
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
कही जेसीबी तो कही कर्मियों ने पानी निकासी का बनाया रास्ता
रिसाली/शौर्यपथ /लगातार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया। निचली बस्ती से लेकर पाॅश काॅलोनी में बारिश का पानी निकालने कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। महापौर शशि सिन्हा, आयुक्त मोनिका वर्मा समेत सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर जलमग्न वार्डो तक न केवल पहुंचे, बल्कि पानी निकासी की स्थिति का जायजा लेते रहे।
आधी रात के बाद शुरू हुई बारिश का पानी सुबह-सुबह घरों के अंदर घुसने लगा। सड़क और गलियों का पानी नालों तक पहुंचकर ऊफान मारने लगा। स्थिति ऐसी थी कि बाजार क्षेत्र से लेकर काॅलोनियों में 2.5 फीट पानी चढ़ा हुआ था। हालांकि महापौर शशि सिन्हा, एमआईसी संजू नेताम, जहीर अब्बास, अनिल देशमुख, जमुना ठाकुर समेत सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर, आयुक्त मोनिका वर्मा के दिशा निर्देश पर राहत कार्य चलते रहा। दोपहर तक अधिकांश वार्डो से पूर्ण रूप से पानी निकासी हो चुका था।
ये वार्ड रहे प्रभावित
इंटरनेशनल काॅलोनी तालपुरी, मैत्रीनगर, रिसाली बस्ती, नेवई, मरोदा स्लम क्षेत्र, व्हीआईपी नगर, प्रगतिनगर, शक्ति विहार, सरस्वती कुंज अवधपुरी, डुण्डेरा।
महापौर ने बुलाई बैठक
जल भराव वाले वार्डो को देख महापौर शशि सिन्हा ने पूरे क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने एमआईसी की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सफाई ठेकेदार को बैठक में विस्तार से चर्चा की। महापौर शशि ने बारिश में विशेष कार्य योजना तैयार कर एक गैंग पानी निकासी कार्य के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
परशुराम चैक के सामने घंटो चला राहत कार्य
दरअसल बी.एस.पी. द्वारा शिवनाथ से मरोदा टैंक तक के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। मलबा सड़क और माइनर नहर के आस पास छोड़ रखा है। इसे हटाने निगम ने बी.एस.पी. को पत्र भी लिखा है। यही वजह है कि परशुराम चैक से लेकर सांई मदिर तक कई जगह पानी निकासी के लिए कच्चा रास्ता बनाना पड़ा।
पीड़ित शिक्षकों को ही किया जा रहा है प्रताड़ित, अनियमिता के दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं
रायपुर//शौर्यपथ /अव्यवहारिक, अन्यायपूर्ण युक्तियुक्तकरण से प्रभावित और पीड़ित शिक्षकों की सुनवाई के लिए संभाग व राज्य समिति के गठन को विभाग की मनमानी पर परदेदारी करने तथा जानबूझकर की गई अनियमितताओं से ध्यान भटकाने का पाखंड करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि सरकार ने एक तरफ आबंटित स्कूल में कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है, वहीं दूसरी तरफ प्रभावित शिक्षकों के अभ्यावेदन पर विचार करने के लिए संभाग और राज्य स्तरीय समिति गठित करने का ढोंग कर रहे हैं। पूरे प्रदेश के लगभग सभी जिलों में युक्तियुक्तकरण के नाम पर सत्ता के इशारे पर अधिकारियों ने मनमानी की है। प्रारंभिक चरण में शिक्षकों की अतिशेष सूची और स्कूलों में रिक्त स्थान का पूर्व प्रकाशन कहीं पर भी नहीं किया गया, न ही दावा आपत्ति का अवसर मिला। अतिशेष शिक्षकों के विषय में शुद्धता से परीक्षण किए बिना अचानक काउंसिल से एक दिन पहले सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्तिगत सूचना देकर बुलाया गया, काउंसलिंग स्थल पर भी शिक्षकों की आपत्ति को स्वीकार नहीं किया गया, निराकरण हेतु कोई भी सक्षम अधिकारी काउंसलिंग के दौरान उपस्थित नहीं रहे। सैकड़ो मामलों में वरिष्टता का निर्धारण त्रुटि पूर्ण ढंग से किया गया, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम 1961 के विपरीत वरिष्ठता अवधारित की गई है। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में चक्रीय क्रम का पालन कई स्कूलों में नहीं हुए, अतिशेष शिक्षकों के चयन में विषय का ध्यान नहीं रखा गया, जिला स्तर में काउंसलिंग के दौरान जानबूझकर दुर्भावना पूर्वक आसपास के स्कूलों में रिक्त पदों को छुपाया गया, उन स्कूलों का विकल्प नहीं दिया गया, ये तमाम गड़बड़ियां जिला स्तर पर की गई जिसकी शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में अधिकारियों ने अपने चहेतों को अनुचित तरीके से उपकृत किया है। पहुंच-पहचान और लेनदेन के आधार पर भेदभावपूर्ण तरीके से अतिशेष की श्रेणी में शिक्षकों को शामिल किया गया, पूरी प्रक्रिया के दौरान कई ऐसे नाम है जिनको काउंसलिंग में बुलाया तो गया लेकिन बाद में अचानक उनका नाम अतिशेष से बाहर हो गया और वे यथावत पुरानी शाला में ही पदस्थ हैं जो पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का पुख्ता प्रमाण है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि पहले भी सरकार ने युक्तियुक्तकरण के संदर्भ में सुनवाई के नाम पर प्रभावित शिक्षकों से अभ्यावेदन मंगाए, लेकिन तानाशाह अधिकारियों ने पीड़ित शिक्षको से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने मजबूर करके सुनवाई की खानापूर्ति कर ली और एकतरफा आदेश थोप दिए, अब एक बार फिर ठगने की तैयारी है। जब जिले के भीतर है आसपास के स्कूलों में पद खाली है, जहां अतिशेष शिक्षकों का समायोजन किया जा सकता है, फिर अगले क्रम में संभाग स्तर पर शिक्षकों को क्यों भेजा गया? अधिक दर्ज संख्या वाले आसपास के स्कूलों के बजाय कम दर्ज संख्या वाले दुरुस्त स्कूलों में समायोजन की बाध्यता क्यों? जब आदेश पूरे शिक्षा विभाग के लिए है फिर जिला मुख्यालयों में नगर निगमों के तमाम स्कूल जिनका शिक्षा विभाग में विलय हो चुका है और स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल युक्तियुक्तकरण के दायरे से बाहर क्यों? क्या यहां शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं है? शिक्षक संघ की मांग थी पहले प्रमोशन किया जाये उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हो, अब प्रमोशन की प्रक्रिया से खाली होने वाले पदो पर किनकी पोस्टिंग होगी? काउंसिलिंग के दौरान जिले के भीतर स्कूलों में रिक्त पदों की जानकारी छुपाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया ही त्रुटिपूर्ण और मनमाना है, सरकार के समिति बनाने से शिक्षकों को रिलीफ मिलने की कोई संभावना नहीं है। गड़बड़ी, अनियमितता और शिक्षकों का भयादोहन करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही कर तत्काल इस प्रक्रिया पर रोक लगाकर पारदर्शी तरीके से अमल करें सरकार।
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के तीन दिन के प्रशिक्षण सत्र में डेढ साल के भ्रष्टाचार पर मंथन हुआ। खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और अन्य नेताओं ने राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर नसीहत देनी पड़ी। यह प्रशिक्षण शिविर मस्ती की पाठशाला थी, जहां पर सरकारी धन पर पूरी सरकार ने मौज मस्ती और पिकनिक मना कर आई। जिस सरगुजा संभाग में भाजपा ने यह तीन दिन का प्रशिक्षण किया। उसी सरगुजा संभाग के हसदेव और तमनार में सरकार अडानी की खदान के लिये जंगल कटवा रही। चिंतन शिविर में इस पर मंथन करने का साहस किसी नेता ने नहीं दिखाया।
किसान खातू के लिये परेशान सरकार पिकनिक मना रही
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पूरी सरकार तीन दिन से मैनपाट में पिकनिक मना रही, मौज मस्ती कर रही है, मानसूनी बारिश उफान पर है, लेकिन अभी तक सोसायटियों में खातू, उर्वरक नही पहुंचा है। किसान परेशान है खाद नहीं मिलने पर उनकी ऊपज प्रभावित होगी। खरीफ में धान छत्तीसगढ़ के किसानों की आय का प्रमुख आधार है। सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में जानबूझ कर खातू की कमी पैदा की जा रही, ताकि किसान धान को पैदावार कम लें, समर्थन मूल्य पर कम धान खरीदना पड़े।
पूरे प्रदेश के संग्रहण केन्द्रों में 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खुले में पड़ा है, भीग चुका है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले साल खरीदे गये धान का निराकरण नहीं कर पाई है। भारी मानसूनी बारिश के बीच पूरे प्रदेश के संग्रहण केन्द्रों में 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खुले में पड़ा है, भीग चुका है। सरकार लापरवाह बनी हुई है। राज्य के जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स से खरीदा गया धान भीग कर खराब हो रहा है। डबल इंजन की सरकार का कोई फायदा राज्य को नहीं मिल रहा है।
