August 08, 2025
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कलेक्टोरेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम सौँपा ज्ञापन

दुर्ग / शौर्यपथ / दिल्ली में महिला आरक्षक सोफिया सैफी एवं मुंबई के साकीनाका मे द्वितीय निर्भया की निर्मम हत्या जघन्य अपराध जैसी घटना को समाजवादी पार्टी संज्ञान में लेते हुए सभी दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह जो कि दिल्ली में ही रहते हैं इस कांड के कारण कानून व्यवस्था नही संभाल पा रहे है इसलिए उनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी छत्तीसगढ़ दुर्ग जिला द्वारा मेन्नोनाईट चर्च के सामने जी ई रोड दुर्ग में सुबह से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने के बाद कलेक्टोरेट पहुंच कर राष्ट्रपति और कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर ज्ञानेश्वर कौशल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।
समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित इस धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन सौंपने के दौरान समाजवादी पार्टी जिला दुर्ग के जिलाध्यक्ष शगीर अली (पप्पू खान), प्रदेश उपाध्यक्ष राम अवतार, प्रदेश महासचिव नियाज खान ,प्रदेश कोषाध्यक्ष सूबेदार यादव , प्रदेश सचिव प्रसाद शुक्ला, वरिष्ठ समाजवादी नेता मयूर सिद्दीकी , सनी फर्नांडीस ,छाया विधायक बाकर अली, दुर्ग जिला सचिव अब्दुल शेख चमन, शेख राज ,श्रीमती सुलेखा नागवंशी, रमेश यादव राजकुमार यादव ,बृजेश यादव,आदि उपस्थित थे।

पहले ही दिन पहुंचे स्लम क्षेत्र और निचली बस्तियों में
शौचालय से नदारद केयर टेकर को नोटिस जारी करने दिये निर्देश

भिलाई / शौर्यपथ / निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे आज जोन 01 नेहरू नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 03 कोसानगर के यादव मोहल्ला पहुंचे। यह क्षेत्र स्लम बस्ती है और निचली बस्ती में आता है। बारिश के दिनों में जलभराव की स्थिति इस क्षेत्र में देखने को मिलती है, साथ ही नाला का पानी भी अधिक बारिश में सड़क पर बहने लगता है। दूसरा यह मोहल्ला स्लम क्षेत्र है और सघन भी है। इन्ही सभी कारणों से आज निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे इस क्षेत्र में मॉर्निंग विजिट के लिये निरीक्षण के प्रथम दिन पहुंचे। उन्होंने सफाई व्यवस्था का जायजा लिया।
निगमायुक्त जब पहुंचे उस दौरान नाली की सफाई की जा रही थी। आयुक्त ने निर्देश दिये कि नाली सफाई के तुरंत बाद मलबा को हटाकर उस स्थल में चूना एवं ब्लीचिंग का छिड़काव करे ताकि स्थल स्वच्छ रहे और कोई संक्रामक बीमारी का फैलाव न हो। मोहल्ले के सकरी गलियो से होते हुये अमृत मिशन के तहत बिछाये गये वितरण पाइपलाईन से घरो में पानी आने की जानकारी ली। रहवासियों से उन्होंने पानी आने और वाटर मीटर के बारे में पूछा। कुछ रहवासियों ने बताया कि पानी का प्रेशर कम है। आयुक्त ने इस पर जलकार्य विभाग के अधिकारियो को इसके निराकरण के निर्देश दिये और इस प्रकार के क्षेत्रों को चिन्हांकित करने कहा। कोसानगर के नाला का निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि जल प्रवाह निरंतरता में होना चाहिये, नाला में कचरा न फंसे इसका विशेष ध्यान रखा जाये, समय-समय पर तथा आवश्यकता अनुसार नाला से कचरा की सफाई होते रहे!
