
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
शौर्यपथ /दुनिया में हर किसी की चाहत होती है कि छोटा या बड़ा, लेकिन अपना घर जरूर हो. इसके लिए लोग सालों साल मेहनत करते हैं और अपने अपने सपनों का आशियाना बनाकर उसमें प्रवेश करते हैं. अगर आप भी अपने घर का सपना पूरा कर रहे हैं तो आपको घर बनवाने से पहले इस साल यानी 2024 के शुभ मुहूर्तजान लेने चाहिए. ज्योतिष में कहा गया है कि घर बनवाते समय उसकी नींव रखने के लिए ग्रह नक्षत्रों का शुभ होना बहुत जरूरी होता है और इसके चलते घर परिवार में खुशियां आती है. इस साल घर बनाने के लिए नींव रखने और गृह प्रवेश के कुछ खास मुहूर्त ज्योतिषियों ने बताए हैं. चलिए जानते हैं कि नींव डालने और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त कब कब पड़ रहे हैं.
नींव डालने के लिए शुभ दिन
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नींव रखने के लिए साल भर में कुल 20 दिन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. वहीं गृह प्रवेश की बात करें तो इस शुभ मौके के लिए साल में 28 दिन शुभ हैं. नए घर के लिए नींव डालनी है तो आप जुलाई में इस काम को शुरू करवा सकते हैं. पहला मुहूर्त 22 जुलाई को है और दूसरा मुहूर्त 24 जुलाई को है. इसके बाद 15 अगस्त और 21 अक्टूबर को भी नए घर की नींव डाली जा सकती है. इसके पश्चात 14 नवंबर, 18 नवंबर और 20 नवंबर को नींव डालने के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. दिसंबर माह की बात करें तो 2 दिसंबर, 10 दिसंबर और 12 दिसंबर को नींव डालने के अच्छे दिन हैं.इसके बाद 8 फरवरी 2025 का मुहूर्त शुभ है. इसके बाद पांच मार्च, 16 अप्रैल, 3, 8 और 10 मई का दिन शुभ है. जून की बात करें तो पांच, छह और सात जून को आप नए घर के लिए नींव डाल सकते हैं.
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त
अगर आपका नया घर बन रहा है या बन चुका है तो आपको गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार करना चाहिए. अगस्त में गृह प्रवेश के लिए शुभ दिन 10, 14 और 15 तारीख को है. इसके बाद 7, 8, 11, 13 और 14 नवंबर को गृह प्रवेश के लिए काफी शुभ दिन है. इसके पश्चात 7, 11 और 12 दिसंबर को भी आप नए घर में प्रवेश कर सकते हैं. इसके बाद अगले साल यानी 2025 में 3, 6, 7, 8 , 10 फरवरी को नए घर में प्रवेश के लिए शुभ दिन है. 6 , 8 और 10 मार्च भी गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त कहे गए हैं. 3, 7, 8, 9 और 10 मई को भी नए घर में दाखिल हो सकते हैं. जून की बात करें तो इस महीने में आप 4 , 5 , 6 और 7 तारीख को नए घर में प्रवेश कर सकते हैं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को असीम सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. सिर्फ चैत्र और शारदीय नवरात्रि ही नहीं, बल्कि इसके अलावा गुप्त नवरात्रिमें भी माता रानी की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए. लेकिन, अक्सर लोगों को कन्फ्यूजन रहती है कि गुप्त नवरात्रि कब पड़ती है. जानिए जुलाई के महीने में पड़ने वाली आषाढ़ नवरात्रि के बारे में. यह कब से शुरू हो रही है और इस दौरान आप कैसे कलश स्थापना से लेकर माता रानी की पूजा अर्चना कर सकते हैं.