निचली बस्तियों में राहत पहुंचाए सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण प्रदेश के अनेक शहरों में निचली बस्तियों में पानी भर गया है। लोग परेशान है। पूरी सरकार मैनपाट में पिकनिक पर थी। जनता बारिश का कहर मिलने को मजबूर है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है सभी शहरों में तत्काल बचाव, राहत कार्य शुरू किया जाये, लोगो को सुरक्षित किया जाये।
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। युक्तियुक्तकरण के कारण स्कूलों में शिक्षकों का आभाव हो गया है। एक शिक्षक पांच क्लास ले रहे, ऐसी युक्तियुक्तकरण किस काम का? शिक्षा सत्र शुरू हुये 1 माह होने जा रहा अभी तक बच्चों को पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाई है। बेहद दुर्भाग्यजनक शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री के पास है तब इतनी अव्यवस्था है।
मोर गांव, मोर पानी महा अभियान से जिले में वर्षा जल का संरक्षण हो रहा है
मोहला /शौर्यपथ / जिले में मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मोहला-मानपुर-अं.चौकी जिले के ग्राम पंचायतों में कुल 269 से अधिक संरचनाएं बनाई जा चुकी है व इस वर्ष जल संरक्षण कार्यों को मंजूरी दी जा रही है इनमें तालाब निर्माण, निजी कृषि तालाब, सोखता गड्ढे, लूज बोल्डर चेक डैम, गैबियन स्ट्रक्चर, अर्दन डैम, चेक डैम, कंटूर ट्रेच, सोक पिट, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज, परकोलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, इन संरचनाओं का मुख्य उददेश्य बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से बहकर व्यर्थ जाने वाले पानी को रोकना और उसे धरती में समाहित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है ।
इन कार्यों की योजना बनाने और कार्यान्वयन में आधुनिक जीआईएस भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से रिज टू वैली पहाड़ी से घाटी तक सिद्धांत पर आधारित स्ट्रक्चर्स की प्लानिंग की गई है ताकि बारिश का पानी व्यवस्थित तरीके से संरचनाओं में एकत्र हो और अधिकतम जल संचयन हो सके। पूर्व में इन क्षेत्रों में वर्षा चल के बहाव से बड़े पैमाने पर मिटटी कटाव की समस्या उत्पन्न होती थी। अब इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि मिटटी कटाव की समस्या पर भी स्थायी समाधान मिलेगा। नालों का बहाव धीमा होगा और पानी धीरे-धीरे भूमि में रिसकर भू-जल भंडार को समृद्ध करेगा। च्ड।ल्दृळ के हितग्राहियों के घरो में महाअभियान चलाते हुए जिले में सभी आवासों में सोखता गढ्ढा एवं रूफटॉप संरचना का निर्माण के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित करते हुए संरचनाओं निर्माण किया जा रहा है।
कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति और जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर के मार्गदर्शन में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के लिए विभन्न संरचनाओं का निर्माण तेज गति से जारी है। जिसमें ग्राम पंचायातों की शत प्रतिशत भागीदारी है। ये प्रयास जिले में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
गुरुवार
मोर गांव, मोर पानी महा अभियान से जिले में वर्षा जल का संरक्षण हो रहा है
मोहला /शौर्यपथ / जिले में मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मोहला-मानपुर-अं.चौकी जिले के ग्राम पंचायतों में कुल 269 से अधिक संरचनाएं बनाई जा चुकी है व इस वर्ष जल संरक्षण कार्यों को मंजूरी दी जा रही है इनमें तालाब निर्माण, निजी कृषि तालाब, सोखता गड्ढे, लूज बोल्डर चेक डैम, गैबियन स्ट्रक्चर, अर्दन डैम, चेक डैम, कंटूर ट्रेच, सोक पिट, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज, परकोलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, इन संरचनाओं का मुख्य उददेश्य बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से बहकर व्यर्थ जाने वाले पानी को रोकना और उसे धरती में समाहित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है ।
