
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मोरिंगा को सुपरफूड्स की गिनती में रखा जाता है. दक्षिण भारत में ज्यादातर मोरिंगा के पत्ते खाए जाते हैं और उत्तर भारत में मोरिंगा के पाउडर का सेवन किया जाता है. मोरिंगा आयुर्वेदिक औषधी की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है और इसमें अमीनो एसिड्स, कार्बोहाइड्रेट्, फाइबर, विटामिन, खनिज और फीटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो उसके पावरफुल फूड बनाते हैं. मोरिंगा से शरीर को मिलने वाले इन्हीं फायदों की बात कर रहे हैं न्यूट्रिशनिस्ट और पर्सनल ट्रेनर दिग्विजय सिंह. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए अपने एक वीडियो में दिग्विजय ने बताया मोरिंगा को खानपान का हिस्सा बनाने के फायदों के बारे में.
मोरिंगा के फायदे |
न्यूट्रिशनिस्ट दिग्विजय कहते हैं कि मोरिंगा नेचुरल मल्टीविटामिन होता है. इसमें इतने पोषक तत्व पाए जाते हैं कि इसके पेड़ को जादूई पेड़ भी कहा जाता है. मोरिंगा में दूध के मुकाबले तीन गुना ज्यादा कैल्शियम होता है. जो लोग डेयरी यानी दूध या दुग्ध पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं वे मोरिंगा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. मोरिंगा में केले के मुकाबले चार से पांच गुना ज्यादा पौटेशियम होता है जिस चलते यह दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है.
मोरिंगा में सिट्रस फ्रूट्स के जितना ही विटामिन सी पाया जाता है इसीलिए यह सेहत और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है. मोरिंगा को खाने पर शरीर को अच्छी मात्रा में आयरन भी मिल जाता है. अगर आपको अक्सर ही थकान महसूस होती है तो मोरिंगा आपके लिए परफेक्ट है. मोरिंगा को अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है या फिर मोरिंगा को पानी में मिलाकर दिन में एक से दो बार पिया जा सकता है. हालांकि, इसके जरूरत से ज्यादा सेवन से परहेज करें.
ये भी हैं फायदे
मोरिंगा के सेवन से स्किन और बालों की सेहत बेहतर हो सकती है. यह शरीर में हने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में असरदार होता है जिसका फायदा स्किन और बालों को मिलता है.
लिवर को भी मोरिंगा के सेवन से फायदे मिलते हैं. इससे गंदा कॉलेस्ट्रोल कम होने में असर नजर आ सकता है.
पाचन को बेहतर बनाने में भी मोरिंगा के फायदे देखे जाते हैं. मोरिंगा के लैक्सेटिव गुण कब्ज से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद साबित होते हैं.
मोरिंगा के सेवन से शरीर को एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण मिलते हैं.
मोरिंगा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सेहत को दुरुस्त रखते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /क्या आपको पता है उम्र के हिसाब से एक दिन में कितनी कैलोरी बर्न होनी चाहिए ताकि चर्बी न बढे़? दरअसल एक दिन में किसी को कितनी कैलोरी बर्न की जरूरत है, यह उस व्यक्ति की आयु, लिंग, वजन और काम तथा भोजन करने की गतिविधियों पर निर्भर करता है. हम कुछ भी करें उसमें हर पल कैलोरी बर्न होती है. जितनी मेहनत वाला काम करेंगे उतनी कैलोरी बर्न होगी. अगर कैलोरी कम बर्न होगी तो बची हुई कैलोरी शरीर के अंदर चर्बी में बदलने लगेगी और वजन बढ़ता जाएगा. इसीलिए कैलोरी इंटेक का और कैलोरी बर्न कितनी हो रही है इसका ध्यान रखना जरूरी होता है.
एक दिन में कितनी कैलोरी बर्न करें
कैलोरी का पता लगाने के लिए बीएमआर फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है. इसके कई फॉर्मूले होते हैं. इसे अलग-अलग तरीके से निकाला जाता है. इसलिए विज्ञान के हिसाब से एक औसत पुरुष और महिला को एक दिन में कितनी कैलोरी बर्न करनी चाहिए आप भी जान लीजिए.