कब मनाई जाएगी आषाढ़ नवरात्रि
आषाढ़ नवरात्रि का पावन पर्व इस बार 6 जुलाई 2024 से मनाया जाएगा. प्रतिपदा तिथि की शुभ वेला सुबह 7:37 से लेकर 9:19 तक रहेगी, वहीं अभिजीत वेला का समय दोपहर 12:15 से लेकर 1:10 तक है. इस बीच घट स्थापना या कलश स्थापना करने का सबसे उत्तम समय माना जाता है. घट स्थापना करने के लिए सबसे पहले एक लाल रंग का वस्त्र बिछाएं, इसके ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें, मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तिथि तक हर दिन इसमें पानी का छिड़काव करें.
आषाढ़ नवरात्रि के मौके पर अगर आप कलश स्थापना करना चाहते हैं, तो शुभ मुहूर्त में एक तांबे या पीतल के कलश में गंगाजल भरें, इसके ऊपर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर एक नारियल को रखें, इसे माता रानी की प्रतिमा के पास रखें. कहा जाता है कि आषाढ़ नवरात्रि में देवी मां की प्रतिमा के दाहिने तरफ काल भैरव का पूजन करें और बाई तरफ गौर भैरव का पूजन करना चाहिए. वहीं, दाएं तरफ घी का दीया और बाएं तरफ तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो नवचंडी यज्ञ कर सकते हैं, इससे भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. साथ ही, माता रानी को हर दिन सुगंधित पुष्प माला, फूल फल आदि अर्पित करें.
सुदूरवर्ती ग्रामों के विकास में वरदान साबित होगी: श्री रामविचार नेताम
प्रदेश के पांच जिला सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, नारायणपुर और कांकेर में किया जा रहा है योजना का क्रियान्वयन
योजनाओं के समन्वय से बनाया जा रहा आदर्श ग्राम
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर माओवाद से प्रभावित इलाकों में नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिले में स्थापित सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों को राज्य और केन्द्र शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत जनसंख्या को सभी मूलभूत सुविधाएं दिलाने एवं उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने में नियद नेल्लानार योजना एक वरदान साबित होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस योजना का शत्-प्रतिशत् क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। नियद नेल्लानार योजना की मॉनीटरिंग विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा एवं सचिव सह आयुक्त श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा की जा रही है और योजना को मिशन मोड में संचालित किया जा रहा है।
क्या है नियद नेल्लानार योजना -
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नियद नेल्लानार से तात्पर्य “आपका आदर्श ग्राम” है अर्थात् ऐसा ग्राम जहां पर निवासरत जनसंख्या को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं और अब वह अन्य क्षेत्रों की तरह विकास के पथ पर आगे बढ़ने को अग्रसर है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा भी था ‘‘कि यदि देश का विकास करना है, तो सर्वप्रथम ग्रामों को विकास करना होगा’’। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेश के 5 जिलों क्रमशः सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, नारायणपुर एवं कांकेर में नियद नेल्लानार योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें इन जिलों के कुल 8 विकासखंडो में 23 सुरक्षा कैंपों के आसपास के 90 ग्रामों का विकास किया जा रहा है। इन सुरक्षा कैंपो के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्रामों में विभिन्न विभागों की योजनाएं संचालित कर इन ग्रामांे में मूलभूत सुविधाओं और शासन द्वारा संचालित व्यक्तिमूलक योजनाओं का सेचुरेशन किया जाना है।
अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत प्रथम चरण में चिन्हांकित विकासखंडों में स्थापित कैंपो के अंतर्गत शामिल ग्रामों में विभाग द्वारा दो गतिविधियों वन अधिकार सेचुरेशन एवं जिला-ब्लॉक स्तर पर आवासीय विद्यालय की स्थापना का कार्य किया जाना हैै।
वनाधिकार सेचुरेशन के अंतर्गत योजना में लक्षित क्षेत्रों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में अब तक कुल 595 व्यक्तिगत, 178 सामुदायिक एवं 40 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके हैं। इसके अलावा मई माह में 10 दिवसीय अभियान के अंतर्गत लगभग 2593 नए आवेदन प्राप्त किये गए जिस पर जल्द कार्यवाही कर वनाधिकार देना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित ना रहे।
