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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता कहा गया है. जातक के कर्मों के लिहाज से शनिदेव उसे फल देते हैं. कहा जाता है कि शनिदेव की कृपा हो जाए तो रंक भी राजा बन जाता है और अगर शनिदेव की दृष्टि टेढ़ी हो जाए तो जीवन में परेशानियां और संकट आ जाते हैं. दूसरे ग्रहों की तरह शनि भी समय समय पर राशि परिवर्तन करते हैं जिसका राशियों पर असर पड़ता है. राशि के साथ साथ शनि नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं और इसका भी जातकों के जीवन पर असर होता है. इस साल अगस्त माह में शनि नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं और जानिए इसका लाभ किन किन राशियों को मिलने वाला है.
इन तीन राशियों के लिए लाभदायक रहेगा शनि का नक्षत्र परिवर्तन
आपको बता दें कि शनि इस वक्त अपनी मूल राशि यानी कुंभ राशि में बैठे हैं. पिछले माह 6 अप्रैल को दोपहर के समय शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चले गए थे और अक्टूबर तक इसी नक्षत्र में विराजमान रहेंगे. हालांकि शनि इसी नक्षत्र में अपने चरण बदलते रहेंगे. 12 मई को शनि इसी नक्षत्र के दूसरे पद में चले गए थे और 18 अगस्त तक इसी चरण में रहेंगे. ऐसे में कुछ राशियों पर इसका अच्छा असर होगा और कुछ राशियों को इस दौरान शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.
मेष राशि
मेष राशि के लिए शनि का नक्षत्र परिवर्तन खास फायदा लेकर आ रहा है. इस राशि के जातकों को आर्थिक लाभ के संकेत मिल रहे हैं. पैतृक संपत्ति का लाभ मिलेगा और समाज में मान सम्मान बढ़ेगा. कहीं पैसा अटका है तो वो आपको मिल सकता है. बिजनेस में लाभ होगा और नौकरी करने वालों को भी फायदा होगा. घर के साथ साथ गाड़ी खरीदने के भी योग बन रहे हैं. दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहेगी और संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलेगी.
कन्या राशि
शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण में विराजमान होना कन्या राशि के लिए भी लाभकारी साबित होने जा रहा है. पुराना निवेश फायदा करेगा. कोर्ट कचहरी के लंबे चले आ रहे मामलों में जीत के योग बन रहे हैं. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और धन का आगमन होगा. कुछ अच्छे कामकाज के लिए सफर के योग बन रहे हैं और इसका भी आपको लाभ ही होगा. परिवार में खुशी का माहौल रहेगा.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि का ये परिवर्तन काफी सुखदायक होने वाला है. आय में इजाफा होगा, लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे. शरीर और मानसिक रूप से बेहतर फील करेंगे. ऑफिस में आपके काम की तारीफ होगी और बिजनेस में भी फायदे के योग बन रहे हैं. हालांकि आपके साथी अड़ंगे डालेंगे इसलिए सावधानी से काम करने की जरूरत है. परिवार में सुख और शांति का माहौल बनेगा और कुल मिलाकर ये समय आपके लिए अच्छी खबर लेकर आएगा.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है. कालाष्टमी को भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी का व्रत 30 मई को रखा जाएगा. कालाष्टमी पर व्रत रखने और काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. पुराणों में वर्णन है कि कालाष्टमी के दिन दान करने से पापों का नाश और ग्रहों के दोषों से मुक्ति मिलती है. काल भैरव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन खास चीजों का दान करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिल सकती है. ऐसा करने से प्रेम संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं. तो आइए जानते हैं कालाष्टमी पूजा का मुहूर्त और किन चीजों का दान करना चाहिए.
कालाष्टमी पूजा मुहूर्त -
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर हो रही है. जिसका समापन 31 मई को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा. कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है. ऐसे में 30 मई, 2024 दिन गुरुवार को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा.
कालाष्टमी पर जरूर करें ये दान
कालाष्टमी में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन दान करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होते हैं.