यहां एक सामान्य पुरुष जिसकी लंबाई 5 फुट 9 इंच और वजन 90 किलोग्राम है का कैलोरी चार्ट और एक सामान्य महिला जिसकी लंबाई पांच फुट साढ़े तीन इंच और वजन 77 किलो है का उम्र के हिसाब से कैलोरी चार्ट बताया जा रहा है. 20 वर्षीय पुरुष को एक दिन में 2020 कैलोरी बर्न करनी चाहिए और इसी उम्र की महिला को 1559. इसी तरह 30 वर्षीय पुरुष को प्रतिदिन 1964 कैलोरी बर्न करनी चाहिए और 30 वर्षीय महिला को 1516 कैलोरी बर्न करनी चाहिए. 40 वर्षीय पुरुष के लिए कैलोरी बर्न करने की संख्या 1907 है और 40 वर्षीय महिला के लिए 1473. एक 50 वर्षीय पुरुष को प्रतिदिन 1850 कैलोरी बर्न करनी चाहिए और इसी उम्र की महिला को एक दिन में 1429 कैलोरी बर्न करनी चाहिए. आखिर में 60 वर्षीय पुरुष को 1793 कैलोरी प्रतिदिन बर्न करनी चाहिए और महिला को 1386 कैलोरी.
यह सामान्य कैलोरी चार्ट है. यदि आप औसत भोजन से ज्यादा करते हैं तो आपको ज्यादा कैलोरी बर्न करने की जरूरत होगी. वहीं, आपको वजन कम करना है तो एक्सरसाइज से आपको ज्यादा कैलोरी बर्न करनी होगी.
व्यस्त जीवनशैली के चलते आजकल सभी अपनी फिटनेस का खास ख्याल नहीं रख पाते. लेकिन, आप अपने काम में तभी परफेक्ट हो पाएंगे जब आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप फिट रहेंगे. ऐसे में लोग वजन घटाने के लिए घंटो जिम में पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं, कई बार दवाइयां भी लेते हैं जबकि मोटापा कम करने के लिए इतना कुछ करने की आवश्यकता नहीं होती है. अपने पेट को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप सही डाइट चार्ट फांलो करें.
सब्जियों का सूप पिएं, तीन मुख्य भोजन, जैसे नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी तक रखें. बाकी बचे 300 कैलोरी में स्नेक्स तथा अन्य चीजों को रखें. बेवरेज के तौर पर ग्रीन टी लें. ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक होती है. जो भी खाना खाएं सभी गेहूं से बना हो या ब्राउन चावल हो . मैदा या सफेद चावल से परहेज करें. मोटापा कम करने के लिए सलाद खाएं, लो कैलोरी फूड लें, खाने को अच्छी तरह से चबाकर खाएं और साबुत अनाज खाएं.
सेहत टिप्स/शौर्यपथ /अक्सर हम सभी अपनी सेहत और खूबसूरती के लिए क्या कुछ नहीं करते? हमेशा कोई न कोई तरीका अपनाते रहते है ताकि सेहत के साथ-साथ हम अपनी खूबसूरती भी बढ़ा सकें क्योंकि हमारी खूबसूरती का संबंध हमारी सेहत से ही जुड़ा है. अगर हमारा खान-पान अच्छा होगा तो उसका असर हमारी स्किन पर भी दिखाई देगा. वहीं अगर हमारा खान-पान गड़बड़ हुआ तो इसके दुष्परिणाम भी हमारे शरीर पर कई तरह की समस्याएं लेकर आ सकते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं गोंद कतीरा के बारे में जी हां ये कई गुणों से भरपूर है आइए जानते हैं इसके इस्तेमाल का तरीका.
गोंद कतीरा से होने वाले फायदे
1. आयुर्वेद में बहुत उपयोगी
गोंद कतीरा जैसे नाम से ही समझ आ रहा है कि ये गोंद की तरह ही चिपचिपा पदार्थ है. इसलिए ही इसे खाने वाला गोंद कहा जाता है. आपको बता दें कि ये स्वाद में फीका होता है यानी इसका कोई स्वाद नहीं होता. आयुर्वेद में इसके बेमिसाल इस्तेमाल और फायदों के बारे में बताया गया है.
2. पोषक तत्वों से भरपूर
गोंद कतीरा बहुत ही पौष्टिक होता है. इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, फॉलिक एसिड और बी समूह के विटामिन्स पाए जाते हैं. इनके सेवन से शरीर तंदुरुस्त रहता है. इसके साथ ही यह बॉडी को ठंडा रखने में मदद करता है.
3. लू से करता है बचाव
गर्मी के मौसम में ये लू और हीट स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है. इसमें प्रोटीन और फॉलिक एसिड की अच्छी मात्रा मौजूद होती है. जो शरीर को अच्छी ऊर्जा प्रदान करता है .साथ ही कमजोरी और थकान को भी दूर करता है. इसके अलावा गोंद कतीरा का सेवन वजन कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.
स्किन के लिए भी गोंद का इस्तेमाल
पिंपल्स से छुटकारा
गोंद कतीरा का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरदार है. इसका इस्तेमाल गर्मियों के मौसम में किया जाता है. क्योंकि गर्मी के समय स्किन में अधिक पिंपल्स हो जाते हैं. ऐसे में मुंहासों से राहत पाने के लिए ये बहुत फायदेमंद है.