नियद नेल्लार योजना अंतर्गत शामिल ग्रामों के विद्यार्थियों हेतु गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से जिला-ब्लॉक में स्थापित आवासीय विद्यालय एवं आवश्यकतानुसार नए आवासीय विद्यालय स्थापित कर विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित करना विभाग की इस योजना अंतर्गत एक प्रमुख दायित्व है। वर्तमान में लक्षित जिलों में कुल 79 प्री मैट्रिक छात्रावास, 20 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, 249 आश्रम व 8 एकलव्य आदर्श आवासी विद्यालय (ईएमआरएस) शालाएं मौजूद हैं। सर्वे अनुसार योजना अंतर्गत क्षेत्रों में विभिन्न शालाई स्तर पर लगभग 5866 शाला जाने योग्य विद्यार्थी है जिनमें से 4510 (76 प्रतिशत) वर्तमान में विभिन्न संस्थाओं में अध्यनरत हैं जबकि 880 विधार्थी अभी भी शालाआंे में अध्यनरत नहीं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नियद नेल्लानार योजना के तहत शालाआंे में प्रवेश संख्या बढाने की दिशा में विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें लक्षित ग्रामों के बच्चों और पालकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हुए ईएमआरएस शालाओं में प्रवेश हेतु कोचिंग सुविधा प्रदान की गयी, जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे ईएमआरएस में दाखिला ले सकें। इसके अलावा बच्चों की संख्या को देखते हुए प्रथम चरण में कुल 24 नए आवासीय विधालयों की स्थापना का प्रस्ताव है।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /अलसी के बीज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. अलसी के बीजों का तेल और साबुत अलसी को खाने में इस्तेमाल किया जाता है. अलसी में औषधीय गुण पाए जाते हैं. अलसी के बीज में विटामिन बी-1, प्रोटीन, कॉपर, मैंगनीज, ओमेगा-3 एसिड, लिगनन समेत कई माइक्रो न्यूट्रिएंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. भुनी अलसी को डाइट में शामिल कर शरीर को कई लाभ पहुंचा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं किन लोगों को करना चाहिए भुनी अलसी का सेवन.
भुनी अलसी खाने के फायदे-
1. मोटापा-
अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो भुनी अलसी को ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं. इसे आप ओट्स, दलिया और सलाद में डालकर खा सकते हैं.
2. पेट के लिए-
भुनी अलसी को डाइट में शामिल कर कब्ज, पाचन, पेट गैस जैसी समस्याओं में राहत पा सकते हैं. पेट के लिए भुनी अलसी का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है.
3. कोलेस्ट्रॉल-
शरीर में बढ़ा कोलेस्ट्रॉल कई समस्याओं की वजह बन सकता है. रोजाना सुबह भुनी अलसी खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है.
4. स्किन-
अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो स्किन को हेल्दी रखने में मददगार है.
5. एनर्जी-
अगर आपको भी थकन और कमजोरी महसूस होती है तो आप भुनी अलसी को डाइट में शामिल कर सकते हैं. भुनी हुई अलसी का सेवन करने से शरीर को एनर्जेटिक रखने में मदद मिल सकती है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आज की तेज-रफ़्तार दुनिया में, हार्ट हेल्थ को स्वस्थ बनाए रखना बहुत ज़रूरी हो गया है. हार्ट को हेल्दी रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी हैं. अपनी जीवनशैली में जड़ी-बूटियों को शामिल करना हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि प्रकृति ने हमें वनस्पति उपचारों का खजाना दिया है जिसका उपयोग सदियों से हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए किया जाता रहा है.
हार्ट हेल्थ के लिए हर्बल पत्तियां
हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में जड़ी-बूटियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि इनमें ऐसे शक्तिशाली यौगिक होते हैं जो हृदय के कार्यों को बेहतर बनाती हैं.
नागफनी-
नागफनी हृदय स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक चिकित्सा की जड़ी-बूटी है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड होते हैं, जो स्वस्थ रक्त प्रवाह का समर्थन करते हैं, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं. नागफनी का उपयोग अक्सर हृदय संबंधी कार्य को बेहतर बनाने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है.
जैतून का पत्ता -
जैतून के पत्ते के अर्क में ओलेरोपिन और हाइड्रॉक्सीटायरोसोल होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं. जैतून के पत्ते का अर्क रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने और हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकता है.
अर्जुन छाल -
अर्जुन एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो अपने हृदय संबंधी लाभों के लिए जानी जाती है. इसमें सैपोनिन, फ्लेवोनोइड्स और टैनिन होते हैं, जो हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने, रक्त संचार को बेहतर बनाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं.
जिन्कगो बिलोबा -
इसमें फ्लेवोनोइड्स और टेरपेनोइड्स होते हैं, जो रक्त प्रवाह में सुधार करते हैं, सूजन को कम करते हैं और प्लेटलेट एकत्रीकरण को रोकते हैं.
मदरवॉर्ट -
मदरवॉर्ट एक ट्रेडिशनल जड़ी बूटी है जिसका उपयोग हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसमें एल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड होते हैं जो हृदय की लय को नियंत्रित करने, मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं. मदरवॉर्ट रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है, जिससे हृदय संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /जब बात सुंदर और स्वस्थ बाल पाने की आती है, तो इसमें नैचुरल रेमेडीज सबसे असरदार साबित होती हैं. आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर फल न केवल हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि हेयर ग्रोथ को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में हम यहां पर हेयर ग्रोथ के लिए सबसे अच्छे फलों के बारे में बताते हैं, ताकि आप उन्हें डाइट में शामिल करके उसका लाभ उठा सकें.
बालों के लिए बेस्ट फ्रूट्स
1- फल विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का खजाना हैं जो स्वस्थ बालों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं. वे बालों के रोम को बढ़ने और पनपने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं.
2- संतरे, नींबू और अंगूर विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो कोलेजन उत्पादन में सहायता करता है, बालों की मजबूती और विकास को बढ़ावा देता है.
3- ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, बालों के रोम को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाते हैं और बालों के विकास को बेहतर करते हैं.
4- एवोकाडो अपने हेल्दी फैट और विटामिन ई सामग्री के लिए जाना जाता है, एवोकाडो स्कैल्प को पोषण देता है, रक्त परिसंचरण में सुधार करता है जिससे हेयर लेंथ अच्छी होती है.
5- पोटेशियम, विटामिन और प्राकृतिक तेलों से भरपूर केले बालों के रोम को मजबूत करते हैं, टूटने को कम करते हैं और बालों की लोच में सुधार करते हैं. केले से बने हेयर मास्क का नियमित उपयोग मजबूत, लंबे और स्वस्थ बालों में योगदान दे सकता है.
6- पपीता एक विटामिन ए, सी और ई से भरपूर होता है, साथ ही इसमें ऐसे एंजाइम भी होते हैं. जो बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं और उन्हें घना करते हैं.
7- विटामिन सी और ब्रोमेलैन से भरपूर अनानास स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे बालों के रोम तक उचित पोषक तत्व पहुंचते हैं और बालों की मोटाई और लंबाई में मदद मिलती है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /प्याज का रस बालों के स्वास्थ्य के लिए एक जाना-माना उपाय है, खास तौर पर बालों के झड़ने के लिए. इसे घरेलू उपचार के तौर पर दशकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. क्या आप अपने बालों की देखभाल के लिए प्याज के रस का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं? तो हम यहां पर आपको प्याज के रस को बाल में अप्लाई करने का सही तरीके बता रहे हैं, जो आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा.
कुछ मामलों में प्याज का रस बालों के झड़ने के लिए प्रभावी हो सकता है. इसका रस बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से भी रोक सकता है और रूसी का इलाज कर सकता है.
कुछ लोग इसकी तेज गंध के कारण अपने बालों में प्याज के रस का उपयोग करने से बचते हैं. ऐसे में हम यहां पर प्याज की गंध को कम करने में मदद करने के लिए सरल नुस्खे सुझाए हैं जिसे आप आजमा सकती हैं...