इन कार्यों की योजना बनाने और कार्यान्वयन में आधुनिक जीआईएस भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से रिज टू वैली पहाड़ी से घाटी तक सिद्धांत पर आधारित स्ट्रक्चर्स की प्लानिंग की गई है ताकि बारिश का पानी व्यवस्थित तरीके से संरचनाओं में एकत्र हो और अधिकतम जल संचयन हो सके। पूर्व में इन क्षेत्रों में वर्षा चल के बहाव से बड़े पैमाने पर मिटटी कटाव की समस्या उत्पन्न होती थी। अब इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि मिटटी कटाव की समस्या पर भी स्थायी समाधान मिलेगा। नालों का बहाव धीमा होगा और पानी धीरे-धीरे भूमि में रिसकर भू-जल भंडार को समृद्ध करेगा। च्ड।ल्दृळ के हितग्राहियों के घरो में महाअभियान चलाते हुए जिले में सभी आवासों में सोखता गढ्ढा एवं रूफटॉप संरचना का निर्माण के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित करते हुए संरचनाओं निर्माण किया जा रहा है।
कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति और जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर के मार्गदर्शन में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के लिए विभन्न संरचनाओं का निर्माण तेज गति से जारी है। जिसमें ग्राम पंचायातों की शत प्रतिशत भागीदारी है। ये प्रयास जिले में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास एवं पारदर्शिता के लिए छत्तीसगढ़ की सराहनीय पहल को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
रायपुर/शौर्यपथ / भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव श्री पी. दयानंद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
खान मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना द्वारा नेशनल डीएमएफ पोर्टल में समस्त राज्यों के डीएमएफ से संबंधित डेटाबेस का संधारण किया जा रहा है। डीएमएफ के ऑडिट रिपोर्ट का राज्य डीएमएफ पोर्टल एवं नेशनल डीएमएफ पोर्टल में 90 प्रतिशत डेटाबेस पूर्णतः अपलोड किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रयासों को मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया और अन्य राज्यों को भी डेटा अपलोडिंग, पारदर्शिता और ज़मीनी क्रियान्वयन के अनुकरण की सलाह दी गई।
उल्लखेनीय है कि नेशनल डीएमएफ कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एवं डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने और खनन क्षेत्रों में सतत एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से सचिव, संचालक एवं खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना एवं आजीविका जैसे विविध क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं।
राज्य शासन द्वारा डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, प्रत्येक जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यों की योजना और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। यह नीति न केवल भौतिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी लक्ष्य में रखती है।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की ओर से सचिव, खनिज साधन विभाग श्री पी. दयानंद, संचालक श्री रजत बंसल के साथ बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर्स एवं डीएमएफ के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण
मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी
तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है।
मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया।
कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
11 राज्यों के अधिकारी एवं आजीविका विशेषज्ञ होंगे शामिल
महिला उद्यमिता को मिलेगा नया आयाम
रायपुर /शौर्यपथ /भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा “लखपति दीदी” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर की क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 जुलाई 2025 तक राजधानी रायपुर में होने जा रहा है। यह कार्यशाला दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आयोजित की जा रही है। आयोजन में देश के 11 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारीगण, मिशन संचालक, आजीविका विशेषज्ञ, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि तथा अन्य संबद्ध हितधारक सहभागी होंगे।
