
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / कई बार कुछ लोगों के साथ ऐसा होता है कि वो खाने-पीने का ध्यान रखते हैं. ऑयली और जंक फूड से दूर रहते हैं लेकिन इन सबके बावजूद भी उनका वजन बढ़ता ही जाता है. क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह क्या है. दरअसल आप अक्सर अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जो वजन बढ़ने का कारण बनती हैं. बता दें कि वजन का बढ़ना सिर्फ खाने से जुड़ा हुआ नही है. खाने के अलावा भी हम कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जो वजन बढ़ने का कारण बनती हैं. आज हम आपको ऐसी 10 गलतियों के बारे में बताएंगे जिनको सुधारने के बाद आप कितना भी खा लें आपका वजन नहीं बढ़ेगा.
वजन बढ़ने का वजह क्या है
फिजिकल एक्टिविटी
कई बार हम फिजिकली बहुत कम एक्टिव होते हैं जो हमारे मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देता है. इस वजह से हम कुछ भी खाते हैं तो वजन बढ़ने लगता है. इसलिए जरूरी है कि हम रोजाना एक्सरसाइज करें जिससे हमारी कैलोरी बर्न हो.
कम नींद
वजन बढ़ने का कनेक्शन आपकी नींद से भी है. दरअसल जब हमारी नींद पूरी नही होती है तो इससे हमारे हार्मोन्स डिसबैलेंस हो जाते हैं. जिस वजह से क्रेविंग होती है और हम हाई कैलोरी वाले फूड आइटम्स खाते हैं. इसलिए अगर वजन कंट्रोल रखना चाहते हैं तो पूरी नींद लें.
स्ट्रेस इटिंग
कई लोग स्ट्रेस होने पर ज्यादा खाने लगते हैं. ऐसा करने से वो स्ट्रेस फ्री होते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये आदत तुरंत बदल दें.
शुगर
ज्यादा मीठी चीजों का सेवन और ड्रिंक्स का सेवन करना भी वजन बढ़ने की एक वजह होता है. यह हमारी क्रेविंग को बढ़ाता है और हम ओवरईटिंग करते हैं.
ज्यादा खाना
कई लोगों की आदत होती है कि वो प्लेट में बहुत सारा खाना लेकर बैठ जाते हैं जिस वजह से वो ज्यादा खाना खा लेते हैं. इसलिए अपने खाने के पोर्शन पर ध्यान दें.
जंक फूड
अक्सर लोद ब्रेकफास्ट-लंच और लंच-डिनर के बीच स्नैक्स खाते हैं. ये स्नैक्स अक्सर प्रोसेस्ड होते हैं जो वजन बढ़ने का कारण बनते हैं. इसलिए ब्रंच में हेल्दी ऑप्शन्स चुनें.
खाते वक्त मोबाइल
कई लोग खाना खाते समय मोबाइल या टीवी देखते हैं. जो वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है. क्योंकि उस वक्त हमारा फोकस खाने पर नहीं होता है और हम ज्यादा खाना खा लेते हैं.
मील स्किप
कई लोग वेट लॉस के चक्कर में अपनी मील स्किप कर देते हैं और जब खाते हैं तब एक बार में बहुत सारा खा लेते हैं.
लिक्विड कैलोरी
सोडा, चाय, कॉफी जैसी चीजें हाई कैलोरी होती हैं. इनको ज्यादा पीने से भी वजन बढ़ता है.
कैलोरी फूड
अगर आपकी डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज नहीं है और आप केवल कैलोरी फूड का सेवन कर रहे हैं तो ये भी वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /भिंडी एक पौष्टिक सब्जी है जो गर्मी के मौसम में आती है. यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होती है. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जिनके सेवन से शारीरिक स्वास्थ्य को कई लाभ प्राप्त होते हैं. यह भारतीय रसोई में एक पसंदीदा तथा स्वादिष्ट सब्जी है. सबसे ज्यादा लोग इसी सब्जी को पसंद करते हैं. इसके सेहत संबंधित लाभों के बारे में जानना जरूरी है. यहां हम लेडीफिंगर के कुछ जरूरी स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं.
भिंडी के शानदार स्वास्थ्य लाभ |
1. पोषण से भरपूर: भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी-6, फोलेट, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में से पाए जाते हैं. ये सभी तत्व शारीर के लिए जरूरी होते हैं और उसे हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
2. डायबिटीज को कंट्रोल करना: भिंडी में मौजूद फाइबर डायबिटीज को कंट्रोल में मदद कर सकती है, क्योंकि यह खाने के बाद ग्लूकोज लेवल को बैलेंस रखने में मदद करता है.