कैसे प्याज का रस बाल में करें अप्लाई
3 चम्मच प्याज के रस को 2 चम्मच नींबू के रस के साथ मिलाएं.
मिश्रण को बालों और स्कैल्प पर जितना संभव हो उतना समान रूप से लगाएं.
बालों और स्कैल्प पर 30 मिनट तक लगा रहने दीजिए.
फिर आप बालों को धो लीजिए.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्याज के सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण आपके बालों को बढ़ाने या उनके स्वस्थ स्वरूप को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं
आस्था /शौर्यपथ /मंत्रों में अद्भुत शक्तियां होती हैं. धर्म शास्त्रों में प्राचीन समय में किए जाने वाले यज्ञ में मंत्रों के जाप की महिमा बताई गई है. पूजा पाठ में भी मंत्रों के जाप किए जाते हैं. वहीं, दिन की शुरूआत मंत्रों के जाप करने से कई लाभ होते हैं. कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका प्रति दिन सुबह जाप करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है और भाग्योदय होता है. इन प्रभावशाली मंत्रों के जाप से मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है. ओम के उच्चारण के साथ मंत्रों का जाप तनाव को भी कम करने में मदद करता है. आइए जानते हैं ऐसे मंत्र जिनसे दिन की शुरुआत करने से हो सकता है भाग्योदय.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
सनातन धर्म में गायत्री मंत्र का बहुत प्रभावशाली माना जाता है. प्रतिदिन गायत्री मंत्र के जाप से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और आंतरिक शक्ति विकसित होती है. प्रतिदिन सूर्योदय के समय इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मकता से आपसे दूर बनी रहती है और शांति का अनुभव होता है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
भगवान शिव को समर्पित महामृत्युंजय मंत्र प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्रों में शामल है. प्रतिदिन इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और भय, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है.
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय भगवान शिव की स्तुति करने का माध्यम है. मंत्र का अर्थ है, मैं भगवान शिव और उनकी शक्ति को नमन करता हूं. प्रतिदिन प्रात: काल इस मंत्र का जाप करने से भय, तनाव और चिंता से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सकारात्मक परिणाम सामने आने लगते हैं.
प्रात: स्मरण मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्
प्रात: स्मरण के ये मंत्र बहुत प्रभावशाली है. सूर्योदय के समय अपने दोनों हाथों को देखते हुए इस मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्रा पाठ के बाद हाथों को अपने चेहरे पर फेरना चाहिए. इस मंत्र से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हर साल आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है और कार्तिक मास की देवउठनी ग्यारस तक यह चातुर्मास चलता है. यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु का शयनकाल शुरू होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे चातुर्मास कहा जाता है और इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है. तो इस साल चातुर्मास की शुरुआत कब से हो रही है, यह कब खत्म होगा और इस दौरान आपको किन-किन कामों से बचना चाहिए जानें यहां.
साल 2024 में कब शुरू होगा चातुर्मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो इस बार 17 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 12 नवंबर 2024 को होगा. 17 जुलाई को ही देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाएगा और इसके बाद भगवान विष्णु पूरे 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे. इसके बाद सीधे देवउठनी एकादशी के दिन वो जागते हैं, देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर, 2024 के दिन रहेगा और इसके बाद से ही शादी ब्याह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, तो उनकी अनुपस्थिति में किसी भी तरह का कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास में किए गए मांगलिक कार्य पर भगवान विष्णु की कृपा नहीं होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं, तो वह अपना सारा काम शिवजी (Lord Shiva) को सौंप देते हैं. जब तक विष्णु भगवान योग निद्रा में रहते हैं, तब तक पूरे संसार का संचालन महादेव करते हैं.
अब बात आती है कि चातुर्मास के दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं. चातुर्मास के दौरान शादी ब्याह से लेकर किसी तरह के कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. इसी प्रकार गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी खरीदना, घर बनाना, मुंडन, जनेऊ, भूमि पूजन या नया बिजनेस शुरू करने जैसी कोई चीज चातुर्मास में नहीं होती है. वहीं, चातुर्मास के दौरान अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो हर शाम को तुलसी के पास घी का दीया जरूर लगाना चाहिए. कहते हैं कि चातुर्मास में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिए.
