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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
प्रभारी महापौर व्यवस्थापन के लिए गंजपारा का निरीक्षण करने पहुँचे:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास पर और महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दिशा निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने एमआईसी सदस्य काशीराम कोसरे,शिव नायक,नीलेश अग्रवाल,बाजार अधिकारी शुभम गोइर के साथ गंजपारा क्षेत्र का जायजा लिया।महापौर श्रीमती बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर श्री बंजारे के औचक निरीक्षण के दौरान गंजपारा में मनमानी अव्यवस्था का आलम,क्षेत्र में सड़क किनारे अवैध कब्जों से सामना हुआ।इस दौरान नाराजगी जताते हुए प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने तत्काल अव्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।उन्होंने दुकानों के बहार सामान ओर कई जगह गुमटी-ठेले मिले, यह देखकर उन्होंने सीमा के अंदर कारोबार करने की हिदायत दी।ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।उन्होंने कहा सड़क किनारे रोड को कब्जमुक्ति कराए,ताकि लोगो को आवाजाही में सुविधा हो।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने शहर को व्यवस्थित करने और बाजार को और बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की तैयारी की जा रही है।बात दे कि भारतीय स्टेट बैंक के पीछे गंजपारा क्ष्रेत्र का दौरा कर अतिक्रमण को हटाने के बाद,व्यपारियो को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जा रही है।
बीते दिनों निगम प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने के बाद, अब शहर के निगम प्रशासन ने सड़कों को चौड़ा करने और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्थापन किया है।
प्रभारी महापौर ने बताया की महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास से आने के बाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बाजार को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जाएगी और जल्द से जल्द व्यवस्थापन किया जाएगा।उन्होंने गंजपारा के लिए लगभग 40 से 50 गुमटियां बनवाने की तैयारी के लिए अधिकारी को निर्देश कर दिया है।
उन्होंने कहा गुमटियाँ व्यापारियों को एक उचित स्थान प्रदान करेंगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को व्यवस्थित ढंग से कर सकेंगे।उन्होंने कहा गुमटियाँ शहर के सौंदर्य को भी बढ़ाएंगी।
- कलेक्टर ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का किया शुभारंभ
- अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतर अवसर : कलेक्टर
- सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी करते है अग्रसर : सीईओ जिला पंचायत
- मन में ठान लीजिए तो कोई कार्य मुश्किल नहीं, जुनून के साथ करें पढ़ाई : श्री आकाश गर्ग
- स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ करें अध्ययन : श्री आकाश गर्ग
- हमारी सफलता के पीछे होती है असफलताएं एवं संघर्ष : सुश्री पूर्वा अग्रवाल
- कभी भी प्रयास करना न छोड़े, अनुशासन का अनुकरण करें : श्री अंकित धवानी
मोबाईल में स्क्रीन टाईम करें कम : श्री अंकित धवानी
- अध्ययन के दौरान शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर रखें ध्यान : श्री आदित्य विक्रम
- अध्ययन के लिए तैयारी ऐसे कीजिए कि जैसे समंदर में तैरना है तो कूद जाइए : श्री आदित्य विक्रम
- लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से करें तैयारी : श्री अभिषेक अग्रवाल
- यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली नहीं जा पाए, तो जहां आप है वहां दिल्ली जैसे इको सिस्टम बना लीजिए : श्री अभिषेक अग्रवाल
राजनांदगांव/शौर्यपथ / युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा, क्षमता एवं संभावनाओं को आकार देने के लिए तथा उनके कैरियर को सही दिशा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं युवा शामिल हुए। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। हम सभी ने उनके विचारों एवं जीवन से प्रेरणा ली है और अनुसरण किया है तथा उनके उद्धरण एवं लेखनी को अपने जीवन में आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित पांच शख्सियत यहां मौजूद हैं, जिनके अनुभवों का लाभ विद्यार्थियों एवं युवाओं को मिलेगा। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं किसी कार्यक्रम में अखिल भारतीय सेवा के चयनित अभ्यर्थी के प्रेरक उद्बोधन को सुनकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहित हुए थे और यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। इसलिए हमेशा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हुए। जिससे युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतरीन अवसर मिलता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि टॉपर्स के विचारों को सुने, समझे और सफलता के लिए सीख कर जाएं। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी सत्र में यूपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे। विद्यार्थी पढ़ाई के लिए मोबाईल का उपयोग कम करेंगे। इसके लिए विभिन्न विषयों पर अभिमत, विश्लेषण पढऩे की आवश्यकता है। भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा कठिन परीक्षा है। गंभीरता से तैयारी करने पर सफलता मिलती है।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि आज यहां जो युवा आए है, वे एक मकाम हासिल करें और सफलता हासिल करें। इस उद्देश्य एवं आशा के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है कि विद्यार्थी एवं युवा यहां से कुछ सीखकर जाएं। यहां आए अभ्यर्थियों ने जीवन में संघर्ष किया है और उनकी जीवन यात्रा में बाधाएं रही। इसके बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि तनाव एक अच्छा शिक्षक है और सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी अग्रसर करते है।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 5वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आकाश गर्ग ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बी-टेक में स्नातक किया है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान एक जिला प्रशासक की भूमिका एवं जिम्मेदारी को देखते हुए इस पद पर कार्य करने के लिए रूझान बढ़ा। उन्होंने कहा कि मन में ठान लीजिए तो कोई काम मुश्किल नहीं। आप जुनून के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2023 में यूपीएससी की परीक्षा में असफल हुए थे। उन गलतियों को ठीक करते हुए वे बेहतर परिणाम की ओर अग्रसर हुए। उन्होंने कहा कि गलतियों को दोहराना नहीं, बल्कि उसमें सुधार करना और सीखना है। स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ अध्ययन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 65वां रैंक प्राप्त करने वाली एवं छत्तीसगढ़ टॉपर सुश्री पूर्वा अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बनाएं रखें, लेकिन परीक्षा को कम न आंके। इसमें केवल तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि विश्लेषण भी किया जाता है। समय पर तैयारी करने के साथ ही निरंतरता बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि हमारी सफलताएं दिखाई देती है, लेकिन कोई भी सफलता हमें एक दिन में प्राप्त नहीं होती। इसके पीछे हमारी असफलताएं भी होती है, जिन्हें लोग नहीं जानते। जीवन के उतार चढ़ाव से हार मत मानिए। उन्होंने बताया कि परिवार से उन्हें बहुत मदद मिली।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 9वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आदित्य विक्रम ने बताया कि उनका संघर्ष जरा लंबा रहा, लेकिन परिवार का भरपूर सहयोग मिला। देश की सेवा के लिए आना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें पांचवें प्रयास मेंं सफलता मिली। परीक्षा की तैयारी के दौरान हताश एवं निराश भी रहा। इसलिए अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाएं रखने के लिए मेडिटेशन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान 7 घंटे सोना चाहिए और लगभग 8-10 घंटे पढऩा चाहिए। रूटीन में पढ़ाई में निरंतरता रहे तथा लाइब्रेरी में भी जाकर पढ़ा जा सकता है। मोबाईल का उपयोग कम करें और सोशल मीडिया से दूर रहें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से अधिक से अधिक युवाओं का चयन होना चाहिए। तैयारी ऐसे किजिए जैसे तैरना है, तो समंदर में कूद जाईए। मन में कोई झिझक नहीं रखें और सभी विषयों का लगातार रिविजन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 273वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अंकित धवानी ने बताया कि वे राजिम के निवासी है। उन्होंने कहा कि कभी भी प्रयास करना न छोड़े। अच्छे दोस्त बनाएं और उनसे समस्या के संबंध में चर्चा करें। मोबाईल का उपयोग एसेट की तरह करें और मोबाईल में स्क्रीन टाईम कम करें। उन्होंने कहा कि अनुशासन का अनुकरण करें तथा मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पढ़ाई छत्तीसगढ़ में रहकर ही की।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 243वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी के लिए नई दिल्ली नहीं जा पाया। अध्ययन के लिए दिल्ली के ट्रैंड के साथ जागरूकता बनाए रखते हुए तथा सेवा में रहते हुए तैयारी की। उन्होंने कहा कि मैंने लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से तैयारी की। आधुनिक भारत एवं भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए लगन से पढ़ाई की। जहां अथाह विषय हैं, वहां टेक्स्ट सिरीज की मदद से पढ़ाई की उन्होंने युवाओं से कहा कि आप यूपीएससी की तैयारी यहां रह कर भी कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली जैसा इको सिस्टम बना लिजिए। जीवन में पढ़ाई के लिए थोड़ा सा तनाव भी जरूरी है। आप यह नहीं जानते की आपके लिए भविष्य में संभावनाओं के रास्ते खुले हुए हैं।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र में विद्यार्थियों एवं युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत सरकार एवं राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है।