काले तिल
काले तिल को शनि ग्रह से जुड़ा माना जाता है, और शनि प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है. काले तिल का दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे प्रेम संबंध की बाधाएं दूर होती हैं.
उड़द दाल
उड़द की दाल शनि ग्रह से संबंधित है. कालाष्टमी के दिन इसका दान करना बहुत शुभ होता है. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से प्रेम संबंध बेहतर होते हैं.
चावल
चावल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक है. कालाष्टमी का व्रत रखने के बाद चावल का दान करना बहुत फलदाई है. इससे प्रेम संबंध में स्थिरता आती है.
काले वस्त्र
काला रंग भगवान शनि को समर्पित है. कालाष्टमी के दिन काले रंग का वस्त्र दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और लव लाइफ में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं.
जूते
जूते का दान करने से राहु दोष दूर होता है. राहु दोष के कारण अक्सर लव लाइफ में बाधाएं आती हैं. जूते के दान से राहु दोष कम करने में मदद मिलती है.
नारियल
नारियल का फल भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है. कालाष्टमी का व्रत रखकर नारियल का दान करने से प्रेम संबंध मजबूत होते हैं.
इनका रखें ध्यान
दान हमेशा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करना चाहिए और दान स्वरूप दी जाने वाली चीजें अच्छी गुणवत्ता वाली होनी चाहिए.
इस मंत्र का करें जाप
कालाष्टमी के दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिवरात्रि और महाशिवरात्रि जैसे पर्वों पर व्रत रखें.
लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /हर किसी को लंबे घने और चमकदार बाल पसंद होते हैं. लेकिन आज की इस खराब लाइफस्टाइल और खान-बाल के चलते कम उम्र में ही बाल सफेद होने लगे हैं. असल में हमारे चेहरे की सुंदरता में हमारे बालों का बहुत बड़ा रोल होता है. पहले के समय में सफेद बाल सिर्फ बुजुर्ग लोगों में देखने को मिलते थे लेकिन अब यह समस्या छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग में भी देखने को मिल रही है. अगर आप भी इसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो हमने आपको कवर किया है. आज हम आपको किचन में मौजूद एक ऐसे मसाले के बारे में बता रहे हैं जो खाने में तो आपके स्वाद को बढ़ाने का काम करता ही है ये आपके बालों को सफेद होने से बचाने में भी मददगार है. हम बात कर रहे हैं करी पत्ता की. आपको बता दें कि करी पत्ता को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है.
करी पत्ता स्वाद सेहत और सुंदरता के गुणों से भरपूर है. करी पत्ता में कॉपर, मिनरल्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन C, मैग्नीशियम और आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैैं. तो चलिए जानते हैं करी पत्ते को कैसे और किन चीजों के साथ इस्तेमाल करने से सफेद बालों को काला बनाया जा सकता है.
बालों को काला बनाने के लिए ऐसे करें करी पत्ते का इस्तेमाल-
किचन में मौजूद करी पत्ता एक ऐसा मसाला है जिसे आमतौर पर तड़के के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. अगर आप अपने बालों को लंबा, घना और काला करना चाहते हैं, तो करी पत्ता के साथ आंवला और ब्राह्मी पाउडर को मिलाकर एक स्मूद पेस्ट बना लें और साफ बालों पर इसे लगाएं. फिर एक घंटे बाद बालों को साफ पानी से धो लें. इसे लगाने के बाद तुरंत शैम्पू से बाल न धोएं अगर शैम्पू अप्लाई करना भी है तो आप माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करे. यकिनन ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको अपने बालों में असर दिखने लगेगा.
खाना खजाना /शौर्यपथ /तपनभरी गर्मी में सबसे ज्यादा समस्या किचन में घंटों पसीना बहा कर खाना तैयार करना. इस गर्मी में किचन में अंदर जाने का भी मन नहीं करता है. कई बार तो ऐसा लगता है कि कास कोई ऐसी रेसिपी मिल जाए जिसे कम समय में बिना किचन में घंटों समय गवाए बना सकें. अगर आप भी इसी तरह की रेसिपीज तलाश कर रहे हैं तो हमने आपको कवर किया है आज हम आपको ऐसी क्विक और हेल्दी रेसिपीज बता रहे हैं जिसे आप इस चिलचिलाती गर्मी में कम समय में बना सकते हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के रेसिपीज पर चलते हैं.
