July 18, 2025
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

  रायपुर /शौर्यपथ /पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक दुर्लभ और जोखिमपूर्ण सर्जरी कर 70 वर्षीय मरीज की जान बचाई गई। मरीज के गले की नस कैरोटिड आर्टरी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज था, जिसे कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी नामक जटिल सर्जरी से सफलतापूर्वक हटाया गया।
यह सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू एवं उनकी टीम द्वारा की गई। डॉ. साहू के अनुसार यह सर्जरी राज्य में इस प्रकार की प्रथम एवं अत्यंत दुर्लभ सर्जरी है।
मरीज को थी लकवे और दृष्टिदोष की शिकायत
बालाघाट निवासी 70 वर्षीय मरीज को पिछले दो वर्षों से बार-बार लकवा, चक्कर, एक आंख से धुंधला दिखना और सुनाई न देने जैसी समस्याएं हो रही थीं। प्रारंभिक जांच के बाद कैरोटिड सीटी एंजियोग्राफी कराई गई, जिसमें पता चला कि मरीज की दाहिनी कैरोटिड आर्टरी में 95% से अधिक रुकावट थी। इससे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित हो रही थी।
सर्जरी थी बेहद जोखिमभरी
डॉ. के.के. साहू ने परिजनों को स्पष्ट किया कि इस सर्जरी में जान का खतरा हो सकता है, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान यदि कोई भी प्लाक का टुकड़ा या हवा का बुलबुला मस्तिष्क में चला जाता तो मरीज ब्रेन डेड हो सकता था। इसके बावजूद मरीज एवं परिजनों ने ऑपरेशन की सहमति दी।
सर्जरी के दौरान कैरोटिड शंट नामक विशेष उपकरण का प्रयोग किया गया ताकि मस्तिष्क में रक्त प्रवाह लगातार बना रहे। ब्लॉकेज हटाने के बाद नस को बोवाइन पेरीकार्डियम पैच से मरम्मत कर पुनः सामान्य किया गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और मरीज अब स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने की स्थिति में है।
डॉ. साहू के मुताबिक, गले की नस के ब्लॉकेज खोलने की अन्य विधि कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग है पर सर्जरी जिसको कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी कहा जाता है, वह सुरक्षित होता है।
क्या होती है कैरोटिड आर्टरी और क्यों होता है ब्लॉकेज?
कैरोटिड आर्टरी वह मुख्य धमनी होती है जो गले से होते हुए मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती है। इसमें रुकावट का मुख्य कारण होता है — धूम्रपान, तंबाकू सेवन, अनियंत्रित डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का जमा होना।
50% तक ब्लॉकेज होने पर आमतौर पर लक्षण स्पष्ट नहीं होते, परंतु 70-80% से अधिक ब्लॉकेज पर ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) या छोटे स्ट्रोक जैसे लक्षण सामने आते हैं — जैसे अचानक एक आंख से दिखना बंद होना, मुंह टेढ़ा होना, बोलने में दिक्कत या संतुलन बिगड़ना।
बचाव के उपाय
इस बीमारी को रोका जा सकता है — धूम्रपान और तंबाकू छोड़कर, ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रित रखकर, और संतुलित आहार व नियमित व्यायाम के माध्यम से। जिन मरीजों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज होती है, उनमें 8-10% मामलों में कैरोटिड आर्टरी में भी ब्लॉकेज होता है।

