
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
दीपक वैष्णव की ख़ास रिपोर्ट
बस्तर / शौर्यपथ / केशकल नेशनल हाईवे की खराब स्थिति के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की खराब स्थिति के कारण यहां तक कि भारी वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो रही है, जिससे स्थानीय व्यवसायियों और ढाबा संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
विवरण: केशकल घाट में नवीनीकरण कार्य के दौरान भारी वाहनों के आवाजाही बंद होने से ढाबा संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। दो महीने से भारी वाहनों के आवाजाही बंद होने से ढाबे वीरान हो गए हैं। स्थानीय लोगों और व्यवसायियों की मांग है कि सड़क की स्थिति में सुधार किया जाए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए।
आरोप: कुछ महीने पहले ही इस सड़क का नवीनीकरण कराया गया था, लेकिन 4 से 5 महीने भी यह सड़क नहीं टिक पाई। इससे शासन प्रशासन की विकास योजनाओं की पोल खुल रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण सड़क की स्थिति और भी खराब हो रही है।
आवश्यक कदम: सड़क की स्थिति में सुधार करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जो सड़क की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। स्थानीय लोगों को भी सड़क की स्थिति में सुधार के लिए भागीदारी करनी चाहिए।
दुर्ग नगर निगम बेहाल: विकास ठप, सफाई बदहाल, जनता अब अपने ही फैसलों पर पछता रही
दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग नगर निगम की मौजूदा हालात ने नगरवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या उन्होंने महापौर चुनकर कोई भारी भूल कर दी? प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के तहत जब दुर्ग की जनता ने महापौर के रूप में श्रीमती अलका बाघमार को चुना था, तब उम्मीदें थीं कि शहर का कायाकल्प होगा। लेकिन आज वही जनता खुलेआम कह रही है — "हमने गलत चुना!"
शहर में अव्यवस्था इस कदर हावी है कि सड़कों पर मवेशियों की भरमार दुर्घटनाओं की खुली दावत दे रही है, तो फुटपाथ और सड़क किनारे अतिक्रमण ने आमजन का चलना तक दूभर कर दिया है। निगम प्रशासन कार्रवाई के दावे जरूर कर रहा है, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके उलट है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कहीं सांकेतिक बनकर रह गई है, तो कहीं सिर्फ चुनिंदा वर्गों पर टिकी दिखाई देती है।
जनता त्रस्त, नालियां जाम, लाइटें गुल, लेकिन निगम मौन
बरसात की पहली ही फुहार ने निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। गली-मोहल्लों की नालियां जाम हैं, कीचड़ और बदबू से वातावरण प्रदूषित है, और गलियों में लगी स्ट्रीट लाइटें महीनों से बुझी पड़ी हैं। जनता त्राहिमाम कर रही है, लेकिन निगम कार्यालय में मानो सबकुछ सामान्य है।
विकास सिर्फ बैनरों में, जमीनी हकीकत शून्य
शहर में विकास कार्यों का हाल इतना खराब है कि अब वह सिर्फ पोस्टर और प्रचार सामग्री तक सीमित रह गया है। ना नई योजनाएं धरातल पर उतरी हैं, ना ही ठेकेदारों को पुराने कार्यों का भुगतान किया गया है। महीनों से रुके भुगतान से निर्माण कार्य ठप हैं।
राजेंद्र प्रसाद चौक की गुमठी विवाद से लेकर एलआईसी के सामने निगम गुमठियों के नोटिस तक, हर मुद्दे में निगम की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। निगम में शासन कर रही पार्टी के पार्षद भी गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि आंतरिक राजनीति नगर विकास के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बन गई है।
जनता की उम्मीदें टूटीं, महापौर को ठहरा रही है जिम्मेदार
प्रत्यक्ष प्रणाली की सबसे बड़ी खूबी और कमजोरी यही है कि जनता सीधे अपने मुखिया का चुनाव करती है — और जब उस मुखिया से उम्मीदें टूटती हैं, तो आक्रोश भी सीधे उसी के प्रति फूटता है। आज दुर्ग शहर की जनता यह कहने में संकोच नहीं कर रही कि नगर सरकार की बदहाली के लिए महापौर अलका बाघमार ही जिम्मेदार हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले बिगड़ता जनमत भाजपा के लिए खतरे की घंटी