कैसे करें इस्तेमाल
- पिंपल्स को दूर करने के लिए गोंद कतीरे को दही, नींबू, पुदीना, में मिलाकर मुंहासों पर लगाएं. इससे आपको पिंपल्स की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- इसके अलावा काला नमक, गोंद कतीरा और पुदीना को भी साथ में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से ये आपके पिंपल्स को बहुत जल्द ठीक कर सकता है.
टिप्स /शौर्यपथ /गर्मियों में, हम तेज धूप के कारण खुद को तरोताजा रखने के लिए ताज़गी देने वाले और पौष्टिक व्यंजनों की तलाश करते हैं. जिसमें रायता भी शामिल है. बनाने में आसान, स्वादिष्ट और वर्सेटाइल, आप दिन के किसी भी समय रायता खा सकते हैं. भारतीय भोजन अक्सर रायता के बिना अधूरा रहता है क्योंकि इसे इसके स्वादिष्ट और ठंडक देने वाले गुणों के लिए पसंद किया जाता है. साथ ही, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. निजी तौर पर, मुझे सभी तरह के रायते पसंद हैं, चाहे वह फलों से बने हों या सब्जियों से. यकीनन आपने भी आज तक कई तरह के रायते खाएं होंगे. लेकिन क्या आपने कभी बैंगन के रायते के बारे में सुना है. बैंगन के रायते के साथ दाल-चावल खाने का एक अलग ही स्वाद आता है!
लेकिन आपको बता दें कि ये रेसिपी आसान नहीं है, स्मोकी बैंगन, ठंडी दही और तीखे मसालों का सही बैलेंस बनाने के बाद ही इसका स्वाद आता है. अगर आपने भी इसके पहले कभी बैंगन का रायता नहीं खाया है तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं. चाहे आप रेसिपी में महारत हासिल करना चाहते हों या बस अपने हुनर को निखारना चाहते हों, यहाँ घर पर बैंगन (बैंगन) रायता को परफेक्ट बनाने के लिए 5 टिप्स दिए गए हैं.
घर पर परफेक्ट बैंगन रायता बनाने के लिए ये हैं 5 टिप्स
1. सही बैंगन चुनें
सिर्फ़ इसलिए कि आपको बैंगन भूनना है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप सब्ज़ी की क्वालिटी से समझौता कर लें. इस ताज़गी भरे रायते को बनाते समय, एक अच्छा, मोटा बैंगन चुनें जो दबाने पर सख्त लगे. स्पंजी बैंगन न लें. फ्रेश, टाइट बैंगन आपके रायते को हल्का, मीठा स्वाद देगा, जो सही मसालों के साथ मिलकर आपको स्वाद का सही बैलेंस देगा. एक बार जब आप सही बैंगन चुन लेते हैं, तो इसे खुली आंच पर भूनें. गैस स्टोव का इस्तेमाल करें क्योंकि इससे आपको आंच को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. बैंगन को भूनने से यह एक गहरा, धुएँ जैसा स्वाद देगा जो रायते को और भी स्वादिष्ट बना देगा.
2. सही दही चुनें
दही, चाहे घर का बना हो या दुकान से खरीदा हुआ, आपके बैंगन रायते का बेस बनता है. यह भुनी हुई सब्ज़ी के लिए एक ठंडा और मलाईदार कैनवस देता है. इस रायते को बनाते समय, फुल क्रीम मिल्क दूध वाले दही का उपयोग करना पसंद करें क्योंकि यह इस व्यंजन को अधिक समृद्ध, मलाईदार बनावट प्रदान करता है। हालाँकि, यदि आप एक तीखा रायता चाहते हैं, तो कम मलाईदार दही का उपयोग करें. कुल मिलाकर, स्वाद वाले दही के बजाय सादा दही चुनें क्योंकि इसका स्वाद दूसरी चीजों के साथ मिलकर बिगड़ सकता है.
3. इसे मसालेदार बनाएँ
मसाले बैंगन रायते के पूरे स्वाद को बढ़ाते हैं. जीरा और धनिया पाउडर का एक साधारण तड़का आपके रायते में स्वाद जोड़ सकता है. दही को इस तरह से फेंटें कि उसमें गांठ न रहे. इस तड़के को बनाने के लिए, मीडियम आँच पर एक पैन में थोड़ा सा तेल डालकर गरम करें. जब यह गरम हो जाए, तो इसमें जीरा डालें और खुशबू आने तक कुछ सेकंड के लिए उन्हें चटकने दें. फिर इसमें धनिया पाउडर डालें और कुछ सेकंड के लिए भूनें. अब इसमें मुट्ठी भर कटे हुए प्याज़ और लाल मिर्च पाउडर डालें और सामग्री को अच्छी तरह मिलाएँ. ज़्यादा तीखापन चाहिए? स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कटी हुई एक या दो हरी मिर्च डालें.