कार्यशाला का उद्घाटन भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री टी. के. अनिल, छत्तीसगढ़ शासन की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा तथा छत्तीसगढ़ शासन के सचिव श्री भीम सिंह की उपस्थिति में होगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में 3 करोड़ “लखपति दीदी” तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और उद्यमशील बनाने हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में यह कार्यशाला विविध पहलुओं जैसे— ग्रामीण आजीविका के अवसर, सामाजिक एवं वित्तीय समावेशन, कौशल विकास, बाजार उपलब्धता, वेल्यू चेन निर्माण एवं आधुनिक तकनीकों पर आधारित रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा एवं अनुभव साझा करने का एक सशक्त मंच प्रदान करेगी।
यह कार्यशाला मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, ओडिशा, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश राज्यों के प्रतिभागियों की सहभागिता का गवाह बनेगी।
विशेष रूप से भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव श्री एस. सी. एल. दास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
कार्यशाला के दौरान विभिन्न सत्रों में स्थानीय संसाधनों के उपयोग, महिला प्रशिक्षण, वित्तीय समावेशन तथा व्यवसाय संवर्धन के विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा। आयोजन में आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिससे उनके उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध हो सके।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की संचालक श्रीमती जयश्री जैन ने बताया कि कार्यशाला की सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह आयोजन ग्रामीण विकास में महिला नेतृत्व को और अधिक प्रभावी भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करेगा। यह कार्यशाला केवल विमर्श का अवसर न होकर भविष्य की ठोस रणनीतियों का आधार भी बनेगा, जिससे “लखपति दीदी” के रूप में लाखों महिलाओं को सशक्त किया जा सकेगा।
दुर्ग/शौर्यपथ / निपुण भारत मिशन की वर्षगांठ के अवसर पर स्टारलाइट फाउंडेशन द्वारा दुर्ग जिले के बोरिगारका प्राथमिक विद्यालय में पहली ‘स्तंभशाला’ कक्षा का शुभारंभ किया गया। यह पहल कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों की फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी (FLN) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।
कक्षा को स्मार्ट एलईडी टीवी, शैक्षिक चार्ट्स, चित्रात्मक पुस्तकें व फन लर्निंग किट्स से सज्जित किया गया है, जिससे बच्चे खेल-खेल में सीख सकें। कार्यक्रम में संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी, सभापति श्रद्धा साहू, जनपद उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संस्था अध्यक्ष प्रतीक ठाकरे ने बताया कि यह मॉडल शिक्षा को बोझ नहीं, आनंदमयी अनुभव बनाने की दिशा में काम करता है। आने वाले महीनों में इसे अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। ग्रामवासियों ने इस पहल को शिक्षा में बदलाव की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
दुर्ग/शौर्यपथ/ दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की शहरी सरकार को अस्तित्व में आए लगभग चार महीने हो चुके हैं। इस अवधि में शहर में विकास कार्यों की सुस्त गति, अव्यवस्थाओं की बढ़ती भरमार और आम नागरिकों की लगातार हो रही परेशानियों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है।
शहर के कई वार्डों में अतिक्रमण की समस्याएं, सफाई व्यवस्था की बदहाली, जलनिकासी की कमी, सड़क मरम्मत जैसे मुद्दे गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इन्हीं जनमुद्दों को लेकर दुर्ग कांग्रेस द्वारा कल दोपहर 12 बजे कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें शहर की जनता की समस्याओं एवं उनकी अपेक्षाओं को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा।
कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार, यह पहल दुर्ग शहर की जनता की आवाज़ को सशक्त रूप से उठाने और उनके हितों की रक्षा करने के विश्वास के साथ की जा रही है। उनका मानना है कि शहर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना शासन और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसे लेकर अब गंभीर और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास होगा कि दुर्ग शहर की जनता सजग है, और उसकी समस्याओं की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
? तारीख: 09/07/2025
? समय: दोपहर 12:00 बजे
? स्थान: कलेक्टर परिसर, दुर्ग
✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
भिलाई/शौर्यपथ।
भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले चर्चित निर्देशक मंजुल ठाकुर इन दिनों एक बेहद अलग और ऐतिहासिक फिल्म “परिणय-सूत्र” की शूटिंग में व्यस्त हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के पास जोर-शोर से चल रही इस फिल्म की शूटिंग में 1970 के दशक के भारत की पारिवारिक संस्कृति, रहन-सहन और सामाजिक मूल्यों को पर्दे पर सजीव रूप में दिखाने की कोशिश की जा रही है।
इस फिल्म का निर्माण संदीप सिंह एवं मंजुल ठाकुर द्वारा किया जा रहा है, जबकि इसकी पटकथा अरविंद तिवारी ने लिखी है। फिल्म आद्या फिल्म्स एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही है।
? फिल्म की विशेषताएं:
निर्देशक मंजुल ठाकुर के अनुसार, “यह फिल्म एक पारंपरिक पारिवारिक गाथा है, जिसमें 70 के दशक के हर पहलू को बड़ी बारीकी से दर्शाया जा रहा है — चाहे वह खानपान हो, पहनावा हो, मकानों की बनावट हो या शादी-विवाह की रस्में। बैलगाड़ी, एक्का, पीतल के बर्तन और उस समय की मुद्रा तक की व्यवस्थित रूप से व्यवस्था की गई है, जिससे दर्शकों को उस दौर की एक सजीव झलक मिल सके।”
उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक दौर की फिल्में बनाना जितना सहज है, उतना ही चुनौतीपूर्ण है अतीत के परिवेश को रच पाना। “उस समय की वास्तुकला, जीवनशैली और व्यवहार की झलक को पुनः खड़ा करना एक बेहद कठिन और दिलचस्प यात्रा रही,” उन्होंने कहा।
? कलाकारों की प्रभावशाली टीम:
इस ऐतिहासिक फिल्म में भोजपुरी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री रानी चटर्जी मुख्य भूमिका में हैं, उनके साथ तनुश्री, राकेश बाबू, प्रशांत सिंह, ललित उपाध्याय, विद्या सिंह और शमशीर सिवानी जैसे सशक्त कलाकार अपने अभिनय से फिल्म को संजीवता प्रदान कर रहे हैं।
इसके अलावा अशोक गुप्ता, नीलम सिंह, रामनरेश श्रीवास्तव, रीमा, रिंकू आयुषी, अंजु रस्तोगी, बबीता, रंजीत सिंह, आदर्श सहित कई कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।
? बाल कलाकारों की भी चमक:
फिल्म में बाल कलाकार ढोलू यादव, दीक्षा, गोकुल और आरजू ने अपने सहज अभिनय से सभी का ध्यान आकर्षित किया है।
? तकनीकी टीम:
फिल्म के दृश्य को कैमरे में कैद करने का कार्य अनुभवी कैमरामैन इमरान शगुन ने किया है। पार्थ मिश्रा एसोसिएट डायरेक्टर हैं, वहीं सहायक निर्देशक के रूप में अमृतराज, सूरज वर्मा और पियुष उपाध्याय का योगदान है। प्रोडक्शन की कमान श्री रौशन व सोनू के पास है, जबकि नाज़िर भाई इस प्रोजेक्ट के आर्ट डायरेक्टर हैं।
? निर्माता संदीप सिंह की सोच:
निर्माता संदीप सिंह ने कहा, “जब मैंने यह कहानी सुनी तो मुझे लगा कि आज के दौर में ऐसी फिल्म की सख्त ज़रूरत है जो नई पीढ़ी को बताए कि हमारे पूर्वजों ने किन हालात में जीवन जिया और कैसे सादगी में भी खुशहाल जीवन जीया। यही सोच लेकर मैंने फिल्म निर्माण का निर्णय लिया।”
? निष्कर्ष:
“परिणय-सूत्र” न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह समय की यात्रा है, जिसमें दर्शक 1970 के दशक के भारतीय परिवेश, संस्कृति और मूल्यों को अनुभव करेंगे। यह फिल्म निश्चित ही भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
? शौर्यपथ न्यूज़