उन्होंने कोसानगर के सामुदायिक शौचालय का निरीक्षण किया। शौचालय के बाहर पुरूष एवं महिला का संकेतक पृथक से लिखवाने के निर्देश दिये! शौचालय की साफ-सफाई उन्होंने देखी, शौचालय के केयर टेकर उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे, जिस पर आयुक्त ने नाराजगी जताई और केयर टेकर को नोटिस जारी करने के निर्देश स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा, जोन स्वास्थ्य अधिकारी अंकित सक्सेना एवं प्र. स्वच्छता निरीक्षक कमलेश द्विवेदी सहित अन्य मौजूद रहे।

4 करोड़ 83 लाख रुपए के लागत से बने शासकीय नागरिक कल्याण महाविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया संबोधन


दुर्ग /शौर्यपथ / उच्च शिक्षा की बेहतरीन अधोसरंचना हमने तैयार की है। जहाँ जरूरत है वहां पर नये महाविद्यालय आरंभ किये हैं और यहां सुविधाओं में भी काफी इजाफा किया है। रोजगार के द्वार भी सरकार ने खोले हैं। अभी विद्युत कंपनी, असिस्टेंट प्रोफेसर, पटवारी, पुलिस आदि की नियुक्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोधन न्याय योजना आदि योजनाओं के माध्यम से अतिरिक्त आय का द्वार खुला है। यह बात शासकीय नागरिक कल्याण महाविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कही। 1985 से बने इस महाविद्यालय के लिए भवन 4 करोड़ 83 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में 10 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन हुआ है। सरकार के प्रयासों से जैविक खेती का रास्ता खुला है और धीरे-धीरे प्रदेश की पहचान इस ओर बनेगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि किसानों के साथ सभी वर्गों के समुचित विकास के लिए कार्य सरकार ने किया है। कर्जमाफी के निर्णय से किसानों को बड़ी राहत पहुँचाई। इसके साथ ही राशन, हाफ रेट बिजली आदि योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए समुचित प्रयास किया।
इस दौरान अपने संबोधन में जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आम जनता के बुनियादी महत्व के सभी विषयों पर राहत पहुँचाई है। तेजी से विकास किया है और सभी वर्गों के विकास की चिंता की है। उन्होंने कहा कि चाहे कर्ज माफी हो या सबको राशन देने की बात हो, शासन की योजनाएं सबके दिल को छू लेने वाली हैं।
इस दौरान पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अहिवारा को पूर्ण तहसील का दर्जा दिलाया। नंदिनी-जामुल रोड का भूमिपूजन हुआ। यहां 15 अक्टूबर के बाद काम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सबको बुनियादी सुविधाएं देने के लिए सरकार संकल्पित है। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इस अवसर पर कहा कि उच्च शिक्षा के लिए तेजी से कार्य शासन द्वारा किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में नागरिक आवश्यकताओं के मुताबिक नये कालेज आरंभ किये गये हैं। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्रतिवेदन पढ़ा और अहिवारा में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दी।
सर्किट हाउस का लोकार्पण- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सर्किट हाउस का लोकार्पण भी किया। इसकी लागत 1 करोड़ 30 लाख रखी गई है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया परिपत्र
स्थानीय निवासियों की परिभाषा में किया संशोधन

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘स्थानीय निवासियों’ की परिभाषा निर्धारण के संबंध में सामान्य प्रशासन द्वारा पूर्व में जारी निर्देश में संशोधन करते हुए नई शर्त जोड़ी है। जिसके अनुसार अब छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों के विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे आवेदक या जिन्होंने राज्य के बाहर शिक्षा प्राप्त की हो, यदि उनके माता-पिता छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं तो, उन्हें भी छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता होगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 8 सितम्बर को आयोजित केबिनेट की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया था। इसके परिपालन में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज यहां मंत्रालय नवा रायपुर से इस संबंध में शासन के सभी विभागों, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल बिलासपुर, समस्त विभागाध्यक्षों, समस्त संभागायुक्तों, समस्त कलेक्टरों, जिला