केसीसी के जरिये किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार निश्चित रूप से एक किसान हितैषी सरकार है। राज्य शासन द्वारा किसानों के हित लाभ के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किए है कि किसी भी जिले में किसानों के लिए खाद, बीज की कमी न हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि समय पर इनकी उपलब्धता किसानों को सुनिश्वित हो। सुदूर वनांचल के सुकमा जिले में भी खाद, बीज की पर्याप्त उपलब्धता के चलते अब किसानों को कोई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। मानसून के दस्तक देते ही किसान अपनी खेती-किसानी में जूट जाते है साथ ही उसका पूरा परिवार भी इस कार्य से जुड़कर प्रकृति को संवारने लगते हैं।
खरीफ सत्र 2025-26 में अधिक से अधिक कृषकों को योजना का लाभ पहुँचाने का प्रयास जारी है। कृषि विभाग द्वारा कृषकों की आवश्यकताओं के अनुसार बीज का भण्डारण किया गया है। जिला विपणन अधिकारी द्वारा खाद की आपूर्ति की जा रही है। जिसका वितरण समितियों (लेम्पस) के द्वारा किया जा रहा है। जिले में 755.645 टन युरिया, 375.950 टन डीएपी, 513.220 टन एनपीके एवम 201.650 पोटाश का वितरण कृषकों को किया गया है। जिले में 2905.50 क्विंटल भण्डारित बीजों में से 2253.90 क्विंटल बीज 3965 कृषकों को वितरण किया गया है। जिले में पर्याप्त मात्र में खाद बीज उपलब्ध हैं। किसानों की माँग के अनुसार किसानों को खाद, बीज उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य शासन के निर्देशानुसार खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और सुविधाजनक बनाया गया है, जिससे कोई भी किसान वंचित न हो।    
    सुकमा जिले में भी कलेक्टर के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी किसानों के लिए समय रहते खाद और बीज के पर्याप्त भंडारण और वितरण के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। समितियों पर किसान बिना किसी परेशानी के निर्धारित दरों पर गुणवत्तायुक्त खाद और बीज प्राप्त कर रहे हैं।
राज्य सरकार के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कृषकों का उनकी कृषि भूमि के आधार पर एवं खाद बीज हेतु भी साख सीमा उपलब्ध कराई जा रही है। योजनान्तर्गत अबतक 6588 कृषकों द्वारा केसीसी का लाभ लिया गया है, जिसके अंतर्गत 34 करोड़ 13 लाख रूपये कृषकों को कृषि ऋण के रूप में उनके खातों में अंतरण किया गया एवं 3 करोड़ 16 लाख रूपए का खाद बीज प्रदाय किया गया है।

शौर्यपथ सम्पादकीय -

छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में दो दशक से अधिक का अनुभव, कर्तव्यनिष्ठा से भरा जीवन, और उपलब्धियों से सजी कार्ययात्रा — यह परिचय है दुर्ग कोतवाली में पदस्थ थाना निरीक्षक श्रीमती ममता अली शर्मा का, जिन्होंने हाल ही में डीएसपी के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर इतिहास रच दिया है।

? एक रिकॉर्ड, जो बना प्रेरणा की मिसाल

श्रीमती ममता अली शर्मा, दुर्ग कोतवाली में पदस्थ रहते हुए डीएसपी पद पर पदोन्नति पाने वाली छत्तीसगढ़ पुलिस की पहली महिला थाना प्रभारी बनी हैं। यह केवल एक पदोन्नति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण है, जो आने वाली पीढ़ियों की महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा बन गया है। दुर्ग कोतवाली उनके लिए एक ऐसा अध्याय बन गया है, जहां उन्होंने सेवा के अंतिम दौर में एक स्वर्णिम रिकॉर्ड रच डाला।

?‍♀️ सेवा की शुरुआत और सशक्त यात्रा

वर्ष 2000 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में छत्तीसगढ़ पुलिस में नियुक्ति पाने वाली ममता जी की पहली पोस्टिंग बिलासपुर में हुई थी। सागर पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने जिस निष्ठा और समर्पण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, वह उन्हें आज इस ऊंचाई तक ले आया।

25 वर्षों की सेवा यात्रा में ममता जी ने ब्रेवरी अवार्ड, पर्यावरण सम्मान, डीजीपी अवार्ड सहित अनेकों प्रशंसा पत्र और सम्मान प्राप्त किए। उनकी बेदाग छवि और जुझारू कार्यशैली ने उन्हें विभाग में विशिष्ट स्थान दिलाया है।

?‍♀️ एक यादगार रात्रि – बहादुरी की जीवंत मिसाल

ममता जी के जीवन का एक किस्सा आज भी उनके स्मृति-पटल पर जीवंत है। एक बार जब वह मुख्यमंत्री ड्यूटी से लौट रही थीं, अचानकपुर के जंगल मार्ग पर उन्हें शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों का आभास हुआ। बिना किसी योजना के, सूझबूझ और टीम वर्क के साथ उन्होंने शिकारियों को मृत शिकार सहित रंगे हाथों पकड़ लिया। यह क्षण उनके जीवन की सबसे साहसी और गर्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बन गया।