इस बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैव संसाधनों के दोहन के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है। यहां युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जा रही है।
इंक्युबेशन सेंटर में 17 सूक्ष्म एवं लघु और 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जो तीन वर्षों तक सेंटर में कार्यरत रह सकेंगी। कृषि और फार्मा बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर के निर्माण एवं फर्निशिंग कार्य के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। इससे जहां एक ओर शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा देगी।
पाठ्यपुस्तक वितरण प्रक्रिया में आई तकनीकी समस्याओं पर लिया गया त्वरित निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा रही हैं। यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई जा रही है।
पाण्डेय ने बताया कि पिछले शिक्षा सत्र में सामने आई कुछ अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष प्रत्येक पुस्तक पर दो बारकोड लगाए गए हैं।एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा पुस्तक के गंतव्य विद्यालय की पहचान के लिए।
इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं, जो 17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुँचा दी गईं। शासकीय विद्यालयों की कक्षा 9वीं, 10वीं की पुस्तकें स्कूलों तक पहुंचा दी गई है तथा स्कूलों में बारकोड स्कैनिंग का कार्य भी 90 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इसी तरह आत्मानंद विद्यालयों में भी पुस्तकों का वितरण तेजी से किया जा रहा है और 60 प्रतिशत किताबें पहुँच चुकी हैं, शेष कुछ ही दिनों में पहुँचा दी जाएंगी।
प्राइवेट विद्यालयों को इस बार बारकोड स्कैनिंग के पश्चात ही पुस्तकें डिपो से प्रदान की जा रही हैं, जबकि पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती थी। हालांकि, बीते तीन दिनों में डिपो में स्थान की कमी और स्कैनिंग प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता की कमी के कारण समस्याएं उत्पन्न हुईं।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अवगत कराया गया और बताया गया कि 1100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिर सहित बड़ी संख्या में प्राइवेट विद्यालयों को पुस्तकें मिलनी हैं, तब मुख्यमंत्री जी ने शीघ्र निर्णय लेते हुए निर्देशित किया कि सभी प्राइवेट विद्यालय अपनी आवश्यकता अनुसार जिलेवार किताबें डिपो से प्राप्त करें तथा 7 दिवस के भीतर अपने विद्यालय में बारकोड स्कैनिंग पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय की सराहना करते हुए अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि यह शिक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों की पढ़ाई समय पर शुरू हो सके और कोई भी छात्र पुस्तक के अभाव में पीछे न रह जाए। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल एक बार फिर यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित और सजगता से कार्य कर रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को आगामी 20 जुलाई को बिलासपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय से समाज के युवाओं के उत्थान एवं कौशल विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की तथा राज्य सरकार द्वारा समाज के कल्याणार्थ किए जा रहे कार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री साय ने रजक समाज की एकजुटता और प्रगति की सराहना करते हुए सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रह्लाद रजक उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली "वॉटर वुमन" के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से सिंदूर पौधरोपण को जन-जन तक पहुंचाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने शिप्रा पाठक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शिप्रा पाठक ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किए गए कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर पहचान प्राप्त की है। उनके नेतृत्व में सिंदूर पौधरोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम लोगों को पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित भी किया है।इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर हरिशंकर सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