पंचायत के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि उपरोक्त नई शर्त के साथ संदर्भित परिपत्र की अन्य सभी शर्तें यथावत् लागू रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के ध्यान में यह आया है कि ऐसे आवेदकों को, जो छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों के विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या प्राप्त किए हैं, छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। ऐसे आवेदकों को छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई न हो इसके लिए ‘स्थानीय निवासियों’ की परिभाषा के संबंध में सामान्य प्रशासन द्वारा 17 जून 2003 को जारी संदर्भित परिपत्र में जारी निर्देशों में संशोधन करते हुए नई शर्त जोड़ी गई है। जिसके अनुसार ऐसे आवेदक जिनके माता-पिता छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं, छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर अन्य राज्यों के विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, प्राप्त किए हैं, उन्हें भी छत्तीसगढ़ राज्य का स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता होगी।

रायपुर / शौर्यपथ/ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार के नेतृत्व में राज्य के ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के अंतर्गत मुंगेली जिले के 20 गांवों में पेयजल की आपूर्ति के लिए नलजल योजनाएं स्वीकृत की गई है।
मुंगेली जिले के कलेक्टर अजीत वसंत ने आज जल जीवन मिशन अंतर्गत जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक ली। उन्होंने बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत रेट्रोफिटिंग आॅनलाईन निविदाओं, निविदाओं की अद्यतन स्थिति, पाईप लाईन के माध्यम से हर घर जल और उपलब्ध पेयजल स्त्रोतों से जल नमूनों के परीक्षण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने एकल ग्राम योजना के तहत जिले के 20 गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति कराने हेतु 20 करोड़ 87 लाख 36 हजार रूपये के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया । इनमें लोरमी विकासखण्ड के ग्राम सारईपतेरा के लिए 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार, ग्राम तेलीयापुरान के लिए 1 करोड़ 71 लाख 24 हजार, ग्राम देवरहट के लिए 1 करोड़ 49 लाख 30 हजार,ग्राम चंदली महंत के लिए 1 करोड़ 38 लाख 34 हजार, ग्राम भालूखोंधरा के लिए 1 करोड़ 38 लाख 28 हजार, ग्राम सेमरसल के लिए 1 करोड़ 32 लाख 01 हजार, ग्राम पैजनिया के लिए 1 करोड़ 31 लाख 10 हजार, ग्राम तुलसाघाट के लिए 1 करोड़ 24 लाख 89 हजार, ग्राम लालपुरकला के लिए 1 करोड़ 11 लाख 83 हजार, ग्राम मसना के लिए 1 करोड़ 09 लाख 80 हजार, ग्राम बुधवारा के लिए 1 करोड़ 03 लाख 55 हजार, ग्राम हरदी खेकतरा के लिए 99 लाख 83 हजार, ग्राम नवागांव जैत के लिए 99 लाख 33 हजार, ग्राम मसनी के लिए 96 लाख 71 हजार, ग्राम फलवारी एफ के लिए 80 लाख 22 हजार और पथरिया विकासखण्ड के ग्राम परसदा के लिए 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार रूपये के कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया।
इसी तरह समूह जल प्रदाय योजना के तहत विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम देवरी (क) के लिए 1 करोड़ 11 लाख 32 हजार रूपये के कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता तथा जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के सदस्य सचिव श्री संजीव बृजपुरिया ने जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति और इनमें हूए व्यय की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की सदस्यगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का किया शुभारंभ
आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित की गई है अकादमी
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं
अच्छी खेल सुविधाओं, कोच और प्रशिक्षण से छत्तीसगढ़ में तैयार होंगे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अच्छी खेल सुविधाएं, कोच और प्रशिक्षण की सुविधा मिलने से छत्तीसगढ़ में भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होंगे। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अनेक अवसरों पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में अपने खेल कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश-प्रदेश का नाम रौशन किया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में नवा रायपुर में आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने की। कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे इस अवसर पर उपस्थित थे।