3. पाचन को सुधारे: भिंडी में फाइबर की अच्छी मात्रा होने से पाचन क्रिया को सुधारा जा सकता है. यह खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल को भी संतुलित रखता है और साथ ही हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
4. हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन: भिंडी में मौजूद फाइबर और विटामिन सी ब्लड प्रेशर को सुधारने में मदद कर सकते हैं और शरीर को हेल्दी रखने में सहायक होते हैं.
5. वजन को कंट्रोल रखना: भिंडी का सेवन करने से वजन को कंट्रोल किया जा सकता है क्योंकि इसमें लो कैलोरी और ज्यादा फाइबर होता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कंट्रोल में रहता है.
6. स्किन के लिए फायदेमंद: भिंडी में विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा अच्छी होती है, जो स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ये त्वचा को ताजगी और चमक देते हैं और उसे हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / हर कोई चाहता है कि चेहरा हमेशा यंग दिखे, लेकिन कुछ कारणों से स्किन कम उम्र में ही बुढ़ी दिखाई देने लगती है. यंग एज में ही चेहरे पर झुर्रियां दिखना हर किसी को परेशान कर सकता है. झुर्रियां चेहरे की खूबसूरती को कम कर सकती हैं और उम्र कई साल ज्यादा लगती है. कई लोग इस समस्या को हल करने के लिए अलग-अलग एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कभी-कभी प्राकृतिक उपाय भी बहुत प्रभावी साबित हो सकते हैं. एक ऐसा नेचुरल उपाय है कलौंजी, जो की अपनी चमकदार और गुणकारी गुणों के लिए प्रसिद्ध है. कलौंजी का तेल अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जा सकता है. झुर्रियों को हटाने के लिए कलौंजी का तेल किसी रामबाण उपाय से कम नहीं है. अगर आप झुर्रियां कैसे हटाएं, झुर्रियां हटाने के उपाय, जवां दिखने के लिए क्या करें जैसे सवालों से परेशान हैं, तो यहां हम कलौंजी के तेल का इस्तेमाल करने के कुछ तरीके बता रहे हैं.
झुर्रियां हटाने के लिए कलौंजी का तेल |
कलौंजी का तेल झुर्रियों के लिए खासतौर से प्रभावी होता है क्योंकि यह अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन ए, सी, डी और ए के अलावा अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड और फाइबर होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा कलौंजी का तेल त्वचा को मोइस्चराइज़ करता है और उसे नरम बनाता है, जिससे झुर्रियां कम दिखाई देती हैं.
कलौंजी का तेल कैसे इस्तेमाल करें?
1. सीधे तेल का इस्तेमाल: अच्छा तरीका है कलौंजी का तेल सीधे त्वचा पर लगाना. इसके लिए एक छोटी सी मात्रा का कलौंजी का तेल लें और उसे हल्के हाथों से त्वचा पर मालिश करें. इसे रात को सोने से पहले करना बेहतर होता है.
2. नारियल के तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें: नारियल का तेल भी त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है. इसे कलौंजी के तेल के साथ मिलाकर लगाने से उसकी गुणकारी शक्ति और बढ़ जाती है.
3. फेस पैक के रूप में इस्तेमाल करें: एक बाउल में कलौंजी का तेल, दही और शहद को मिलाकर फेस पैक बना सकते हैं. इसे हफ्ते में एक बार लगाकर रात को सोने से पहले धो लें.
सावधानियां:
कलौंजी का तेल बिल्कुल साफ और अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए.
पर इस्तेमाल करने से पहले हमेशा एक पैच टेस्ट करें ताकि किसी तरह की खुजली या चुभन होने की संभावना ना हो.
झुर्रियों के लिए इस्तेमाल करने से पहले त्वचा को साफ करें और धो लें.