रायपुर /शौर्यपथ /प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से बेहतर परिणाम मिले हैं। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के पूर्व कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के पश्चात प्रदेश के 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है जो कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सार्थक कदम है, जिससे निःसंदेह उन विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
बस्तर एवं सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी के कारण लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय रह गये हैं। निकट भविष्य में प्रधान पाठक एवं व्याख्याता की पदोन्नति तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती के द्वारा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पूर्ति कर दी जावेगी, जिससे कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय नहीं रहेगा तथा अन्य विद्यालयों में भी जहां शिक्षकों की कमी है, शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया, शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित प्रावधानों के तहत की गई है, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाये गये, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।
टोंक जिले में कानून का खौफ नहीं: ग्रामीणों ने पुलिस टीम को खदेड़ा, कार्रवाई के दौरान उग्र हुआ विरोध
राजस्थान / शौर्यपथ /
टोंक जिले के अलीगढ़ थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव में कानून व्यवस्था उस समय पूरी तरह से चरमरा गई जब अवैध शराब के खिलाफ दबिश देने पहुंची पुलिस टीम को ग्रामीणों ने न सिर्फ घेर लिया बल्कि जबरन गांव से खदेड़ भी दिया। इस पूरी घटना ने पुलिस की कार्यशैली, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते असंतोष और कानून व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को उजागर कर दिया है।
पुलिस को गढ़ी गांव में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री की सूचना मिली थी। शुक्रवार सुबह अलीगढ़ थाने की एक टीम गांव में दबिश देने के लिए पहुंची। टीम में कुछ पुरुष पुलिसकर्मी और दो अन्य सरकारी अधिकारी शामिल थे।
जैसे ही पुलिस ने गांव के कुछ घरों की तलाशी शुरू की, ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिसकर्मी बिना महिला कर्मियों के महिलाओं के घरों में घुस गए और अभद्र भाषा तथा बल प्रयोग किया। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा और भीड़ ने पुलिस को घेर लिया।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को अपना वाहन छोड़कर भागना पड़ा। कुछ जवानों को ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से पीटने की कोशिश भी की, जिसमें दो पुलिसकर्मी हल्के रूप से घायल हुए हैं।
थाना प्रभारी ने कहा,
"हमें गुप्त सूचना मिली थी कि गांव में अवैध शराब बन रही है। जैसे ही हमने कार्रवाई शुरू की, भीड़ इकट्ठा हो गई और हमला कर दिया। यह प्रशासनिक कार्य में बाधा और पुलिस पर हमला है।"
पुलिस ने अज्ञात 15–20 ग्रामीणों के खिलाफ IPC की धारा 353 (सरकारी कार्य में बाधा), 332 (पुलिसकर्मी पर हमला) सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज कर ली है।
ग्रामीणों ने बताया कि—
पुलिस रात में बिना पूर्व सूचना के आई।
टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी।
उन्होंने महिलाओं और बच्चों से भी दुर्व्यवहार किया।
निर्दोष लोगों को पकड़ने की कोशिश की गई।
कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस जबरन घरों में घुसकर चोरी का सामान बरामद बताने की कोशिश कर रही थी।
जिलाधिकारी और एसपी ने इस घटना को गंभीर मानते हुए बयान दिया कि—
“स्थिति की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषी कोई भी हो, कार्रवाई तय है।”
पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील गांवों में कार्रवाई से पहले जनप्रतिनिधियों और पंचों से संवाद स्थापित करें।
इस घटना ने स्थानीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है।
विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि—
राज्य में कानून का भय खत्म हो गया है।
पुलिस की कार्यशैली जनविरोधी और अराजक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस का रवैया दमनात्मक हो चला है।
टोंक जिले की यह घटना यह दर्शाती है कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास की खाई बढ़ती जा रही है। यदि प्रशासन ने समय रहते सामूहिक संवाद और संवेदनशील कार्रवाई की रणनीति नहीं अपनाई, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकती हैं।
तीन दशकों बाद हुई शिक्षकों की कमी दूर
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण नीति से गांव के स्कूलों की रौनक बढ़ गई है। स्कूली बच्चे भी अब खुशी-खुशी स्कूल जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से एकल शिक्षकीय शालाओं में अब दो-दो शिक्षकों की पदस्थापना से बच्चों की पढ़ाई अब बेहतर हो गई है। 3 दशकों से महासमुंद जिले के प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और प्राथमिक शाला नाँदबारू शाला एक शिक्षकीय थी।