4. हर्ब्स डालें
धनिया और पुदीने की पत्तियाँ जैसी ताज़ी जड़ी-बूटियाँ बैंगन के रायते में जान डाल देती हैं. ये न केवल रायते को देखने में आकर्षक बनाती हैं, बल्कि उसमें ताज़गी भी भर देती हैं, जो भुने हुए बैंगन के धुएँदार स्वाद और दही की मलाई के साथ मिलकर और भी स्वादिष्ट हो जाती है. अगर आप थोड़ा और रोमांच चाहते हैं, तो रायते का तड़का लगाते समय तेल के मिश्रण में कुछ करी पत्ते और सरसों के बीज डालें.
5. रेस्ट दें
रायता बनाने के बाद, इसे कम से कम 30 मिनट के लिए आराम दें. इससे रायता बनाने में इस्तेमाल की गई सारी चीजों का स्वाद अच्छे से दही के अंदर आएगा.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / स्किन की बेहतर देखभाल के लिए लोग तरह-तरह के महंगे प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन काफी पैसा खर्च करने के बावजूद वो रिजल्ट्स हासिल नहीं होते हैं, जिसके लिए तमाम कोशिश की जाती हैं. अगर बेहतर रिजल्ट्स देखने को मिल भी जाएं तो भी ये परमानेंट नहीं रहते हैं. ऐसे में अगर आप चाहें तो बैंगनी रंग की कुछ चीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाकर स्किन की बेहतर केयर करने में कामयाब हो सकते हैं. जिसके रिजल्ट्स भी लॉन्ग लास्टिंग बने रहते हैं. तो आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में.
स्किन के लिए बेहद फायदेमंद हैं ये पर्पल कलर फूड्स
ब्लूबेरी:
विटामिन ए-सी और तमाम तरह के न्यूट्रिएंट्स व एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर ब्लूबेरी स्किन केयर में अच्छा रोल निभा सकती है. ये स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों, प्रदूषण और गंदगी से बचाने में मदद करती है. साथ ही स्किन की इलास्टिसिटी और ग्लो को भी मेंटेन रखती है.
असाई बेरीज:
स्किन को ग्लोइंग और टाइट बनाए रखने के लिए आप अपनी डाइट में असाई बेरीज को शामिल कर सकते हैं. ये कई तरह के पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट का पवार हाउस होती हैं. जो स्किन की बेस्ट केयर करने में कारगर हो सकती हैं.
शकरकंद:
बैंगनी रंग की शकरकंद भी आपकी त्वचा का ख्याल रखने में कारगर है. इसमें एंथोसायनिन और तमाम तरह के विटामिन मौजूद होते हैं, जो त्वचा की रंगत सुधारने के साथ ही स्किन को कई और तरह के फायदे देते हैं. इसके सेवन से त्वचा में कसाव और ग्लो भी बढ़ता है.
ब्लैक करंट:
ब्लैक करंट में आम चीजों की तुलना में काफी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है. जो स्किन में कॉलेजन के उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसकी वजह से स्किन में टाइटनेस बनी रहती है और बढ़ती उम्र में भी झुर्रियां नजर नहीं आती हैं.
बैंगनी पत्तागोभी:
स्किन की बेस्ट केयर करने के लिए आप बैंगनी पत्तागोभी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. बैंगनी पत्तागोभी में हरे पत्तागोभी के मुकाबले कई गुना ज्यादा विटामिन ए, विटामिन सी और दोगुना आयरन मौजूद होता है. जो स्किन के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सुबह का पहला मील सबसे ज्यादा जरूरी होता है इसलिए ये हेल्दी और भरपेट करना चाहिए. इसके साथ ही इन दिनों भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है. ऐसे में इस मौसम में हमें कम तेल मसाले वाला भोजन करना चाहिए. खासतौर से बात करें नाश्ते की तो ये जितना ऑयल फ्री और कम तेल वाला होगा उतना ही फायदेमंद. आज हम आपको ऐसे नाश्ते बताएंगे जिन्हें आप बिना पकाए और तेल, मसाले के बना सकते हैं. ये आपको पूरा दिन एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करेंगे.