कलौंजी का तेल झुर्रियों को हटाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका रेगुलर और सही इस्तेमाल करना जरूरी है. इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
हर कोई चाहता है कि चेहरा हमेशा यंग दिखे, लेकिन कुछ कारणों से स्किन कम उम्र में ही बुढ़ी दिखाई देने लगती है. यंग एज में ही चेहरे पर झुर्रियां दिखना हर किसी को परेशान कर सकता है. झुर्रियां चेहरे की खूबसूरती को कम कर सकती हैं और उम्र कई साल ज्यादा लगती है. कई लोग इस समस्या को हल करने के लिए अलग-अलग एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कभी-कभी प्राकृतिक उपाय भी बहुत प्रभावी साबित हो सकते हैं. एक ऐसा नेचुरल उपाय है कलौंजी, जो की अपनी चमकदार और गुणकारी गुणों के लिए प्रसिद्ध है. कलौंजी का तेल अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जा सकता है. झुर्रियों को हटाने के लिए कलौंजी का तेल किसी रामबाण उपाय से कम नहीं है. अगर आप झुर्रियां कैसे हटाएं, झुर्रियां हटाने के उपाय, जवां दिखने के लिए क्या करें जैसे सवालों से परेशान हैं, तो यहां हम कलौंजी के तेल का इस्तेमाल करने के कुछ तरीके बता रहे हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / गर्मियों के मौसम में लौकी का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है. लौकी एक हरी सब्जी है जिसे सेहत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है. लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. भारतीय व्यंजनों में लौकी का खूब इस्तेमाल किया जाता है. लौकी से कई तरह की रेसिपीज बनाई जा सकती हैं. जैसे लौकी का हलवा, लौकी की खीर, लौकी की सब्जी, लौकी का जूस लौकी के पकौड़े आदि. लौकी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये बेहद आसानी से मिल जाती है. आपको बता दें कि लौकी में विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन और सोडियम जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार है. तो चलिए जानते हैं गर्मी में लौकी खाने के फायदे.
लौकी खाने के फायदे-
1. लौकी का सेवन करने से दिल को दुरुस्त रखा जा सकता है. इतना ही नहीं इसके सेवन से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है.
2. लौकी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक के गुण पाए जाते हैं. जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. लौकी को हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
3. लौकी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज की समस्या में राहत देने का काम कर सकते हैं.
4. लौकी के जूस का सेवन करने से गर्भाशय को मजबूत और गर्भस्त्राव की समस्या को दूर किया जा सकता है.
5. गर्मियों के मौसम में दस्त की समस्या एक आम समस्या में से एक है. लौकी को छाछ या दही में मिलाकर खाने से दस्त में राहत मिल सकती है.
6. अगर आप खुद को तरोताजा रखना चाहते हैं तो लौकी आपकी मदद कर सकती है. लौकी खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है.
7. लौकी में पानी अधिक होता है जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है. गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए आप लौकी का सेवन कर सकते हैं.
8. लौकी को डाइट में शामिल कर पेट संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है. लौकी के सेवन से एसिडिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है.
9. लौकी या लौकी के जूस का सेवन करने से स्किन को हेल्दी रखा जा सकता है. ये शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है.
आस्था /शौर्यपथ /जम्मू, नौ अप्रैल (भाषा) देश भर से हजारों श्रद्धालु मंगलवार को नौ दिवसीय चैत्र नवरात्र शुरू होने के उपलक्ष्य में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचे. बॉर्ड के एक प्रवक्ता ने बताया, ''श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बॉर्ड (एसएमवीडीएसबी) के द्वारा इस शुभ अवसर पर वैष्णो देवी की पवित्र गुफा में शांत वातावरण के बीच 'शत चंडी महायज्ञ' का आयोजन किया गया. साथ ही अन्य अनुष्ठान भी किये गये.'' उन्होंने कहा कि त्रिकुटा पहाड़ी के ऊपर स्थित इस मंदिर में सभी के लिए सद्भाव और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने के लिए पूरी नवरात्रि में पवित्र अनुष्ठान किये जायेंगे. प्रवक्ता ने बताया कि एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकार अंशुल गर्ग तीर्थयात्रियों, बोर्ड के अन्य सदस्यों और अधिकारियों के साथ इस यज्ञ में शामिल हुए.
उन्होंने बताया कि नौ दिनों तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से एक बजे तक एमएच1 श्रद्धा चैनल पर हवन का सीधा प्रसारण किया जाएगा. नवरात्र के शुभ अवसर पर माता वैष्णो देवी मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों, पारंपरिक रूपांकनों और अलंकरणों के साथ सजाया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि बोर्ड ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और एसएमवीडीएसबी के अध्यक्ष मनोज सिन्हा के निर्देशों के अनुसार नवरात्र के दौरान मंदिर में आने वाले बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किये हैं.
उन्होंने कहा कि खास व्यवस्थाओं के तहत मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर चौबीसों घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं और बोर्ड के 'भोजनालयों' में विशेष 'व्रत वाला भोजन' उपलब्ध कराया गया है.
उन्होंने कहा, ''तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आवास, बैटरी चालित वाहन, रोपवे और हेलीकॉप्टर सेवाएं जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं और ये सुचारू रूप से चल रही हैं. भैरों जी में 'लंगर सेवा' के अलावा तीर्थयात्रियों को ताराकोटे मार्ग और सांझीचट्ट में प्रसाद केंद्र पर मुफ्त भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि बोर्ड द्वारा दिव्यांग श्रद्धालुओं की तीर्थयात्रा को आसान बनाने के लिए मंदिर में मुफ्त टट्टू और बैटरी कार सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी मंदिर में नवरात्र के अवसर पर प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा 'भजन' और 'अटका आरती' का भी आयोजन किया गया है.
