July 18, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

रायपुर/शौर्यपथ/विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री  अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, कृषि मंत्री  रामविचार नेताम, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक धर्मजीत सिंह सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

जनहित में महापौर अल्का बाघमार का वार्ड 16 दौरा, समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश:
नालियो में गोबर बहाने पर डेयरी संचालकों पर कार्रवाही के दिए निर्देश,सुपर वाइजर को लगाई जमकर फटकार
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम दुर्ग की महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने सोमवार सुबह वार्ड क्रमांक 16 के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्वच्छता व्यवस्था की हकीकत जानी। सुबह 9 बजे से 11:30 बजे तक चले इस निरीक्षण में उन्होंने सिकोला भाठा, कर्मचारी नगर, जयंती नगर और साईं नगर का भ्रमण किया।
निरीक्षण के दौरान महापौर ने पाया कि गोठान के कारण मोहल्ले की नालियों में लगातार गोबर बहाया जा रहा है, जिससे पानी की निकासी अवरुद्ध हो रही है और नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है। उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए संबंधित सुपरवाइज़र को फटकार लगाई और तत्काल सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने साफ कहा कि गली-मोहल्लों की नालियों में इस प्रकार गोबर बहाना बेहद गैरजिम्मेदाराना है और इसकी पुनरावृत्ति होने पर डेयरी संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निगम अधिकारियों को निर्देशित किया कि दोषियों को नोटिस जारी कर जुर्माना लगाया जाए।
निरीक्षण के दौरान यह भी देखा गया कि कई नालियों की महीनों से सफाई नहीं हुई है। कर्मचारी नगर से जयंती नगर जाने वाले मार्ग की नालियों व गलियों में गंदगी की स्थिति को देख महापौर ने सफाई अमले की लापरवाही पर नाराजगी जताई।
महापौर श्रीमती बाघमार ने एमआईसी सदस्य नरेंद्र बंजारे, देवनारायण चंद्राकर, शेखर चंद्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, पार्षद खिलावन मटियारा, पार्षद युवराज कुंजाम, उपआयुक्त मोहेन्द्र साहू, उपअभियंता विनोद मांझी, प्रेरणा दुबे एवं जितेंद्र राजपूत,मौसमी ताम्रकर व वार्ड रहवासियों के साथ मिलकर क्षेत्र की नालियों की सफाई भी कराई।

संवाददाता - नरेश देवांगन
  जगदलपुर/शौर्यपथ/बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है, और ऐसे समय में गांवों में नालियों की साफ-सफाई बेहद जरूरी हो जाती है। लेकिन जगदलपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत आमागुड़ा में स्थिति इसके ठीक उलट है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव ने सफाई कार्य के नाम पर शासकीय राशि तो निकाल ली, लेकिन वास्तविक रूप से किसी भी प्रकार की सफाई नहीं कराई गई।
ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के अनुसार पंचायत के रिकॉर्ड में वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई के लिए ₹48,680 खर्च दर्शाए गए हैं। बिल-बाउचर में उल्लेख है कि इस कार्य में गिट्टी और सेंटरिंग तार पर ही ₹24,200 खर्च कर दिए गए। सवाल यह उठता है कि नाली की सफाई में गिट्टी और सेंटरिंग तार का क्या उपयोग हो सकता है?
 जब मौके पर जाकर स्थिति की पड़ताल की, तो पाया कि नालियां जस की तस गंदगी और कचरे से भरी हुई हैं। कई स्थानों पर नाली का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और दुर्गंध से ग्रामीणों का जीवन बेहाल हो चुका है।
निवासियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि,
    "जब से नाली का निर्माण हुआ है, हमने कभी किसी को सफाई करते नहीं देखा। अब तो नाली और सड़क में कोई फर्क ही नहीं रह गया है। मगर रिकॉर्ड में हजारों रुपए खर्च दिखाए गए हैं। ये सरासर घोटाला है।"
इस संबंध में ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जगदलपुर को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव ने अपने चहेते लोगों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है। गांव में कहीं भी सफाई का कार्य न होना, यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला प्रतीत होता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और क्या स्वच्छता मिशन को मजाक बनाते इन जिम्मेदारों पर कोई कठोर कदम उठाया जाता है?