मूंग दाल
सुबह के नाश्ते में आप अंकुरित मूंग दाल का सेवन कर सकते हैं. इसमें कैलोरी भरपूर मात्रा में पाई जाती है जो आपके शरीर को पूरे दिन एनर्जी देने में मदद करती हैं. आप रात को मूंग दाल को भिगोकर सुबह इसमें प्याज, टमाटर, खीरा, हरा धनिया, नींबू, मिर्च मिलाकर आप इसको नाश्ते में खा सकते हैं.
वेजिटेबल सैंडविच
सुबह के नाश्ते में अगर आप कुछ हैवी खाना चाहते हैं तो पनीर सैंडविच एक अच्छा ऑप्शन है. इसके लिए आप पनीर, हरी सब्जियां जैसे खीरा, टमाटर और प्याज को शामिल कर सकते हैं. इन चीजों को ब्रेड में लगाकर खा सकते हैं. इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो वेट लॉस के लिए भी फायदेमंद होता है.
नट्स
आप नाश्ते में सूखे मेवे भी शामिल कर सकते हैं. आप बादाम, काजू, किशमिश और अखरोट को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका सेवन कर सकते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / अगर बालों की सही तरह से देखरेख ना की जाए तो बाल रूखे-सूखे और बेजान नजर आने लगते हैं. बालों को घना, मुलायम और शाइनी बनाने के लिए अक्सर ही पार्लर या सैलून जाकर हेयर स्पा करवाना पड़ता है. लेकिन, सैलून में हेयर स्पा करवाना जेब पर भारी पड़ जाता है. अच्छे हेयर स्पा की कीमत 500 से 1000 और 2000 रुपए तक भी हो सकती है. ऐसे में क्यों ना सिर्फ 10 रुपए में घर पर ही हेयर स्पा कर लिया जाए. घर में हेयर स्पा करना बेहद आसान भी है और असरदार भी होता है. इस हेयर स्पा को करने का तरीका बता रहे हैं यूट्यूबर और इंफ्लुएंसर एलेन चौधरी. एलन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस नुस्खे को तैयार करने का तरीका बताया है.
घर पर हेयर स्पा करने के लिए आपको चावल और अलसी के बीजों की जरूरत होगी. आंच पर एक पतीला चढ़ाएं और उसमें एक कप पानी के साथ 2 चम्मच चावल और 2 चम्मच ही अलसी के बीज मिला लें. इस मिश्रण को तबतक उबालें जबतक पानी की कंसिस्टेंसी जैल जैसी ना हो जाए. जब यह पानी जैल जैसा दिखने लगे तो इसे ठंडा करके कटोरी में निकाल लें. अब इसमें रोजमेरी ऑयल की कुछ बूंदे मिलाएं और मिक्स करें. इस तैयार जैल को अच्छे से मिलाकर बालों पर हेयर मास्क की तरह लगा लें. पूरे बालों पर इस जैल को एक घंटा लगाकर रखने के बाद शैंपू से धोकर हटा लें. बाल बिल्कुल स्पा जैसे मुलायम और शाइनी हो जाएंगे और उंगलियों से फिसलने लगेंगे. हफ्ते में 2 बार इस हेयर स्पा जैल को बालों पर लगाया जा सकता है.
अलसी के बीजों में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर अलसी के बीज बालों को मोटा और घना बनाने में मदद करते हैं. इन बीजों के इस्तेमाल से हेयर टेक्सचर बेहतर होने में भी मदद मिलती है. इन बीजों में पाए जाने वाला विटामिन ई बालों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / गर्मी के मौसम में खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए. खाने में हरी साग-सब्जियां जरूर शामिल करें. चूंकि इस मौसम में पानी की कमी से सब्जियों की पैदावार कम होती है, इसलिए इक्का-दुक्का सब्जियां ही मार्केट में देखने को मिलती हैं. ऐसे में एक साग ऐसा है, जो गर्मी के सीजन में ही उगाया जाता है. इसमें भर-भरकर पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे खाने से शरीर पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है. हम जिस साग की बात कर रहे हैं, उसका नाम पोई साग है. आइए जानते हैं इसके फायदे...
पोई साग में कौन-कौन से पोषक तत्व
पोई का साग में विटामिन A, विटामिन C और प्रोटीन भरपूर पाया जाता है. इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और फास्फोरस भी ढेर सारा पाया जाता है. इसमें बीटा कैरोटीन और ल्यूटिन भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी पावर को तो बढ़ाते ही हैं, आंखों और त्वचा की सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं.
पोई साग के फायदे
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पोई साग सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. अगर रोजाना इसका सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रहता है. पोई साग के पत्तों में खूब सारा आयरन पाया जाता है. यह हड्डियों के लिए भी बेहद लाभकारी होता है.