? परिवार – शक्ति का आधार

अपने कर्तव्यों के साथ-साथ ममता जी एक आदर्श पत्नी और माता भी हैं। उनके पति एक व्यवसायी हैं और दो पुत्र – एक 16 वर्षीय और दूसरा 12 वर्षीय – उनकी दुनिया का केंद्र हैं। उनका छोटा और सशक्त परिवार ही उनकी शक्ति और प्रेरणा का स्त्रोत है।

? शिक्षा और व्यक्तित्व

श्रीमती ममता अली शर्मा ने बीएससी एवं एमए (अंग्रेज़ी) की शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ाई और पेशे के संतुलन से उन्होंने यह सिद्घ किया है कि एक महिला बहुआयामी बनकर समाज में नई दिशा दे सकती है।

? एक संदेश नारी शक्ति को

वह दौर था जब महिलाएं शिक्षिका या कार्यालयी कामों तक सीमित थीं। ऐसे समय में ममता जी ने पुलिस सेवा को चुना और यह साबित किया कि यदि संकल्प हो तो कोई भी क्षेत्र महिलाओं के लिए वर्जित नहीं। उनका जीवन उन सभी युवतियों के लिए एक सशक्त उदाहरण है जो अपने सपनों को साहस और निष्ठा से साकार करना चाहती हैं।


? शौर्यपथ की ओर से शुभकामनाएं

शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र की सम्पूर्ण टीम की ओर से श्रीमती ममता अली शर्मा को उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं। वे जिस तरह समाज और व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रही हैं, वह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समूचे देश की महिलाओं के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है।


? मातृशक्ति को नमन ?
? नारी शक्ति को सलाम ?

✍️ लेखक - शरद पंसारी, संपादक, शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र

"जहां चाह वहां राह होती है, और जहां नारी संकल्प कर ले, वहां इतिहास बनता है।"

शौर्यपथ सम्पादकीय -

छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में दो दशक से अधिक का अनुभव, कर्तव्यनिष्ठा से भरा जीवन, और उपलब्धियों से सजी कार्ययात्रा — यह परिचय है दुर्ग कोतवाली में पदस्थ थाना निरीक्षक श्रीमती ममता अली शर्मा का, जिन्होंने हाल ही में डीएसपी के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर इतिहास रच दिया है।

? एक रिकॉर्ड, जो बना प्रेरणा की मिसाल

श्रीमती ममता अली शर्मा, दुर्ग कोतवाली में पदस्थ रहते हुए डीएसपी पद पर पदोन्नति पाने वाली छत्तीसगढ़ पुलिस की पहली महिला थाना प्रभारी बनी हैं। यह केवल एक पदोन्नति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण है, जो आने वाली पीढ़ियों की महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा बन गया है। दुर्ग कोतवाली उनके लिए एक ऐसा अध्याय बन गया है, जहां उन्होंने सेवा के अंतिम दौर में एक स्वर्णिम रिकॉर्ड रच डाला।

?‍♀️ सेवा की शुरुआत और सशक्त यात्रा

वर्ष 2000 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में छत्तीसगढ़ पुलिस में नियुक्ति पाने वाली ममता जी की पहली पोस्टिंग बिलासपुर में हुई थी। सागर पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने जिस निष्ठा और समर्पण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, वह उन्हें आज इस ऊंचाई तक ले आया।

25 वर्षों की सेवा यात्रा में ममता जी ने ब्रेवरी अवार्ड, पर्यावरण सम्मान, डीजीपी अवार्ड सहित अनेकों प्रशंसा पत्र और सम्मान प्राप्त किए। उनकी बेदाग छवि और जुझारू कार्यशैली ने उन्हें विभाग में विशिष्ट स्थान दिलाया है।

