आ रहा है। जहां एक ओर सभापति श्याम शर्मा के समर्थन में कई पार्षद सामने आए हैं, वहीं दूसरी ओर अधिवक्ता नीरज चौबे के समर्थन में वकीलों की टीम एकजुट हुई है। नीरज चौबे के भाई सौरभ चौबे लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हैं और भाजपा के चुनावी अभियानों में कानूनी सलाहकार की भूमिका निभा चुके हैं। इससे यह विवाद भाजपा के आंतरिक समीकरणों से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है।

पुलिस ने निभाई अहम भूमिका, जांच टीम गठित
  पुलगांव थाना प्रभारी पुष्पेंद्र भट्ट के नेतृत्व में मामले को बड़ी ही सतर्कता से संभाला गया। पुलिस प्रशासन ने समय रहते दोनों पक्षों के बीच तनाव को बढऩे से रोका। एक विशेष जांच टीम गठित कर ली गई है, जो कॉलोनी के सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से मामले की निष्पक्ष जांच में जुटी है।

निष्कषर्: राजनीति और वकालत की रेखा पर खड़ा विवाद
  सभापति बनने के बाद श्याम शर्मा का यह तीसरा विवाद है, जिससे वह एक बार फिर चर्चा में हैं। वहीं नीरज चौबे का कानूनी और राजनीतिक बैकग्राउंड इस विवाद को और जटिल बना रहा है। फिलहाल शहर में यह मुद्दा आमजन की चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि मामला सुलह की दिशा में बढ़ता है या फिर राजनीति और कानून की लड़ाई कोर्ट के गलियारों में लंबा सफर तय करेगी।

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