पोई साग कैसे इस्तेमाल करें
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर शरीर में आयरन की कमी है और हीमोग्लोबिन सही तरह नहीं बन पा रहा है तो पाई साग खा सकते हैं. इससे आयरन की कमी पूरी हो जाएगी. पोई का साग या जूस दोनों ही हीमोग्लोबिन लेवल मेंटेन रखने में मददगार हैं. इसे खाने से खून की कमी भी नहीं होती है. पोई साग फाइबर से भरपूर है, इसकी वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है और दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है. पोई साग में मौजूद डायटरी फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने का काम करता है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ/पहले के मुकाबले अब लोग अपनी फिटनेस को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं. योग, एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के साथ-साथ लोग अपनी डाइट पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं. वेट लॉस और खुद को फिट रखने के लिए विराट कोहली सहित कई फेमस पर्सनालिटी के वीगन डाइट अपनाने के बाद आम लोगों के बीच भी इस खास डाइट का क्रेज बढ़ गया है. अगर आप भी वीगन डाइट फॉलो करना चाहते हैं तो बता दें कि यह आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे कई बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.
क्या होता है वीगन डाइट?
वीगन डाइट को कई लोग वेजिटेरियन डाइट समझने की गलती करते हैं जबकि दोनों में काफी अंतर है. वेजिटेरियन से एक स्टेप आगे जाते हुए वीगन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स को भी नहीं खाया जाता है. वीगन डाइट फॉलो करने वाले अंडा और मीट-मछली के अलावा दूध, दही छाछ, पनीर, मक्खन और शहद जैसी चीजों का भी सेवन नहीं करते हैं. इससे स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, साथ ही कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
कोलेस्ट्रोल में कमी
रिसर्च के मुताबिक, वीगन डाइट फॉलो करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है. दरअसल, एनिमल बेस्ड फूड आइटम्स और डेयरी प्रोडक्ट्स से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है. वहीं वीगन डाइट में सिर्फ प्लांट बेस्ड हेल्दी फैट हमारे शरीर में जाता है. इससे हमारा दिल सेहतमंद रहता है.
नियंत्रित ब्लड प्रेशर
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वीगन डाइट फॉलो करने से शरीस में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है जिससे ब्लड प्रेशर का खतरा काफी कम हो जाता है. किडनी और डायबिटीज के मरीजों के लिए वीगन डाइट बेहतर माना जाता है.
वेट लॉस में मददगार
वीगन डाइट न सिर्फ आपके हार्ट हेल्थ को बढ़िया रखता है बल्कि वेट लॉस में भी काफी मददगार होता है. कई लोग वेट लॉस जर्नी के दौरान इस डाइट प्लान का सहारा लेते हैं. दरअसल, वीगन डाइट में शामिल फूड आइटम्स में फैट की मात्रा काफी कम होती है जिससे जल्दी वजन घटाने में मदद मिलती है.
कैंसर का कम खतरा
वीगन डाइट में शामिल फूड आइटम्स में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में रहती है, जिसके कारण शरीर में प्रोड्यूस होने वाले फ्री-रेडिकल्स से सेल्स को प्रोटेक्शन मिलता है. इस वजह से पोस्टेट कैंसर, कोलोन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि बहुत विशेष मानी जाती है. इस दिन स्नान-दान और पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व होता है. साथ ही, भगवान शिव के साथ ही श्री हरी और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन शनि जयंती, धृत योग और शिव वास का महा संयोग बनने जा रहा है. ऐसे में किन राशि के जातकों को इसका फायदा होगा जानिए यहां.
कब मनाई जाएगी ज्येष्ठ अमावस्या
ज्येष्ठ अमावस्या इस बार 6 जून, गुरुवार को पड़ रही है. इसकी तिथि 5 जून को रात 7:54 पर शुरू होगी जोकि 6 जून को शाम 6:07 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को ही मनाई जाएगी. ज्येष्ठ अमावस्या के साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी पड़ेगा और वट सावित्री व्रत, गुरुवार का व्रत, शनि जयंती जैसे शुभ संयोग भी इस दिन पड़ रहे हैं.
मेष राशि - ज्येष्ठ अमावस्या मेष राशि वाले जातकों के लिए शुभ साबित होने वाली है. इस राशि के जातकों को करियर में ऊंचाइयां मिलेंगी, आय के स्रोत खुलेंगे, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी आएगी.
मिथुन राशि - मिथुन राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ अमावस्या से अच्छे दिनों की शुरुआत होने वाली है. बिजनेस में लाभ होगा, सेहत दुरुस्त होगी और सफलता के मार्ग खुलेंगे.
कर्क राशि - ज्येष्ठ अमावस्या कर्क राशि वाले जातकों के लिए भी अच्छी मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि इन्हें व्यापार में मुनाफा होगा, नौकरी में प्रमोशन के आसार हैं और किसी नए काम की शुरुआत भी इस राशि के लोग कर सकते हैं.