?‍♀️ एक यादगार रात्रि – बहादुरी की जीवंत मिसाल

ममता जी के जीवन का एक किस्सा आज भी उनके स्मृति-पटल पर जीवंत है। एक बार जब वह मुख्यमंत्री ड्यूटी से लौट रही थीं, अचानक मार्ग लोरमी क्षेत्र के जंगल  पर उन्हें शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों का आभास हुआ। बिना किसी योजना के, सूझबूझ और टीम वर्क के साथ उन्होंने शिकारियों को मृत शिकार सहित रंगे हाथों पकड़ लिया। यह क्षण उनके जीवन की सबसे साहसी और गर्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बन गया।

? परिवार – शक्ति का आधार

अपने कर्तव्यों के साथ-साथ ममता जी एक आदर्श पत्नी और माता भी हैं। उनके पति एक व्यवसायी हैं और दो पुत्र – एक 16 वर्षीय और दूसरा 12 वर्षीय – उनकी दुनिया का केंद्र हैं। उनका छोटा और सशक्त परिवार ही उनकी शक्ति और प्रेरणा का स्त्रोत है।

? शिक्षा और व्यक्तित्व

श्रीमती ममता अली शर्मा ने बीएससी एवं एमए (अंग्रेज़ी) की शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ाई और पेशे के संतुलन से उन्होंने यह सिद्घ किया है कि एक महिला बहुआयामी बनकर समाज में नई दिशा दे सकती है।

? एक संदेश नारी शक्ति को

वह दौर था जब महिलाएं शिक्षिका या कार्यालयी कामों तक सीमित थीं। ऐसे समय में ममता जी ने पुलिस सेवा को चुना और यह साबित किया कि यदि संकल्प हो तो कोई भी क्षेत्र महिलाओं के लिए वर्जित नहीं। उनका जीवन उन सभी युवतियों के लिए एक सशक्त उदाहरण है जो अपने सपनों को साहस और निष्ठा से साकार करना चाहती हैं।


? शौर्यपथ की ओर से शुभकामनाएं

शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र की सम्पूर्ण टीम की ओर से श्रीमती ममता अली शर्मा को उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं। वे जिस तरह समाज और व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रही हैं, वह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समूचे देश की महिलाओं के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है।


? मातृशक्ति को नमन ?
? नारी शक्ति को सलाम ?

✍️ लेखक - शरद पंसारी, संपादक, शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र

"जहां चाह वहां राह होती है, और जहां नारी संकल्प कर ले, वहां इतिहास बनता है।"

धरती आबा संतृप्ति शिविर के माध्यम से 350 बालिकाओं के खुले सुकन्या समृद्धि खाते
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल मोहला-मानुपर-अम्बागढ़- चौकी जिले में बेटियों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिले के सभी 29 सेक्टर मुख्यालयों में आयोजित धरती आबा संतृप्ति शिविरों के माध्यम से कुल 350 आदिवासी बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। यह पहल जिला प्रशासन  और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से साकार हुई।
जिला कलेक्टर ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत अब तक जिले में 7500 से अधिक बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा चुके हैं, जो बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ठोस प्रमाण है। विशेष बात यह रही कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता राशि को कई माताओं ने अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या खाते में प्रारंभिक निवेश के रूप में उपयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ खाता खोलने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह बेटियों को लेकर सामाजिक सोच में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रभावशाली पहल है। हमारा प्रयास है कि कोई भी पात्र बालिका इस योजना से वंचित न रहे।
इस पहल से न केवल जनजातीय समुदाय में बेटियों के भविष्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, बल्कि यह बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को स्थानीय स्तर पर सशक्त आधार भी प्रदान कर रही है। सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का यह उत्कृष्ट उदाहरण आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है। यह पहल यह दर्शाती है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी मिलती है, तो विकास की किरणें समाज के सबसे दूरस्थ हिस्सों तक भी पहुंचती हैं।