आस्था /शौर्यपथ / आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप यानि ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है. यह ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की देवी है. इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की बात करें, तो इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं में कमंडल है. इनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है साथ ही, रोगों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में इनकी पूजा कैसे करनी चाहिए आपको आर्टिकल में बताते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा ऐसे करें
नवरात्रि के दूसरे दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लीजिए. इस दिन पूजा के समय आपको हरे रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. पूजा के समय पीले या सफेद रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें. मां का अभिषेक पंचामृत से करें और रोली, अक्षत, चंदन, जैसी चीजों का भोग लगाएं. मां को गुड़हल और कमल का फूल बहुत पसंद है, उन्हें अर्पित करें.
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं भ्रामचारिह्य नमः'
'या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः '
'ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः'
मां ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता ।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा ।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता ।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने ।
जो तेरी महिमा को जाने ।
रुद्राक्ष की माला ले कर ।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / किचन में इस्तेमाल की जाने वाली हल्दी न सिर्फ खाने का रंग और स्वाद बढ़ाती है, बल्कि हमारे शरीर से कई तरह के संक्रमण को दूर करने में भी मददगार होती है. आयुर्वेद में हल्दी को बहुत गुणकारी माना गया है. हल्दी में विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन, कॉपर, विटामिन ई, फाइबर जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. अगर आप हर दिन नियमित रूप से हल्दी के पानी का सेवन करते हैं तो कई सारी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. इसके अलावा यह आपकी स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है.
हल्दी पानी पीने के फायदे
1. पाचनतंत्र रहता है स्वस्थ : हल्दी के पानी का नियमित रूप से सेवन आपके पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों पाचन के लिए काफी फायदेमंद है. हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक होते हैं. हल्दी का पानी पीने से पेट से संबंधित अनेक समस्याएं कम होने लगती हैं.
2. कंट्रोल करता है ब्लड शुगर : जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, उनके लिए हल्दी का पानी रामबाण से कम नहीं है. हल्दी का पानी ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक होता है. हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है जो डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक है.
3. हार्ट के लिए फायदेमंद : हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो दिल से जुड़ी बीमारियों को कम करने में मदद करता है. अगर आप नियमित रूप से हल्दी वाला पानी पीते हैं, तो आपका हार्ट हेल्थ सही रहता है.
4. मजबूत होत इम्यून सिस्टम : हल्दी में पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हैं. ये गुण आपको अनेक तरह की बीमारियों और संक्रमण से बचाता है. अगर आप हर दिन खाली पेट हल्दी के पानी का सेवन करते हैं तो इससे आपकी इम्युनिटी बूस्ट होती है.
5. त्वचा के लिए फायदेमंद : स्किन में ग्लो लाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है. अगर आप नियमित रूप से हल्दी का पानी पीते हैं तो आपकी स्किन हेल्दी होती है और ग्लो करती है. हल्दी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण बढ़ती उम्र को धीमा कर देता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मेथी के बीजों का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने और गजब के फायदे लेने के लिए किया जाता है. बहुत कम लोगों को मेथी के बीजों के फायदों के बारे में पता नहीं होता है. हालांकि इन बीजों को हम खाने में स्वाद बढ़ाने और तरह तरह से इस्तेमाल करते हैं. मेथी के बीज आमतौर पर दवाई के रूप में या खाने के साथ लिया जाता है, जो बेहद हेल्दी होते हैं, लेकिन, कुछ लोगों को मेथी के बीज का सेवन करने से परेशानियां हो सकती हैं. अगर आपके शरीर में नीचे बताई गई कुछ समस्याएं हैं, तो आपको मेथी के बीज का सेवन नहीं करना चाहिए.
मेथी के बीजों को किन लोगों को नहीं खाना चाहिए?
डायबिटीज : मेथी के बीज में कई गुण होते हैं जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसका सेवन डायबिटीज को और ज्यादा बढ़ा सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को मेथी के बीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
एलर्जी : कुछ लोगों को मेथी के बीज से एलर्जी हो सकती है. इसलिए अगर आपको मेथी के बीज से मेडिकल रिएक्शन का संकेत मिलता है, तो आपको इससे बचना चाहिए.
अल्सर : मेथी के बीज का सेवन अल्सर के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है. ये रोगी मेथी के बीज के सेवन से और ज्यादा परेशानी महसूस कर सकती हैं.