ग्रामीणों ने बताया कि तीन दशकों से इन विद्यालयों में एकमात्र शिक्षक के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही थी। सीमित संसाधनों और भारी जिम्मेदारियों के बावजूद शिक्षकगण पूरी निष्ठा से कार्य करते रहे, लेकिन कई शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही थीं। प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और प्राथमिक शाला नाँदबारू, जो 1994-95 से एकल शिक्षक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहे थे।
सत्र 2024-25 में छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन विद्यालयों को पहली बार दो-दो शिक्षक मिले हैं। यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि इन विद्यालयों के लिए शैक्षणिक परिवर्तन का सकारात्मक पल था। दूसरे शिक्षक के आने से बच्चों के चेहरे पर नई ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित हुई है। इसके अलावा खेलकूद, सांस्कृतिक, गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
शासन की सख्त निगरानी में किसानों को खाद वितरण
रायपुर/शौर्यपथ /खरीफ सीजन की तैयारी के तहत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के किसानों को आवश्यक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। विभिन्न जिलों में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एसएसपी और पोटाश जैसे प्रमुख उर्वरकों का पर्याप्त भंडारण किया गया है तथा प्रशासन की सतत निगरानी में इनका वितरण भी किया जा रहा है।
सरगुजा जिले से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक कुल 14,791 क्विंटल उर्वरकों का भंडारण किया गया है, जिसमें से 12,893 क्विंटल खाद किसानों को वितरित की जा चुकी है। शेष 1,898 क्विंटल खाद भंडारण में उपलब्ध है, जिसे किसानों की मांग के अनुरूप वितरित की जा रही है। यूरिया की 7,862 क्विंटल मात्रा में से 6,884 क्विंटल वितरण किया गया है और 978 क्विंटल शेष है। डीएपी का 1,276 क्विंटल भंडारण में था, जिसमें से 1,092 क्विंटल किसानों को प्रदान किया गया और 184 क्विंटल अभी भी उपलब्ध है। एनपीके की 4,066 क्विंटल मात्रा में से 3,815 क्विंटल का वितरण हो चुका है और 251 क्विंटल शेष है। एसएसपी के 811 क्विंटल में से 537 क्विंटल वितरित किए गए हैं तथा 274 क्विंटल शेष हैं। वहीं पोटाश की 776 क्विंटल मात्रा में से 565 क्विंटल का वितरण हो चुका है और 211 क्विंटल अब भी भंडारण में मौजूद हैं।
सरगुजा जिले के कलेक्टर ने खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को समय पर, पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से खाद उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी सहकारी समिति अथवा विक्रेताओं द्वारा अनावश्यक भंडारण या कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न विकासखंडों में उर्वरक वितरण की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो भंडारण केंद्रों और विक्रय समितियों का औचक निरीक्षण करेंगी। शासन का उद्देश्य है कि प्रदेश के सभी कृषकों को आवश्यक उर्वरक समयबद्ध और उचित दर पर उपलब्ध हों, जिससे खरीफ सीजन की बुआई और उत्पादन में कोई रुकावट न आए।
स्कूलों को मिले नए शिक्षक, पढ़ाई में आई रफ्तार
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण नीति से ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के तीन प्राथमिक शालाओं अमोदी, बस्ती पारा और डोभट्टी में वर्षों से एकल शिक्षक व्यवस्था के कारण बाधित हो रही पढ़ाई को अब नए शिक्षकों की नियुक्ति से नई दिशा मिल गई है। गांववासियों और प्रधानपाठकों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
इन स्कूलों में अब बच्चों की हँसी, किताबों की सरसराहट और शिक्षक की आवाज़ फिर से सुनाई देने लगी है। पहले जहां एक शिक्षक को ही सभी कक्षाओं का बोझ उठाना पड़ता था, अब दो-दो शिक्षकों की व्यवस्था से शिक्षण प्रक्रिया संतुलित और प्रभावी हो गई है।
शिक्षकों की नियुक्ति बनी उम्मीद की किरण
प्राथमिक शाला डोभट्टी के प्रधानपाठक श्री बंजारे बताते हैं, पहले अकेले सभी कक्षाओं को संभालना कठिन था। अब दूसरे शिक्षक की नियुक्ति से बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल रहा है और उनकी पढ़ाई में रूचि भी बढ़ी है। अमोदी-बस्ती पारा प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक श्री घनश्याम साहू ने बताया कि नए शिक्षक के आने से विद्यालय में ऊर्जा का संचार हुआ है। बच्चों के स्तर में सुधार हो रहा है और अभिभावक भी अब पढ़ाई को लेकर अधिक उत्साहित हैं।
शिक्षा का केंद्र बनते जा रहे गांव के स्कूल
अब ये स्कूल सिर्फ भवन नहीं, बल्कि गाँव के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की नींव बनते जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और अभिभावक भी शासन की इस पहल से संतुष्ट हैं।