छात्रों को मिल रही विषय विशेषज्ञों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ के सुदूर जिलों में शिक्षा व्यवस्था सशक्त हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस पहल से सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड के विद्यालयों में भी सकारात्मक बदलाव नजर आने लगी है। कभी नक्सलियों के बंदूक की आवाज सुनाई देती थी, अब वहां शिक्षा की अलख सुनाई देती है। अब विद्यार्थियों को नियमित, विषय विशेषज्ञ और प्रशिक्षित शिक्षकों से शिक्षा मिल रही है, जिससे पढ़ाई का स्तर निरंतर सुधर रहा है।
सुकमा जिला के विकाखण्ड जिला शिक्षाधिकारी छिंदगढ़ ने बताया कि शासन द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किए गए युक्तियुक्तकरण से इन विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित हो चुकी है। इससे न केवल विद्यालयों में नियमित पढ़ाई हो रही है, बल्कि बच्चों की रुचि भी बढ़ी है और शिक्षकों का कार्यभार भी संतुलित हुआ है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार छिंदगढ़ विकासखंड में कुल 390 शासकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 288 प्राथमिक, 82 माध्यमिक, 13 हाई स्कूल और 07 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। युक्तियुक्तकरण से पूर्व यहां 08 विद्यालय शिक्षकविहीन थे और 96 विद्यालय एकल शिक्षक पर निर्भर थे। यह स्थिति बच्चों की शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रही थी।
शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल स्कूलों में शिक्षा का वातावरण सुदृढ़ कर रही है, बल्कि इससे ड्रॉपआउट दर में कमी और परीक्षा परिणामों में सुधार भी देखने को मिल रहा है। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा।

मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने कहा – समावेशी विकास और सुशासन से बनेगा सशक्त छत्तीसगढ़: पंडरिया के समग्र विकास के लिए की कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के हर कोने को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की नीतियों और संकल्पों को जमीन पर उतारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर सुशासन की स्थापना की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत आधारभूत ढाँचे और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं को तेज़ी से क्रियान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय आज पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के महतारी अलंकरण सम्मान समारोह में वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंडरिया क्षेत्र को समृद्ध, सशक्त और विकसित बनाने की पहल प्रारंभ हो चुकी है। इस दिशा में अनेक योजनाओं और विकास कार्यों की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने रणवीरपुर में नवीन उप तहसील की स्थापना, आगामी शिक्षा सत्र से बिरेंद्र नगर में महाविद्यालय प्रारंभ करने, पंडरिया में 250 सीटर नवीन नालंदा परिसर, कुण्डा में महाविद्यालय के लिए नवीन भवन और पंडरिया में नवीन नगर पालिका भवन के निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-130 ए के 2.1 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण कर इसे 4 लेन में उन्नत किया जाएगा।
कार्यक्रम में 72 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अधोसंरचना विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री के करकमलों से सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचलों में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र अब तक 1,460 ग्राम पंचायतों में स्थापित किए जा चुके हैं और आगामी एक वर्ष में यह सुविधा सभी पंचायतों तक पहुँचाई जाएगी। रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और कम खर्चीला बनाया गया है ताकि आम नागरिकों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्रीय विधायक श्रीमती भावना बोहरा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छात्राओं के लिए 5 निःशुल्क बस सेवाओं की शुरुआत केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे अब छात्राओं को महाविद्यालय आने-जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पंडरिया के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, जब 72 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा बेटियों के लिए 5 निःशुल्क बसों की शुरुआत हो रही है। यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की अनूठी पहल है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विकास अब केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गाँव और क्षेत्र में समान रूप से पहुँच रहा है। आने वाला समय छत्तीसगढ़ की प्रगति का नया अध्याय होगा।
लोकसभा सांसद  संतोष पाण्डेय ने कहा कि यह पहल बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगी। निःशुल्क बस सुविधा से छात्राओं को अपने सपनों को साकार करने में और अधिक संबल मिलेगा।
क्षेत्रीय विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने बताया कि पहले 3 निःशुल्क बसों का संचालन किया जा रहा था, जिन्हें अब बढ़ाकर 8 कर दिया गया है। यह सेवा पंडरिया, पांडातराई, पिपरिया, सहसपुर लोहारा एवं कवर्धा के महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए संबल बनेगी। उन्होंने कहा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले डेढ़ वर्षों में लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है। हरिनाला पुल, बाईपास और अनेक बहुप्रतीक्षित कार्य अब गति पकड़ चुके हैं।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और गृह मंत्री   विजय शर्मा वर्चुअल रूप से जुड़े। पंडरिया के पीएम श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विधायक श्रीमती भावना बोहरा तथा अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