गर्मी में झटपट बनाएं ये रेसिपीज-
1. बेसन टोस्ट-
सिर्फ 10 मिनट में बनाएं बेसन टोस्ट. ब्रेड स्लाइस को मसाले और सब्जियों से भरे बेसन के बैटर में डुबोकर दोनों तरफ से गोल्डन होने तक पकाएं और अपनी पसंद की चटनी के साथ सर्व करें.
2. माइक्रोवेल पोहा-
पोहा ब्रेकफास्ट में सबसे ज्यादा बनाया जाता है. समय बचाने के लिए आप पोहा को माइक्रोवेव में भी बना सकते हैं और अपना समय भी बचा सकते हैं. सभी मसालों को 2 मिनिट के लिए माइक्रोवेव करें, प्याज को 2 मिनिट के लिए और पकाएं और 3 मिनिट के लिए आपको पोहे को मसालों के साथ मिलाकर पकाना है.
3. तवा पुलाव-
अगर आपके पास बचे हुए पके हुए चावल हैं, तो उन्हें भुनी हुई सब्जियों और मसालों के साथ तवे पर डाल कर फ्राई कर टेस्टी तवा पुलाव बना सकते हैं.
4. एग रोल-
अंडे और अपनी पसंदीदा सब्जियों को एक साथ मिक्स कर ऑमलेट बनाएं. अब एक रोटी को ऑमलेट के ऊपर रख कर दोनों तरफ से सेंके.
5. ओट्स सलाद-
ओट्स को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. उबले हुए ओट्स को उबली हुई गाजर और शिमला मिर्च के साथ मिलाएं. अब इसमें थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर, नमक, हर्ब्स, नींबू का रस और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल छिड़कें. बस आपका टेस्टी सलाद बनकर तैयार है.
खाना खजाना /शौर्यपथ /चिलचिलाती गर्मी और तपन भरी लू ने हम सभी का बुरा हाल कर रखा है. देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही हैं. कई शहरों में तापमान 45 डिग्री से अधिक हो गया है. ऐसे में अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है. क्योंकि इस भीषण गर्मी में सेहत के प्रति जरा सी लापरवाही आपकी तबीयत को बिगाड़ सकती है. इस चिपचिपी गर्मी से बचने के लिए हम सभी ठंडे ड्रिंक का सेवन करना पसंद करते हैं. क्योंकि ये ड्रिंक न केवल हमें तरोताजा करते हैं बल्कि हमारे शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाने में भी मददगार हैं. इस मौसम में हम अपने आपको ठंडक पहुंचाने के लिए तमाम तरह के जूस, छाछ, मठ्ठा और लस्सी का सेवन करना पसंद करते हैं. अगर आप भी लस्सी पीने के शौकीन हैं और एक ही तरह की लस्सी पीकर बोर हो गए हैं तो हमने आपको कवर किया है. आप रेगुलर लस्सी की जगह सत्तू की लस्सी बना कर पी सकते हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के रेसिपी जानते हैं.
कैसे बनाएं सत्तू की लस्सी-
सत्तू को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. चने से तैयार सत्तू को गुणों का भंडार कहा जाता है. सत्तू लस्सी की रेसिपी इंस्टाग्राम पर @cookwithshivangi यूजर ने शेयर की है. इसे बनाने के लिए दही को ब्लेंड करके एक बड़े कटोरे में डालें. इसके बाद इसमें कटे हुए सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू और किशमिश के साथ सत्तू पाउडर मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स करें और चीनी डालें. अगर आप इसे हेल्दी बनाना चाहते हैं तो आप इसमें गुड़ का पाउडर भी मिला सकते हैं. लास्ट में मिश्रण को एक गिलास में डालें और कटे हुए पिस्ते से गार्निश करें. आपकी सत्तू की लस्सी टेस्ट के लिए तैयार है.