"शासन के निर्देशों की अवहेलना करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं"
लोक निर्माण विभाग करेगा 8000 करोड़ से अधिक के कार्य, सभी पुलों की होगी मासिक निगरानी

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने आज निर्माण भवन, नवा रायपुर से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य भर के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राज्य की सभी सड़कों और पुलों को दिसंबर 2025 तक गड्ढामुक्त किया जाए।
  श्री साव ने बैठक में कार्यों की धीमी प्रगति और मरम्मत की गुणवत्ता पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को चेतावनी दी कि शासन के निर्देशों की अवहेलना करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत सड़कों की मरम्मत की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली।
 उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि से अवरुद्ध मार्गों को सुचारु बनाए रखने हेतु निगरानी और बचाव कार्यों की योजना को सक्रिय किया जाए। उन्होंने सभी सड़कों व पुल-पुलियों की नियमित निगरानी और गुणवत्तापूर्ण, टिकाऊ मरम्मत पर जोर दिया।
? प्रमुख बिंदु:
    8000 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण कार्य होंगे इस वर्ष।
    सभी कार्यों की डीपीआर शीघ्र भेजने के निर्देश।
    प्रशासकीय स्वीकृति वाले कार्य अविलंब शुरू किए जाएं।
    15 अगस्त तक सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यों की मंजूरी पूरी करें।
    खनन के कारण पुलों को नुकसान न हो, इसके लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय करें।
    भू-अर्जन के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश।

सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बरसात के बाद कार्यों की पूरी तैयारी रखें, और सड़क सुरक्षा व नवीनीकरण योजना (Renewal Plan) को प्राथमिकता दें। उन्होंने बताया कि 60 करोड़ रुपये का विशेष बजट सड़क सुरक्षा के लिए निर्धारित किया गया है।
   यह बैठक छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है, जो सीधे तौर पर प्रदेश की आधारभूत संरचना को मजबूत करने की मंशा को दर्शाती है।

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की कड़ी निगरानी में परीक्षा आयोजन, नकल प्रकरण में पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही जारी रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, रायपुर द्वारा आयोजित उप…

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम चरईडाड़ निवासी श्रीमती जीनत परवीन, वर्ष 2019 से बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं।
श्रीमती जीनत परवीन बताती हैं कि योजना से जुडऩे से पहले वे एक साधारण गृहिणी थीं।  राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत जब उन्हें बैंक सखी के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, तो उन्होंने इसे पूरी लगन और निष्ठा से अपनाया। आज वे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से जुड़ी बैंकिंग सेवाएं अपने गाँव और आसपास के ग्रामीणों तक पहुँचा रही हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को खाता खोलने, पैसा जमा-निकासी, आधार लिंक, सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान और अन्य बैंकिंग सेवाओं में सहायता प्रदान कर रही हैं। उनकी मासिक बैंकिंग लेनदेन की राशि 35 से 40 लाख तक पहुँचती है, जिससे उन्हें नियमित रूप से अच्छा कमीशन के रूप में अच्छी राशि प्राप्त हो जाती है। यह सेवा न केवल उनके लिए रोजग़ार का साधन बनी, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामाजिक पहचान का माध्यम भी बनी है।
श्रीमती जीनत परवीन बताती है कि इस आमदनी से उन्होंने अपने कई सपने पूरे किए हैं। वर्ष 2022 में उन्होंने अपने लिए एक स्कूटी भी खरीदी, जिससे अब वह आसानी से ग्रामीण क्षेत्र में सेवा प्रदान कर रही हैं। वे बताती है कि बैंक सखी बनने के बाद जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है और अब वे अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।

