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सूरजपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखण्ड अंतर्गत लोलकी जलाशय योजना के निर्माण के लिए एक करोड़ 74 लाख 28 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता हसदेव-गंगा कछार अंबिकापुर को प्रदान की गई है। लोलकी जलाशय योजना से खरीफ सीजन में 125 एकड़ और रबी सीजन में 25 एकड़ इस प्रकार कुल 150 एकड़ सिंचाई के लिए जलापूर्ति प्रस्तावित है।
कबीरधाम/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड अंतर्गत सिंघारी जलाशय मरम्मत एवं नहर सुधार के लिए 220 करोड़ 90 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता महानदी-गोदावरी कछार को प्रदान की गई है। इस जलाशय के मरम्मत एवं नहर सुधार से 190 एकड़ में सिंचाई की कमी को पूरा करने के साथ कुल 385 एकड़ में सिंचाई हो सकेगी।
नगरीय क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाईजर नियुक्त
सुपरवाईजर अपने प्रभार क्षेत्र में मोबाईल एप्प से प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन करेंगे
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना हेतु गठित छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के निर्देश पर संपूर्ण प्रदेश में 5549 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से नगरीय क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। ये सुपरवाईजर अपने प्रभार क्षेत्र में मोबाईल एप्प से प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन करेंगे।
छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत 14 नगर निगमों में 558 सुपरवाईजर तथा 155 नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में 545 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये हैं, जो मोबाईल एप के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन करेंगे।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 28 जिलों के 146 विकासखण्डों में 11 हजार 646 पंचायतों में 4446 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये हैं। मैदानी क्षेत्रों में 04 ग्राम पंचायतों पर एक सुपरवाईजर तथा अधिसूचित क्षेत्रों में दो ग्राम पंचायतों पर एक सुपरवाईजर नियुक्त किये गए हैं। ये सुपरवाईजर भी अपने प्रभार क्षेत्र में मोबाईल एप्प से प्राप्त आवेदन पत्रों तथा राशन कार्ड में उपलब्ध सदस्यों के डाटा का सत्यापन करेंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मापदण्ड हेतु भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी परिपत्र के अनुसार दिये गये प्रावधानों के अनुरूप आवेदक के डाटा का पंजीयन किया जायेगा तदनुसार किसी भी परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जायेगा। परंतु उसके पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए, साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में 900 वर्गफुट से कम क्षेत्र का आवासीय भूखण्ड अथवा 1000 वर्ग फुट से कम का फ्लेट धारित करता हो। इस निर्धारित मापदण्ड से अधिक क्षेत्रफल होने से आर्थिक से कमजोर नहीं माना जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में 5 एकड़ से कम कृषि भूमि तथा 2000 वर्ग फुट से कम क्षेत्र का मकान या आवासीय भूखण्ड पाये जाने पर ही आर्थिक रूप से कमजोर माना जायेगा।
राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग द्वारा 10 अगस्त 2020 को जारी पत्रानुसार घोषित जाति गणना में शामिल होंगी। इस वर्ग में लगभग 95 जातियां शामिल हैं। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के अंतर्गत कुछ जाति को अन्य पिछड़े वर्ग के अंतर्गत शामिल किया गया है।
-आरटीआई अधिनियम में व्यापक लोकहित सबसे महत्वपूर्ण
-सूचना के अधिकार के लिए भारतीय नागरिक होना आवश्यक
दुर्ग / शौर्यपथ / शनिवार को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागृह में किया गया था। सूचना के अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार के द्वारा दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि अधिनियम के उपबंधो के अधीन रहते हुए सभी नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने सूचना और निजता के भेद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना व शासन और प्रशासन के कार्य में उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है। जवाबदेही लोक कल्याणकारी राज्य की कार्यप्रणाली , कार्यविधियों में पारदर्शिता का एक महत्वपूर्ण कारक है। अपर कलेक्टर श्री बी बी पंचभाई ने कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सूचना के अधिकार में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु वृहत लोकहित है।
उन्होंने आगे प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को सूचना के तहत कागजात अवलोकन के लिए दिया जाए तो सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति के साथ उस स्थल पर एक जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति भी अनिवार्य है ताकि मूल दस्तावेजों के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी की गुंजाइश ना हो। कार्यशाला में सूचना के अधिकार के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई गई, जैसे जो व्यक्ति भारतीय नागरिकता की परिभाषा में नहीं आता है वह सूचना के अधिकार की पात्र नहीं होंगे। यदि कोई व्यक्ति एक विषय वस्तु से अधिक सवाल करता है तो उसके लिए आवश्यक है कि वह अलग अलग विषय वस्तु के अनुरूप सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन करे। कार्यशाला में राजस्व विभाग व जनसूचना विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
भिलाई नगर/ शौर्यपथ / बने करेव सहाब जेन पानी आए के बेरा लाइट ला बंद करत हाओ, नई ता टुल्लू पंप लगईया मन अपन घर मा पानी ला खींच लेतीन अउ हमर घर पानी नई मिलतीस, अब हमर घर मा बने पानी आवत हावे! यह बातें कैंप 1 शांतिपारा निवासी चेतना साहू ने कहीं! इसी प्रकार से वार्ड 25 संतोषी पारा निवासी सोहन लाल देवांगन, कबीर कुटी निवासी हीरालाल, शारदा पारा किशन चौक निवासी रजत कुमार, भैरव बस्ती के राकेश सोनी एवं अन्य लोगों ने बताया कि पानी आने के समय जब से सुबह 6:00 से 7:00 बजे विद्युत अवरुद्ध किया जा रहा है तब से मोहल्ले के अंतिम छोर तक पानी पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है!