तुला राशि - ज्येष्ठ अमावस्या पर तुला राशि के जातकों को भी शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है. बिजनेस में तरक्की के योग बन रहे हैं और नई योजनाओं पर आप काम कर सकते हैं.
मकर राशि - ज्येष्ठ अमावस्या मकर राशिके जातकों के लिए भी बहुत शुभ रहने वाली है. उन्हें काम के क्षेत्र में तरक्की मिलेगी, आप जितनी मेहनत करेंगे उतना ही लाभ आपको मिलेगा, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत विशेष महत्व होता है, कहते हैं एकादशी का व्रत करने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं और सुख-शांति और समृद्धि का वास घर में होता है. ऐसे में मई का महीना खत्म होने के साथ ही जून का महीना शुरू होने वाला है और आप अगर जानना चाहते हैं कि जून के महीने में किस डेट को एकादशी पड़ेगी और कौन-कौन सी एकादशी मनाई जाएगी? तो हम आपको बता दें कि इस साल जून के महीने में दो बड़ी एकादशी तिथि पड़ने वाली है. जिसमें अपरा एकादशी से लेकर निर्जला एकादशी तक शामिल है, इनकी तिथि और शुभ मुहूर्त क्या रहेगा आइए हम आपको बताते हैं.
शनि पूजा से अशुभ ग्रहों के प्रभाव में कमी
शनि देव को न्याय और कर्म का देव माना जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि शनि देव की पूजा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है. शनि जयंती को शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन विधि-विधान से शनि देव की पूजा से उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. इनकी कृपा से जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
शनि जयंती पर शनि देव की पूजा
मान्यता है कि शनि देव का जन्म सर्वार्थ सिद्ध योग में हुआ था और इस वर्ष शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है. इसलिए शनि जयंती पर शनि देव की पूजा विशेष फलदाई होगी. शनि जयंती के दिन प्रात:काल स्नान के बाद शनि देव का स्मरण करें और विधि-विधान से शनि देव की पूजा करें. सुबह के समय पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और शाम को पेड़ के नीचे सरसों के तेल से दिया जलाएं. शाम के समय शनि मंदिर जाकर शनि देव का दर्शन करें और उन्हें सरसों का तेल अर्पित करें.
निर्जला एकादशी 2024
निर्जला एकादशी का बहुत खास महत्व होता है, इस दिन निर्जला व्रत किया जाता है. यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है, जिसकी तिथि इस बार 17 जून सुबह 4:43 से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 18 जून को सुबह 6:24 पर किया जाएगा, ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को पड़ेगा.
एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप
एकादशी पर विष्णु भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ ही उन्हें पीले रंग के फल और पुष्प अर्पित किए जाने चाहिए. इस दौरान विष्णु भगवान के पांच रूपमंत्रों का जाप करने से साधकों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि मिलती है. यह मंत्र कुछ इस प्रकार है-
ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
ॐ नारायणाय नम:।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में विवाहित महिलाएं ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखती है. इसे कई जगहों पर बड़मावस का त्योहार भी कहा जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत करती है और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करके पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगती है.शास्त्रों में कहा गया है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता निवास करते हैं. इस व्रत को करके महिलाएं तीनों देवों से अपने पति की लंबी उम्र का वरदान मांगती है. चलिए जानते हैं कि इस साल वट सावित्री व्रत किस दिन रखा जाएगा और वट सावित्री की पूजा के समय आपको किन किन चीजों की जरूरत पड़ेगी.
कब है वट सावित्री व्रत |
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को रखा जाता है. इस साल ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पांच जून की शाम सात बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 6 जून की शाम 06 बजकर 07 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि को देखते हुए इस साल वट सावित्री का व्रत छह जून गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष के पास बैठकर सावित्री और सत्यवान की कथा सुनती है और कच्चे सूत से सात बार वट वृक्ष की परिक्रमा करती है.
वट सावित्री व्रत की पूजा सामग्री
अगर आप भी पहली बार वट सावित्री व्रत करने जा रही है तो आपको पूजा के लिए सारी सामग्री एक दिन पहले ही एकत्र कर लेनी चाहिए. आपको बता दें कि वट सावित्री व्रत में बरगद की पूजा की जाती है और अगर आपके घर के आस पास बरगद का पेड़ नहीं है तो आप उसकी टहनी कहीं से मंगवा कर उसकी भी पूजा कर सकती है. इस व्रत की पूजा के लिए आपको कुछ खास सामग्री की जरूरत पड़ेगी और इसका इंतजाम आपको पहले से ही कर लेना चाहिए.