हॉर्मोनल असंतुलन: कुछ मामलों में मेथी के बीज का ज्यादा सेवन हॉर्मोनों लेवल को बिगाड़ सकता है. इसलिए हॉर्मोनल असंतुलन के लक्षणों वाले लोगों को मेथी के बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
शरीर के तापमान का असंतुलन: कुछ लोगों को मेथी के बीज का सेवन करने से शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है, जो शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है.
ध्यान दें कि ये सभी समस्याएं हर व्यक्ति के लिए नहीं होती हैं, लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो आपको मेथी के बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
लाइफस्टाइल /शौर्यपथ / भारतीय थाली बिना रोटी के पूरी नहीं होती है. जब गरम-गरम ताजी और मुलायम रोटी थाली में आती है तो भूख और बढ़ जाती है. आप एक की बजाय दो रोटी खा लेते हैं. असल में रोटी स्वाद के साथ आपकी सेहत का भी ख्याल रखती है. यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है जिससे आप ओवरइंटिंग से बच जाते हैं. लेकिन कई बार रोटी फायदे की जगह नुकसान पहुंचाती है, इसका कारण आटा गूंथते समय की जाने वाली कुछ गलतियां हैं. जिसके बारे में आज इस आर्टिकल में आपको बताएंगे.
आटा गूंथने में की जानी वाली गलती
1- कई लोग अक्सर आटा गूंथने के तुरंत बाद रोटी बना लेते हैं जबकि आपको गूथे आटे को कम से कम 15 मिनट ढ़ककर रख देना चाहिए. इसके बाद रोटी बेलना शुरू करना चाहिए. इससे रोटी फुली और मुलायम बनेगी.
2- वहीं, रोटी कभी नॉन स्टिक तवे पर नहीं बनानी चाहिए, बल्कि लोहे वाले पैन पर बनानी चाहिए.
3- इसके अलावा आप रोटी को गरम रखने के लिए एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल न करें. यह भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है.
4- वहीं, आटा चक्की का पिसा हुआ ही खाएं, पैक्ड आटा भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. गेहूं की बजाय आप मल्टीग्रेन आटा खाएं. यह हेल्थ के लिए अच्छा होता है. सबसे जरूरी बात आटा कम से कम 10 मिनट तक गूंथें, तभी रोटी अच्छी बनेगी.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जो कि इस बार 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर लगेगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद ही पावन माना जाता है. व्रत के दौरान नौ दिनों तक लोग मांस, अनाज, शराब, प्याज और लहसुन भी नहीं खाते. देश भर में नवरात्रि को बड़ी घूम धाम से मानाया जाता है. भक्त इन 9 दिनों देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं. माना जाता है कि देवी दुर्गा ने अलग-अलग अवतार लेकर राक्षसों का अंत किया था. और भक्त उन्हे इंहीं रूपों में पूजते हैं. साल में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि. अगर आप भी 9 दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा के व्रत का पालन करने वाले हैं तो आप इन रेसिपीज को व्रत के दौरान ट्राई कर सकते हैं.
नवरात्रि व्रत में बनाएं ये स्वादिष्ट रेसिपीज-
मखाना खीर रेसिपी :
मखाना
1/2 कप काजू
2 टी स्पून घी
सेंधा नमक
1/2 टी स्पून इलाइची पाउडर
3 कप दूध
स्वादानुसार चीनी
ड्राई फ्रूट्स , टुकड़ों में कटा हुआ
मखाना खीर बनाने की विधि
1.मखाने और काजू को एक पैन में थोड़ा घी डालकर रोस्ट कर लें और इसके बाद इन पर हल्का सा सेंधा नमक छिड़कें।
2.जितना जल्दी यह ठंडे हो जाएं उसमें से 3/4 मखाने और काजू के साथ थोड़ी इलाइची को ब्लेंडर में डालकर पीस लें।
3.एक दूसरा गहरा पैन लें, इसमें 2 से 3 कप दूध लें डालकर उबलने दें।
4.इसमें चीनी डालें, इसके बाद इसमें मखाने का मिश्रण डालकर अच्छे से मिलाएं।