जगदलपुर। शहर के इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में रविवार को आयोजित संभाग स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में कोंडागांव के उभरते हुए खिलाड़ी मोहम्मद अर्सलान खान ने U-12 आयु वर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले और परिवार का नाम रोशन किया।

इस प्रतियोगिता में कुल 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। छह राउंड की प्रतियोगिता में अर्सलान ने 5 अंक अर्जित किए, जो उनकी सूझबूझ और मानसिक एकाग्रता को दर्शाता है। प्रतियोगिता का आयोजन U-9, U-12, U-15, U-19 और ओपन कैटेगरी में किया गया था।

? अर्सलान का परिचय:

  • विद्यालय: चावरा हायर सेकेंडरी स्कूल, कोंडागांव (कक्षा 5वीं)

  • निवासी: ग्राम सर्गीपाल, कोंडागांव

  • पिता: मोहम्मद फिरोज खान

इतनी छोटी उम्र में इस बाल खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा से परिवार, विद्यालय और पूरे जिले का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है। उनके घर में इस उपलब्धि से हर्ष और उत्सव का माहौल है।

? सम्मान समारोह:

प्रतियोगिता के समापन अवसर पर जगदलपुर के महापौर श्री संजय पांडे द्वारा मोहम्मद अर्सलान को ट्रॉफी भेंट कर सम्मानित किया गया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी गईं।


✍️ संवाददाता – दीपक वैष्णव

स्थान – कोण्डागांव/जगदलपुर
प्रकाशन – शौर्यपथ न्यूज़


भिलाई/दुर्ग। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 12वीं नेशनल गतका चैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ की गतका टीम ने 70 मैडल जीतकर पंजाब के बाद ओवरऑल दूसरा स्थान हासिल कर राज्य का नाम पूरे देश में रोशन किया।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत द्वारा भिलाई के 22 मैडलिस्ट गतका खिलाड़ियों को मोमेंटो व सिरोपाओ से सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में सैकड़ों की संख्या में सिक्ख संगत, वरिष्ठ पदाधिकारी व समाजसेवी उपस्थित रहे।


?️ सम्मानित हस्तियाँ और अधिकारियों का योगदान:

इस अवसर पर गतका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छोटू, महासचिव जसवंत सिंह खालसा, कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह लल्लू, टेक्निकल प्रमुख व नेशनल रेफरी अमन सिंह, करन सिंह, राजवीर सिंह, महिला कोच रोहिणी धीमान और राजविंदर कौर डॉली को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत ने न केवल खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया, बल्कि यह भी आश्वासन दिया कि गतका खेल के विस्तार और प्रोत्साहन के लिए आगे भी हरसंभव सहयोग किया जाएगा।


? उल्लेखनीय उपस्थिति:

जसबीर सिंह चहल (चैयरमैन), पलविंदर सिंह रंधावा, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, रंजीत सिंह, तजिंदर सिंह नानू, हरपाल सिंह, बलजिंदर सिंह कलेर, गुरमीत सिंह गांधी, हरभजन सिंह चहल, गुरमेज सिंह सोखी, बलविंदर सिंह, कुलवंत कौर, जसबीर सिंह सैनी समेत कई वरिष्ठजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

समारोह में जसवंत सिंह खालसा ने एसोसिएशन की ओर से सिक्ख पंचायत व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों का आभार व्यक्त किया।


⚔️ गतका: शौर्य, संस्कृति और समर्पण का प्रतीक

गतका एक पारंपरिक सिक्ख मार्शल आर्ट है जो तलवार, लाठी, ढाल आदि अस्त्रों के माध्यम से आत्मरक्षा, संतुलन और अनुशासन सिखाता है। यह न सिर्फ एक खेल, बल्कि सिक्ख परंपरा और वीरता का जीवंत प्रतीक है। अब यह खेल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मान्यता प्राप्त कर चुका है और युवाओं को साहस व संयम का मार्ग दिखा रहा है।


