July 04, 2025
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  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सनातन धर्म में हनुमान जी को संकट हरने वाला संकटमोचन कहा गया है. भगवान राम के भक्त हनुमान जी त्रेता युग में चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन पैदा हुए थे और इसीलिए भक्त हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव मनाते हैं. बल, बुद्धि और साहस का आशीर्वाद देने वाले हनुमान जी भक्तों की पूजा से बेहद प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हे हर संकट से बचाते हैं. इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल यानी मंगलवार के दिन पड़ रही है. मान्यता है कि बजरंग बली मंगलवार के दिन जन्मे और इसी कारण उनका नाम मंगलमूर्ति पड़ा.  ज्योतिषियों के अनुसार इस बार हनुमान जयंती पर मंगलकारक भद्रावास योग बन रहा है जो बजरंग बली की पूजा के लिए बेहद खास बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस शुभ योग में हनुमान जी की पूजा करने पर साधक और उसके परिवार को मनोवांछित फल मिलने के योग बनेंगे.
हनुमानजयंती पर लग रहा है भद्रावास योग  
ज्योतिषियों ने कहा है कि हनुमान जयंती के दिन भद्रावास योग बन रहा है. भद्रा यानी शनि की बहन इस दिन पाताल लोक में रहेंगी और धरती पर सभी तरह के धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम शुभ होंगे. कहते हैं कि जब भद्रा पाताल लोक में रहती हैं तो धरती पर भक्तों द्वारा की गई पूजा लाभकारी और पावन फल देने वाली होती है. इस दिन भद्रावास योग सायंकाल के समय 4 बजकर 25 मिनट से लग रहा है. इस समय बजरंग बली की पूजा करने पर साधक और उसके पूरे परिवार को अक्षय फल की प्राप्ति का वरदान मिलने के योग बन रहे हैं.
कैसे करें हनुमान जी की विधिवत पूजा  
हनुमान जी की पूजा करने से पहले आपको मंदिर के सामने एक चौकी स्थापित करनी होगी. इस पर एक लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद चौकी पर भगवान राम और बजरंग बली की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. अब चंदन से भगवान को तिलक करें.फूल और फल अर्पित करें. इसके बाद बजरंग बली को लड्डुओं का भोग लगाएं और तुलसी दल अर्पित करें. पहले भगवान राम की आरती करें और इसके बाद बजरंग बली की आरती करें. बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करें.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व होता है. माना जाता है कि एकादशी पर श्रीहरि की पूरे मनोभाव से पूजा करने पर जीवन में खुशहाली आती है. हिंदु कैलेंडर के अनुसार नववर्ष की पहली एकादशी अप्रैल माह में पड़ने वाली है. यह एकादशी कामदा एकादशी होगी. कामदा एकादशी को फलदा एकादशी भी कहा जाता है. जानिए किस दिन है कामदा एकादशी, किस शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है भगवान विष्णु  का पूजन और क्या है कामदा एकादशी की पूजा विधि.
कामदा एकादशी कब है |
पंचांग के अनुसार, इस साल कामदा एकादशी का व्रत 19 अप्रैल, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा इस एकादशी की तिथि का आरंभ 18 अप्रैल की शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 19 अप्रैल रात 8 बजकर 5 मिनट पर हो जाएगा. चलते एकादशी का व्रत 19 अप्रैल के दिन ही रखा जाना है. एकादशी का पूरा दिन ही पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है.
कामदा एकादशी व्रत  का पारण 20 अप्रैल सुबह 5 बजकर 50 मिनट से सुबह 8 बजकर 26 मिनट के बीच किया जा सकता है. इस शुभ मुहूर्त में एकादशी का व्रत खोला जा सकता है.
कामदा एकादशी की पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान विष्णु का स्मरण करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा करने के लिए मंदिर या पूजा स्थल पर चौकी सजाई जाती है और उसपर श्रीहरि की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद प्रतिमा उसपर रखी जाती है. इसके बाद लोटे में साफ जल भरकर रखा जाता है और पूजा सामग्रीमें तिल, रोली, अक्षत, दीप, धूप, पंचामृत, फल, फूल और दूध सम्मिलित किए जाते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती की जाती है और व्रत की कथा सुनते हैं. भोग लगाने के बाद सभी में प्रसाद का वितरण किया जाता है और पूजा संपन्न की जाती है.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / भक्तों के हर संकट को दूर करने वाले हनुमान जी  को संकट मोचक कहा जाता है. इस साल 23 अप्रैल को देशभर में धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जाएगी. मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन विधि विधान से पवन पुत्र की पूजा अर्चना करने से जीवन के कष्टों का निवारण हो जाता है. मान्यता है कि प्रभु को उनका प्रिय भोग अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं. हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली की पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. आइए जानते हैं हनुमान जी के प्रिय भोग और उसकी रेसिपी.