5.इसमें अब बाकी रोस्ट किए हुए मखाने और काजू डालें।
6.इसे गाढ़ा होने तक लगतार चलाएं।
7.कटे हुए ड्राई से गार्निश करने के बाद आप चाहे तो खीर को गर्म या ठंडा सर्व कर सकते हैं।
कुट्टू का डोसा रेसिपी
कुट्टू का डोसा की सामग्री
आलू की फीलिंग बनाने के लिए:
3 (उबले हुए) आलू
(तलने के लिए) घी
1/2 टी स्पून सेंधा नमक
1/2 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
1/2 टी स्पून अदरक, टुकड़ों में कटा हुआ
डोसा बनाने के लिए:
5 टेबल स्पून कुट्टू का आटा
1/2 टी स्पून अरबी
1/2 टी स्पून सेंधा नमक
1/2 टी स्पून अजवाइन
1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर
1 टी स्पून अदरक
1 टी स्पून हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
घी
अजवाइन
कुट्टू का डोसा बनाने की विधि
आलू की फीलिंग बनाने के लिए:
1.एक पैन में घी गर्म करें, इसमें आलू को डालकर मैश करें, इसके बाद सभी मसाले डालकर अच्छे से मिलाएं।
2.मिश्रण को कुछ मिनट के लिए अच्छे भूनें ताकि हल्का ब्राउन हो जाएं।
3.इसको एक तरफ रख दें।
डोसा बनाने के लिए:
1.एक बाउल में अरबी को मैश कर लें इसे आटा और सेंधा नमक डालें।
2.थोड़ा सा पानी डालकर कर अच्छे से मिलाएं।
3.इसमें अजवाइन, लाल मिर्च पाउडर, अदरक और हरी मिर्च डालकर फिर मिलाएं।
4.इसमें पानी डालकर एक स्मूद बैटर बना लें।
5.एक फ्लैट पैन लें, इस घी लगाएं, कड़छी से बैटर लेकर फैलाएं।
6.कुछ देर इसे पकने दें और किनारों पर थोड़ा घी और डालें ताकि डोसा क्रिस्प बनें।
7.इसको पलट लें और दूसरी तरफ से भी सिकने दें।
8.अब इसके बीच में फीलिंग रखें और डोसे को मोड़ दें।
9.पुदीने या नारियल की चटनी के साथ डोसे को गर्मागर्म सर्व करें।
साबूदाना खीर रेसिपी
साबूदाना खीर की सामग्री
1 कप साबूदाना
1 लीटर दूध
1 ½ कप चीनी
4 इलायची
केसर
साबूदाना खीर बनाने की विधि
1.कढ़ीब 15 मिनट के लिए साबूदाना को पानी में भिगोएं।
2.साथ ही दूध में चीनी और इलायची की फली डालकर उबालें।
3.इसके बाद उसमें साबूतदाना मिलाएं। थोड़ी देर बाद उसमें 1 कप पानी डालें और तब तक पकाएं जब तक साबूदाना फूल न जाए।।
साबूदाना खिचड़ी रेसिपी
साबूदाना खिचड़ी की सामग्री
1 कप साबूदाना
(छीलकर हल्की भुनी हुई और कुटी हुई) 1/2 कप मूंगफली
2 टेबल स्पून घी
1 टी स्पून जीरा
3-4 साबुत लाल मिर्चः
एक टहनी कढ़ी पत्ता
2 टी स्पून सेंधा नमक
1 टी स्पून मिर्च पाउडर
1 टेबल स्पून हरा धनिया
1 टी स्पून हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
1 टेबल स्पून नींबू का रस
साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि
1.साबूदाना को पानी से साफ करके पानी में एक घंटे के लिए भिगोकर रख दें। ध्यान रहे पानी साबूदाना से तीन सेंटीमिटर ऊपर होना चाहिए। छन्नी में छान लें।
2.एक मोटे कपड़े पर एक घंटे के लिए फैलाकर छोड़ दें। साबूदाना से पानी पूरी तरह निकल जाना चाहिए, वरना बनाते समय साबूदाना चिपकने लगेगा।
3.अब साबूदाना, मूंगफली, नमक और मिर्च पाउडर को एक साथ मिलाएं। एक पैन में घी गर्म करें। उसमें जीरा, लाल मिर्च और कढ़ी पत्ते को तड़का लगाएं।
4.जब मिर्च हल्के गाढ़े रंग की हो जाए, तो इसमें साबूदाना डालें। हल्की आंच पर पकाएं। थोड़ी देर पका लेने के बाद इसे आंच से उतार लें।
5.ऊपर से नींबू का रस डालकर मिलाएं। गार्निशिंग के लिए हरा धनिया और हरी मिर्च का इस्तेमाल करें। सर्व करें।
व्रत वाले दही आलू रेसिपी
व्रत वाले दही आलू की सामग्री
2 टेबल स्पून घी
1 टी स्पून जीरा
1 टी स्पून काली मिर्च
2-3 आलू ( उबले हुए)
1/2 टी स्पून सेंधा नमक
1/2 टी स्पून घी
1/2 टी स्पून जीरा
1 हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