यदि यही स्थिति रही तो आने वाले विधानसभा चुनावों में नगर क्षेत्र की नाराजगी भाजपा के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है। लोग अपने फैसलों पर पछता रहे हैं, और लोकतंत्र में जब जनता पछताती है तो उसका असर सीधे चुनाव में दिखता है।
फिलहाल शहर के हालात यही दर्शा रहे हैं —
सफाई लापता, विकास गायब, और जवाबदेही शून्य।
रायपुर / शौर्यपथ / भारत सरकार के केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री साय ने श्री उइके का पारंपरिक कोसा वस्त्र और बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिह्न भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास, जनजातीय युवाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, एवं आधारभूत संरचना से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय अंचलों में चलाए जा रहे विकासात्मक कार्यों एवं योजनाओं की जानकारी दी तथा इन क्षेत्रों में भारत सरकार के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री उइके ने भी जनजातीय कल्याण हेतु केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और राज्य के प्रयासों की सराहना की।
रायपुर, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत दरों का अनुमोदन कर दिया है। नई दरें सभी वर्गों—विशेषकर ग्रामीण, आदिवासी और किसानों—के लिए राहतकारी सिद्ध होंगी। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री भीमसिंह कंवर ने बताया कि इस वर्ष विद्युत दरों में केवल 1.89 प्रतिशत की नाममात्र वृद्धि की गई है, जो औसत घरेलू उपभोक्ता के लिए मात्र 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त लागत लाएगी।
राज्य विद्युत कंपनियों को प्रति यूनिट विद्युत की वास्तविक लागत ₹7.02 बैठती है, फिर भी न्यूनतम घरेलू दर मात्र ₹4.10 रखी गई है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी।
कृषि पंपों के लिए दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, किंतु इसका भार राज्य सरकार वहन करेगी। किसानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही, गैर-सब्सिडी वाले कृषि पंप उपभोक्ताओं की छूट 20% से बढ़ाकर 30% कर दी गई है।
बस्तर व सरगुजा जैसे क्षेत्रों के स्टे-होम्स को घरेलू श्रेणी में शामिल कर सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
वामपंथ प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवरों पर 10% ऊर्जा प्रभार की छूट दी गई है जिससे संचार नेटवर्क मजबूत होगा।
आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों और प्रिंटिंग प्रेस को भी विशेष रियायतें दी गई हैं।
महिला सशक्तिकरण के तहत, पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित व्यवसायों को 10% ऊर्जा छूट की सुविधा यथावत रखी गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों व आदिवासी विकास प्राधिकरणों में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर पर पूर्ववत 5% ऊर्जा प्रभार की छूट जारी रहेगी।
निम्न दाब चार्जिंग इकाइयों के लिए दर ₹7.02 प्रति यूनिट
उच्च दाब के लिए ₹6.32 प्रति केव्हीएएच निर्धारित
प्रिंटिंग प्रेस एवं ऑफसेट प्रिंटर्स को गैर-घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे इनकी बिजली दरों में कमी आएगी।
अग्रिम भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को अब 1.25% छूट (पहले 0.50%)
घरेलू अस्थायी कनेक्शन पर टैरिफ 1.5 गुना के बजाय अब केवल 1.25 गुना
पोहा-मुरमुरा मिलों को छूट 5% से बढ़कर 10%
किसानों को 100 वॉट तक लाइट-पंखा उपयोग की अनुमति पहले की तरह जारी रहेगी
यह नई विद्युत दर व्यवस्था समावेशी, न्यायसंगत और दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। इससे राज्य के प्राथमिकता वर्ग — किसान, ग्रामीण, आदिवासी, महिलाएं और छोटे व्यवसाय — लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार और विद्युत कंपनियों की यह पहल जनहित में एक संतुलित और दूरदर्शी निर्णय के रूप में सामने आई है।
नई दिल्ली // शौर्यपथ:
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अब उन FASTags को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है जो वाहनों पर सही तरीके से अफिक्स (चिपकाए) नहीं किए गए हैं। यह कदम ईमानदारी से टोल कलेक्शन और "वाहन से जुड़ा FASTag" सिद्धांत को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