विद्युत अवरुद्ध होने से टुल्लू पंप से पानी की चोरी करने वालों पर अंकुश लगा है! पहले टुल्लू पंप के माध्यम से पानी को खींचकर समृद्ध लोग अपने घरों में पानी भर लेते थे! जिससे अंतिम छोर तक पानी कम एवं नहीं के बराबर पहुंच रहा था, पानी के प्रेशर पर टुल्लू पंप के उपयोग से काफी अधिक प्रभाव पड़ रहा था! निगम ने टुल्लू पंप लगाने वालों पर अंकुश लगाने की काफी कोशिशें की, लेकिन टुल्लू पंप लगाने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे, नतीजन पानी की किल्लत वाले मोहल्ले के अंतिम छोर के रहवासियों को पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा था!
निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी जब एक दफा ऐसे मोहल्ले के दौरे पर थे जहां पाइप लाइन होने के बाद भी रहवासियों को पानी नहीं मिल पा रहा था! मोहल्ले के निवासियों ने जानकारी दी कि टुल्लू पंप वाले घर मालिक पानी की चोरी कर रहे हैं जिससे हमारे घरों में पानी नहीं आने की समस्या उत्पन्न हो रही है और इसका विकल्प सुझाते हुए पानी आने के समय विद्युत कटौती के लिए अनुरोध किया! ताकि सभी घरों में पर्याप्त एवं समान रूप से पानी पहुंचे! इस पूरे वस्तुस्थिति से कलेक्टर एवं निगम के प्रशासक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को अधिकारियों ने अवगत कराया!
कलेक्टर महोदय ने विद्युत विभाग को पानी आने के समय 1 घंटे विद्युत कटौती के निर्देश दिए! और विगत दो-तीन दिनों से विद्युत अवरुद्ध किया जा रहा है! परिणाम स्वरूप अंतिम छोर तक घरों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचने लगा है! विद्युत कटौती के दौरान टुल्लू पंप के उपयोग नहीं होने से कई क्षेत्रों में पानी का प्रेशर भी बढ़ा है वहीं जहां पानी नहीं पहुंच रहा था वहां पानी पहुंच रहा है!
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 788.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 30 अगस्त तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार कोरबा जिले में सर्वाधिक 1146.6 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 531.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
रायपुर / शौर्यपथ / तंबाकू निषेध कानून का सख्ती से पालन करने के लिए और शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए राज्य भर में (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) टॉफी (Tobacco Free Educational Institution) को क्रियान्वयन किया जाएगा। केन्द्रीय निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को 2023 तक तंबाकू मुक्त बनाने के तहत कार्य शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए 11 बिंदुओं पर क्रियान्वयन सुनिश्चित की गई है। जिसके अंतर्गत कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट, 2003) की धारा 4 एवं 6 का अनुपालन महत्वपूर्ण होगा। उक्त कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से समन्वय की रणनीति तैयार की है। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव विकासशील ने सभी राज्यों के नो़डल अधिकारी से चर्चा की, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी से चर्चा कर शैक्षणिक संस्थानों के तंबाकू मुक्ति की दिशा में क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लेने का सुझाव भी दिया है।
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान “टॉफी” हेतु मापदंड- 11 सूत्रीय मापदंडों में शिक्षण संस्थान के सभी प्रमुख स्थानों पर तंबाकू मुक्त क्षेत्र साइनेज प्रदर्शित होना, साइनेज में संस्था के नोडल का नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना, संस्थान के प्रवेश द्वार पर साइनेज का प्रदर्शन होना, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान क्षेत्र के साइनेज में नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना. शिक्षण संस्थान के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई निशान(जैसे सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तंबाकू के पाउट या धूक का निशान) नहीं होना, संस्थान के भीतर तंबाकू के नुकसान पर आधारित जागरूकता सामग्री प्रदर्शित होना, 6 माह में कम से कम एक बार तंबाकू नियंत्रण गतिविधित का आयोजित होना, तंबाकू मॉनिटर्स का चयन कर उनका नाम, पदनाम और संपर्क नंबर साइनेज पर दर्शाना, संस्थान की आचार संहिता में तंबाकू निषेध के मापदंड का समावेश किया जाना, संस्थान का सीमांकन दिवार एवं बाहरी दिवार से 100 गज क्षेत्र का अंकन किया जाना तथा संस्थान के 100 गज के अंदर तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं होना आदि शामिल है।