साबुत चावल (अक्षत)
बांस का पंखा
हल्दी में रंगा हुआ कलावा या सफेद सूत
मौसम में आने वाले फल जैसे आम, लीची,तरबूज
लाल या पीले फूलों की माला
भीगे हुए काले चने
धूप बत्ती
पान और सुपारी
गंगाजल
केले के पत्ते
कुछ नए कपड़े जिनका रंग लाल या पीला हो
मिट्टी का एक घड़ा
देसी घी
तांबे या पीतल का लोटा
सिंदूर और रोली
थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी
प्रसाद के तौर पर मिठाई
आस्था /शौर्यपथ /भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को काफी प्रभावशाली ग्रह माना गया है. बृहस्पति जब भी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं या उदित होते हैं तो इसका असर सभी राशियों पर होता है. ग्रहों के गुरु ग्रह कहलाने वाले बृहस्पति इस समय अस्त हैं लेकिन जून के माह में गुरु ग्रह, वृष राशि में उदय होने वाले हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, बृहस्पति 3 जून को 3 बजकर 21 मिनट पर वृष राशि में उदय होंगे और इसका कई राशियों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों पर इसका प्रभाव बहुत ही अच्छा पड़ने वाला है. लेकिन तीन राशियां ऐसी है जिन पर ये परिवर्तन बहुत ही सकारात्मक असर डाल सकता है, जिससे इन तीनों राशियों को जातकों को जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्त हो सकती है. तो,
कब है वट सावित्री व्रत, पूजा के लिए अभी से एकत्र कीजिए ये जरूरी सामग्री
ग्रहों के गुरु वृष राशि के एकादश भाव में उदय होने वाले हैं. इससे इस राशि के जातक को बहुत लाभ प्राप्त होगा. वृष राशि के जातकों को करियर के क्षेत्र में जबरदस्त सफलता प्राप्त हो सकती है. काफी लंबे समय से जो काम नहीं हो रहे थे उनके पूरे होने के कारण जीवन में अपार खुशियां आएंगी. उनकी आय में बढ़ोतरी भी हो सकती है. यह समय उनके लिए हर तरह से शुभ साबित होगा.
ग्रहों के गुरु कर्क राशि के लग्न भाव में उदय होंगे. इससे कर्क राशि के जातकों को अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है. कार्य क्षेत्र में कड़ी मेहनत का फल भी मिलेगा. जिस चीज के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं उसके भी पूर्ण होने के योग बन सकते हैं.
ग्रहों के गुरु बृहस्पति सिंह राशि के दसवें भाव में उदय होंगे. इसका सिंह राशि के जातकों के लिए बहुत प्रभाव होगा. इस राशि के जातकों को करियर में तरक्की के साथ आय में वृद्धि प्राप्त हो सकती है. इसके साथ ही पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ेगी. भाग्य का साथ प्राप्त होने से जीवन के हर क्षेत्र मे सफलता प्राप्त हो सकती है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /केले के पत्तों का वयापक रूप से एशिया में उपयोग किया जाता है. भारत में केले के पत्तों का शुभ कार्यों में विशेष महत्व है. इसका उपयोग विभिन्न समारोहों में भोजन परोसने या अनुष्ठान करने के लिए एक थाली के रूप में किया जाता है. इन पत्तों पर खाना खाने से पाचन तंत्र सही रहता है. असल में केले के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरियल समस्याओं से बचाते हैं. इसके अलावा यह पर्यावरण के अनुकूल होते हैं जो आसानी से मिट्टी में घुल जाते हैं. ऐसे कई और फायदे हैं केले के पत्तों के जिसके बारे में आपको लेख में आगे बताया जा रहा है.
केले के पत्ते के 5 फायदे |
इम्यून सिस्टम करे मजबूत - केले के पत्तों में पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है. इसमें विटामिन सी भी पाया जाता हैं, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है. इससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
पाचन रखे ठीक - केले के पत्तों पर खाना खाने से इसमें मौजूद प्राकृतिक एंजाइंस भोजन को पचाने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मददगार होते हैं.
त्वचा को निखारे - केले के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा को बैक्टीरियल समस्याओं से बचाते हैं. केले के पत्तों को घाव और चोट वाली जगह पर लगाने से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है.
आंखों के लिए अच्छा - केले के पत्तों में विटामिन ए होता है, जो हमारी आंखों के लिए काफी फायदेमंद है.
पारंपरिक उपयोग - आपको बता दें कि पहले के समय में केले के पत्तों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता था. भारतीये सांस्कृति में केले के पत्तों का उपयोग विभिन्न जगहों पर किया जाता है, जैसे पूजा के लिए और घरों को सजाने के लिए आदि.