August 08, 2025
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औद्योगिक क्षेत्र में करोड़ रूपए की पूंजी निवेश से बदलेगी राज्य की तस्वीर
132 एमओयू से 58 हजार 950 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को गति देने के लिए किए गए दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय का परिणाम आज देखने को मिलने लगा है। पिछले ढ़ाई सालों में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई हैं, जिसमें 18 हजार 882 करोड़ रूपए से अधिक का पूंजी निवेश हुआ है। इससे 30 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही राज्य के औद्योगिक विकास में तेजी आएगी।
राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019 से 2024 तक लागू की गई है। नवीन औद्योगिक नीति से नये औद्योगिक और आर्थिक वातावरण का निर्माण हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नयी उद्योग नीति का निर्माण कर कृषि और वन आधारित उद्योगों को प्राथमिकता देने के साथ-साथ निवेश के लिए अनुकूल वातावरण के निर्माण के लिए विशेष पैकेज और रियायतें दी हैं। इसके साथ ही उद्योगों की स्थापना तथा संचालन के नियमों का भी सरलीकरण किया है।
प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 23 अगस्त 2021 तक नये उद्योग की स्थापना के लिए 132 एमओयू किए गए हैं, जिसमें 58 हजार 950 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। इससे 78 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें कोर सेक्टर के साथ एथेनाल, फूड सेक्टर, फार्मास्युटिकल, इलेक्ट्रानिकल, डिफेंस, सोलर आदि क्षेत्रों की परियोजनाएं शामिल हैं। वर्तमान में राज्य की महत्वाकांक्षी औद्योगिक परियोजना बायो एथेनाल संयत्र की स्थापना के लिए 13 एमओयू किए गए हैं, जिसमें 2 हजार 202 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2022 इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ का आयोजन 27 जनवरी 2022 से 1 फरवरी 2022 तक किया जाएगा। इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ के आयोजन के माध्यम से राज्य में 50 बिलियन डॉलर से अधिक वैश्विक निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ में आयोजित की जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के माध्यम से विश्व के प्रमुख निवेशक समुदायों, कंपनियों, बिजनेस लीडर एवं राज्य सरकार के अधिकारी तथा स्थानीय उद्योगपतियों को एक ही मंच पर आने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होने वाले निवेशक समुदायों और वैश्विक कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं और इससे मिलने वाले लाभ, राज्य सरकार की नीति, प्रक्रिया, नियमों की जानकारी देने के साथ उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा।

नगरी। भारतीय जनता पार्टी मंडल नगरी के कार्यकर्ताओं ने ग्राम पंचायत सोनामगर और देवपुर में सभा आयोजित कर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की जानकारी लाभार्थियों को दी।
इस योजना के बारे में और जागरुकता पैदा करने,कार्यक्रम शुरू किया गया है।
वक्ताओं ने कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाला यह राशन महामारी के समय में गरीब की मदद करता है. यह योजना एक साल से चल रही है, जिससे कोई गरीब भूखा ना सोना पढ़े।अब गरीब को लगता है कि कुछ भी हो जाए देश उनके साथ है।
केन्द्र सरकार ने हमारी बहनों, हमारे किसानों, हमारे गरीब परिवारों के हित में हर योजना को सेवाभाव के साथ जमीन पर उतारा है। आज लाखों परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक साथ मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय किसान मोर्चा मंत्री व पूर्व विधायक पिंकी शिवराज शाह, पूर्व विधायक श्रवण मरकाम, जिला महामंत्री प्रकाश बैस, प्रदेश किसान मोर्चा के रवि दुबे, जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम, जिला अजजा अध्यक्ष महेंद्र नेताम, कुकरेल प्रभारी विकल गुप्ता, महामंत्री बलजीत छाबड़ा, किसान मोर्चा नगरी मंडल के अध्यक्ष शैलेंद्र धनु सेवक, नगरी मंडल के अध्यक्ष मोहन नाहटा, ग्राम की सरपंच शारदा ध्रुव, नगरी मंडल महामंत्री हृदय साहू, युवा मोर्चा अध्यक्ष राजेश गोसाई, पिछड़ा वर्ग महामंत्री बल्लू नरेंद्र सेन, प्रदेश सदस्य निखिल साहू,विनोद साहू,सुधीर सिंह राजपूत,रामलाल नेताम, श्याम लाल यादव,बंसी कुंजाम, सोहन ध्रुव,नेम सिंह साहू,कोमल साहू, परमेश, रामलाल नेताम, पवन साहू,दुर्गेश साहू, अश्वनी निषाद, भूपेंद्र साहू,भुवन निषाद, मंगल यादव, बंसी कुंजाम, नवल साहू, अनूप साहू, हीरालाल नेताम, शैलेंद्र ध्रुव, सनत, अभय नेताम, बुधेश साहू, मनीष तिवारी, किसान मोर्चा जिला मीडिया प्रभारी राजशेखर नायर बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे।