हनुमान जी का प्रिय भोग |
बजरंग बली को भोग में कुछ खास चीजें अत्यंत प्रिय हैं. उन्हें लड्‌डू, पंचमेवा, इमरती या जिलेबी, बूंदी और पान का बीड़ा भोग के रूप में अर्पित करना चाहिए. इन चीजों को भोग में चढ़ाने से पवनपुत्र अत्यंत प्रसन्न होते हैं, ऐसी मान्यता है. गुड़ और चने का भोग भी हनुमान जी को प्रिय हैं.
हनुमान जी के प्रिय भोग बूंदी की रेसिपी
हनुमान जी के प्रिय भोग बूंदी बनाने के लिए एक बर्तन में बेसन, पानी, दही और बेकिंग सोडा डालकर गाढ़ा घोल बना तैयार करें. इस घोल को 2-4 घंटे के लिए रखें. इस समय  बूंदी में डालने के लिए गाढ़ी चाशनी तैयार करें. इसके बाद कड़ाही में घी गर्म करें और बूंदी मेकर में घोल डाल कर  बूंदी तैयार कर लें. तैयार बूंदी को चाशनी में डाल दें. बूंदी के अच्छे से चाशनी में डूब जाने पर बजरंगबली को बूंदी का भोग लगाएं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / पितरों की आत्मा की शांति के लिए साल के 15 दिन बहुत विशेष होते हैं, जिन्हें पितृ पक्ष   कहा जाता है. हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व होता है, कहते हैं पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और इस दौरान उनका नियमित श्राद्ध   करने से, तर्पण करने से और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में साल 2024 में पितृ पक्ष कब आएगा,  इसकी तिथि और महत्व क्या है, आइए हम आपको बताते हैं.
पितृपक्ष 2024 डेट और तिथियां
पितृपक्ष की शुरुआत हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा से अमावस्या तक होती है, जो इस बार 17 सितंबर 2024 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2024 तक रहेगा, इनमें कुल 16 तिथियां पड़ेगी जो इस प्रकार है-
17 सितंबर 2024, मंगलवार- पूर्णिमा का श्राद्ध
18 सितंबर 2024, बुधवार- प्रतिपदा का श्राद्ध
19 सितंबर 2024, गुरुवार- द्वितीय का श्राद्ध
20 सितंबर 2024, शुक्रवार तृतीया का श्राद्ध-
21 सितंबर 2024, शनिवार- चतुर्थी का श्राद्ध
21 सितंबर 2024, शनिवार महा भरणी श्राद्ध
22 सितंबर 2014, रविवार- पंचमी का श्राद्ध
23 सितंबर 2024, सोमवार- षष्ठी का श्राद्ध
23 सितंबर 2024, सोमवार- सप्तमी का श्राद्ध
24 सितंबर 2024, मंगलवार- अष्टमी का श्राद्ध
25 सितंबर 2024, बुधवार- नवमी का श्राद्ध
26 सितंबर 2024, गुरुवार- दशमी का श्राद्ध
27 सितंबर 2024, शुक्रवार- एकादशी का श्राद्ध
29 सितंबर 2024, रविवार- द्वादशी का श्राद्ध
29 सितंबर 2024, रविवार- माघ श्रद्धा
30 सितंबर 2024, सोमवार- त्रयोदशी श्राद्ध
1 अक्टूबर 2024, मंगलवार- चतुर्दशी का श्राद्ध
2 अक्टूबर 2024, बुधवार- सर्वपितृ अमावस्या
किस समय करें श्राद्ध कर्म
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह और शाम के समय देवी-देवताओं की पूजा पाठ की जाती है और दोपहर का समय पितरों को समर्पित होता है. दोपहर में करीब 12:00 बजे श्राद्ध कर्म किया जा सकता है, इसके लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त सबसे अच्छे माने जाते हैं. सुबह सबसे पहले स्नान आदि करने के बाद अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए, श्राद्ध के दिन कौवे, चींटी, गाय, देव, कुत्ते और पंचबलि भोग देना चाहिए और ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए.