? इन्द्रजीत सिंह छोटू: छत्तीसगढ़ में गतका का स्तंभ

इन्द्रजीत सिंह छोटू, जो गतका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हैं, उन्होंने राज्य में गतका को एक पहचान देने में अहम भूमिका निभाई है।

  • वर्षों से वे प्रशिक्षण, प्रतियोगिता आयोजन, युवाओं को मंच देने और शासन-प्रशासन से समन्वय स्थापित करने जैसे कार्यों में सक्रिय हैं।

  • उनकी अगुवाई में छत्तीसगढ़ की टीमों ने राष्ट्रीय मंच पर लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे सैकड़ों युवाओं को दिशा और आत्मबल मिला है।

उनका विजन है कि छत्तीसगढ़ के हर जिले में गतका प्रशिक्षण शुरू हो और यह खेल शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक विकास का मजबूत माध्यम बने।

भिलाई, 6 जुलाई 2025 | स्वास्थ्य संवाददाता
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही मौसमी बीमारियों की संभावित वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। शनिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई-3 में आयोजित एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मनोज दानी ने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित किया कि मैदानी स्तर पर दवाओं, उपकरणों और मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन मुहैया रखे जाएं।

बैठक में फील्ड कर्मचारियों को विशेष सतर्कता और जवाबदेही के साथ काम करने के निर्देश दिए गए, ताकि आमजन को बीमारियों से पहले ही बचाया जा सके। साथ ही सीएमएचओ ने लोगों से बासी भोजन से परहेज कर ताजा और हल्का भोजन करने की अपील की।


? "नीम-हकीमों से बचें, सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं" – सीएमएचओ डॉ. मनोज दानी

डॉ. दानी ने कहा कि सभी शासकीय अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं, वायरल और डेंगू-मलेरिया की जांच किट, आवश्यक उपकरण पूर्ण रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। किसी भी प्रकार की बीमारी या लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और नीम-हकीमों के झांसे में न आएं।”


⚕️ वायरल, डेंगू और टाइफाइड का खतरा बढ़ा, उबला पानी और स्वच्छ भोजन पर जोर

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. भुनेश्वर कठौतिया ने बताया कि बारिश के दिनों में वायरल बुखार, डेंगू, टाइफाइड, उल्टी-दस्त जैसे मामलों में इज़ाफा होता है। उन्होंने लोगों से उबला हुआ पानी पीने, खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों से परहेज, और घर का ताजा भोजन अपनाने की सलाह दी।

चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिखर अग्रवाल ने कहा कि "खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर मक्खियां और अन्य कीट बैठते हैं जो संक्रमण फैला सकते हैं। बारिश में अनावश्यक भीगने और गीले कपड़ों में देर तक रहने से बचें।"


? निशुल्क जांच और दवाएं उपलब्ध: स्वास्थ्य केंद्रों में युद्धस्तर पर तैयारियां

शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चरोदा-भिलाई-3 के बीईईटीओ सैय्यद असलम ने जानकारी दी कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर और अन्य मौसमी रोगों की जांच एवं दवा निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि मैदानी स्वास्थ्य अमले को सभी आवश्यक दवाओं से लैस किया गया है, जिससे किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

बैठक में बुखार की जांच किट, जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति, उपकरणों की कार्यशीलता, और बेहतर समन्वय के लिए अमले की जिम्मेदारियों की समीक्षा की गई।


? स्वास्थ्य विभाग की अपील:

  1. उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी ही उपयोग करें

  2. ताजा और हल्का भोजन करें, बासी और खुला खाना न खाएं

  3. घरों और आसपास जलभराव न होने दें – डेंगू-मलेरिया से बचाव

  4. किसी भी लक्षण पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं

  5. झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं


? निष्कर्ष:

बारिश के इस मौसम में जब बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की यह तत्परता आमजन को राहत देने वाला कदम है। साथ ही यह जिम्मेदारी हर नागरिक की भी बनती है कि वे स्वयं भी सतर्क रहें, स्वच्छता और सावधानी को अपनाएं, और किसी भी लक्षण के मामले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं।

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)