वर्ष 2023 तक 54,000 शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य- राज्य नोडल अधिकारी (तंबाकू नियंत्रण) डॉ. कमलेश जैन ने बताया देश की 35 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। उनमें 15-39 वर्ष की 30 प्रतिशत आबादी तंबाकू के नशे की गिरफ्त में है, जिसमें छत्तीसगढ की संख्या 39 प्रतिशत है। प्रदेश के 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत के तंबाकू का उपयोग करने का खुलासा भी ग्लोबल यूथ टोबैको (जीवाईटीएस) सर्वे 2019 में हुआ है। इसी के मद्देनजर स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों को टॉफी (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) के माध्यम से तंबाकू मुक्त बनाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने 2023 तक देश के समस्त शैक्षणिक संस्थाओं को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाए जाने का लक्ष्य रखा है। जिसे सामुदायिक सहभागिता एवं विभागीय समन्वय से निर्धारित मापदंडों के आधार पर प्राप्त किया जाएगा। डॉ. जैन ने बताया “केन्द्र से मिले दिशानिर्देशों पर प्रदेश में कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2023 तक प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टॉफी) के रूप में उभारा जाएगा।
इस तरह की व्यवस्था- प्रदेश के स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में नोडल शिक्षक का चयन, संस्थानों में तंबाकू संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, कोटपा अधिनियम की धारा 4 एवं 6 से संबंधित साइन बोर्ड का प्रदर्शन, संस्थानों के 100 गज की दूरी पर तंबाकू पदार्थ के विक्रय पर प्रतिबंध आदि प्रमुख है। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
लगभग 39 प्रतिशत लोग करते हैं तंबाकू सेवन- वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस) 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ के 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 36 प्रतिशत गुटखा या अन्य चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं तथा 5.5 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम 28 जिलों में विशेष रूप से चलाया जा रहा है।
मुंगेली शौर्यपथ // से लेकर शहरी क्षेत्रों मे कृष्ण जन्माष्टमी रही धुम जगह जगह फोडा गया मटकी । श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया वही भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए मुंगेली व ग्रामीणों में जन्माष्टमी की तैयारियां जोर-शोर से की गई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान के उप्लक्षय के दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया है. कृष्ण मंदिर मुंगेली खैरा-सेतगंगा स्थित बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की विशेष व्यवस्था की गई हैं.मंदिरों में पूजापाठ व श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुंगेली खैरा-सेतगंगा के श्रीकृष्ण मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह के अवसर पर सुबह-सुबह भक्तों ने ‘हरे कृष्ण’ की धुन पर नृत्य,बांस,गीत,सोभा यत्रा, भ्रमण किया गया । मुंगेली जन्माष्टमी के त्यौहार को देखते हुए खैरा-सेतगंगा मुंगेली मे पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
✍️एनसीपी जिला अध्यक्ष डॉ शैलेश कुमार सागर ने पूरे तमाम मुंगेली जिला वासियों एवं प्रदेश के सभी सतनामी समाज के भाई बहनों को आज बालक गुरु दास के जयंती पर सभी को बहुत सारी बधाई एवं शुभकामनाएं दी पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा परमपूज्य गुरू घासीदास बाबा जी के द्वतीय सुपूत्र गुरू बालकदास जी का जन्म, जन्माष्मी के दिन हुआ था , जिस प्रकार पोथी पुराण के ज्ञानी को पंडित, राज करने वाले को राजा, सेवा करने वाले को सेवक, तपस्या करने वाले को तपस्वी, ठीक उसी तरह "सतकर्म" करने वाले को "सतनामी" कहते हैं। कोई धर्म, वह तो सतनाम के मानने वालो की पहचान है जिसे आज सतनामी जाति के नाम से जाना जाता है । सतनामी वह है जिसका कर्म सत्य पर आधारित हो और जो सतनाम धर्म को मानता हो । सतनाम धर्म में छोटा-बड़ा, ऊँच-नीच, छुआ-छुत का कोई स्थान नही है । सतनाम धर्म मानवता वाद पर आधारित है । बाबा गुरू घासीदास जी ने सतनाम धर्म का ब्याख्या इस रूप में किये हैं : "मानव-मानव एक समान" मनखे मनखे एक ये, नइये कछु के भेद । जउन धरम ह मनखे ल एक मानीस, उही धरम ह नेक ।।