NHAI ने कहा है कि—
यदि FASTag को वाहन की विंडस्क्रीन पर ठीक से स्थायी रूप से नहीं चिपकाया गया है, तो उसे अवैध माना जाएगा।
ऐसे सभी FASTags को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उनसे टोल वसूली बंद कर दी जाएगी।
इससे टोल प्लाजा पर बेईमानी से बचा जा सकेगा, जैसे एक ही FASTag को कई वाहनों पर उपयोग करना।
NHAI की मंशा:
यह कदम FASTag प्रणाली को पारदर्शी और वाहन-विशिष्ट बनाने के लिए है। इससे टोल कलेक्शन प्रक्रिया और ज्यादा कुशल, सुरक्षित और निष्पक्ष होगी।
वाहन मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका FASTag उनके वाहन के विंडस्क्रीन पर ठीक से चिपका हो।
यदि किसी कारण से FASTag क्षतिग्रस्त हो या चिपका नहीं है, तो उसे तुरंत बदलवा कर सही जगह पर लगाना होगा।
पृष्ठभूमि:
FASTag को केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली के रूप में अनिवार्य किया है, जिससे नकद लेनदेन कम हो और टोल प्लाजा पर जाम न लगे।
रायपुर / शौर्यपथ /
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था और दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सरकार न तो बिजली दे पा रही है और न ही जनता को राहत। ऊपर से लगातार बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है।
श्री शुक्ला ने कहा—
बिजली दरों में फिर बढ़ोत्तरी:
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 से 20 पैसे और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इससे पहले भी सरकार ने 11% की वृद्धि की थी। डेढ़ साल में कुल 19.31% बिजली दरें बढ़ाई जा चुकी हैं।
महंगाई की मार झेल रही जनता पर अत्याचार:
श्री शुक्ला ने कहा कि महंगाई की मार झेल रही जनता पर यह बिजली दरों की बढ़ोत्तरी "जख्मों पर नमक" छिड़कने जैसा है। लोगों के बिजली बिल दोगुने आ रहे हैं और आम आदमी परेशान है।
स्मार्ट मीटर से बढ़ा संकट:
स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिलों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।
‘बिजली बिल हाफ’ योजना को बताया जनहितकारी:
कांग्रेस सरकार की ‘बिजली बिल हाफ’ योजना से 44 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला था और 5 वर्षों में प्रत्येक को औसतन 40–50 हजार रुपये की बचत हुई थी।
अब बिजली कटौती आम बात:
पहले विद्युत सरप्लस राज्य रहा छत्तीसगढ़ अब बिजली कटौती का केंद्र बन गया है। हर दिन 2–4 घंटे की बिजली बंद रहती है, और कई जिलों में पूरी रात बिजली नहीं रहती।
गांव-शहर सभी प्रभावित:
बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या से गांव और शहर दोनों जूझ रहे हैं। गर्मियों में स्थिति और खराब हो जाती है।
कांग्रेस सरकार में 24 घंटे आपूर्ति:
कांग्रेस सरकार के दौरान आवश्यकता पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली खरीदी जाती थी ताकि 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जा सके। किसानों को बोरवेल चलाने के लिए मुफ्त बिजली दी जाती थी।
ट्रांसफार्मर और ट्रांसमिशन सुधार:
कांग्रेस कार्यकाल में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई थी और ट्रांसमिशन व्यवस्था को भी अपग्रेड किया गया था।
शुक्ला ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सिर्फ वादे और प्रचार से सरकार नहीं चलती, धरातल पर काम दिखना चाहिए। बिजली जैसी बुनियादी सुविधा देने में सरकार पूरी तरह विफल है।
तामेश्वरी एवं रूपेश ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा तथा महेन्द्र एवं नोहर ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ मिलने से शिविर आयोजन की सराहना की
बुजुर्ग महिला कंुती और सुखिया बाई ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनने पर जताई खुशी
जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही हुए शामिल