खाना खजाना /शौर्यपथ /केला एक ऐसा फल है जिसे आमतौर पर सभी लोग खाना पसंद करते हैं. केले को गुणों का भंडार कहा जाता है. केले से कई तरह की रेसिपीज बनाई जा सकती हैं. विटामिन जैसे बी-6 और बी-12 के अलावा मिनरल्स, पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है. यह फाइबर का एक अच्छा सोर्स है, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार है. लेकिन जिस केले को खाकर उसके छिलके हम फेंक देते हैं उसे भी सेहत के लिए कुछ कम नहीं माना जाता है. इतना ही नहीं इससे कई तरह की रेसिपीज भी बनाई जा सकती हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं केले से बनने वाली रेसिपी.
केले के छिलके से बनाएं पकौड़ा-
केले के छिलके के पकौड़ें बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे केले के छिलकों की पतली पट्टियों को बेसन, चावल के आटे, हल्दी, नमक और मसालों से बने बैटर में लपेट लें.गोल्डन और कुरकुरा होने तक फ्राई करें. फिर इसे पुदीने की चटनी या केचप के साथ सर्व करें.
केले के छिलके के फायदे
केले के छिलके में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है, जो इम्यूनिटी को मज़बूत कर इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है. केले के छिलके में लुटीन होता है, जो आंखों में मोतियाबिंद होने से रोकता है. केले के छिलके में एंटी-ऑक्सीडेंटस होने के साथ विटामिन-बी, ख़ासतौर से विटामिन-बी-6 की मात्रा होती है. इसमें घुलने वाले और न घुलने वाले फाइबर होते हैं, जो पाचन क्रिया के कार्य को धीरे कर, शरीर से कोलेस्टेरॉल को कम कर सकते हैं. कई अध्ययनों का तो यह भी मानना है कि केले के छिलके में सेरोटोनिन नाम का पदार्थ होता है, जो डिप्रेशन पर काबू रख आपको खुश रखने में मदद कर सकता है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /मधुमक्खी का शहद जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही दर्द भरा होता है इसका डंक. अगर मधुमक्खी काट ले तो उस जगह पर जलन और सूजन बढ़ जाती है. कई बार तो बुखार भी आ जाता है और दर्द भी शुरू होने लगता है. दरअसल, मधुमक्खी के डंक में जहर होता है, जो शरीर में इंफेक्शन का कारण बनता है. इसलिए, मधुमक्खी का डंक निकालने में सावधानी बरतनी चाहिए.
कैसे निकालें मधुमक्खी का डंक -
कई बार लोगों को जानकारी न होने के कारण डंक निकालने के लिए नुकीली चीजों का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे जहर फैल सकता है. जबकि मधुमक्खी का डंक आपको क्रेडिट कार्ड, बटर नाइफ धीरे-धीरे खुरचते हुए निकालना चाहिए.
मधुमक्खी काटने पर क्या करें -
बेकिंग सोडा लगाएं -
बेकिंग सोडा में पाया जाने वाला तत्व जहर के असर को कम करने में मददगार होता है. बेकिंग सोडा लगाने से दर्द, खुजली और सूजन से राहत मिलती है.
सेब का सिरका -
आप सेब का सिरका भी प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं. इससे भी आपको राहत मिलती है. यह भी खुजली से राहत दिलाता है.
शहद -
मधुमक्खी काटने पर इसका शहद जहर को फैलने से रोकता है. इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है. मधुमक्खी का शहद मधुमक्खी के डंक के जहर का असर कम करे में सहायक होते हैं.
चूना -
मधुमक्खी काटने से होने वाली सूजन, दर्द, खुजली कम करने के लिए चूना लगायें. चूना पेस्ट मधुमक्खी के डंक के दुष्प्रभाव कम करने में सहायक होते हैं.