1 टी स्पून अदरक
1/2 टी स्पून काली मिर्च के दाने, मैश
2 टी स्पून कट्टू का आटा
1 कप दही
1 कप पानी
व्रत वाले दही आलू बनाने की विधि
1.एक पैन में घी डालकर गर्म करें।
व्रत वाले दही आलू
2.जीरा डालकर भूनें।
3.इसमें क्रश की हुई काली मिर्च डालकर भूनें।
4.अब इसमें उबले हुए आलू के टुकड़े और सेंधा नमक डालकर मिक्स करें।
5.आलू को पैन फ्राई करें।
6.एक दूसरे पैन में घी लें उसमें जीरा, हरी मिर्च, अदरक और क्रश की हुई कार्ली मिर्च डालें।
7.इन्हें भूनकर इसमें कट्टू का आटा डालें।
8.सारी सामग्री को अच्छे से मिलाएं।
9.इसमें अब एक कप दही डालें साथ ही इसमें एक कप पानी भी डालें।
10.इसे अच्छे से हिलाएं।
11.अब इसमें फ्राई किए गए आलू डालकर मिलाएं।
12.हरी मिर्च से गार्निश करके सर्व करें।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कद्दू के बीज सेहत के लिए कितने पौष्टिक होते हैं ये लगभग सभी लोगों को पता होता है. कद्दू के बीज खाने की सिफारिस पोषण विशेषज्ञ भी करते हैं. उन्हें हम सालों से अपने भोजन में शामिल कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कद्दू के बीजों को भिगोकर खाया जाए तो यह सेहत के लिए कमाल कर सकते हैं. यहां हम इस सुपरसीड्स को खाने के फायदों के बारे में बता रहे हैं.
भीगे हुए कद्दू के बीज खाने के फायदे |
1. ऊर्जा का स्रोत
कद्दू के बीज एनर्जी का अच्छा स्रोत होते हैं. इसमें प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो आपको दिनभर की काम करने के लिए एनर्जी प्रदान करते हैं.
2. हार्ट हेल्थ
कद्दू के बीज में मोनोसेटेड फैट्स होते हैं जो हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देते हैं और हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा कम करते हैं.
3. पाचन को सुधारना
कद्दू के बीज में अनेक प्रकार के आयरन, मैग्नीशियम, फाइबर्स और पोटैशियम होते हैं जो पाचन को सुधारने में मदद करते हैं. इससे आपका पाचन ठीक रहता है और आपको पेट की समस्याओं से राहत मिलती है.
4. वेट कंट्रोल
कद्दू के बीज वजन नियंत्रण में मदद कर सकते हैं. इसमें मौजूद फाइबर्स और प्रोटीन आपको भूख को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आप वजन को नियंत्रित रख सकते हैं.
5. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं
कद्दू के बीज विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं.
इसलिए अगले बार जब आप कद्दू के बीजों को छिलके सहित खाएं, तो याद रखें कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं. एक चमच भीगे हुए कद्दू के बीज रोजाना खाने से आपको अच्छा स्वास्थ्य और ऊर्जा मिलती रहेगी.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /देश भर में 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की धूम मचने जा रही है. मां की आराधना के ये नौ दिन भक्तों के लिए बहुत ही खास होते हैं. इस दौरान व्रत मां की पूजा आराधना के साथ साथ कलश स्थापना करते हैं और व्रत करते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान घरों में पूजा पाठ और जगराते किए जाते हैं. नवरात्रि पर मां की कृपा पाने के लिए लोग अपने परिवार, करीबियों औऱ दोस्तों को शुभकामना संदेश भेजते हैं. नवरात्रि के पावन पर्व पर लोग अपने दोस्तों, करीबियों और परिचितों को मां दुर्गा की कृपा के साथ ये शुभकामना संदेश भेजते हैं. यहां दिए गए लेटेस्ट व्हाट्सएप संदेशों के साथ साथ सोशल मीडिया के जरिए भी आप अपने करीबियों को नवरात्रि की बधाई दे सकते हैं.
नवरात्रि पर भेजिए शुभकामना संदेश और बधाई संदेश |
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते...