बीजापुर/शौर्यपथ /जिला बीजापुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के दिशा निर्देश एवं सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.आर. पुजारी के नेतृत्व में डॉ रत्ना ठाकुर, सिविल सर्जन एवं श्री वरुण साहू, जिला कार्यक्रम प्रबंधक के सहयोग से तथा डॉ पी. विजय, जिला नोडल अधिकारी के नेतृत्व में संचालित मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक व्यापक और संवेदनशील जागरूकता अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकना, मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें समय पर परामर्श और चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करना।
इस मानसिक स्वास्थ्य पहल के तहत जिला बीजापुर ने न केवल 443 जिंदगियों को बेहतर बनाया बल्कि उन्हें नई आशा और आत्मविश्वास से भी भर दिया। मानसिक स्वास्थ्य केवल एक चिकित्सा सेवा नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति की गरिमा और खुशहाल जीवन की कुंजी है, और इस कार्यक्रम ने यही सच्चाई साबित की है।
इस पहल के अंतर्गत विशेषज्ञ डॉक्टरों और समर्पित मानसिक स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने गंभीर अवसाद, चिंता विकार, तनाव और अन्य मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे रोगियों को परामर्श, उपचार और निरंतर समर्थन प्रदान किया जा रहा है। हर रोगी की आंखों में उम्मीद की चमक और चेहरे पर लौटती मुस्कान इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता है।
कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क परामर्श, दवाइयाँ और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान कर यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी व्यक्ति को वित्तीय बाधाओं के कारण सहारा न खोना पड़े। अस्पताल प्रशासन ने विभिन्न जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह संदेश फैलाया कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।
इस अभियान के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। उनके योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं में विस्तार से प्रस्तुत किया गया हैः-
’समुदाय-आधारित जागरूकता कार्यक्रमः- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र  के माध्यम से गाँवों और दूरदराज के क्षेत्रों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, लक्षणों की पहचान, और उपचार के तरीकों पर जानकारी दी जा रही है। ’प्रारंभिक जांच और परामर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रारंभिक मानसिक स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान की। यह पहल उन रोगियों के लिए लाभकारी रही, जिन्हें समय पर विशेषज्ञों तक पहुँचने का अवसर नहीं मिलता।
’रेफरल प्रणाली का सुदृढ़ीकरणः- गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित रोगियों को उच्च स्तर के चिकित्सा संस्थानों तक रेफर करने की एक प्रभावी प्रणाली विकसित की गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ने रेफरल के साथ निरंतर फॉलो-अप सेवाएँ भी सुनिश्चित कीं।
’स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षणः- स्थानीय स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा और प्रभावशीलता दोनों बढ़े।
’मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए परामर्शः- इस कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक रूप से विकलांग (मेन्टली डिसेबल्ड) बच्चों के लिए विशेष परामर्श सत्रों का भी आयोजन किया गया। इन सत्रों में विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं ने बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी और समर्थन प्रदान किया। इससे बच्चों के समग्र विकास में सहायता मिली और परिवारों को उनकी देखभाल के बेहतर तरीके सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ‘मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस अभियान के माध्यम से हमने न केवल मरीजों की सहायता की बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है। हम आगे भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन निरन्तर करते रहेंगे। इस अभियान के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर हम एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी सहायता के लिए निःशुल्क नेशनल हेल्पलाइन नंबर 14416 पर संपर्क करें। यह हेल्पलाइन अवसाद, मानसिक तनाव, और आत्महत्या रोकथाम पर परामर्श और सहायता प्रदान करती है।

   भिलाईनगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई के जोन 05 अंतर्गत सेक्टर 06 नाला सफाई का निरीक्षण करने आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय पहुंचे। सेक्टर 06 स्थित नाला के समीपस्थ बसाहट बीएसपी द्वारा निर्मित निचला क्षेत्र है। निर्मित क्वाटर नाला के समीपस्थ एवं कम उचांई में है, जहां रिटर्निंग वाल की आवश्यकता है। बीएसपी द्वारा  निर्मित जर्जर भवनों का अवलोकन कर पत्राचार हेतु जोन आयुक्त कुलदीप गुप्ता को निर्देशित किए। ताकि आने वाले समय में अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।
         आयुक्त ने जोन 01 अंतर्गत एस.एल.आर.एम. सेंटर में साफ-सफाई का अवलोकन किए एवं स्कूली बच्चों को स्वच्छता के संबंध में जागरूकता हेतु प्रशिक्षण आयोजन के लिए सेंटर प्रमुख को निर्देशित किए। वर्किगं वुमेन हास्टल निर्माण हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से डी.आई.सी. शैलेन्द्र सिंह के साथ 2 स्थल राधिका नगर, जुनवानी रोड का अवलोकन किए। अवैध एवं अतिक्रमण निर्माणाधीन 3 मकानों का औचक निरीक्षण किया गया एवं मकान मालिको का दस्तावेज परीक्षण हेतु भवन अधिकारी एवं सहायक राजस्व अधिकारी को निर्देशित किए।
       निरीक्षण के दौरान जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत, सहायक राजस्व अधिकारी अजय शुक्ला, कार्यपालन अभियंता अनिल सिंह, सहायक अभियंता पुरूषोत्तम सिन्हा, दीपक देवांगन उपस्थित रहे।      