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ /गर्मियाँ आ गई हैं और ज्यादा गर्मी, पसीना और डिहाइड्रेशन का समय भी आ गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भी अप्रैल और जून के बीच भारत के अलग-अलग हिस्सों में लू चलने की भविष्यवाणी की है. इसका मतलब यह है कि कई हेल्थ प्रॉबलम्स से बचने के लिए ज्यादा ध्यान देने का समय आ गया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ एहतियाती उपाय शेयर किए हैं जो आपको बाहर की भीषण गर्मी से बचने में मदद कर सकते हैं. हेल्दी रहने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स लें. इसे ध्यान में रखते हुए, हम आपके लिए गर्मियों के लिए खास इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक का ऑप्शन लेकर आए हैं, जो न केवल बनाने में आसान है, बल्कि आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने और ठंडा रखने में भी मदद कर सकता है. यह एक सत्तू-दही से बनी रेसिपी है, जिसे न्यूट्रिशनिस्ट मोहिता मैस्करेनहास ने शेयर किया है.
सत्तू-दही गर्मियों के लिए क्यों बेहतर है?
न्यूट्रिशनिस्ट मोहिता के अनुसार, इस सत्तू ड्रिंक में दही, अदरक, हरी मिर्च, पुदीना की पत्तियां, नींबू का रस और सेंधा नमक शामिल है. इनमें से हर चीज पोषक तत्वों से भरी हुई है जो शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने, पेट को ठंडा रखने और गर्मी और पसीने के बीच पानी का बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है.
सत्तू शरीर को ठंडा रखने और प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है, वही दही प्रोबायोटिक्स का एक समृद्ध स्रोत है जो आपको हेल्दी रखने के साथ गट हेल्थ के लिए भी अच्छा होता है. दूसरी ओर अदरक एंटीऑक्सिडेंट, और एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुणों से भरपूर होती है जो शरीर की गर्मी के कारण होने वाली सूजन को कम करता है. सेंधा नमक, गर्मियों में एक लोकप्रिय स्वाद बढ़ाने वाला पदार्थ है, जो शरीर में नमक के संतुलन को बनाए रखने के लिए सोडियम क्लोराइड, सोडियम सल्फेट, सोडियम बाइसल्फेट, आयरन सल्फाइड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है.
गर्मियों के लिए सत्तू-दही ड्रिंक रेसिपी | इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर सत्तू-दही पेय कैसे बनाएं:
न्यूट्रिशनिस्ट मोहिता के मुताबिक, ड्रिंक बनाने के लिए आपको सही रेशियो में सत्तू, दही, कसा हुआ अदरक, हरी मिर्च, ताजा पुदीना की पत्तियां, नींबू का रस, सेंधा नमक और चाट मसाला चाहिए.
इन सभी को एक ब्लेंडर में कुछ बर्फ के टुकड़े और पानी के साथ डालें और अच्छी तरह ब्लेंड करें. और आपका ड्रिंक बनकर तैयार है.
एक्सपर्ट के मुताबिक यह ड्रिंक हेल्दी है लेकिन इसे दोपहर या रात को स्किप कर के नहीं लिया जा सकता है. हालाँकि, आप इसे हमेशा नाश्ते के रूप में या उस समय खा सकते हैं जब आपको दिन के किसी समय भूख लगी हो.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ/गर्मियों में बॉडी को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है, जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाए. इसके लिए लोग तमाम तरह के पेय पदार्थों को डाइट का हिस्सा बनाते हैं. लेकिन इनमें से बहुत चीजें ऐसी भी होती हैं, जो बॉडी को कुछ देर के लिए ठंडेपन का अहसास तो करवाती हैं लेकिन सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकती हैं. ऐसे में अगर आप चाहें तो कुछ ऐसे फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के साथ ही, बॉडी को कूल रखने में तो आपकी मदद करेंगे. साथ ही हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होंगे. तो आइये आज आपको ऐसे ही पांच फलों के बारे में बताते हैं.
गर्मियों में शरीर को ताजगी देने वाले फल
1. तरबूज:
तरबूज को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. ये बॉडी में पानी की कमी को पूरा करता है और शरीर में ठंडक बनाये रखता है. इसके साथ ही तरबूज कई तरह के विटामिन, मिनरल्स, लाइकोपीन और बीटा-क्रिप्टोक्सैन्थिन जैसे तत्वों से भरपूर होता है. जो आपको तमाम तरह की सेहत सम्बन्धी परेशानियों से बचाने में भी मदद कर सकते हैं.  