एलोवेरा जैल -
मधुमक्खी डंक के असर को कम करने के लिये एलोवेरा का रस लगाएं. एलोवेरा मधुमक्खी कीट के काटने पर हुई सूजन, दर्द, जलन को कम करने में सहायक है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /गर्मी के मौसम में होने वाले पसीने से शरीर में खुजली और जलन शुरू हो जाती है, यहां तक की बॉडी में लाल दाने भी उभर आते हैं. ऐसे में आपको कपड़े भी पहनते नहीं बनता है. इससे स्किन की भी हालत बिगड़ जाती है. यहां तक की ये लाल दाने चेहरे पर निकल आएं तो फिर ये फेस का ग्लो भी छीन लेते हैं. कई बार तो दाग भी छोड़ देते हैं. ऐसे में हम यहां पर आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपको गर्मियों की स्किन प्रॉब्लम से राहत मिल सकती है.
सूजन और खुजली को कैसे करें कम
कोल्ड कंप्रेस
अगर आपके शरीर पर लाल दाने उभर आए हैं और उसमें खुजली और जलन होती रहती है, तो आईस पैक उस जगह पर अप्लाई करें. इससे सूजन और जलन शांत होगी.
ओटमील बाथ
खुजली और जलन से राहत पाने के लिए गुनगुने पानी में कोलाइडल ओटमील मिलाएं और 15-20 मिनट के लिए भिगो दीजिए. ओटमील में सूजन-रोधी यौगिक होते हैं, जो त्वचा को शांत करते हैं. यह सनबर्न के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है.
एलोवेरा जैल
जलन को कम करने और खुजली वाली त्वचा पर सीधे ताजा एलोवेरा जेल लगाएं. एलोवेरा में शीतलन और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो धूप की से होने वाले सनबर्न और खुजली को शांत करते हैं.
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और खुजली वाली जगह पर लगाएं, इससे राहत मिलेगी. बेकिंग सोडा में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो खुजली और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे यह गर्मियों में घमौरियों या एलर्जी के कारण होने वाली खुजली के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय बन जाता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है. भक्त हमेशा भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं. माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है. चतुर्थी को भक्त व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं. ज्येष्ठ माह की चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस बार 26 मई रविवार को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना से जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है और मनाकामनाएं पूरी हो जाती है. भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश को भक्तों के कष्ट हरने के कारण विघ्नहर्ता का नाम प्राप्त है. आइए जानते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि शुभ मुहूर्त और गणेश स्तोत्र.
कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी
ज्येष्ठ में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई को सुबह 06 बजकर 6 मिनट शुरू होगी और अगले दिन यानी 27 मई को सुबह 4 बजकर 53 मिनट तक रहेगी. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा.
विघ्नहर्ता हैं भगवान गणेश
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश विघ्नहर्ता कहलाते हैं. उन्हें भक्तों के सभी कष्टों को हरने वाला माना जाता है. चतुर्थी का व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान गणेश भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इस दिन पूजा पाठ करने के बाद गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए. गणेश स्तोत्र का पाठ करने से भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है.
गणेश स्तोत्र |
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु हे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानयम् स्वाहा।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / गर्मियों का सीजन अपने साथ चुभती धूप, पसीना, खुजली लेकर आता है. जिससे बचने के लिए लोग बाहर निकलने से पहले अपने हाथ पैर और चेहरे को अच्छे से कवर करके निकलते हैं, ताकि सूरज की तेज किरणें स्किन को नुकसान न पहुंचा सकें. साथ ही लू से भी आपकी बॉडी बची रहे. इस मौसम में डाइजेस्टिव सिस्टम भी स्लो पड़ जाता है, यही वजह है कि इस मौसम में लोग लिक्विड फूड लेना ज्यादा पसंद करते हैं. क्योंकि यह आसानी से पच जाते हैं और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं.
गर्मी के मौसम में वैसे तो कई हेल्दी जूस है जिसमें से हम आप लौकी के रस के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के अलावा और भी कई फायदे शरीर को पहुंचाएगा.
लौकी जूस के फायदे -
1- लौकी का रस गर्मी से राहत पाने के लिए अच्छा विकल्प है. यह आपको हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ शरीर को ठंडा करने में भी मदद कर सकता है.