आस्था /शौर्यपथ /भगवान भोलेनाथ को देवों का देव महादेव यूं ही नहीं कहा जाता, बल्कि महादेव अपने भक्तों के प्रति समर्पित होते हैं और उन्हें हर दुख, दर्द और कष्ट से छुटकारा दिलाते हैं. ऐसे में भक्त भी अपने हर कष्ट को लेकर भोलेनाथ के पास पहुंच जाते हैं, क्योंकि वो भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. इसी तरह से अगर कोई भक्त लोन से परेशान है, तो वह भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में आकर एक बार भी माथा टेक ले, तो उसका बड़े से बड़ा कर्ज उतर जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उज्जैन के इसी ऋणमुक्तेश्वर मंदिर के बारे में.
भगवान शंकर को समर्पित है ऋणमुक्तेश्वर मंदिर
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन में स्थित है. मान्यताओं के अनुसार, ऋणमुक्तेश्वर महादेव के दर्शन मात्र करने से ही भक्तों को कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. कहते हैं कि शनिवार के दिन अगर ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में पूजा पाठ या दर्शन मात्र भी कर लिए जाएं, तो बड़े-बड़े लोन को चुकाने के लिए आप में सामर्थ्य आ जाता है और आप आसानी से ऋण मुक्त हो सकते हैं.
भोलेनाथ को करें पीली दाल अर्पित
मान्यताओं के अनुसार, ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में शनिवार को भगवान शिव को पीली दाल अर्पित की जाती है. यहां पीली पूजा का विशेष महत्व होता है, तो अगर आप भी किसी प्रकार के किसी बड़े लोन या ऋण से परेशान हैं और चुका पाने में मुश्किल हो रही है, तो एक बार ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन जरूर करें.
राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है कहानी
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर की कहानी राजा हरिश्चंद्र से भी जुड़ी हैं. कहा जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें आशीर्वाद दिया था और उन्होंने आसानी से अपना ऋण चुका दिया था. कहते हैं कि ऋण मुक्तेश्वर मंदिर में पूजा के दौरान आपको ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए, यहां के स्थानीय लोगों का ये भी मानना है कि भगवान ऋणमुक्तेश्वर का दर्शन करने से ही कर्ज उतर जाता है
नई दिल्ली/शौर्यपथ /गर्मी की मार झेल रही दिल्ली को बारिश होने से थोड़ी राहत मिली है. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बारिश हो रही है, इसी के साथ मौसम भी सुहाना हो गया. बारिश होने के साथ ही दिल्लीवासी तपती गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं. अब तापमान भी पहले से थोड़ा नीचे गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी का एक वीडियो पोस्ट किया गया. जिसमें आर.के. पुरम इलाके में बारिश होती दिखाई दे रही है.
दिल्ली में भीषण गर्मी का सितम
दिल्ली में बीते कुछ सप्ताह में लोग गर्मी से बेहाल है. इस साल हीट वेव जितने दिनों का रहा है उसने बीते कई दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इस गर्मी में जितने दिनों के लिए हीटवेव की स्थिति देखने को मिली है वो बीते 74 सालों में सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों ही इस सीजन में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे 60 साल पुराना गर्मी का रिकॉर्ड भी टूट गया. इतनी भीषण गर्मी के बीच पूरी दिल्ली बारिश का इंतजार कर रही थी. ऐसे में आज हुई बारिश ने लोगों को गर्मी के सितम से निजात जरूर दिलाई है.