बारिश का मौसम,शहर क्षेत्र के सभी नालियों की नियमित रूप से निगरानी की जाए और सफाई कार्य में कोई लापरवाही न हो:आयुक्त
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर निगम आज आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ आपापुरा,गंजपारा क्षेत्र वार्ड में सफाई कार्य का निरीक्षण किया।उन्होंने सफाई कर्मी को निर्देश दिए की नालियों की तल्ले से सफाई कराई गई।
वार्डो का निरीक्षण कर रहे निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने साथ चल रहे अधिकारियों को वार्ड की छोटी व टूटी नालियों की मरम्मत के लिये प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये।कच्ची सड़को में डस्ट डलवाने की बात कही।
नगर निगम आयुक्त ने स्पष्ट किया कि शहर स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे नालियों में कचरा न डालें और नगर निगम के स्वच्छता प्रयासों में सहयोग करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर वार्ड में नियमित निरीक्षण करते हुए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
नगर आयुक्त ने नाली साफ कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी नालियों की नियमित रूप से निगरानी की जाए और सफाई कार्य में कोई लापरवाही न हो।इस दौरान कर्मशाला अधीक्षक शोएब अहमद,कुणाल, राहुल सहित अमला मौजूद रहें।आयुक्त श्री अग्रवाल ने आपापुरा गंजपारा सहित अन्य क्षेत्र के नालियों ई तल्ले से सफाई कराई गई।
उन्होंने इस दौरान वार्डवासियों की समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि नालियों की सफाई के दौरान दिक्कतें और बारिश का पानी निकासी हेतु व्यवस्था बनाने की बात कही।
मुख्य मार्गो से यातायात में बाधित सड़क किनारे पड़े कंडम ( कबाड़ ) गाड़ियों पर कार्रवाही कर जब्त करने अधिकारी को निर्देशित किया।उन्होंने कहा लगातार शहर हर एक वार्डो में नाले-नालियों की युद्धस्तर पर हो रही सफाई,बारिश से पहले जल जमाव की स्थिति से बचने की तैयारी की जा रही है।

- दिव्यांगजनों को नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल और सहायक उपकरण का किया वितरण
- विद्यार्थियों को साइन लैंग्वेज का होना चाहिए अच्छा ज्ञान
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के दिए निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ /सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार  श्री राजेश अग्रवाल ने विकासखंड राजनांदगांव के ग्राम ठाकुरटोला में दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) राजनांदगांव का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांगजनों को नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल एवं सहायक उपकरण वितरण किया। उन्होंने दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) राजनांदगांव परिसर में पौधरोपण किया। इस दौरान निदेशक एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद डॉ. बीवी रामकुमार, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, संचालक समाज कल्याण विभाग श्रीमती रोकतिमा यादव उपस्थित थे।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर  के डॉक्टर कक्ष, व्हिज्युअल थेरपी कक्ष, फिजियोथेरपी कक्ष, नैदानिक मनोविज्ञान कक्ष, विशेष शिक्षा, ऑडिओलॉजी कक्ष, वाणी एवं भाषा उपचार, सीसीसीजीपी कक्ष, आडिटोरियम, पुस्तकालय, क्लास रूम का निरीक्षण किया। सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने नैदानिक मनोविज्ञान कक्ष में ऑनलाईन पंजी संधारण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विशेष शिक्षा कक्ष में 11 वर्षीय बच्चे का यूडीआई के संबंध में जानकारी ली और बच्चे का निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभान्वित करने के निर्देश दिए। सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर में उपस्थित दिव्यांगजनों से बातचीत की और उन्हें नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल और सहायक उपकरण वितरण किया। उन्होंने डिसली क्लास रूम का अवलोकन किया। विद्यार्थियों से साइन लैंग्वेज के संबंध में बातचीत की। उन्होंने कहा कि सभी को साइन लैंग्वेज के संबंध में अच्छे से ज्ञान होना चाहिए। साइन लैंग्वेज में विशेष ध्यान देने कहा। उन्होंने कहा कि साइन लैंग्वेज का बहुत अच्छा स्कोप उपलब्ध होता है। साथ ही हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। जिससे वे साइन लैंग्वेज के माध्यम से बता सके। इसके साथ ही विधि से संबंधित ज्ञान भी होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपस में भी साईन लैंग्वेज में बात करनी चाहिए, जिससे ज्ञान बढ़ेगा। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने प्राध्यापकों को निर्देश दिए। उन्होंने प्रेक्टीकल अध्ययन-अध्यापन को अधिक से अधिक कराने कहा।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने कौशल विकास विभाग के डिप्लोमा इन इंडियन साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन के बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों द्वारा किए गए कौशल कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने सीआसी सेंटर में उपचार कराने आए दिव्यांजनों से मुलाकात की। सचिव श्री अग्रवाल ने दिव्यांग श्री आशीष देवदास और श्री रवि से बातचीत कर स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। दिव्यांग श्री आशीष ने बताया कि सीआरसी सेंटर में बहुत अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। पहले चलने में बहुत समस्या होती थी लेकिन अब नहीं होती है।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर के उपरी मंजिल के निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने भवन निर्माण के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप निर्माण कार्य करने निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा, संयुक्त संचालक समाज कल्याण श्री बीएल ठाकुर, निदेशक सीआरसी श्रीमती स्मिता महोबिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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