2- यह जूस आपके इम्यून को मजबूत रखने के साथ आपके बॉडी को डिटॉक्स भी करता है. यह टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देता है जिससे पेट दुरुस्त रहता है.
3- साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे बढ़ा वजन भी तेजी से घटता है. लौकी में भरपूर मात्रा में फ़ाइबर होता है. जिसकी वजह से आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं. इस जूस में विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन ए, आयरन, पोटेशियम और मैंगनीज पाए जाते हैं.
4- यह आपके दिल की भी सेहत को मजबूत रखता है. इससे कोलेस्ट्रोल की परेशानी भी दूर होती है. इससे स्किन और बाल की भी चमक बढ़ जाती है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / भगवान विष्णु के परम भक्त और ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक देवर्षि नारद की जयंती 24 मई 2024, शुक्रवार को मनाई जा रही है. कहते हैं कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवर्षि नारद का जन्म हुआ था, ऐसे में इसे नारद जयंती के नाम से जाना जाता है. देवर्षि नारद का महाभारत में विशेष महत्व बताया गया है और उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी कहा जाता है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि देवर्षि नारद की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है.
नारद जयंती शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 मई को ही शाम 7:22 मिनट से शुरू हो चुकी है, जो आज 24 मई को शाम 7:24 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 24 मई को ही नारद जयंती मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त नारद जी की पूजा अर्चना की जाती है. आप सुबह उठकर घर के मंदिर में नारद जी की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें. उन्हें फल-फूल, मिठाई अर्पित करें, घी का दीया जलाएं और सच्चे मन से उनकी आराधना करें.
दरअसल, देवर्षि नारद को ये वरदान मिला था कि वे तीनों लोक में वायु मार्ग से कहीं भी आ जा सकते थे, इसलिए वे विष्णु जी की महिमा का बखान तीनों लोकों में किया करते थे और नारायण-नारायण कहकर एक-दूसरे की बातों को यहां से वहां पहुंचाते थे, इसलिए उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी माना जाता है. हालांकि, उन्हें यह आशीर्वाद कड़ी तपस्या के बाद मिला. इतना ही नहीं नारद मुनि को ब्रह्मा जी से यह श्राप भी मिला था कि वे जीवन भर अविवाहित रहेंगे.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. वैशाख की पूर्णिमा तिथि भगवान बुद्ध की जन्मतिथि है. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है इसलिए वैशाख पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन विष्णु प्रिया तुलसी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. वैशाख पूर्णिमा को तुलसी माता को कुछ खास चीजें चढ़ाने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है और इससे घर में धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा पर तुलसी जी को क्या क्या चढ़ाना चाहिए.
वैशाख पूर्णिमा पर तुलसी पर चढ़ाएं ये चीजें
सुहाग की वस्तुएं - वैशाख पूर्णिमा को तुलसी जी को सुहाग की चीजें चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन लाल चुनरी, लाल चूड़ियां और बिंदी जैसी चीजें माता तुलसी को अर्पित करें. इससे जीवन में धन और वैभव की कमी नहीं रहती है.
पीला धागा - वैशाख पूर्णिमा को पीले रंग के धागे में 108 गांठ लगाकर तुलसी के गमले के चारों ओर लपेट दें. ऐसा करने के बाद माता तुलसी से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना करें.
लाल कलावा - वैशाख पूर्णिमा को तुलसी माता को लाल कलावा जरूर चढ़ाना चाहिए. इससे माता तुलसी प्रसन्न होती हैं और जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
घी से जलाएं दीया - वैशाख पूर्णिमा को माता तुलसी की पूजा में कच्चा दूध अर्पित करें और घी से दीया जलाएं. माता से कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें.