रायपुर / शौर्यपथ / डीजीपी डीएम अवस्थी की अध्यक्षता में आज यहां पुलिस मुख्यालय में खेल के आधार पर क्रम से पूर्व पदोन्नति समिति की बैठक संपन्न हुयी। बैठक में वर्षों से लंबित खेल के आधार पर क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रकरणों का निराकरण करते हुये तीन खिलाड़ियों को क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। समिति की बैठक में तीसरी वाहिनी में पदस्थ कंपनी कमांडर श्री रुस्तम सारंग ( वेटलिफ्टिंग) को राजपत्रित अधिकारी के पद पर पदोन्नत किये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। राजनांदगांव में पदस्थ आरक्षक श्री मनोज ठाकुर( वूशु) और रायपुर में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्री दीपेश कुमार सिन्हा (व्हालीबॉल) को क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया।
एसटीएफ बघेरा में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्रीनिवास लू ( कराटे, वूशु ), महासमुंद में पदस्थ प्रधान आरक्षक साईमा अंजुम ( हैंडबॉल) एवं प्रथम वाहिनी छसबल में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्री हितेश कुमार साहू (बॉक्सिंग) को 50 हजार रूपये की नगद राशि का पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार राजनांदगांव में पदस्थ आरक्षक विमला बरेठ(कबड्डी), कबीरधाम में पदस्थ श्री वसीम रजा कुरैशी(वूशू), बालोद में पदस्थ आरक्षक अमरिका उसारे( कबड्डी), रायपुर में पदस्थ आरक्षक रीता छोटेराय( कबड़्डी) एवं रायपुर में पदस्थ आरक्षक कविता पटले( कबड्डी) को 35 हजार रूपये की नगद राशि का पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया गया। शेष खिलाड़ियों को पुलिस महानिदेशक द्वारा पांच सौ रूपये का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया।
समिति की बैठक में एडीजी श्री हिमांशु गुप्ता, डीआईजी श्री ओपी पाल, डीआईजी श्री आर एन दाश, डीआईजी श्रीमती हिमानी खन्ना, एआईजी श्रीमती मिलना कुर्रे, प्रस्तुतकर्ता अधिकारी श्रीमती सबा अंजुम उपस्थित रहे।
खिलाड़ियों की ये हैं उपलब्धियां-
रूस्तम सारंग- वेटलिफ्टर श्री रूस्तम सारंग ने 2010 में चीन में आयोजित एशियन गेम्स में नवां स्थान, 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में चौथा स्थान, ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में सातवां स्थान, कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चौम्पियनशिप में गोल्ड मेडल सहित कई अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में विभिन्न पदक जीते और देश का नाम रोशन किया।
मनोज ठाकुर- वूशू खिलाड़ी श्री मनोज ठाकुर ने वूशू में सीनियर राष्ट्रीय वूशू चौंपियनशिप 2014 एवं 2015 में तीसरा स्थान, तीसरी फेडरेशन कप वूशू चौंपियनशिप में तीसरा स्थान सहित कई स्पर्धाओं में पदक अर्जित किये।
दीपेश कुमार सिन्हा- व्हालीबॉल खिलाड़ी श्री दीपेश कुमार सिन्हा ने काठमांडू में आयोजित साउथ एशियन गेम्स 2019 में गोल्ड मेडल, एशियन सीनियर मेन्स व्हालीवॉल चौंपियनशिप तेहरान में आठवां स्थान, जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में 12वां स्थान अर्जित किया।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने सौभाग्य का पर्व हरितालिका तीज के अवसर पर प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। सुश्री उइके ने सभी तीजहारिन माताओं और बहनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्धशाली संस्कृति का परिचायक है। ऐसे पर्व हमारी पुरातन संस्कृति को बनाए रखते हैं। इस अवसर पर उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं की कामना को पूर्ण करे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक पर्व तीजा (हरतालिका तीज) के अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर सभी बहन-बेटियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। तीज की पूर्व संध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में तीज-त्यौहारों का विशेष महत्व रहा है। यहां के जन-जीवन और परम्पराओं में तीज-त्यौहार रचे बसे हैं। यहां हरितालिका तीज मनाने की विशिष्ट परम्परा रही है। इस दिन महिलाएं पति की लम्बी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। नवविवाहिता बहन-बेटियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं को तीज मनाने के लिए पिता या भाई ससुराल से मायके लेकर आते हैं। तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात खाने की परम्परा है। इसके लिए परिवारों में बहन-बेटियों को न्यौता दिया जाता है, जिससे महिलाओं को अपनी पुरानी सखी-सहेलियों और परिवार से मिलने और सुख-दुख बांटने का अवसर मिलता हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति से जुड़े त्यौहारों और परम्पराओं को सहेजने का हर संभव प्रयास कर रही है। सार्वजनिक रूप से तीजा-पोला, हरेली जैसे त्यौहारों को मनाया जा रहा है। प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की गयी है। इससे नई पीढ़ी भी अपनी संस्कृति से अनायास जुड़ती जा रही है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में ’राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का लोकार्पण किया। इस योजना के तहत प्रदेश के लगभग 10 लाख मजदूर परिवारों को 6 हजार रूपए सालाना अनुदान सहायता दी जाएगी। इस योजना के लिए पंजीयन का कार्य 1 सितम्बर से प्रारंभ हो चुका है। पंजीयन 30 नवम्बर तक किया जाएगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तथा कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पोर्टल पर एक बार ही कराना होगा पंजीयन
किसानों के लिए आसान होगी पंजीयन की प्रक्रिया
योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन, पर्यवेक्षण और रिपोर्टिंग में होगी सहूलियत

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक के पहले एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in लॉन्च किया। कृषि विभाग के सहयोग से एनआईसी द्वारा तैयार एकीकृत किसान पोर्टल पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तथा कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एक बार ही पंजीयन कराना होगा। मुख्यमंत्री ने एकीकृत किसान पोर्टल को लांच करते हुए किसानों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पोर्टल से किसानों के लिए पंजीयन कराना आसान हो जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें एक बार ही पंजीयन कराना होगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ.एम.गीता ने एकीकृत पोर्टल के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया का इस पोर्टल के माध्यम से सरलीकरण किया गया है, इससे विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों का सुगमतापूर्वक पंजीयन हो सकेगा। एकीकृत पोर्टल के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं रिपोर्टिंग में आसानी होगी। एकीकृत किसान पोर्टल में भूमि एवं गिरदावरी के भंुईया पोर्टल से ऑनलाईन सत्यापन होगा तथा सटीक एवं त्वरित डाटा प्राप्त किया जा सकेगा। किसानों की जमीन के भौतिक सत्यापन तथा योजनाओं के तहत किसानों को दी जाने वाली राशि की गणना में भी पोर्टल से आसानी होगा। इस पोर्टल पर उपलब्ध डाटा को आवश्यकतानुसार कैरी फार्वर्ड भी किया जा सकेगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत किसानों का खसरावार, फसलवार पंजीयन एकीकृत पोर्टल में सहकारी समिति के माध्यम से 30 सितम्बर तक किया जाएगा। कृषक के आवेदन तथा दस्तावेज का प्रारंभिक परीक्षण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु पंजीकृत किसानों को पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। इन पंजीकृत किसानों के डाटा को एकीकृत पोर्टल में उपयोग किया जाएगा। एकीकृत पोर्टल को भुंईयां पोर्टल से लिंक किया गया है। पंजीयन के समय सहकारी समिति द्वारा कृषक के खसरावार भूमि का विवरण भुंईयां से मिलान किया जाएगा। भूमि विवरण एवं गिरदावरी आंकड़े का भुंईयां पोर्टल से स्वमेव ऑनलाईन सत्यापन होगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा धान उपार्जन के लिए वन पट्टाधारी कृषकों का पंजीयन एकीकृत पोर्टल से सहकारी समिति के माध्यम से किया जाएगा। कृषक के आवेदन तथा दस्तावेज का प्रारंभिक परीक्षण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा। संस्थागत, लिजी, अधिया, रेगहा, बटाईदार, डूबान क्षेत्र हेतु धान उर्पाजन से संबंधित कृषकों के पंजीयन की कार्यवाही खाद्य विभाग द्वारा सहकारी समिति के माध्यम से की जाएगी। इस हेतु पृथक से लिंक एकीकृत पोर्टल पर दिया जाएगा। धान उर्पाजन हेतु नवीन पंजीयन, संशोधन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के एकीकृत पोर्टल में किया जाएगा। गत वर्ष में धान पंजीकृत एवं विक्रय रकबे में धान के बदले अन्य वैकल्पिक फसल व वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीयन एकीकृत पोर्टल में किया जाएगा। वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वन अधिकार पट्टाधारक, ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन समिति के पंजीयन हेतु विकसित पोर्टल एकीकृत पोर्टल से लिंक किया गया है, ताकि आवेदकों को पंजीयन हेतु सिंगल विंडो प्रदाय किया जा सके।


वृक्षारोपण का पंजीयन 30 नवम्बर तक होगा। आवेदन पत्र को संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में जमा किया जाएगा। परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा दस्तावेज सत्यापन उपरांत पोर्टल में दर्ज किया जाएगा। स्थल सत्यापन जी.पी.एस. के माध्यम से वन मंडलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कोदो-कुटकी एवं रागी फसल भी सम्मिलित है। अनुसूचित क्षेत्र के कृषकों से कोदो-कुटकी एवं रागी का उपार्जन एकीकृत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों के डॉटा के अनुसार लघु वनोपज संघ द्वारा उपार्जन किया जाएगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन, एनआईसी के स्टेट हेड श्री टी.एन. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 100.82 करोड़ रूपए का किया गया भुगतान
मुख्यमंत्री ने पशुपालकों और संग्राहकों, गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के खाते में किया कुल 5.33 करोड़ रूपए का अंतरण
गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का किया जाए अध्ययन
चारा उत्पादन के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने का हो प्रयास
गौठानों में तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड की गतिविधियां हो प्रारंभ
गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की कलेक्टर करें समीक्षा

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ गोबर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य होने के साथ-साथ गोबर खरीदी को लाभ में बदलने वाला पहला राज्य भी है। उन्होंने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के साथ इसे और भी अधिक लाभप्रद बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए, चारे के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौठानों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है, गौठानों को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए। कलेक्टर गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की लगातार समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार कार्य कराएं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेचने वाले पशुपालकों एवं संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में राशि, महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि और गौठान समितियों को 5 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि का अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों के खाते में क्रय किए गए गोबर के एवज में 27वीं किश्त के रूप में 1 करोड़ 74 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की। इस राशि को मिलाकर पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी की अब तक 100 करोड़ 82 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने इस अवसर पर स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 1 करोड़ 41 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 2 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया।
स्व-सहायता समूहों को अब तक लाभांश की राशि के रूप में कुल 21 करोड़ 42 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को अब तक कुल 54 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से 1 लाख 74 हजार से अधिक पशुपालक और संग्राहक लाभान्वित हुए हैं। अब तक 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा दूसरी लाभप्रद गतिविधियां प्रारंभ करने की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ जगहों में गौठान में गोबर गैस तैयार कर घरों में गैस सप्लाई का काम भी प्रारंभ हुआ है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। यदि यह कार्य संभव होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड का गठन किया गया है। इन बोर्ड़ाें की गतिविधियां भी गौठान में प्रारंभ की जाएं, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों का संचालन एक निरंतर प्रक्रिया है, इसलिए गौठानों में निर्माण, संधारण और मरम्मत आदि कार्य लगातार करने की जरूरत है। सभी कलेक्टर्स इस विषय को सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में शामिल कर गौठानों में संचालित गतिविधियों की निरंतर समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जहां गौठान समितियां सक्रिय नहीं है, वहां जनप्रतिनिधियों, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा कर दूसरे लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गौठानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और शहरी क्षेत्रों में भी गौठान और गोधन न्याय योजना को लेकर लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वावलंबी गौठानों की संख्या भी बढ़ रही है। एक वर्ष में स्वावलंबी गौठानों की संख्या बढ़कर 1634 हो गई है। इसका यह अर्थ है कि लोगों का इन योजनाओं के प्रति रूझान बढ़ रहा है। श्री बघेल ने कहा कि दो रूपए किलो में गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ में गोबर को लाभ की वस्तु में बदलने में भी सफलता मिली है। गोबर से तैयार हो रही वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग बड़ी संख्या में किसान स्व-प्रेरणा से कर रहे हैं। इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के काम में संलग्न तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों में काम कर रहे 9 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की लगभग 64 हजार महिलाओं को रोजगार और आय का नया जरिया मिला है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से सब्जियों, अनाज और फलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और वे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होंगे।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना और गौठानों के सफल संचालन के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अनेक अधिकारी दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आए हैं, लेकिन उन्होंने गहरी रूचि लेकर छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों को समझकर योजनाओं का सफल बनाने में योगदान दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने 7 सितम्बर को संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्यों से मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने गोधन न्याय योजना और गौठानों में रूचि दिखाई। जब उन्हें बताया गया कि गोबर से 10 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है और किसान इसका उपयोग भी कर रहे हैं, तो समिति के सदस्यों ने कहा कि इससे स्वाईल हेल्थ में भी सुधार होगा। समिति के सदस्यों ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में भी रूचि ली। समिति ने धान से एथेनॉल तैयार करने की छत्तीसगढ़ की योजना के प्रति भी अपनी सहमति जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को चारा के मामले में स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाए, ताकि पशु भटके नहीं, इससे पशु प्रबंधन में आसानी होगी।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। संसद की कृषि स्थायी समिति सहित संसद की चार समितियों ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में लोगों को स्व-रोजगार देने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की योजना अभूतपूर्व है। इसे देश में स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने के एक वर्ष में गोबर संग्राहकों को 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही गोबर से तैयार 68 करोड़ की वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है। सवा लाख किसान सोसायटियों से वर्मी कम्पोस्ट ले जा चुके हैं। यह योजना आने वाले समय में एक क्रांतिकारी योजना साबित होगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में स्वीकृत गौठानों की संख्या बढ़कर 10112 तथा निर्मित गौठानों की संख्या बढ़कर 6112 हो गई है। उन्होंने बताया कि 4495 गौठानों के चारागाहों की 9732 एकड़ भूमि में चारा रोपण का कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गौठानों में लगभग 80 हजार वर्मी टांकांे का निर्माण किया गया है, जिनमें 7 लाख 68 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 3 लाख 37 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। उन्होंने बताया गया कि गौठानों में तैयार 76 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट तथा 45 प्रतिशत सुपर कम्पोस्ट का विक्रय अब तक किया जा चुका है। डॉ. गीता ने बताया कि गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में संलग्न 9 हजार 153 स्व-सहायता समूहों की 64 हजार 317 महिलाओं को योजना के प्रारंभ होने से अब तक 39 करोड़ 77 लाख रूपए की आय हो चुकी है।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य में लघु वनोपज के प्रसंस्कण और औषधि पौधा आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत स्थापित उद्योगों में वार्षिक आवश्यकता का 70 प्रतिशत तक कच्चे माल की आपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ में मिशन मोड में कोदो, कुटकी, रागी फसलों के लिए मिलेट (लघु धान्य) मिशन को वित्तीय वर्ष 2022-23 से लागू करने का निर्णय लिया गया। उत्पादित मिलेट का उपार्जन छ.ग. लघु वनोपज सहकारी संघ अंतर्गत वन धन समितियों के माध्यम से किया जाएगा। उपार्जित मिलेट का उपयोग मध्यान्ह भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनबाड़ी के पोषण आहार कार्यक्रम में किया जाएगा। मिलेट मिशन के आगामी 5 वर्षो के लिए 170.30 करोड़ रूपए का प्रबंधन जिला खनिज न्यास एवं अन्य शासकीय योजनाओं के कन्वर्जेंस से किया जाएगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ के समस्त फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक किसानों को प्रति वर्ष 9 हजार प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही वर्ष 2020-21 में जिस रकबे में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज, दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों को उस क्षेत्र के स्थानीय निवासी से भरे जाने हेतु बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है। बिलासपुर बोर्ड में एक जिला कोरबा शामिल हैं, इस बोर्ड के कार्यक्षेत्र में ‘‘गौरला-पेण्ड्रा-मरवाही‘‘ जिले को भी सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 के तहत निजी विद्यालयों के संदर्भ में शासन द्वारा वहन किए जाने वाले व्यय की अधिकतम सीमा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवासीय नवोदय एवं एकलव्य विद्यालय में शैक्षणिक व्यय के समतुल्य अथवा उक्त निजी विद्यालय की वास्तविक व्यय जो भी कम हो का अनुमोदन किया गया।
अविभाजित बिलासपुर जिले से नव गठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही तथा विभाजित बिलासपुर जिला का अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण प्रतिशत एवं नियम का अनुमोदन किया गया। ऐसे आवेदक जिनके माता-पिता छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखते है, छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर अन्य राज्यों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं अथवा प्राप्त किए हैं, उन्हें भी छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अंतर्गत साहित्य अकादमी में अध्यक्ष और 8 सदस्य के स्थान पर 9 सदस्य होंगे। इसके साथ ही साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी एवं लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग तथा छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के मानदेय और भत्ते में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
इस साल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 28 अक्टूबर से एक नवंबर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव तक आयोजित किया जाएगा। प्रथम तीन दिन 28, 29 और 30 अक्टूबर को आदिवासी नर्तक दलों के कार्यक्रम, 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि को प्रदर्शनी और डाक्युमेंटी का प्रदर्शन तथा एक नवबंर को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ फिल्म नीति-2021 के निर्माण की अनुमति प्रदान की गई। फिल्म नीति का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य को फिल्म अनुकूल राज्य बनाने, फिल्म शूटिंग के लिए छत्तीसगढ़ को सेंट्रल हब के रूप में विकसित करना, स्थानीय प्रतिभाओं के लिए रोजगार के अवसरों का विकास करना, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में राज्य में निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा प्रदेश के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ में निर्मित राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त फिल्म को प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। जिसके तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली से प्राईम कैटेगरी में राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ी पृष्ठभूमि के सर्वोत्तम फिल्म, सर्वोत्तम निदेशक, सर्वोत्तम अभिनेता, सर्वोत्तम अभिनेत्री, राष्ट्रीय एकता अथवा सामाजिक संदेश आदि मापदण्ड हेतु अधिकतम एक करोड़ रूपए की राशि (किसी भी एक कैटेगरी में तथा वर्ष में एक बार) अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में घोषित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अंतर्गत ‘भूलन द मेज‘ को क्षेत्रीय भाषा छत्तीसगढ़ी की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। वर्ष 2021 के लिए एक करोड़ रूपए प्रोत्साहन अनुदान की पात्रता होगी।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केन्द्रित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के लघु फिल्म एवं वृत्तचित्र के निर्माण का निर्णय लिया गया। जिसके तहत वर्ष 2021-22 में प्रदेश की संस्कृति के 5 विविध आयामों जैसे सिरपुर, बायसन माड़िया, घोटुल, ढोकरा आर्ट तथा बैगा पर केन्द्रित लघु फिल्म एवं वृत्तचित्र का निर्माण कराया जाएगा।
मोटरयान अधिनियम, 1988 यथा संशोधित 2019 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत शमन-शुल्क की राशि को पुनरीक्षित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
डीजल के मूल्य में वृद्धि एवं बस संचालन में अन्य लागत के परिणामस्वरूप प्रक्रम यात्री वाहनों (नगर वाहन सेवा एवं संविदा वाहनों को छोड़कर) के यात्री किराए की दर में वृद्धि का अनुमोदन किया गया।
नेत्रहीन, बौद्धिक दिव्यांगता, दोनों पैरो से चलने में असमर्थ दिव्यांग व्यक्ति, 80 वर्ष या उससे अधिक वरिष्ठ नागरिक और एचआईव्ही एड़स से पीड़ित व्यक्तियों को राज्य में किसी भी स्थान पर उपचार या अन्यथा के लिए एक सहायक के साथ यात्रा करने पर यात्री किराए में 100 प्रतिशत की छूट अर्थात कोई किराया नही लिया जाएगा।
छ.ग. राज्य का निवासी कोई व्यक्ति संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर कलेक्टर द्वारा सम्यक रूप से जारी किया गया ‘नक्सल प्रभावित व्यक्ति‘ का प्रमाण पत्र रखकर यदि राज्य के भीतर यात्री बस द्वारा यात्रा के दौरान इसे दिखाता है तो उसे 50 प्रतिशत यात्री किराए के भुगतान से छूट दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड की विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के भू-विस्थापितों को पुनर्वास लाभ के तहत नियुक्ति प्राप्त भू-विस्थापित कर्मचारियों के नियमितीकरण एवं सेवा शर्तो पर छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित पुनर्वास योजना 2015 की कंडिकाओं में प्रावधानों के तहत ऐसे भूधारक जो नियमित शासकीय नौकरी या निजी नौकरी करते थे, तथा ऐसे भूधारक जो भूअर्जन से प्रभावित ग्राम से निवासरत न होकर अन्यत्र नियमित व्यापार अथवा स्व व्यवसाय करते थे या हैं, अपात्रता की स्थिति में, उन्हें लाभ देने का निर्णय लिया गया।
मॉ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित कोण्डागांव में वर्तमान मंे प्रक्रियाधीन मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के स्थान पर मक्का आधारित इथेनॉल संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया गया।
राज्य सरकार द्वारा लाख की खेती को कृषि का दर्जा प्रदान किया गया है। जिसके तहत लाख उत्पादक कृषकों अथवा कृषक समूहों को लाख उत्पादन के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन ऋण दिए जाने का निर्णय लिया गया। मुख्यालय जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, छत्तीसगढ़ रायपुर हेतु अतिरिक्त जेल महानिरीक्षक (वेतन लेवल-16) का पद स्वीकृत करने का अनुमोदन किया गया।
श्री रमन श्रीवास्तव आत्मज स्व. श्री व्ही.के. श्रीवास्तव (अधीक्षण अभियंता सिविल) को द्वितीय श्रेणी सहायक अभियंता (वि./या.) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति का निर्णय लिया गया। बीजापुर जिले के एड़समेटा में दिनांक 17-18 मई 2013 को घटित घटना का न्यायिक प्रतिवेदन केबिनेट की बैठक में प्रस्तुत, रिपोर्ट को स्वीकार किया गया। मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।
राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गो के क्वांटिफियेबल डाटा एकत्रित करने हेतु गठित समिति के प्रतिवेदन की प्रति अनुषांगिक कार्यवाही हेतु महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ को प्रेषित करने तथा सामान्य प्रशासन विभाग को प्रकरण में आगामी कार्यवाही करने के लिए अधिकृत करने का अनुमोदन किया गया।

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