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न ग्रामों में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन निरंतर जारी है। इसके अंतर्गत आज जिले के अंतिम छोर में कांकेर जिले के सीमा में स्थित गुरूर विकासखण्ड के सुदूर ग्राम पोड़ एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविरों में आदिवासी वर्ग के अनेक हितग्राहियों को विभिन्न शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभन्वित किया गया। आज आयोजित शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को नया आयुष्मान कार्ड, की सौगात मिलने के अलावा इन वर्गों के हितग्राहियों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से अपने समस्याओं के निराकरण तथा शासकीय योजनाओं के लाभ लेने के लिए प्रयासरत हितग्राहियों को उनके गांव में ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर के माध्यम से उनके बहुप्रतीक्षित मांगों एवं समस्याओं के निराकरण होने पर आदिवासी वर्ग के हितग्राही एवं ग्रामीण बहुत ही प्रसन्नचित नजर आ रहे थे। गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में श्रीमती तामेश्वरी एवं रूपेश कुमार बढ़ाई, श्री नोहर मण्डावी एवं श्रीमती अनसुईया प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत उनके खाता खुलने एवं बीमा करने की कार्रवाई से खुश होकर केन्द्र सरकार के द्वारा आयोजित इस लाभ संतृप्ति शिविर की भूरी-भूरी सराहना की। इसी तरह महेन्द्र कुमार, नोहर मण्डावी एवं रूपेश कुमार ने उनके ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत उनके खाता खुलवाने एवं बीमा करने की कार्रवाई पूरा होने पर प्रसन्नचित होकर शिविर आयोजन की मुक्त कंठ से सराहना की। इसी तरह आज अपने गांव पोड़ में ही आयोजित शिविर में अटल पेंशन योजना का लाभ मिलने से बुजुर्ग श्रीमती खुलेश्वरी बाई एवं श्री हनुमान सिंह ने उनके मांगों एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु आयोजित की जा रही इस लाभ संतृप्ति शिविर के आयोजन की भूरी-भूरी सराहना की है। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत उनके गांव में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में उन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने से अब उनको जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय तथा अन्य शासकीय कार्यालयों में आने-जाने की समस्या से मुक्ति मिली है। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित शिविर में पहुँची बुजुर्ग महिला कंुती और सुखिया बाई ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनने पर खुशी जताई। ग्रामीणों एवं हितग्राहियों ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्र सरकार के द्वारा हमारे जैसे अनेक आम नागरिकों के वास्तविक समस्याओं का पड़ताल कर लाभ संतृप्ति शिविरों के आयोजन के माध्यम से इसके निराकरण का अभिनव प्रयास किया गया है। वह वास्तव में अत्यंत जनहितैषी कदम एवं काबिले-तारीफ है। ग्रामीणों एवं हितग्राहियों ने आशा व्यक्त किया कि शिविरों के माध्यम से आदिवासी परिवार के अनेक हितग्राहियों के मांगों एवं समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 04 हितग्राहियोें को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 04 हितग्राहियोें को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 01 हितग्राहियोें को अटल पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 01 हितग्राही का जनधन खाता खोला गया। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 18 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड एवं 10 हितग्राहियों का जनधन खाता अंतर्गत खाता खोलने एवं बीमा करने की कार्रवाई की गई। इसके अलावा शिविर में पहुँचे लोगों का सिकलिन टेस्ट करने के अलावा ग्रामीणों एवं हितग्राहियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार 14 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कोचवाही एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम भर्रीटोला 36 में शिविर का आयोजन किया गया है।
मुंगेली/शौर्यपथ / कृषि विभाग रायपुर के संचालक श्री राहुल देव के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा खाद-बीज की निर्बाध रूप से आपूर्ति हेतु जिले के विभिन्न कृषि केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया। कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एम.आर.तिग्गा ने बताया कि प्राप्त निर्देश के परिपालन में निरीक्षण में जायसवाल कृषि केन्द्र एवं ट्रेडर्स औराबांधा, अमन कृषि केन्द्र लछनपुर, नारायण ट्रेडर्स सारधा, राठौर कृषि केन्द्र सारधा, हरिओम कृषि केन्द्र हरदी, जानकी खाद भंडार झोंका, साहू कृषि केन्द्र भटगॉव, बालाजी ट्रेडर्स रीवापार, मॉ शैलपुत्री कृषि केन्द्र कोदवाबानी, सोनकर कृषि केन्द्र ठकुरीकापा, वैभव कृषि केन्द्र भटगॉव, हेमंत कृषि केन्द्र भटगॉव और साहू कृषि केन्द्र लौदा को उर्वरक विक्रय में अनियमितता पर कारण बताओ नोटिस जारी कर 03 केन्द्रों के उर्वरक विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया।