रायपुर /शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका ने प्रेस अधिकारी श्रीमती हर्षा पौराणिक और सहायक लेखाधिकारी श्री मनीष पाण्डेय के स्थानांतरण पर उन्हें नये दायित्वों तथा उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि शासकीय सेवा के दौरान स्थानांतरण एक प्रक्रिया है जिससे हर शासकीय सेवक को गुजरना पड़ता है। जहां भी कार्य करें अपना सर्वश्रेष्ठ दें। शासकीय दायित्वों के साथ अपने परिवार को भी समय दें।
राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर प्रसन्ना ने कहा कि आज सोशल मीडिया के दौर में जनसंपर्क का कार्य एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। साथ ही राजभवन के लेखाजोखा का कार्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता पूर्वक किया गया। उन्होंने नये दायित्वों के लिए दोनों को बधाई दी।
इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ वन विभाग का संकल्प परंपरागत ज्ञान और कानूनी अधिकारों के समन्वय से सतत वन प्रबंधन
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों की मान्यता एवं वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में रहते हुए सक्रिय, सकारात्मक और सराहनीय भूमिका निभाई है। अब तक प्रदेश में 4,78,641 व्यक्तिगत अधिकार तथा 4,349 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे कुल 20,06,224 हेक्टेयर क्षेत्र पर कानूनी अधिकार प्रदान कर लाखों वनवासी परिवारों को सशक्त बनाया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की प्रशासनिक प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
वन विभाग द्वारा सीएफआरआर क्रियान्वयन के दौरान मॉड्यूल प्रबंधन योजनाओं और दिशा-निर्देशों के अभाव में फील्ड अधिकारियों को केवल एक परामर्श जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 से वैज्ञानिक रूप से समन्वित हों। इस परामर्श की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बिना स्पष्ट ढांचे के फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन में असंगति उत्पन्न हो रही थी, जिससे भविष्य में वनों की पारिस्थितिकी के क्षतिग्रस्त होने, स्वीकृत कार्य योजनाओं से टकराव और समुदाय तथा विभागीय विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका थी। कुछ संस्थाओं एवं ग्राम सभाओं द्वारा इसे अधिकार सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा गया, जबकि वास्तव में विभाग का उद्देश्य केवल पारदर्शी, टिकाऊ और कानूनी रूप से मजबूत प्रबंधन की पूर्व तैयारी करना था।
दिनांक 15.05.2025 को कार्यालय से जारी पत्र केवल एक अंतरिम प्रक्रिया-संबंधी व्यवस्था थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मॉडल योजना जारी होने तक केवल स्वीकृत योजनाएं ही लागू की जाएं। इस पत्र में एक टंकण त्रुटि के कारण वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ लिखा गया था, जबकि वास्तविक शब्द ‘समन्वयक’ था। इस त्रुटि को 23.06.2025 के परिपत्र से विधिवत सुधार दिया गया। उक्त पत्र तथा स्पष्टीकरण के कारण उत्पन्न भ्रम को दृष्टिगत रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार दोनों पत्रों को दिनांक 03.07.2025 को वापस ले लिया गया है।
सीएफआरआर क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने हेतु छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को औपचारिक अनुरोध भेजे गए हैं, जिनमें अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 के अनुरूप मॉडल सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं तथा विस्तृत क्रियान्वयन दिशा-निर्देश जल्द से जल्द जारी किए जाएं एवं ग्राम सभा प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के लिए समग्र प्रशिक्षण मॉड्यूल / हैंडबुक प्रकाशित की जाए।
छत्तीसगढ़ वन विभाग यह स्पष्ट करता है कि सीएफआरआर का क्रियान्वयन प्रदेश में पूरी पारदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सहभागिता के साथ किया गया है तथा आगे भी परंपरागत ज्ञान को सम्मान देते हुए सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाता रहेगा।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज शाम उनके रायपुर स्थित निवास कार्यालय में यादव समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल विधायक गजेंद्र यादव के नेतृत्व में पहुंचा था।
मुख्यमंत्री साय से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधियों के साथ समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने समाज की एकता, सहयोग और प्रगति की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार समाज के विकास में हरसंभव मदद करेगी।
इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल में महापौर राजनांदगांव मधुसूदन यादव तथा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से यादव समाज के पदाधिकारी माधव लाल यादव, बोधन यादव, गुलेंद्र यादव , देवेंद्र यादव, परमानंद यादव, जगमोहन लाल यादव, श्री खेमराज यादव आदि शामिल रहे।