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
जगत पालनहार है मां
मुक्ति का धाम है मां,
हमारी भक्ति का आधार है मां
सबकी रक्षा की अवतार है मां,
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
नव कल्पना नव ज्योत्सना
नव शक्ति नव अराधना
नवरात्रि के पावन पर्व पर पूरी हो आपकी हर मनोकामना.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
ओम सर्वमंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
मां दुर्गा के 9 अवतार
आपको 9 गुणों - शक्ति, खुशी, मानवता,
शांति, ज्ञान, भक्ति, नाम,
प्रसिद्धि और स्वास्थ्य के साथ आशीर्वाद दें.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
हो जाओ तैयार, मां अम्बे आने वाली है,
सजा लो दरबार मां अम्बे आने वाली हैं,
तन, मन और जीवन हो जाएगा पावन,
मां के कदमों की आहट से गूंज उठेगा आंगन नव
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
लक्ष्मी का हाथ हो
सरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो
और मां दुर्गा के आशीर्वाद से
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
मां दुर्गा का रूप है अति सुहावन,
इस नवरात्रि आप पर बरसे मां की कृपा,
ख़ुशियां महके आपके घर-आंगन,
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है, जो चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होती है. इस बार इसकी शुरुआत 9 अप्रैल से होने वाली है जो कि 17 अप्रैल तक चलेगी. इस साल की चैत्र नवरात्रिबहुत शुभ मानी जा रही है क्योंकि 30 साल के बाद अमृत सिद्धि योग होने जा रहा है. कहते हैं अमृत सिद्धि योग में माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट और दुखों से मुक्ति मिलती है. तो आइए आपको बताते हैं कि यह अमृत सिद्धि योग कब बन रहा है और आपको किस तरह से घटस्थापना और पूजा करनी चाहिए.
क्या होता है अमृत सिद्धि योग
ज्योतिषों के अनुसार, नक्षत्रों में पहला नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र माना जाता है और मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र पड़ रहा है. इसे ही अमृत सिद्धि योग कहते हैं. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी मंगलवार 9 अप्रैल से हो रही है, ऐसे में 30 साल के बाद नवरात्रि के मौके पर यह शुभ संयोग बन रहा है, जिसे काफी अद्भुत और फलदायी माना जा रहा है. इस योग के बारे में बताया जाता है कि अश्विनी नक्षत्र के दौरान माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. ज्योतिषों के अनुसार, ये अश्विन नक्षत्र 9 अप्रैल को सूर्योदय के 2 घंटे बाद शुरू हो जाएगा.
इस तरह करें माता रानी की पूजा अर्चना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि की प्रतिपदा पर सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहनें. एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर हल्दी या केसर से रंगते हुए अक्षत से अष्टदल कमल बना लें. उस पर ब्रह्मा जी की मूर्ति या फोटो की स्थापना करें, फिर षोडशोपचार पूजन करें. अन्य देवी देवता, गंधर्व, ऋषि, मुनि, नदी, पर्वत, पशु पक्षी सभी का ध्यान करते हुए पूजा करें. मां दुर्गा की आराधना करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन दुर्गा पूजा की घट स्थापना करने के साथ ही 9 दिनों तक माता रानी की आराधना की जाती है.
इन चीजों का करें सेवन
कहते हैं प्रतिपदा के दिन नवरात्रि शुरू होने पर अगर नीम के कोमल पत्तों को काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, अजवाइन मिलाकर खाया जाए तो इससे इंसान को आरोग्य होने का लाभ मिलता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिन्दू नव वर्ष अंग्रेजी कैलेंडर और पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार हर साल 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह की प्रतिप्रदा से नए साल की शुरुआत मानी जाती है. दरअसल, हिंदी कैलेंडर के मुताबिक, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र प्रतिपदा से मानी जाती है. साल 2024 की शुरुआत विक्रम संवत 2081, 09 अप्रैल मंगलवार के दिन से हो रही है. साथ ही इस दिन से चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिसमें आदि शक्ति के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है.
हिंदू नववर्ष का महत्व |
चैत्र मासि जगत ब्रह्मा संसर्ज प्रथमेऽहनि,
शुक्ल पक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदय सति।।
ब्रह्मांण पुराण के इस श्लोक के अनुसार, भगवान विष्णुने सृष्टि की रचना का कार्य ब्रह्मा जी को सौंपा था. मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी, उस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी. साथ ही इसी तिथि पर धार्मिक कार्य करने का भी विशेष महत्व है. क्योंकि इसी तिथि से चैत्र नवरात्र की भी शुरुआत होती है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर आदि शक्ति प्रकट हुई थी.
क्यों अलग है हिंदू नव वर्ष 1 जनवरी से |
पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार पूरी दुनिया में 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है. जबकि हिंदी कैलेंडर के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है. बता दें कि इस साल हिंदू नव वर्ष 9 वर्ष संवत 2024 को शुरू होगा. हिंदी कैलेंडर के अनुसार 9 अप्रैल 2024 को शुरू होगा.
ऐसे मनाया जाता है हिंदू नव वर्ष |
हिंदू नव वर्ष को नव संवत्सर भी कहा जाता है और इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है. सबसे खास बात यह है कि इस नव वर्ष के साथ चैत्र माह के नवरात्र की भी शुरुआत होती है. नए साल के दिन सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है और फिर सभी देवी-देवताओं का पूजन होता है. फिर कलश स्थापना के साथ नवरात्र की शुरुआत की जाती है.