जिला निरीक्षक श्री मनहरण कुर्रे ने बताया कि 07 उर्वरक का नमूना लिया गया और निर्धारित मूल्य एवं पॉस मशीन से ही उर्वरक का विक्रय करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही केन्द्रों में मूल्य सूची, स्टॉक की जानकारी प्रदर्शित करने कहा गया। निरीक्षण के दौरान कृषि विभाग की सहायक संचालक श्रीमती ललिता मरावी, निरीक्षक श्री राजेश साहू, श्री योगेश दुबे और श्री उमेश दीक्षित सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
₹37.50 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर /शौर्यपथ /नारायणपुर जिले में ₹37 लाख 50 हजार के इनामी कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के ऊपर ₹50 हजार रुपए से लेकर ₹8 लाख तक के इनाम घोषित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि “लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं।” हमारी सरकार में अब तक कुल 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है, लोग हिंसा छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान हेतु हम पूर्णतः संकल्पित हैं। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रायपुर/शौर्यपथ / भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर द्वारा संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने की। कार्यशाला में विभाग से जुड़े खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा नापतौल विभाग के अधिकारियों ने सहभागिता दर्ज की।
भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एवं प्रमुख श्री एस. के. गुप्ता ने सचिव महोदया को प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात रायपुर शाखा कार्यालय के संयुक्त निदेशक श्री फालेन्द्र कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो की विभिन्न गतिविधियों का परिचय दिया।
प्रस्तुतीकरण में विशेष रूप से मानक निर्धारण की प्रक्रिया, समितियों की संरचना, ड्राफ्ट मानकों पर सुझाव और टिप्पणियों का आमंत्रण, तथा सार्वजनिक भागीदारी हेतु वाइड सर्कुलेशन ड्राफ्ट की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में आईएसआई मार्क योजना, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए सीआरएस योजना जैसे विभिन्न प्रमाणन कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही आईएसआई मार्क एवं सीआरएस मार्क वाले उत्पादों के लिए अनिवार्य प्रमाणन आदेशों तथा उनकी पहचान की विधियों पर प्रकाश डाला गया।
"Know Your Standards" फीचर के माध्यम से बीआईएस वेबसाइट पर मानक खोजने और डाउनलोड करने की प्रक्रिया को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही विभागीय क्रय प्रक्रियाओं में टेंडर तैयार करते समय क्यूसीओ के अनुपालन एवं प्रमाणन निरीक्षण की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया गया।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि टेंडर प्रक्रिया हेतु उत्पाद परीक्षण के लिए राज्य में किन-किन प्रमाणित प्रयोगशालाओं की सुविधा उपलब्ध है।
सोने एवं चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्क एवं एचयूआईडी संख्या की सत्यता जांचने की प्रक्रिया, अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश, हॉलमार्किंग केंद्रों की उपलब्धता, हॉलमार्किंग की प्रक्रिया तथा उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन जांच सुविधा की जानकारी भी प्रदान की गई।
कार्यशाला में मानकों के संग्रह का प्रदर्शन किया गया और "Standards Watch" की उपयोगिता से अवगत कराया गया। साथ ही शैक्षिक क्षेत्र में स्टैंडर्ड्स क्लब एवं एमओयू पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से बीआईएस की शैक्षणिक सहभागिता पर भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान कर संतोषजनक उत्तर प्रदान किए गए।