2. संतरा:
संतरे में भी पानी की काफी अच्छी मात्रा पायी जाती है. संतरा बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के साथ ही बॉडी को कूल रखने में भी मदद करता है. इतना ही नहीं संतरा खाने से शरीर को अच्छी मात्रा में विटामिन सी, फाइबर, जिंक और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भी मिलते हैं. जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं.  
3. अंगूर:
बॉडी को हाइड्रेटेड और कूल रखने वाले फलों में अंगूर का नाम भी आता है. अंगूर खाने से न केवल शरीर में पानी की कमी पूरी होती है बल्कि बॉडी को  विटामिन सी, विटामिन ए, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में मिलते हैं. आप चाहें तो अंगूर की जगह इसके रस का सेवन भी कर सकते हैं.
4. आलूबुखारा:
आलूबुखारा भी गर्मी के मौसम में आपको ताजगी का अहसास करवा सकता है. इसके साथ ही आलूबुखारा में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मिलता है. जो आपके पाचन सम्बन्धी दिक्कतों को कम करने में भी अच्छी भूमिका निभा सकता है. इसके साथ ही आलूबुखारा रोग-प्रतिशोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी बखूबी कर सकता है.
5. आम:
आम कच्चा हो या फिर पका, गर्मी के मौसम में आम को डाइट में शामिल करना फायदेमंद माना जाता है. कच्चे आम का पन्ना पीने से जहां बॉडी हाइड्रेटेड रहती है, तो वहीं ये आपको लू और धूप के असर से सुरक्षित रखने का काम भी करता है. इसके साथ ही पका आम भी तमाम तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स,  विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन और फाइबर भरपूर होता है. जो हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है. 

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / पेट की चर्बी को कम करना एक कोई आसान काम नहीं है. पेट की चर्बी घटाने के लिए डाइट के साथ थोड़ा एक्सरसाइज की भी जरूरत होती है. बाहर निकला पेट न सिर्फ आपकी पर्सनालिटी को खराब कर सकता है, बल्कि आत्मविश्वास को भी कम कर सकता है. हर कोई चाहता है वह फिट दिखे, पेट अंदर और स्लिम बॉडी हो, लेकिन क्या कोई ऐसा तरीका है जो एकदम से पेट की चर्बी को पिघलाने का काम करता है, बिल्कुल नहीं! हममे में बहुत से लोग अपना मोटा पेट कम करने के लिए प्रयास करना चाहते हैं, लेकिन सही दिशा न मिलने के कारण वे रह जाते हैं. अगर कोई पेट की चर्बी घटाना चाहता है तो यहां हम कुछ ऐसे फूड्स और ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं जिनका सेवन वजन और फैट कम करने में मदद कर सकता है.
पेट का मोटापा कम करने में मददगार डाइट टिप्स |
1. सब्जियां और फल
सब्जियां और फल पेट की चर्बी को कम करने में बड़ी बड़ी निभाती हैं. ये फूड्स विटामिन, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होते हैं जो आपको भूख को कम करने में मदद करते हैं और पेट की चर्बी को घटाने में मदद करते हैं.
2. दलिया
दलिया पेट की चर्बी को कम करने में बेहतरीन माना जाता है. यह फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, जो आपको भूख को कम करने में मदद करता है और पेट की चर्बी को कम करने में सहायक होता है.
3. ग्रीन टी
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह फ्रेंडली तरीके से डायबिटीज के खतरे को भी कम कर सकता है.
4. दही
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकते हैं. आप दही को कई चीजों के साथ खा सकते हैं. दही में फ्रेश फ्रूट्स को भी एड किया जा सकता है.
5. नारियल पानी
नारियल पानी पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है. यह आपको ताजगी और एनर्जी प्रदान करता है, जिससे आप ज्यादा काम कर सकते हैं और ज्यादा व्यायाम कर सकते हैं.
इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करके आप पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं, लेकिन ध्यान दें कि आपको बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज को भी फॉलो करना होगा.