भगवानविष्णु की पूजा में तुलसी का महत्व
विष्णु भगवान की पूजा तुलसी के बगैर अधूरी मानी जाती है. मान्यता है तुलसी के पत्तों के बगैर भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं. इसलिए तुलसी की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक रूप से भी तुलसी के पौधे का बहत महत्व होता है. जहां प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है वहां सुख और समृद्धि बनी रहती है. तुलसी के पौधे के कारण नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती हैं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सनातन धर्म में केले के पौधे को काफी शुभ और मंगलकारी माना गया है. केले के पत्ते को जहां पूजा-पाठ और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाता है वहीं, केले के पौधे की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि केले के पत्ते में खुद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का निवास होता है और इसलिए हर शुभ कामकाज में केले के पौधे और पत्तों की पूजा होती आई है. कहा जाता है कि केले के पत्तों में ढेर सारी सकारात्मक ऊर्जा होती है और इनके उपयोग से घर में निगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है. इसके साथ-साथ शुभ कामकाज में पंगत को केले के पत्तों पर ही भोजन परोसा जाता है. इसके साथ-साथ कई देवी देवताओं को भी केले के पत्ते पर भोग लगाया जाता है. जानिए किन-किन देवताओं को भोग लगाने के लिए केले के पत्तों का इस्तेमाल होता है.
भगवान विष्णु को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग
चूंकि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास माना गया है इसलिए भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाया जाता है. अगर आप अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर भोग लगाएं तो इससे घर में सुख शांति बनी रहेगी और घर में समृद्धि का वास होगा. मान्यता है कि जिन घरों में विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी में बाधा आ रही है, वहां भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने पर घर में विवाह के योग बनने शुरू हो जाते हैं.
गणपति बप्पा को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग
भगवान विष्णु के साथ-साथ प्रथम पूज्य भगवान यानी भगवान गणपति को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना अत्यंत लाभदायक माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान गणेश को केला काफी प्रिय है और इसलिए उन्हें केले के पत्ते पर भोग लगाना अच्छा माना जाता है. इससे प्रसन्न होकर भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
मां लक्ष्मी को लगाएं केले के पत्ते पर भोग
धन संपत्ति की देवी कही जाने वाली मां लक्ष्मी को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है. अगर आप ऐसा करते हैं तो घर में सुख-समृद्धि का हमेशा वास रहेगा और घर-परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आयरन हमारे शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो हमारे ब्लड में ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन है. आयरन शरीर में कई कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होता है. अक्सर यह माना जाता है कि पालक आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन कई अन्य फूड्स भी हैं जो पालक से ज्यादा आयरन प्रदान कर सकते हैं. यहां हम 5 ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आयरन की मात्रा में पालक के समान या उससे ज्यादा होती है.
पालक के अलावा आयरन के 5 जबरदस्त स्रोत |
1. कद्दू के बीज
कद्दू के बीज आयरन से भरपूर होते हैं और एक बेहतरीन स्नैक ऑप्शन हैं. माना जाता है कि इन बीजों में लगभग 9 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. आप इन्हें सलाद, योगर्ट या अपने स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं.
2. सोयाबीन
सोयाबीन आयरन का एक और बेहतरीन स्रोत है. माना जाता है कि इसमें लगभग 15.7 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. सोयाबीन को आप कई रूपों में जैसे टोफू, सोया मिल्क और सोया चंक्स के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
3. तिल के बीज
तिल के बीज जिन्हें अक्सर भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है, आयरन से भरपूर होते हैं. माना जाता है कि तिल के बीज में लगभग 14.6 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. इन्हें सलाद, ब्रेड और मिठाइयों में शामिल किया जा सकता है.
4. काजू
काजू एक पौष्टिक स्नैक है और आयरन का अच्छा स्रोत है. इसमें लगभग 6.7 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. काजू को आप सीधे खा सकते हैं या कई व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. चना (काबुली चना)
काबुली चना, जिसे अंग्रेजी में चीकपीज कहते हैं, आयरन से बेहतरीन स्रोत होता है. माना जाता है कि इसमें लगभग 6.2 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. इसे आप सलाद, करी या हमस के रूप में अपनी डाइट आहार में शामिल कर सकते हैं.
इन फूड्स को अपनी डेली डाइट में शामिल करके आप न केवल आयरन की पूर्ति कर सकते हैं बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं.