August 08, 2025
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मुंगेली शौर्यपथ / सामाजिक, धार्मिक एवं पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से जिले ही नही अपितु राज्य स्तर पर ग्राम बांकी का नाम रोशन करने वाले पिछले 15 सालों से संचालित सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज युवाओं की टोली होल्हाबाग नवयुवा समिति की नई कार्यकारिणी की घोषणा पुराने सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति में की गई। जिसमें नए ऊर्जावान सदस्यों को प्रमुख जिम्मेदारी सौप समिति के कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। नई कार्यकारिणी में संयोजक नागेश साहू, सह संयोजक पिंटू पूरी, निरंजक मानिकपुरी, भूपेन्द्र निर्मलकर, अध्यक्ष-पवन निर्मलकर कार्यकारी अध्यक्ष योगेंद्र साहू, उपाध्यक्ष यशवंत साहू, गप्पू पूरी, मयंक कैवर्त कोषाध्यक्ष योगेश पूरी गोस्वामी सचिव गोपाल यादव, सह सचिव अमित गिरी, संजय यादव, रंजीत गोस्वामी पर्यावरण प्रभारी रिंकू यादव, पर्यावरण सह प्रभारी जीवेश पूरी, यशयंत साहू, टाइगर साहू, किशन निर्मलकर सांस्कृतिक प्रभारी बबलू साहू, सांस्कृतिक सह प्रभारी लोकेश श्रीवास, रमाकांत निषाद, रेशराम निर्मलकर, राजू निर्मलकर स्वच्छता प्रभारी रिंकू पूरी गोस्वामी, स्वच्छता सह प्रभारी राघवेंद्र निर्मलकर, सुमित पूरी, सोम यादव, सूरज मानिकपुरी को बनाया गया। मनोनयन के बाद सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों ने जिम्मेदारी से समिति के सभी दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लिया। बता दे कि 80 युवाओं की इस टोली के कार्यो के लिए कई बड़े मंचो के माध्यम से समिति को सम्मानित किया जा चुका है। इस अवसर पर संस्थापक रामपाल सिंह, पूर्व अध्यक्ष देवराज साहू, उपाध्यक्ष खेलावन यादव, भोला पूरी गोस्वामी, सियाराम निर्मलकर, सनत साहू, अंशुल पूरी, रिकेश पूरी, मुकेश श्रीवास, गोविंद साहू, मुकेश निर्मलकर, अश्विनी निर्मलकर, पिंटू यादव, निरंजन साहू, तिलेश्वर निर्मलकर, महेश्वर निर्मलकर, दीपक निर्मलकर, छोटू निर्मलकर सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

मुंगेली शौर्यपथ/ सामाजिक, धार्मिक एवं पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से जिले ही नही अपितु राज्य स्तर पर ग्राम बांकी का नाम रोशन करने वाले पिछले 15 सालों से संचालित सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज युवाओं की टोली होल्हाबाग नवयुवा समिति की नई कार्यकारिणी की घोषणा पुराने सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति में की गई। जिसमें नए ऊर्जावान सदस्यों को प्रमुख जिम्मेदारी सौप समिति के कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। नई कार्यकारिणी में संयोजक नागेश साहू, सह संयोजक पिंटू पूरी, निरंजक मानिकपुरी, भूपेन्द्र निर्मलकर, अध्यक्ष-पवन निर्मलकर कार्यकारी अध्यक्ष योगेंद्र साहू, उपाध्यक्ष यशवंत साहू, गप्पू पूरी, मयंक कैवर्त कोषाध्यक्ष योगेश पूरी गोस्वामी सचिव गोपाल यादव, सह सचिव अमित गिरी, संजय यादव, रंजीत गोस्वामी पर्यावरण प्रभारी रिंकू यादव, पर्यावरण सह प्रभारी जीवेश पूरी, यशयंत साहू, टाइगर साहू, किशन निर्मलकर सांस्कृतिक प्रभारी बबलू साहू, सांस्कृतिक सह प्रभारी लोकेश श्रीवास, रमाकांत निषाद, रेशराम निर्मलकर, राजू निर्मलकर स्वच्छता प्रभारी रिंकू पूरी गोस्वामी, स्वच्छता सह प्रभारी राघवेंद्र निर्मलकर, सुमित पूरी, सोम यादव, सूरज मानिकपुरी को बनाया गया। मनोनयन के बाद सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों ने जिम्मेदारी से समिति के सभी दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लिया। बता दे कि 80 युवाओं की इस टोली के कार्यो के लिए कई बड़े मंचो के माध्यम से समिति को सम्मानित किया जा चुका है। इस अवसर पर संस्थापक रामपाल सिंह, पूर्व अध्यक्ष देवराज साहू, उपाध्यक्ष खेलावन यादव, भोला पूरी गोस्वामी, सियाराम निर्मलकर, सनत साहू, अंशुल पूरी, रिकेश पूरी, मुकेश श्रीवास, गोविंद साहू, मुकेश निर्मलकर, अश्विनी निर्मलकर, पिंटू यादव, निरंजन साहू, तिलेश्वर निर्मलकर, महेश्वर निर्मलकर, दीपक निर्मलकर, छोटू निर्मलकर सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

विस् अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने पारंपरिक पर्व पोला की प्रदेशवासियों को दी बधाई

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने पोला त्योहार की प्रदेशवासियों को बधाई, शुभकामनाएं दी है। डॉ महंत ने कहा कि, पारंपरिक पर्व पोला, खरीफ फसल के द्वितीय चरण का कार्य पूरा हो जाने व फसलों के बढ़ने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन किसानों द्वारा बैलों की पूजन कर कृतज्ञता दर्शाते हुए प्रेम भाव अर्पित किया जाता है। क्योंकि बैलों के सहयोग से ही खेती कार्य किया जाता है । वही पोला पर्व की पूर्व रात्रि को गर्भ पूजन किया जाता है । ऐसा माना जाता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है । अर्थात धान के पौधों में दूध भरता है । इसी कारण पोला के दिन किसी को भी खेतों में जाने की अनुमति नहीं होती । प्रतिष्ठित सभी देवी-देवताओं के पास जाकर विशेष पूजा-आराधना करते हैं। किसान गौमाता और बैलों को स्नान कराकर श्रृंगार करते हैं सींग और खुर यानी पैरों में माहुर, लगाएंगे, गले में घुंघरू, घंटी, कौड़ी के आभूषण पहनाकर पूजा करते है।
डॉ महंत ने बताया कि, परंपराओं अनुसार ग्रामीण इलाकों में युवतियां नंदी बैल, साहड़ा देव की प्रतिमा स्थल पर पोरा पटकने जाएंगी। नंदी बैल के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए अपने-अपने घर से लाए गए मिट्टी के खिलौने को पटककर फोड़ेंगी। मान्यता है कि, कान्हा जब छोटे थे और वासुदेव-यशोदा के यहां रहते थे, तब कंस ने कई बार कई असुरों को उन्हें मारने भेजा था। एक बार कंस ने पोलासुर नामक असुर को भेजा था, जिसे भी कृष्ण ने मार दिया था। वह दिन भाद्रपद अमावस्या का था इसलिए इसे पोला कहा जाता है।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजभवन में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के तीन जीआई टैग्ड उत्पादों बस्तर का आयरन क्राफ्ट, वूडेन क्राफ्ट एवं जीरा फूल चावल पर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी किये जा रहे विशेष आवरण का विमोचन किया। उन्होंने डाक विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि इससे निश्चित ही छत्तीसगढ़ प्रदेश की माटी को पूरे देश में एक अलग पहचान मिलेगी। इस अवसर पर पोस्ट मास्टर जनरल छत्तीसगढ़ परिमंडल श्री रामचंद्र किसन जायभाये, राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, विधि सलाहकार श्री आर.के. अग्रवाल उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार के ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ की तर्ज पर डाक विभाग द्वारा प्रदेश के 3 जीआई टैग्ड धरोहरों पर विशेष आवरण जारी कर पूरे भारत में फैले डाक विभाग के विशाल नेटवर्क/फिलाटेली ब्यूरो एवं काउंटरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु की गयी यह पहल काफी प्रशंसनीय है। भारतीय डाक विभाग हम सबकी जिंदगी के हर सुख-दुख के क्षणों का भागीदार रहा है। चाहे किसी की नौकरी का नियुक्ति पत्र हो, शादी-विवाह का निमंत्रण हो या अन्य सुख-दुख का संदेश हो, डाकिये को देखते ही हम सब उत्सुक हो जाते हैं। डाक विभाग की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कई हिंदी फिल्मों में इनका किरदार लिया गया है और डाकिये पर गाने भी बनाए गए हैं। डाक विभाग हर परिस्थिति, हर मौसम में अपने कर्तव्यों का पालन करता है। इसका विशाल नेटवर्क गांव-गांव तक फैला हुआ है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा डाक घर कॉमन सर्विस सेंटर, आधार केन्द्र और पासपोर्ट सेवा केन्द्रों के माध्यम से सरकारी सेवाएं आमजन तक सुलभ करा रहा है। यहां तक की लोगों की धार्मिक आस्था का भी ध्यान रखते हुए गंगाजल का भी वितरण विभाग द्वारा किया जाता है। इसके अलावा विभाग द्वारा विभिन्न फिलाटेली सामग्री के माध्यम से भी ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक गौरव के प्रचार-प्रसार में अहम योगदान दिया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि बस्तर आयरन क्राफ्ट एवं वूडेन क्राफ्ट (काष्ठ शिल्प) का प्रदेश की आदिवासी संस्कृति एवं इतिहास में एक अभिन्न स्थान रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों ही शिल्प एक कला के रूप में उभर कर सामने आए हैं और ये शिल्प देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान भी बने हैं। साथ ही जीराफूल चावल जो प्रदेश का पहला एवं अभी तक का एकमात्र कृषि उत्पाद है, जिसे भारत सरकार द्वारा इसकी विशेष गुणवत्ता एवं पहचान के लिए जीआई टैग प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ डाक परिमंडल भविष्य में भी राज्य के भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक गौरव एवं धरोहरों का देश-विदेश में इसी प्रकार प्रचार-प्रसार में योगदान देते रहेंगे।

रायपुर / शौर्यपथ / शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजभवन में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीतापुर के व्याख्याता गणित श्री ओम प्रकाश साहू को राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया।
श्री ओमप्रकाश साहू वर्तमान में प्रशासकीय अधिकारी प्रयास आवासीय विद्यालय अम्बिकापुर में पदस्थ हैं। उनकी पद्स्थापना 2005 में पिछड़े बहुल आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीतापुर में व्याख्याता गणित के पद पर हुई। वे बच्चों को गणित और भौतिक शास्त्र का अध्ययन-अध्यापन कराते रहें। वे कक्षा के बाद भी बच्चों को निःशुल्क भौतिक, गणित, कृषि विज्ञान के मूलतत्व का अध्यापन कराते हैं, जिसके कारण बेहद गरीब परिवार के छात्र-छात्राओं जैसे अमन केरकेट्टा, राहुल तिग्गा, अनिल वरवा, संदीप भगत, अल्का और अन्य छात्र-छात्राएं आईआईटी, एनआईटी, एमबीबीएस, पीएटी में चयनित होते रहे। उन्होंने विद्यालय भवन का जीर्णोंद्धार रंग-रोगन और अन्य शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने में सार्थक पहल की। उनके प्रयास से ही विद्यालय में दर्ज संख्या बढ़ी। स्कूल का परीक्षा परिणाम बेहतर होेने से निजी स्कूल से छात्र-छात्राएं सरकारी स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं। गणित और भौतिकी विषय का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा। इस उत्कृष्ट कार्य एवं सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें राज्य शिक्षक सम्मान के लिए चयनित किया गया।

ग्रामीण परिवेश में पारम्परिक तौर-तरीके से सजाया गया मुख्यमंत्री निवास
कार्यक्रम में रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी का इंतजाम
नांदिया-बैला के साथ सेल्फी के लिए बना जोन
एक दिन के लिए महिलाओं का मायका बनेगा मुख्यमंत्री निवास

रायपुर / शौर्यपथ / हरेली की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास में तीजा-पोरा का तिहार 6 सितम्बर को पूर्वान्ह 11 बजे से उत्साह के साथ मनाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तीजा-पोरा तिहार के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री निवास में विशेष इंतजाम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री निवास परिसर में छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा की गई हैं। इस मौके पर नांदिया-बैला की पूजा की जाएगी। तीजा महोत्सव का आयोजन होगा। पोरा -तीजा तिहार के लिए कार्यक्रम में बहनों को आमंत्रित किया गया है। इस तरह महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री निवास एक दिन के लिए मायका बन जाएगा।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में एक सेल्फी जोन बनाया गया है, जहां नांदिया बैला के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे। कार्यक्रम में पोरा चुकी, शिवलिंग की पूजा की जाएगी। रइचुली झूला और चकरी झूला भी कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया है। इन झूलों का लोग आनंद ले सकेंगे। आज शाम महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने मुख्यमंत्री निवास में राज्यसभा सांसद द्वय श्रीमती छाया वर्मा तथा श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव तथा विधायक सुश्री शकुंतला साहू और अध्यक्ष राज्य महिला आयोग श्रीमती किरणमयी नायक सहित भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया।
छत्तीसगढ़ का पोरा-तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। खेती किसानी में बैल और गौवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है।
छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं। घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है। बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है।
छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते है। छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के दिन बालू से शिव लिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों विशेष रूप से किसान भाइयों को पारंपरिक पोला तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है। आज यहां पोरा तिहार की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में श्री बघेल ने कहा है कि पोला तिहार हमारे जीवन में खेती-किसानी और पशुधन का महत्व बताता है। यह छत्तीसगढ़ की परम्परा, संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा पर्व है। इस दिन घरों में उत्साह से बैलों और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होनेे के लिए प्रार्थना की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीज-त्यौहार हमारी संस्कृति और परम्पराओं का संवाहक होते हैं। यह हमारी धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाते हैं। खेल-खेल में बच्चे अनजाने ही अपनी मिट्टी और उसके सरोकारों को जुड़ते चले जाते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि आने वालीे पीढ़ियों को अपनी समृद्ध संस्कृति का परिचय कराएं और उसके संरक्षण और संवर्धन का प्रयास करें।

रायपुर / शौर्यपथ / लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार के निर्देश पर बालोद जिले में एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजना के लिए 5.59 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृति मिली है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु संचालित योजनाओं के विस्तार के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में कार्यालय कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता मिशन जिला बालोद से इस आशय का आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के तहत बालोद जिले के गुरुर विकासखण्ड के बासीन में 96.85 लाख, डौण्डीलोहारा विकासखंड के अडजाल में एक करोड़ 9 लाख 58 हजार, गुरूर विकासखण्ड के जेवरतला में एक करोड़ 19 लाख 33 हजार, टेंगनाबरपारा में एक करोड़ 48 लाख 71 हजार और बालोद विकासखंड के डेंगरापार गांव में 84.89 लाख रुपये की एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजना की स्वीकृति दी गई है।

रायपुर / शौर्यपथ /  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार 6 सितम्बर सोमवार को दुर्ग जिले के दौरे पर रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंत्री गुरू रूद्रकुमार राजधानी स्थित अपने शासकीय निवास सतनाम सदन से दोपहर 01 बजे प्रस्थान कर 1.30 बजे दुर्ग जिले के भिलाई-3 स्थित अपने निवास पहुचेंगे। वे वहां स्थानीय जन प्रतिनिधियों से रू-ब-रू होंगे। मंत्री गुरु रुद्रकुमार अपरान्ह 2.30 बजे रायपुर के लिए रवाना होंगे।

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