  आस्था /शौर्यपथ /चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा आती है. इसे ही चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन चंद्र देव की चमक पूर्ण पर होती है. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना होती है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस व्रत को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में अगर आप भी चैत्र पूर्णिमा का इंतजार कर रहे हैं तो यहां जानिए कब है पूर्णिमा, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
चैत्र पूर्णिमा कब है
इस महीने शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को है. इस दिन सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी जो अगले दिन 24 अप्रैल, 2024 को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. इसीलिए चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को होगी. अगर आप भी चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत, पूजा-पाठ करते हैं तो बता दें कि 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से स्नान मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी जो 5 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. इस दौरान स्नान आदि करना शुभ माना जाता है.
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि
1. चैत्र पूर्णिमा के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी काम करके शुभ मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए.
2. अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापति करें.
3. इसके बाद दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करें.
4. इसके बाद कनकधारा स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें.
5. अब आरती कर फल, खीर, मिठाई का भोग लगाएं.
6. प्रसाद का वितरण करें.
7. अंत में ब्राह्मण या गरीबों को श्रद्धा के अनुसार दान करें.
भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करें
1. ॐ नमो : नारायणाय
2. ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय
3. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हर माह की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की पूजा का दिन होता है. इस दिन भक्त प्रदोष व्रत  रखकर विधि विधान से भगवान शिव   व माता पार्वती की पूजा करते हैं. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 अप्रैल को है और इस दिन रविवार होने के कारण यह रवि प्रदोष व्रत  है. शिव पुराण के अनुसार प्रदोष का व्रत रखने से आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.  इस बार 21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत के दिन शिववास योग समेत कई खास योग बन रहे हैं. रवि प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदाई होगी. आइए जानते हैं 21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत के दिन बनने वाले हैं कौन-कौन से खास योग.
मुहूर्त
चैत्र माह की त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 22 अप्रैल को रात 1 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को रखा जाएगा और संध्या के समय प्रदोष काल में 6 बजकर 51 मिनट से लेकर 9 बजकर 2 मिनट तक शिव पूजा का मुहूर्त है.
बन रहे हैं शुभ योग
रवि प्रदोष व्रत के दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्ध योग है. इस दिन संध्या 5 बजकर 8 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रवि योग है. इसी समय अमृत सिद्ध योग भी रहेगा. इस दिन सुबह 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त बन रहा है. इसके साथ ही सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक कौलव करण योग है. इस दिन शिववास और तैतिल करण योग भी है. इस दिन भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजमान रहेंगे इसलिए शिव पूजा अत्यंत फलदाई होगी.
प्रदोष व्रत का महत्व
शिव पुराण के अनुसार प्रदोष का व्रत रखने का महत्व बताया गया है. भक्तों के प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और इससे आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / खरबूजा गर्मियों का फल है जिसका स्वाद मीठा-पानी जैसा होता है. इस फल में कई अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ पानी की मात्रा भी अधिक होती है, जो डिहाइड्रेशन से बचाने में भी मदद कर सकता है. खरबूजे को मीठा तरबूज भी कहा जाता है. यह एक ताज़गी देने वाला फल है. आपको बता दें कि इसका फल ही नहीं बीज भी बहुत हेल्दी होते हैं, जिससे बहुत से लोग अनजान हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं बेनेफिट्स के बारे में बताने वाले हैं.
खरबूजे के बीज फायदे -
- खरबूजे में पोटेशियम होता है, जो इसे आपके ब्लड प्रेशर  के लिए फायदेमंद बनाता है. खरबूजे में उच्च फाइबर और पानी की मात्रा रक्तचाप को नियंत्रित करने में योगदान करती है.
- खरबूजे में मौजूद पानी और फाइबर की मात्रा आपके पाचन तंत्र  के लिए अच्छी होती है. यह कब्ज को रोकने में भी आपकी मदद कर सकता है. खरबूजा खाने से मल त्याग आसान होता है.
- खरबूजा आपकी त्वचा के लिए अच्छा होता है, एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा त्वचा को चमकदार  बानने में मदद कर सकती है और कोलेजन से भी भरपूर होता है. इसे अपने आहार में शामिल करना अच्छा है.
- खरबूजे को अपने आहार में शामिल करने से आपको कई प्रकार के पोषक तत्व मिल सकते हैं. गर्मियों के इस फल में बहुत कम कैलोरी होती है और यह फाइबर, विटामिन ए, फोलेट, पोटेशियम, प्रोटीन और विटामिन सी से भरपूर होता है.

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