गर्मी ने तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड
दिल्ली में इस बार बात सिर्फ हीटवेव की ही नहीं है. इस साल मई और जून के मध्य तक जिस तरह की गर्मी दिल्ली में देखी गई है वो कई रिकॉर्ड पहले ही तोड़ चुकी है. पिछले महीने 29 मई को दिल्ली तापमान 46.8 दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि 29 मई 1944 में दर्ज किए गए 47.2 डिग्री के बाद दूसरा सबसे अधिक तापमान है. 1998 में दिल्ली का तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
सुबह से ही दिल्ली में छाए रहे बादल
दिल्ली में शुक्रवार को सुबह से ही बादल छाए रहे और न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिए सामान्य तापमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में आज दिन में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई थी. वहीं, अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया गया था. आईएमडी ने दिल्ली में शनिवार और रविवार को बादल छाए रहने की संभावना जताई है, जिससे दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है.
दिल्ली में राहत
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली में सप्ताहांत के दौरान भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलने का अनुमान जताया है क्योंकि शनिवार और रविवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है..आईएमडी ने शुक्रवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था. दिल्ली में अधिकतम तापमान के करीब 40 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पिछले पांच दिनों में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े 50 लोगों के शव बरामद किए गए. हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उनकी मौत गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण हुई है या किसी अन्य वजह से.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा'', 51 से 100 के बीच ‘‘संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ‘‘मध्यम'', 201 से 300 के बीच ‘‘खराब'', 301 से 400 के बीच ‘‘बहुत खराब'' और 401 से 500 के बीच ‘‘गंभीर'' माना जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 157 दर्ज किया गया, जो कि 'मध्यम' श्रेणी में आता है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा'', 51 से 100 के बीच ‘‘संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ‘‘मध्यम'', 201 से 300 के बीच ‘‘खराब'', 301 से 400 के बीच ‘‘बहुत खराब'' और 401 से 500 के बीच ‘‘गंभीर'' माना जाता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बढ़ती उम्र का असर फेस पर झुर्रियों और फाइन लाइन के रूप में नजर आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बढ़ती उम्र में कोलेजन का उत्पादन शरीर में कम होने लगता है. जिसके चलते फेस की चमक कम होने लगती है. ऐसे में हम यहां पर आपको कुछ फेशियल एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपके चेहरे की चमक बढ़ती उम्र में जवां नजर आ सकता है. रात में तलवों पर इस तेल से 5 मिनट कर लीजिए मालिश, चैन की आएगी नींद, चेहरा जाएगा निखार और पीरियड में पेन होगा कम
3 फेशियल एक्सरसाइज
अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके 'V' आकार बनाएं. अब अपनी उंगलियों को अपनी आंखों के नीचे के किसी भी कोने पर बहुत ही हल्के दबाव के साथ रखें. फिर अपनी आंखों को 6 बार सिकोड़ें और 6वीं बार एक सेकंड के लिए रोकें और फिर छोड़ दें.
यह फेस योगा एक्सरसाइज आपकी त्वचा को सचमुच में ठीक करती है. यह आपकी आंखों की मांसपेशियों पर काम करती है और त्वचा को मोड़ने से रोकती है, जिससे महीन रेखाएं और झुर्रियां नहीं पड़ती हैं. लेकिन शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए नमीयुक्त रखा जाए. यह व्यायाम गर्दन और जबड़े की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे ढीलापन कम होता है और जबड़े और गर्दन की रेखा अधिक स्पष्ट दिखती है.
अपनी पीठ सीधी और कंधों को आराम देते हुए बैठें या खड़े हों. अपने सिर को थोड़ा पीछे झुकाएं और छत की ओर देखें.अपने होठों को कसकर बंद करें और अपनी जीभ को तलुओं पर रखें. धीरे-धीरे अपने निचले होंठ को अपने ऊपरी होंठ के ऊपर लाएं, जबकि अपने होठों को बंद रखें और अपनी जीभ को अपने मुंह की छत पर दबाएं. इस स्थिति में 5 सेकंड तक रहें, फिर आराम करें. व्यायाम को 5-10 बार दोहराएं, प्रत्येक हरकत के साथ अपनी गर्दन और जबड़े की मांसपेशियों को काम करते हुए महसूस करें.