‘‘द रायपुर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैडमिंटन’’ नाम से प्रारंभ हुई इस अकादमी की स्थापना के लिए टाटा ट्रस्ट द्वारा शत् प्रतिशत फंडिंग की गई है। यह मध्य भारत की नवीनतम और सबसे अच्छी बैडमिंटन अकादमी है। आईटीएम यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अकादमी के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के साथ परिचालन लागत वहन की जाएगी। अकादमी के संचालन में भी यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा सहयोग दिया जाएगा। अकादमी में विश्वस्तरीय 8 बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं तथा 300 से अधिक दर्शकों की बैठने की व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों और कोच के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खिलाड़ियों के लिए डायटिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और काउंसलर की सुविधाएं भी अकादमी में उपलब्ध है।
आईटीएम प्रबंधन द्वारा मुंबई में ओलंपियन पी.वी. सिंधु के सम्मान के लिए आयोजित समारोह में रायपुर और बड़ौदा में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमियों के निर्माण की घोषण की गई थीे, जिसके तहत आज रायपुर में अकादमी का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल अकादमियां प्रारंभ होने से प्रदेश में खेलों के लिए अच्छा वातावरण बनेगा। आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में आज विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुरू होना केवल इस विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है। टाटा ट्रस्ट ने इस अकादमी के लिए सराहनीय योगदान दिया है। इसी तरह यदि राज्य के उद्योग भी खेलों के विकास में आगे आएं तो राज्य में खेलों का विकास और तेजी से होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा नवा रायपुर में बैडमिंटन अकादमी शुरू करने की घोषणा की गयी है। अन्य खेलों के लिए भी अकादमियां प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने इस अवसर पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
खेल मंत्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह मंशा है कि जो बच्चे खेल को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें खेल अकादमियों के माध्यम से अच्छी सुविधाएं और प्रशिक्षण मिले। उन्होंने आईटीएम यूनिवर्सिटी प्रबंधन और टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारियों को छत्तीसगढ़ में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव अजय सिंघानिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव गुरूचरण सिंह होरा, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष अनवर ढ़ेबर, टाटा ट्रस्ट की स्पोर्टस हेड सुश्री नीलम बाबर देसाई, आईटीएम यूनिवर्सिटी बैडमिंटन अकादमी के डायरेक्टर और नेशनल चीफ जूनियर कोच श्री संजय मिश्रा, आईटीएम युनिवर्सिटी रायपुर के वाइस चांसलर डॉं. विकास सिंह, सीनियर बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय, सहित आईटीएम यूनिवर्सिटी और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि और खेल प्रेमी उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में 14 सितंबर से डाक विभाग के सहयोग से आम नागरिकों को जन उपयोगी सेवाओं के लिए स्थाई लोक अदालत का लाभ एवं नि:शुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु जागरूक किया जा रहा है ।
जन उपयोगी सेवाओं के लिए स्थाई लोक अदालत का लाभ किस प्रकार लिया जा सकता है के अंतर्गत शामिल सेवाएं - लोक उपयोगिता सेवाओं के लिए स्थायी लोक अदालत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की एक और विशेषता है। यह पूर्व-मुकदमेबाजी, सुलह और समझौता की एक प्रक्रिया है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम (संशोधन अधिनियम), 2002 के अनुसार, जिला स्तर पर स्थायी लोक अदालतों (लोक उपयोगिता सेवाओं) का गठन किया गया है। इन लोक अदालतों में सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित पूर्व-मुकदमे तय किए जाते हैं।स्थाई लोक अदालत का कार्यालय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में ही स्थापित होता है। सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित मामले चेयरमैन के समक्ष सादे कागज पर एक आवेदन के माध्यम से दायर किए जा सकते हैं, लोक उपयोगिता सेवाओं के लिए स्थायी लोक अदालत। स्थायी लोक अदालत का विशेष अधिकार क्षेत्र रुपये है 1 करोड़।
सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं - हवाई, सड़क या पानी द्वारा यात्रियों या माल की ढुलाई के लिए परिवहन सेवाएं, पोस्टल, टेलीग्राफ या टेलीफोन सेवा, किसी भी प्रतिष्ठान द्वारा जनता को बिजली, प्रकाश या पानी की आपूर्ति, सार्वजनिक संरक्षण या स्वच्छता की प्रणाली, अस्पताल या औषधालय में सेवा, बीमा सेवाएँ, बैंकिंग सेवाएं, वित्त सेवाएँ, इमिग्रेशन, एलपीजी उनकी आपूर्ति और रिफिल को कनेक्शन देते हैं, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बीपीएल कार्ड ,वृद्धावस्था और विधवा पेंशन, शगुन योजना और बेरोजगारी भत्ता, सार्वजनिक वितरण प्रणाली सेवाएं, शिक्षा या शैक्षिक संस्थानय या आवास और अचल संपत्ति सेवा, समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से शामिल कोई अन्य सेवाएं।
विधिक सहायता एवं सलाह- इस योजना के अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन या प्रस्तुत करने योग्य प्रकरणों में पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को विधिक सहायता प्रकरणों में होने वाले व्यय एवं अधिवक्ता की नियुक्ति के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह सहायता तहसील न्यायालय, जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय तक दी जाती है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 के अंतर्गत सबको न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु राज्य के निर्धन एवं सीमांत हितग्राहियों के लिए विधिक सेवा योजना संचालित की जा रही है, इस योजना के अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन या प्रस्तुत करने योग्य प्रकरणों में उपरोक्तानुसार पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को विधिक सहायता एवं सलाह प्रदान किया जाता है। विधिक सहायता एवं सलाह उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुक में तालुक विधिक सेवा समितियों की स्थापना की गई है, जिनके कार्यालयों एवं उनके द्वारा स्थापित प्रबंध कार्यालय, लीगल एड क्लीनिक- जो ग्राम सामुदायिक भवन, किशोर न्याय बोर्ड, स्कुल, महाविद्यालयों में स्थापित है, के द्वारा पात्र व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
संविधान प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने और अपने बचाव का अधिकार प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 22(1) के अनुसार कानूनी परामर्श का अधिकार गिरफ्तारी के समय से ही शुरू हो जाता है न कि सुनवाई के चरण से। यह सुनवाई खत्म हो जाने तक ही जारी नहीं रहता है बल्कि निर्णय को चुनौती देने के आखिरी अवसर खत्म हो जाने तक जारी रहता है। नि:शुक्ल कानूनी सहायता पाने के लिए अपने नजदीकी प्राधिकरणए समिति और विधिक सेवा केंद्र में लिखित प्रार्थना पत्र या फिर प्राधिकरण द्वारा जारी किये गए फॉर्म से आवेदन कर सकता है। अगर व्यक्ति लिखने में सक्षम नहीं हैए तो वह मौखिक माध्यम से अपना आवेदन कर सकता है, प्राधिकरण में मौजूद अधिकारी उस व्यक्ति की बातों को आवेदन पत्र में लिखेगा ।

दुर्ग / शौर्यपथ / धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरों के नहीं होने के चलते हर साल धान के भीगने की समस्या सामने आती थी। इनके नहीं होने से हर साल बारिश में नीचे में पड़े धान के बोरे सीलन से भर जाते थे और धान की बड़ी मात्रा खराब हो जाती थी। शासन ने एक छोटा सा कदम उठाया। जिन संग्रहण केंद्रों में चबूतरे नहीं हैं वहां चबूतरे बनवाने का। डीएमएफ की राशि से इसके लिए साढ़े चार करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये  और इसके माध्यम से 221 चबूतरे बनवाये गये। सभी जगहों में धान चबूतरे बन जाने से ग्रामीणों में अच्छा उत्साह है। भाठागांव के ग्रामीण रामसनेही ने बताया कि बारिश का भरोसा नहीं रहता। ऊपर ढंक देने से भी नीचे जब तक मजबूत ढांचा न हो, नीचे पड़े धान को भीगने से रोकना कठिन है। बारिश ज्यादा होने की स्थिति में तो काफी ज्यादा नुकसान होता था। अब चबूतरे बन गये हैं तो किसी तरह की दिक्कत नहीं। भाठागांव के ही सतीश साहू ने बताया कि छोटे-छोटे कदम उठाकर बड़ी बचत की जा सकती है। ऐसा तभी संभव हो पाता है जब सरकार आम जनता से जुड़ी हो। जब जमीन से जुड़ी सरकार होती है तो जनता की समस्याओं का प्रभावी तौर पर निराकरण होता है। साथ ही शासन ऐसे पहल करती है जो ग्रामीण क्षेत्र के लिए बेहद उपयोगी होते हैं और ऐसे नवाचार ग्रामीण विकास की दिशा को बदल देने में सक्षम होते हैं। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार तेजी से संग्रहण केंद्रों में चबूतरा बनवाने की कार्रवाई की गई। चबूतरों के माध्यम से बड़ी संख्या में धान को सुरक्षित रख पाने में सफलता मिल रही है। उल्लेखनीय है कि डीएमएफ के माध्यम से कृषि के विकास को भी विशेष तौर पर फोकस किया गया है। चाहे मेड़ों पर अरहर बीज बोने के लिए किसानों को उत्साहित करना हो अथवा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के माध्यम से खेती। सभी में डीएमएफ के माध्यम से अच्छे कार्य किये गये हैं जिसका जमीनी असर देखने में मिल रहा है।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र ने मंगलवार 14 सितम्बर को मानव संसाधन विकास केन्द्र के सभागार में हिन्दी दिवस का आयोजन किया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता थे। इस अवसर पर विषिष्ट अतिथि के रूप में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक माइन्स एवं रावघाट, मानस बिस्वास, कार्यपालक निदेषक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन राकेश, कार्यपालक निदेशक परियोजनाएँ ए के भट्टा, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे, कार्यपालक निदेशक वक्र्स अंजनी कुमार मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अनिर्बान दासगुप्ता तथा उपस्थित कार्यपालक निदेषकों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। उपस्थिति अतिथियों का महाप्रबंधक संपर्क एवं प्रशासन तथा जनसंपर्क जेकब कुरियन द्वारा पुस्तक भेंट कर किया गया। उप महाप्रबंधक संपर्क एवं प्रशासन एवं राजभाषा प्रभारी सौमिक डे द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री व सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा केन्द्रीय इस्पात मंत्री आर सी पी सिंह, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तथा सेल चेयरमेन श्रीमति सोमा मण्डल के संदेशों का भी वाचन किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि देश की प्रगति को आम जनता तक पहुंचाने के लिये हमें आमजनों के भाषा का प्रयोग करना होगा और वह भाषा है हिंदी। हिंदी भारत की सर्वाधिक बोली व समझी जाने वाली भाषा है। हमें सरल हिंदी का प्रयोग करना चाहिए साथ ही हमें क्लिष्ट हिंदी के प्रयोग से बचना चाहिए। हिंदी हमारे राष्ट्रीय एकता को सशक्त करती है। हिंदी की विशेषता यह है कि जैसे इसका उच्चारण किया जाता है वैसे ही इसे लिखा जाता है। आज यूनिकोड के माध्यम से कम्प्यूटर में भी हिंदी में काम करना आसान हो गया है। उन्होंने अपने उदबोधन में आगे कहा कि हमें त्रिभाषा फॉमूला का प्रयोग करना चाहिए हिंदी के साथ-साथ हमें अपने मातृभाषा को भी सीखना चाहिए। हिंदी के साथ-साथ हमें क्षेत्रीय भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए।
अपने उद्बोधन में बीएसपी के योगदान को रेखांकित करते हुए अनिर्बान दासगुप्ता ने आगे कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र हिन्दी के प्रयोग में सदैव ही अग्रणी रहा है। हिंदी के प्रचार-प्रसार में बीएसपी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आज सैप जैसे सॉफ्टवेयर में भी हिन्दी में नोटशीट लिखने की सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है। हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपनी ऊर्जा लगाये, अपना पुरा काम हिंदी में करें।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन, एस के दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र विगत कई दशकों से राजभाषा हिंदी के प्रयोग में अग्रणी रहा है। भिलाई के राजभाषा प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक राजभाषा जितेन्द्र मानिकपुरी और धन्यवाद ज्ञापन एजीएम पर्यावरण श्रीमति बी अनुराधा ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजभाषा विभाग के श्री रामविषाल, धनंजय मेश्राम, मनोज सोनी, श्रीमति नितिशा साहू, रामखिलावन ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

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