आस्था /शौर्यपथ /मंत्रों का उच्चारण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए दोहराया जा सकता है. जब इरादे और ध्यान के साथ दोहराया जाता है, तो मंत्र हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहारों में स्थायी परिवर्तन ला सकते हैं. मंत्रों के लाभ जबरदस्त हैं. तनाव कम करने से लेकर नींद में सुधार, ध्यान केंद्रित करने हमारे समग्र स्वास्थ्य और मानसिक फिटनेस में सुधार करने तक में मंत्रों का विशेष योगदान होता है. ऐसे में हमने 5 शक्तिशाली प्राचीन मंत्रों की लिस्ट के बारे में आपको बताने वाले हैं, जो आप हर रोज 5 मिनट तक कर लेते हैं तो फिर आपकी सेहत को एक नहीं कई फायदे मिलेंगे.
ओम सो हम
ओम सो हम, हमारे सबसे पसंदीदा मंत्रों में से एक है. यह सरल है और बहुत खूबसूरती से हमारी सांसों को नियंत्रित करता है, साथ ही हमारे दिमाग को शांत करता है. इस मंत्र का सिर्फ 5 मिनट जाप करने से सिरदर्द दूर हो सकता है और आंतरिक शांति का एहसास हो सकता है.
ओम मणि पद्मे हुं
यह मंत्र बौद्ध धर्म से आया है और करुणा के बोधिसत्व से संबंधित है. यह बौद्ध धर्म द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख मंत्रों में से एक है और करुणा और प्रेम की भावनाओं को जगाने के लिए इसे कई बार गाया जाता है.
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है. इस मंत्र को बार-बार दोहराने से पारलौकिक विधा या शुद्ध एकाग्रता की स्थिति प्राप्त होती है.
लोकाः समस्ता सुखिनो भवन्तु -
सकारात्मक ऊर्जा और सार्वभौमिक कल्याण के लिए मंत्र यह एक प्राचीन संस्कृत प्रार्थना है, जिसे अक्सर योग अभ्यास के अंत में पढ़ा जाता है.यह प्रार्थना हमें अपने अहंकार से दूर ले जाती है और सभी प्राणियों में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम को प्रसारित करने में मदद करती है.
तयाता ओम बेकांज़े
यह मंत्र लोकप्रिय रूप से मेडिसिन बुद्ध मंत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह हमारे दर्द और पीड़ा को ठीक करता है. यह मृत्यु और पुनर्जन्म के दर्द और दैनिक जीवन की हमारी सभी समस्याओं को दूर करता है. किसी भी दुख और दर्द को कम करने के लिए इस शक्तिशाली मंत्र को दोहराएं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि बहुत शुभ मानी जाती है, इस दिन पूरा चंद्रमा निकलता है और इसकी पूजा-अर्चना करने के साथ ही पूर्णिमा तिथि पर अगर व्रत किया जाए, देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना की जाए, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, सत्यनारायण कथा, व्रत और चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है और ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस बार कई अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं, जिनका प्रभाव तीन राशि के जातकों पर विशेष रूप से पड़ने वाला है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा इन राशियों के लिए होगी शुभ
वृषभ राशि - वृषभ राशि के जातकों के लिए यह पूर्णिमा तिथि बहुत ही शुभ होने वाली है. उन्हें किसी भी प्रकार के मानसिक दुख-दर्द से छुटकारा मिलेगा और उनकी जिंदगी में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा, भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, आय के नए साधन बनेंगे और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. करियर में जो भी समस्याएं आ रही हैं वो खत्म होंगी और बिजनेस में भी लाभ के योग हैं.
कर्क राशि - कर्क राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ फल देने वाली है. इस दौरान परिवार में चल रहे कोई भी पैतृक विवाद का निपटारा होगा. विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं, धन के नए स्रोत मिलेंगे. आप तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं और प्रेम संबंधों में भी मजबूती आएगी.
धनु राशि - धनु राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ फल देने वाली होगी, यह समय आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा. अचानक से धन की प्राप्ति होगी, आपके बिजनेस में ग्रोथ की संभावना है, रुका हुआ जो भी काम है वह पूरा होगा और दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी. समाज में आपका मान सम्मान बढ़ेगा.